चिकन हैचरी बिजनेस कैसे शुरू करें | Chicken Hatchery Business in Hindi.

Chicken hatchery का business start करने वाले उद्यमी को जरुरी है, की इसकी तकनिकी जानकारी होनी चाहिए, अन्यथा वह इस बिज़नेस में असफल भी हो सकता है | जैसा की हम सबको विदित है chicken सम्पूर्ण विश्व में  सर्वाधिक खाया जाने वाला एक Popular मांस है |

इसलिए India में भी बहुत सारे उद्यमी आधुनिक तौर पर पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस कर अपनी कमाई कर रहे हैं | चिकन हैचरी बिजनेस की आधारशिला भी वैश्विक तौर पर हो रही Chicken meat की demand पर टिकी हुई है | यद्यपि चिकन से सम्बंधित बिजनेस को India के किसी भी कोने से संचालित किया जा सकता है |

लेकिन पिछले कुछ सालों में शहरों एवं नगरों में लोगों की बढती आमदनी के कारण इन क्षेत्रों में Chicken की मांग में भारी वृद्धि हुई है | वर्तमान में India, egg production में पूरे विश्व में पांचवे और Broiler production में आठवें नंबर पर है | किसानो और कृषि से जुड़ा हुआ व्यवसाय होने के कारण, और सरकार की नाममात्र दखलंदाजी होने के कारण अब उच्च शिक्षित लोग भी Poultry Farm, पोल्ट्री फीड बिजनेस इत्यादि करने में रूचि रखने लगे हैं |

एक आंकड़े के मुताबिक कुल Poultry Industry में लगभग 70% हिस्सेदारी संगठित एवं 30% हिस्सेदारी असंगठित इकाइयों की है, Broiler production अधिकतर भारत के दक्षिणी राज्यों जैसे आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु इत्यादि में किया जाता है | और पूरे देश में अभी केवल 800 chicken hatcheries हैं |

इसके अलावा एक साल में  प्रति व्यक्ति उपभोग करने की क्षमता 37 अंडे एवं 3.1 किलो चिकन है | जो की वैश्विक आंकड़ो से तुलना करने के आधार पर बहुत कम है औसतन वैश्विक आंकड़ा 17 किलो प्रति व्यक्ति है |

भारतवर्ष की जनसँख्या के आधार पर अनुमान लगाये जा रहे हैं की जैसे जैसे लोगों के रहन सहन में सुधार होगा और लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी तो chicken उपभोग करने की क्षमता भी बढ़ेगी | इसलिए नए उद्यमियों के लिए भी इस बिजनेस में अवसर विद्यमान हैं |

Chicken hatchery
Image : Chicks in Chicken hatchery

चिकन हैचरी क्या होती है :

एक Hatchery उस स्थान को कहा जाता है, जहाँ अन्डो को कृत्रिम तरीके से Hatch करके उनसे चूजों का production किया जाता है | और चिकन हैचरी उसको कहा जाता है जहाँ मुर्गी के अन्डो को artificially hatch करके मुर्गी के चूजे पैदा किये जाते हैं |

हालांकि यह प्रक्रिया अन्य पक्षियों, जीवधारियों जो अंडे देकर बच्चा पैदा करते हैं, उनके अन्डो के साथ भी की जा सकती है, लेकिन मुख्य रूप से वर्तमान में Poultry एवं Fish Hatcheries ही देखने को मिलती है |

मुर्गी के चूजा पैदा करने का नैसर्गिक तरीका तो हम सब जानते हैं, की अन्डो के ऊपर मुर्गी को बैठा दिया जाता है और लगभग 20-22 दिन बाद अन्डो से चूजे निकलना शुरू होते हैं, अब चूँकि व्यवसायिक दृष्टि से 20-22 दिन में एक मुर्गी द्वारा पैदा की जाने वाली चूजों की संख्या बहुत कम होती है |

और इसमें अधिकतर अंडे ख़राब होने का भी खतरा बरकरार रहता है, इसलिए चूजों का Production एग हैचरी में Incubators की मदद से किया जाता है, और उद्यमी जब अपनी Hatchery से उत्पादित एक दिन के चूजों को किसी Poultry Farm Owner को बेचकर अपनी Kamai करता है तो कमाई करने की इस प्रक्रिया को चिकन हैचरी बिजनेस कहा जाता है  |

Chicken Hatchery व्यवसाय की चलने की संभावना:

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की आने वाले वर्षों में India में Chicken की Per Capita Consumption निश्चित रूप से बढ़ेगी, तो Demand को पूरी करने के लिए Poultry business में नए नए उद्यमियों को उतरना पड़ेगा |

और कोई भी व्यक्ति जो नया पोल्ट्री फार्म खोल रहा हो या फिर पुराना जो अपने फार्म में पक्षियों की संख्या बढ़ाना चाह रहा हो, या फिर उसने पुराना Batch बेच दिया हो और नए Batch से Start करना चाह रहा हो, को मुर्गी के चूजों की आवश्यकता होती है ताकि वह उनको बड़ा कर बेचकर अपनी कमाई कर सके |

लेयर चिकन में तो व्यक्ति धीरे धीरे स्वयं के फार्म पर भी उनकी संख्या बढ़ा सकता है कितु ब्रायलर चिकन जिनको उनकी उम्र के 45-50 दिनों में Market में बेच दिया जाता है के हमेशा चूजे ही खरीदने पड़ते हैं |  इसलिए यह बिजनेस कर रहे उद्यमी के प्रमुख ग्राहक Poultry farm owners ही होंगे, जो उद्यमी से चूजे खरीदकर स्वयं के Farm में उनको बड़ा कर बेच रहे होंगे, और फिर से नए चूजे खरीदेंगे |

यह सिलसिला वर्तमान में भी चल रहा है और भविष्य में भी चलता रहेगा आंकड़ो की बात करें तो Poultry meat की कुल Meat Production में हिस्सेदारी का प्रतिशत 28% है, और अन्य Meat के दाम इससे अधिक होने के कारण भी यह Popular है | यह बिजनेस लोगों के खान पान से जुडा हुआ बिज़नेस है, इसलिए इसमें India के हर कोने से चल निकलने का Market potential बरकरार है |

चिकन हैचरी शुरू करने से पहले ध्यान दें

  • जैसा की हमने बताया इस बिजनेस में उद्यमी के मुख्य ग्राहक के रूप में Poultry Farm owners होंगे | इसलिए बिज़नेस लोकेशन Decide करते वक्त उद्यमी को उस क्षेत्र में उपलब्ध Poultry farms की संख्या का पता होना चाहिए | ताकि उद्यमी Starting में Local area में ही चूजों को बेच कर अपनी Kamai कर सके, और Transportation cost इत्यादि से बचा जा सके |
  • चूँकि अंडा नाजुक अर्थात थोड़ी सी चोट आने पर कभी भी फूट जाने वाला होता है इसलिए इसकी Caring करना बेहद आवश्यक होता है, अन्यथा उद्यमी को बैठे बिठाये नुकसान हो सकता है | दूसरी बात यह है की इसमें उद्यमी एक दिन के चूजे को बेच रहा होता है तो इनको भी सही सलामत रखने के लिए काफी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं | इसलिए यदि उद्यमी को इस क्षेत्र का पहले से कोई अनुभव नहीं है तो उसे state animal husbandry department की मदद से Training लेनी चाहिए | कुछ और Training Centers का जिक्र हमने अपनी इस पोस्ट में किया हुआ है |
  • यदि उद्यमी चिकन हैचिंग बिजनेस के लिए अंडे किसी विक्रेता से खरीद रहा हो तो इनकी गुणवत्ता का मूल्यांकन विशेष रूप से किया जाना चाहिए क्योंकि एक गुणवत्तायुक्त अंडे से ही एक गुणवत्तायुक्त (जल्दी बढ़ा होने वाला) चूजा निकलेगा |

चिकन हैचरी के लिए आवश्यक मशीनरी:

यद्यपि चिकन हैचरी मुख्यत: Machinery and equipment पर आधारित बिज़नेस है | इसलिए इसमें लगाने वाला निवेश भी अन्य Poultry farm से related business की तुलना में अधिक हो सकता है |

वही इस बिज़नेस के लिए जगह की भी अधिक आवश्यकता होती है, क्योकि उद्यमी को विभिन्न क्रियाकलाप जैसे Incubator Process, Vaccinate process, Space for one day chicks इत्यादि को अंजाम देने के लिए पर्याप्त मात्रा में जगह की आवश्यकता होती है |  हैचरी में उपयोग में लायी जाने वाली Machinery एवं Equipment की लिस्ट निम्नवत है |

  • स्वचालित अंडे सेने वाला यंत्र (Automatic Egg Incubators)
  • अंडा सेटर (Egg Setter)
  • इलेक्ट्रिक अंडा चेक करने वाली मशीन (Electric egg tester)
  • बिजली द्वारा चालित होने वाला debeaker
  • अंडे का भार मापने वाली मशीन (Egg Weighing Machine)
  • चूजो को खाना खिलाने के बर्तन (Feeder)
  • पानी पिलाने के बर्तन (Waterer) एवं Brooder
  • बाल्टी, ट्रे, टोकरी इत्यादि
  • रेफ्रीजिरेटर
  • जनरेटर
  • Air Conditioner
  • पशु पक्षी चिकित्सा में काम आने वाले कुछ जरुरी उपकरण |
  • ऑफिस उपकरण एवं फर्नीचर |

चिकन हैचरी हेतु लाइसेंस और पंजीकरण:

यद्यपि एग हैचरी किसी रिहायशी इलाके में नहीं होनी चाहिए यदि उद्यमी किसी रिहायशी इलाके में इस Business को करना चाहता है, तो वहां पर रह रहे लोगो से लिखित में No Objection Certificate (NOC) लेना पड़ सकता है |

उद्यमी किसी भी प्रकार के Registration एवं License के लिए बाध्य नहीं है लेकिन फिर भी उसे Local authority जैसे Municipality इत्यादि में Register कर्राकर ही बिज़नेस को आगे बढ़ाना चाहिए |

इसके अलावा उद्यमी को Poultry farm owners के साथ Trade करने के लिए Tax Registration भी करा लेना चाहिए | और जहाँ तक Quality standards की बात है तो वह ग्राहकों के Specification के आधार पर Maintain की जानी जरुरी है |

इसके अलावा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने एक दिन के चूजो का व्यवसाय करने के लिए कुछ दिशानिर्देश IS specification: 9800:1981 के अंतर्गत निर्धारित किये हैं |

चूजे उत्पादन की प्रक्रिया (Chicks Production Process):

पूरा Setup कर लेने के बाद कोई भी उद्यमी दो तरीके से Chicks Production कर सकता है | पहला तरीका यह है की वह किसी Egg vendor से अंडे खरीदकर लाये, और दूसरा तरीका यह है की वह खुद किसी Hatchery से चूजे खरीदकर लाये उनको बड़ा करे और जब मुर्गियां अंडे देने लग जाएँ और उद्यमी के पास अंडे एकत्र हो जाएँ, तो Chicken hatching शुरू कर दे |

ठीक है तो हम यहाँ पर मान के चलते हैं की यदि उद्यमी दूसरा तरीका अपनाता है तो वह Chicks production किस तरह से स्टार्ट करेगा | सबसे पहले उद्यमी को कोई विश्वसनीय विक्रेता ढूँढना होगा जो उसे उसकी आवश्यकतानुसार चूजे और कुछ मुर्गियां सप्लाई कर सके |

चूजे खरीद लेने के बाद उन्हें चूजो के लिए बनाये गए Sheds के अन्दर डाल दें और समय समय पर उनको Vaccinate, और पोष्टिक आहार देते रहें | औसतन लेयर मुर्गियां अपनी उम्र के 4-6 महीने में अंडे देना शुरू कर देती हैं | और जब सभी मुर्गियां अंडे देना शुरू कर दें तो उद्यमी उनको एकत्रित करके Hatchery section की ओर Transfer कर सकता है |

यद्यपि Hatching करने से पहले अण्डों को साफ़ कर लिया जाता है और उनकी गुणवत्ता का निरिक्षण किया जाता है | उद्यमी को टूटे हुए अंडे और अनुपजाऊ अन्डो को अलग कर लेना चाहिए | यह सब करने के बाद चयनित अन्डो को Refrigerator में उनका तापमान संयमित करने के लिए रख दिया जाता है |

उसके बाद Refrigerator से अण्डों को निकालकर Setter Incubator में डाला जाता है और इस बीच इसकी Humidity और तापमान पर विशेष ध्यान दिया जाता है Setter Incubator में 99.9 फर्नेहाईट तापमान एवं 82% humidity अगले 18 दिनों के लिए Maintain की जाती है |

तत्पश्चात चिकन हैचरी बिजनेस कर रहे उद्यमी को चाहिए की वह अण्डों को  98.9 फर्नेहाईट तापमान एवं 87% humidity maintain करके अगले तीन दिनों के लिए Holder Incubator में डाल के रख दे |

21 दिन पूरे होने के बाद अन्डो से चूजे बाहर आने लगते हैं, उद्यमी को ध्यान रहे की वह चूजो पर लगी झिल्ली व अंडे के खोखले को हटाना न भूले | उसके बाद Gender का निरिक्षण कर इन्हें अलग लग कर दिया जाता है और इनका जरुरी टीकाकरण (Vaccination) कराया जाता है | अब जब भी कोई ग्राहक आये उद्यमी चूजों को बेचकर कमाई कर सकता है |

चिकन हैचरी बिजनेस को सफल कैसे बनाएँ

इस व्यवसाय को एग हैचरी बिजनेस के नाम से भी जाना जाता है, चूँकि इस व्यवसाय में अण्डों से चूजे पैदा करने की प्रक्रिया हो रही होती है। ऐसे में आम तौर पर लोग माँस की आपूर्ति के लिए मुर्गी पालन करना ही पसंद करते हैं।

यही कारण है की हम इस लेख में इसे चिकन हैचरी बिजनेस के नाम से संबोधित कर रहे हैं । इस बिजनेस को सफल बनाने के लिए उद्यमी निम्नलिखित उपाय कर सकता है।

  • एग हैचरी बिजनेस शुरू करने से पहले उस एरिया विशेष में पोल्ट्री फार्म की संख्या का आकलन कर लें। और यह भी पता लगायें की क्या उस एरिया विशेष में पहले से कोई चिकन हैचरी है या नहीं, यदि है तो क्या वह स्थानीय डिमांड को पूरा कर पाने में सक्षम है या नहीं।
  • इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है, इसलिए यदि आपको इसमें पहले का कोई अनुभव या जानकारी नहीं है तो इसका प्रशिक्षण लेना अनिवार्य हो जाता है।
  • अण्डों से स्वस्थ चिक्स का उत्पादन तभी संभव है जब अंडे अच्छे और गुणवत्तायुक्त हों, इसलिए अपने बिजनेस के लिए गुणवत्तायुक्त अण्डों का ही चुनाव करें।
  • अलग अलग पक्षियों के अण्डों को हैच करने के लिए अलग अलग तापमान और नमी की आवश्यकता होती है, मुर्गियों के अण्डों से चिक्स उत्पादन करने के लिए कितनी नमी और तापमान की आवश्यकता होती है इसकी आपको सटीक जानकारी होनी चाहिए।
  • अपने बिजनेस की असफलता को कम करने के लिए चिकन हैचरी प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले इसकी एक व्यवहारिक परियोजना रिपोर्ट अवश्य बनाएँ।
  • इस एग हैचरी बिजनेस (Chiken Hatchery Business) की सभी आर्थिक गतिविधियों का अच्छे ढंग से रिकॉर्ड रखें यह आंकड़े आपको निर्णय लेने और आगे की रणनीति बनाने में काम आएँगे।       

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