बिजनेस के लिए बजट कैसे बनाएँ | How to make an effective budget plan for business.

उद्यमी चाहे नया हो या अनुभवी उसे अपने बिज़नेस के लिए एक effective budget plan की आवश्यकता पड़ती ही है | बजट की महत्वता किसी भी बिज़नेस के लिए इसलिए बढ़ जाती है, क्योकि एक प्रभावी बजट प्लान उद्यमी को उसके business को चलाने में अनुमानित खर्चे का और कमाई का ब्यौरा मुहैया कराने के साथ साथ पूर्व निर्धारित वित्तीय लक्ष्यों को वास्तविक आंकड़ो से तुलना करने में भी मदद करता है |

महत्वपूर्ण बात यह है की एक बजट योजना उद्यमी के लिए एक मापक पैमाने की तरह काम करता है, जो समय समय पर उद्यमी को उसके business की performance के बारे में पता करने में मदद करता है |

एक प्रभावी बजट योजना की रूपरेखा इस तरीके से तैयार की जानी चाहिए की वह उद्यमी के लिए सबसे सहज अर्थात आरामदायक हो | बजट तैयार करने के लिए पेन्सिल पेपर , computer spreadsheet या किसी accounting software को उपयोग में लाया जा सकता है | तो आइये जानते हैं की एक बढ़िया बजट योजना को कैसे draft करें |

effective budget  plan kaise-banaye

प्रभावी बजट प्लान कैसे बनाएँ (How to make an effective budget plan for business)

1. व्यवसाय से होने वाली कमाई का पता करें (Income of business)

एक प्रभावी वित्तीय बजट प्लान तैयार करने के लिए यदि उद्यमी का चालू बिज़नेस है तो सबसे पहले उद्यमी को चाहिए की वह अपने बिज़नेस से होने वाली कमाई का पता करे | क्योकि खर्च किये जाने वाले बजट का प्रावधान हमेशा कमाई से कम ही किया जाना चाहिए |

बिजनेस से होने वाली कमाई का पता लगाने के लिए विभिन्न Income sources जैसे प्रति घंटे हुई कमाई, उत्पाद को बेचकर हुई कमाई, Investment से होने वाली कमाई, ब्याज से होने वाली कमाई इत्यादि का विश्लेषण कर पता लगाया जा सकता है |

2. इंडस्ट्री स्टैण्डर्डस चेक करें (Check Industry Standards)

हालांकि यह सत्य है की सारे business एक जैसे नहीं होते लेकिन यह भी सत्य है की अधिकतर बिज़नेस में कोई न कोई समानता अवश्य होती है | इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह अन्य बिज़नेस जो मार्किट में पहले से चल रहे हैं, उनके बारे में Information एकत्र करे |

Information पाने के लिए यदि किसी पुस्तकालय का दरवाजा खटखटाना पड़े तो खटखटाए, किसी वर्तमान उद्यमी से मिलना पड़े तो मिले, कोई ऑनलाइन ब्लॉग पढना पढ़े तो पढ़े | लेकिन पता लगाने की कोशिश करे की लगभग कितना प्रतिशत वित्त कौन कौन से cost grouping में रखना पड़ता है | छोटे बिज़नेस अत्यंत परिवर्तनशील होते हैं, इसलिए इनमे छोटे छोटे बदलावों का भी बड़े बिज़नेस की तुलना में अधिक और जल्दी से प्रभाव पड़ सकता है |

3. अपने कंप्यूटर में स्प्रेडशीट बनाएँ (Make a Spread sheet)

अब यदि उद्यमी को cost grouping का idea हो चूका हो तो उसको अपने कंप्यूटर में एक spreadsheet तैयार करनी चाहिए और उस spreadsheet में अलग अलग Grouping करके fixed cost या variable cost के लिए budget allocate करना होगा | Budget allocate करने से पहले यदि Service provider को contact करके उसकी quotation मंगाई जाय तो उद्यमी के लिए यह स्टेप थोड़ा सरल हो जाता है |

4. फिक्स्ड कास्ट निर्धारित करें (Determine fixed cost)

जैसा हम  उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की Fixed cost यानिकी स्थिर लागत वह लागत होती है, जिनमे महीने महीने में बदलाव नहीं आता है | इसके लिए उद्यमी चाहिए तो अपनी पिछले वर्ष की budget report का सहारा ले सकता है जिससे उसे पता लगाने में आसानी रहेगी की ऐसे कौन कौन से Bills हैं, जिनमे महीने के आधार पर परिवर्तन नहीं हो रहे हैं |

Fixed cost में किराया, Utilities expenses, वेतन, सरकारी और बैंकों की फीस, Accounting Service, Legal Service , Insurance में आने वाले खर्चे को शामिल किया जा सकता है |

5. Effective budget Plan के लिए कार्यशील पूँजी को जोड़ें

जिन वस्तुओं का उपयोग महीने में कम या अधिक मात्रा में होता है उनकी कीमत भी मात्रा या उपयोग के अनुसार परिवर्तित या अंतरित हो सकती है | इसलिए effective budgeting करते समय ऐसे खर्चों को Variable cost में शामिल किया जाना जरुरी है | budget में Variable cost का निर्धारण करते वक्त उद्यमी को अपने बिज़नेस के द्वारा महीने में की गई Kamai का विश्लेषण अवश्य करना चाहिए |

क्योकि यदि profit उद्यमी के अनुमान से अधिक हुआ है तो अपने बिज़नेस के फायदे के लिए उद्यमी चाहे तो Variable cost को बढ़ा सकता है | Variable expenses में कच्चे माल का खर्चा, ठेकेदारी पर ली जाने वाली मजदूरी, Commissions,विज्ञापनों पर आने वाला खर्चा, अन्य विपणन का खर्चा, परिवहन, Travel & events, Printing services पर आने वाले खर्चे को शामिल किया जा सकता है |

6. वन टाइम कास्ट की गणना कीजिये (Calculate one time cost)

One time cost से आशय मशीनरी और उपकरणों से है, जैसे यदि उद्यमी को लगता है की उसके प्रोडक्ट की मांग बढ़ रही है और इस साल उसको एक नई Machine की आवश्यकता हो सकती है तो इसके खर्चे को उद्यमी एक प्रभावी बजट प्लान तैयार करने के लिए One time cost की श्रेणी में सम्मिलित कर सकता है |

इसके अलावा उद्यमी को इस बात का ध्यान भी रखना पड़ेगा की कुछ खर्चे ऐसे भी होते हैं जो अचानक से आ सकते हैं, जैसे यदि कोई Laptop crashed हो जाए तो उद्यमी को नए लैपटॉप को खरीदने की आवश्यकता पड़ सकती है | One time cost का prediction करते वक्त मशीनरी एवं उपकरणों पर आने वाला खर्चा जैसे कंप्यूटर खरीदने में आने वाला खर्चा, फर्नीचर खरीदने में आने वाला खर्चा का ध्यान रखना बेहद जरुरी है |

7. कमाई और खर्चों को टोटल करें ( Income, expense Total)

उपर्युक्त दिए गए 6 steps एक effective budget plan के तत्व हैं अब इन तत्वों को बजट की एक स्पष्ट तस्वीर बनाने के लिए प्रत्येक कमाई के resource और खर्चे को एक साथ रख दिया जाता है | जिससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है, की एक अच्छे वित्तीय बजट योजना में होने वाला खर्चा उसकी कमाई से कम रहे |

बजट के महत्व और अवयवों की जानकारी |

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