मछली पालन बिजनेस कैसे शुरू करें। प्रक्रिया, नस्ल, लागत, कमाई।

Fish farming या fisheries का Hindi में अर्थ मछली पालन से लगाया जा सकता है। व्यवसायिक भाषा में जिसका मतलब fish अर्थात मछलियों को अपनी कमाई करने हेतु पालने का होता है । वैसे कुछ आरामपसंद, धनी, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अपने शौक व अपनी प्रोटीन सम्बन्धी जरूरतों की पूर्ति हेतु भी मछलियों का पालन करते हैं। क्योकि मछली लोगो की प्रोटीन सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने का प्राथमिक स्रोत है । यही कारण है, की मछली पालन का बिज़नेस India में निरन्तर बढ़ता जा रहा है ।

और इसका इंडिया की Gross Domestic Product (GDP) में 1.4% की हिस्सेदारी है। यदि हम पूरे कृषि सम्बंधित व्यापारों की बात करें, तो Indian जीडीपी में इनकी हिस्सेदारी 4.6% है। आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं की फिश फार्मिंग भारत में कितना फलता फूलता business है। वर्तमान में Fish Pond  या मछलियों के तालाबों की भारी कमी के कारण समुद्र और नदियां ही मछली सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के माध्यम हैं। चूँकि मनुष्य ने इन प्राकृतिक संसाधनों से बहुत अधिक मात्रा में मछलियों को पकड़ लिया है ।

इसलिए धीरे धीरे समुद्रों और नदियों में भी मछलियों की संख्या कम होती जा रही है । एक आंकड़े के मुताबिक भारत में 60% से अधिक लोग अपने खाने में मछली पसंद करते हैं । अब यदि मछलियों की संख्या कम हो जाती है, या फिर समुद्र या नदियों में मछलियाँ नहीं मिलती हैं । तो जरा सोचिये की मछली खाने के आदी  मनुष्य अपने शरीर में प्रोटीन की कमी को कैसे पूरा करेगा । इसलिए अभी यह उचित समय है जब कोई उद्यमी Fish Farming या मछली पालन का बिज़नेस स्थापित करके लोगों की मांग को पूर्ण करने का जिम्मा उठाकर, अपनी Kamai करने का काम कर सकता है।

हमारे देश भारत को प्रकृति ने अनेकों नदियों, झीलों और अन्य पानी के स्रोतो से अलंकृत किया हुआ है। इसलिए मछली पालन का business किसी उद्यमी के लिए एक उचित निर्णय हो सकता है । इसके अलावा India में Fish Farming करने के कुछ फायदे भी हैं जो इस प्रकार से हैं।

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Image: Fish

मछली पालन के लाभ (Advantages of Fish Farming in Hindi):

Machali Palan ke Fayde : वैसे तो India में व्यवसायिक तौर पर मछली फार्म स्थापित करने के अनेकों फायदे हैं लेकिन इनमे से जो मुख्य हैं उनका विवरण निम्नलिखित है।

  • जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं, India में 60% से अधिक लोग खाने में मछली खाना पसंद करते हैं | जो साफ़ इशारा करता है की इस business में असीम सम्भावनाएं हैं ।
  • मछली में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इसकी मांग और कीमत हमेशा उच्च बनी रहती है ।
  • भारतवर्ष की जलवायु यह व्यवसाय करने के लिए अनुकूल है । जिससे रिस्क कम हो जाता है।
  • अभी हमने कहा था, की भारतवर्ष को प्रकृति ने विभिन्न पानी के स्रोतों से सरोबार किया हुआ है । इसलिए मछली पालन से जुड़ने वाला उद्यमी अपना Fish Pond आसानी से किसी नजदीकी पानी के स्रोत से भर सकता है।
  • India में मछली की बहुत सारी जातियां उपजातियां आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं । आप अपने Fish Pond के लिए जल्दी बड़ी होने वाली नस्ल का चुनाव कर सकते हैं ।
  • चूँकि ग्रामीण इलाकों में मजदूर आसानी से और सस्ते दामों पर मिल जाते हैं । इसलिए आप एकीकृत फार्मिंग भी कर सकते हैं । जिसमे आप Fish Farming के अलावा Dairy Farming, Goat Farming, खेती इत्यादि भी कर सकते हैं।
  • वे लोग जो कोई और काम भी कर रहे हों, उसके साथ साथ ही Fish Farming या मछली पालन का भी business कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनके पास अपेक्षित जमीन एवं सेवाएं होना अति आवश्यक है ।

मछली पालन कैसे शुरू करें?(How to start Fish farming in India):

Fish Farming Kaise Shuru Kare : हालांकि India में मछलियों का फार्म स्थापित करना कोई आसान काम नहीं है । लेकिन जब मछली पालन व्यवसायिक तौर पर करना ही हो तो, थोड़ी बहुत परेशानियां तो उठानी ही पड़ेंगी। और व्यवसायिक तौर पर यह business स्थापित करने के लिए उद्यमी को भिन्न भिन्न प्रक्रियाओं से होकर गुज़रना पड़ेगा। जिनका वर्णन हम नीचे संक्षिप्त रूप में कर रहे हैं ।

1. मछलियों के लिए तालाब बनाना (Preparation of Fish Pond):

Fish Pond मछली पालन business के लिए सबसे अहम कड़ी है । जैसे की आपने एक कविता सुनी होगी ” मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है । जी हाँ बिलकुल मछली का जीवन जल है। इसलिए यदि हमें Fish farming करनी है, तो पानी को संचय करना होगा। और पानी को संगृहीत करने हेतु Fish Pond बनाना होगा । Fish Pond में मछली पालन मौसमी और स्थायी दोनों तरीके से किया जा सकता है।

वह क्षेत्र या स्थान जहाँ पानी हर महीने उपलब्ध नहीं होता, वहां मौसमी Fish Pond बनाकर मछली पालन किया जा सकता है। और इस Fish Pond में जल्दी बड़ी होने वाली मछली को अपने बिजनेस का हिस्सा बनाना बेहद आवश्यक है। Fish Pond में पानी और मछलियों का बीज डालने से पहले इसको अच्छी तरह तैयार कर लेना चाहिए। कही ऐसा तो नहीं की पानी लीकेज हो रहा है।

रिसाव चेक करने के लिए Fish Pond में पानी छोड़ने के तीन चार दिन बाद मछलियों के बीज को उसमे डालना चाहिए। लेकिन Fish Pond में पानी भरने से पहले अच्छी तरह से उसकी सफाई और फ़र्टिलाइज़र सिस्टम स्थापित कर लेना चाहिए ताकि मछलियों के लिए Inner Feed उपलब्ध हो सके।

2. मछली की नस्ल का चुनाव करना :

उद्यमी को एक लाभकारी Fish Farming बिज़नेस के लिए अच्छी नस्ल वाली मछली का चुनाव करना बेहद आवश्यक है। क्योकि Farming Business चाहे बकरी पालन बिजनेस हो डेयरी फार्मिंग व्यवसाय हो या फिर Poultry Farming एक लाभकारी बिज़नेस तभी हो सकता है। जब उद्यमी द्वारा जल्दी बढ़ने वाली नस्ल का चुनाव किया गया हो। Fish Farming के लिए मछली की नस्ल का चयन करते समय अपने क्षेत्र में मछलियों की मांग, और जिस मछली की नस्ल जल्दी और ढंग से बड़ी हो सकती है, इत्यादि बातों का ध्यान रखें।

आप चाहें तो किसी एक नस्ल का उत्पादन न करके भिन्न भिन्न नस्लों का उत्पादन एक साथ कर सकते हैं । जैसे कुछ मछलियाँ ऐसी होती हैं जिनको तले (bootom) में रहने की आदत होती है। और कुछ मछलियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें पानी के बीचों बीच रहने की आदत होती है । इसके अलावा कुछ मछलियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें पानी के उपरी सतह पर रहने की आदत होती है ।

अगर उद्यमी एक साथ रोहू, मृगल, कतला मछलियों को अपने Fish Pond का हिस्सा बनाता है। तो उसके Fish Pond का कोई भी हिस्सा व्यर्थ नहीं जायेगा। इंडिया की जलवायु के हिसाब से मुख्य मछलियों की नस्लें निम्न हैं।

  • कतला मछली (Catla)
  • रोहू (Rohu)
  • मृगल (Mrigal)
  • सिल्वर कार्प (Silver Carp)
  • ग्रास कार्प (Grass Carp)
  • कॉमन कार्प  (Common Carp)

3. मछलियों के खाने का इंतज़ाम करना (Feeding)

इसमें कोई दो राय नहीं की अच्छा गुणवत्ता वाला खाना मछलियों के जल्दी वृद्धि होने में सहायक होगा । आप व्यवसायिक रूप से Fish Farming करने हेतु एकीकृत फार्मिंग करके डेरी उत्पाद, सब्जियों इत्यादि को मछलियों का खाना बना सकते हैं ।

India में मछली पालन व्यवसाय से जुड़े अधिकतर किसान अपनी मछलियों को प्राकृतिक खाने के भरोसे ही छोड़ देते हैं। प्राकृतिक खाना मछलियों के लिए कितना होगा यह सब Fish Pond फर्टिलाइजेशन पर निर्भर करता है। वैसे आप मछलियों के खाने के प्रबंधन को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं।

1. Outer Feed (बाह्य खाना) :

Outer Feed का प्रबंध जैसे की हमने पहले भी बताया एकीकृत फार्मिंग के द्वारा भी किया जा सकता है । इसके अलावा बाज़ार में उपलब्ध मछलियों का खाना लेकर उसको तालाब में मछलियों के खाने हेतु डाला जा सकता है। वैसे मछलियाँ आटा, चावल इत्यादि भी खाती हैं । तो उद्यमी इनका उपयोग भी मछलियों के खाने हेतु कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे की मछलियों के खाने के व्यवहार को आँका जाय। क्योकि अनावश्यक रूप से Fish Pond के अंदर डाली जाने वाली सामग्री Fish Pond को गन्दा कर सकती है।

2. Inner Food (आंतरिक खाना) :

Inner Food से आशय तालाब में उत्पादित खाने से है । इसमें छोटे छोटे कीड़े मकोड़े जिन्हे मछलियां खाती हैं वे आते हैं । लेकिन यह सब उत्पादित हो, इसके लिए आपको महीने में दो बार Fish Pond फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया करनी पड़ती है । Inner Food उत्पादित करने हेतु जैविक खाद एवं रासायनिक खादों का उपयोग किया जा सकता है ।इसमें गोबर का उपयोग भी हो सकता है।

4.मछलियों की देखभाल करें(Care and management)

व्यवसायिक तौर पर Fish Farming या मछली पालन करने के लिए मछलियों की नस्ल और खाने का इंतज़ाम करने पर ही उद्यमी की ड्यूटी खत्म नहीं हो जाती। अब समय आ जाता है अपनी मछलियों का अच्छे ढंग से ध्यान रखने का। मछली की बीमारियों से मछलियों को बचाने  का । पानी में उत्पन्न होने वाले मछली के दुश्मनो से मछलियों को बचाने का। छोटी मछली को बड़ी मछली से बचाने के लिए कदम उठाने का ।

और कहीं गन्दा पानी होने के कारण मछलियों की जान खतरे में न पड़ जाये इसलिए समय समय पर पानी का PH स्तर चेक कराने का ।
साधारणतया मछली पालन बिजनेस से उत्पादित उत्पाद के लिए लोकल ग्राहक अर्थात जिस क्षेत्र में आपका Fish Pond है । उसी क्षेत्र के ग्राहक भी मिल जाते हैं लेकिन यदि उद्यमी का उत्पादन उस क्षेत्र की आवश्यकताओं से अधिक है ।

तो उद्यमी को अपना उत्पाद बेचने के लिए मार्केटिंग करनी पड़ेगी । मार्केटिंग की दृष्टि से Fish Farming business का सबसे बड़ा फायदा यह है की आपको अपना उत्पाद साथ लेके नहीं घूमना है। उद्यमी को पहले अपने ग्राहक तैयार करने हैं । उनसे आर्डर लेने हैं उसके बाद आवश्यकतानुसार मछलियों को Fish Pond से बाहर निकालना है।

मछलियों को कहाँ बेचें (Where to sell fish):

वर्तमान में मछली खाने वाले लोगों की संख्या हर जगह चाहे आप भारत के किसी भी कोने में उपलब्ध हों पर्याप्त मात्रा में है। यही कारण है की मछली की माँग हर स्थानीय बाज़ार में हमेशा बनी रहती है। कहने का आशय यह है की यदि आप मछली पालन करके बहुत अधिक मछलियों का उत्पादन नहीं कर रहे हैं। तो आप इन्हें स्थानीय बाज़ार में खुद भी बेच सकते हैं ।

लेकिन आम तौर पर इस तरह का बिजनेस (Fish Farming Business) कर रहे उद्यमियों के पास उस एरिया में स्थित वे लोग पहले ही पहुँच जाते हैं, जो किसी स्थानीय बाज़ार में, साप्ताहिक बाज़ार में सड़क के किनारे बैठकर मछली बेचते हैं।

इसके अलावा स्थानीय मंडी जहाँ लोग मीट मछली खरीदने जाते हैं, आप वहां भी इन्हें बेच सकते हैं। लेकिन यदि आपका उत्पादन बहुत अधिक है तो बेहतर यही होता है की आप उस एरिया में स्थित मछली के थोक विक्रेताओं से संपर्क करें। और उन्हें अपने फिश फार्म  से ही मछली ले जाने को कहें। क्योंकि उनके पास वाहनों की ऐसी व्यवस्था होती है, जिनमें मछलियों को जिन्दा भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।

मछली पालन करने में आने वाली लागत

हालांकि बहुत सारे लोगों को लगता है की मछली पालन बिजनेस शुरू करना आसान प्रक्रिया है । लेकिन सच्चाई यह है इसमें आपको एक जिन्दा जलजीव की खेती करनी होती है, इसलिए इसके तकनिकी जानकारी होना अति आवश्यक होती है ।

जहाँ तक लागत की बात है इस बिजनेस में आने वाली लागत भी इस बात पर निर्भर करती है की उद्यमी किस स्तर का मछली पालन व्यापार शुरू करना चाहता है । और वह किन किन मछलियों का पालन करना चाहता है ।

लेकिन एक व्यक्ति जो राहू, कतला और मृगल मछली को अपना फार्म का हिस्सा बनाकर छोटे से स्तर पर इसे शुरू करना चाहता है, उसे इस बिजनेस को शुरू करने के लिए निम्न मदों पर खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें जमीन का खर्चा शामिल नहीं है क्योंकि जहाँ पर मछली का तालाब बनाया जाएगा, वह जमीन उद्यमी की खुद की होनी चाहिए।

खर्चे का विवरणखर्चा रुपयों में
तालाब का निर्माण करने में आने वाला खर्चा, खुदाई मेड सभी प्रक्रियाओं सहित₹90000
3 एचपी का डीजल पंप पूरा सेट₹32000
इनलेट/आउटलेट स्लूइस₹12000
मछली पकड़ने वाले जाले एवं अन्य उपकरण₹10000
लगभग 8000 मछली के बीज प्रति पीस 5 रूपये के हिसाब से₹40000
लाइम₹2000
सिंगल सुपर फॉस्फेट₹1000
यूरिया₹1500
गाय का गोबर कच्चा₹1000
कुल लागत₹189500

इस तरह से देखें तो एक छोटा सा मछली फार्म खोलने में भी उद्यमी को लगभग ₹189500 खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें भी जमीन का खर्चा शामिल नहीं है, क्योंकि इसमें हम यह मान कर चल रहे हैं की जमीन इस बिजनेस को करने वाले उद्यमी की खुद की है।   

मछली पालन बिजनेस से कितनी कमाई होगी

जहाँ तक कमाई का सवाल है इस बिजनेस (Fish Farming Business) से होने वाली कमाई इस बात पर निर्भर करती है की उद्यमी एक साल में कितनी किलो मछली का उत्पादन कर पाने में सफल हो पाता है। यदि उद्यमी एक साल में 3000 किलो मछली का उत्पादन करने में भी सफल होता है और इसकी औसतम कीमत यदि हम 110 रूपये प्रति किलो मान के भी चलते हैं। तो इस हिसाब से उद्यमी 110×3000 = ₹330000 की साल में ग्रॉस इनकम कर पाता है।

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