Glass Mirror Making | दर्पण बनाने का व्यापार |

Glass Mirror making business start करना लाभकारी इसलिए हो सकता है क्योंकि दुनिया में हर घर में एक से ज्यादा Mirrors का उपयोग किया जाता है, चूँकि यह Glass यानिकी आईना शीशे से निर्मित होता है, इसलिए इसके टूटने की भी संभावना उतनी अधिक होती है, और जब भी किसी के घर में कोई Glass Mirror टूटता है, तो उसे नया दर्पण खरीदना ही पड़ता है |

दर्पण का उपयोग केवल घरों में नहीं बल्कि हर व्यवसायिक संस्थानों के वाशरूम में भी किया जाता है, और एक व्यवसायिक संस्थान में केवल एक नहीं बल्कि अनेकों दर्पणों को लगाया जाता है | Glass mirror अर्थात Looking mirror का व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास में अहम् योगदान है दर्पण में देख कर ही लोग अपने आप को शारीरिक पहनावे में व्यवस्थित रख पाते हैं | घरों, व्यवसायिक संस्थानों के वाशरूम के अलावा नाई की दुकान, ब्यूटी पार्लर  इत्यादि बिज़नेस में भी दर्पण की अहम् भूमिका है |

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Glass Mirror बनाने का बिजनेस क्या है :

Glass Mirror से हमारा आशय दर्पण से है, इन्हें अच्छी गुणवत्तायुक्त Glass Sheet या Glass Plate से निर्मित किया जाता है | यद्यपि इनकी Thickness अर्थात मोटाई आवश्यकतानुरूप 2 से 7 mm इत्यादि तक अंतरित हो सकती है | Glass Mirror को केमिकल एवं पेंट की मदद से एक साइड से Coated किया जाता है ताकि वह मनमुताबिक reflectance देने में सक्षम हो सके |

दर्पण का उपयोग मनुष्य द्वारा अपने दैनिक जीवन में व्यक्तिगत विकास हेतु किया जाता है यही कारण है की इसका उपयोग हर क्षेत्र चाहे घरों में हो या व्यवसायिक संस्थानों के वाशरूम, बाथरूम में बड़े पैमाने पर किया जाता है | Glass Mirror making business से हमारा आशय विभिन्न प्रकार के दर्पणों का निर्माण करके उन्हें बेचकर अपनी कमाई करने से है |

दर्पण के बिकने की संभावना

वर्तमान जीवनशैली के मद्देनज़र यह कहा जा सकता है, की दर्पण अर्थात Glass mirror को उपयोग में लाये बिना यह आधुनिक जीवनशैली की कल्पना नगण्य है | सामान्य शब्दों में यदि हम दर्पण की महत्वता को समझाने की कोशिश करेंगे तो इसे समझने के लिए हमें अपने आप से ही कुछ प्रश्न पूछने होंगे जो निम्न हैं |

  • यदि कोई विद्यार्थी है, तो क्या वह एक दिन भी बिना दर्पण देखे स्कूल जाता है?
  • यदि कोई नौकरीपेशा है, तो क्या वह एक दिन भी बिना दर्पण देखे ऑफिस/फैक्ट्री जाता है?
  • यदि कोई महिला/लड़की है तो वह अपने आप से प्रश्न पूछ सकती हैं की उन्हें दिन में आईने की कितनी बार जरुरत पड़ती है?
  • इसके अलावा यदि कोई बिजनेसमैन है तो क्या वह बिना Glass Mirror लगे ऑफिस के वाशरूम की कल्पना कर सकता है |

सर्वप्रथम इस इंडस्ट्री की शुरुआत बेल्जियम से हुई और वर्तमान में India में भी महानगरीय क्षेत्रों में यह इंडस्ट्री अपनी जड़ें मजबूत कर चुकी हैं, और धीरे धीरे गांवो की ओर भी अग्रसित होती जा रही है | लगभग हर प्रकार की इंडस्ट्री और घरों में इसका उपयोग होने के कारण आईने की मांग बाज़ार में हमेशा बनी रहती है | वैसे खास तौर पर Glass Mirror का उपयोग घरों के अलावा फैंसी शॉप, शो रूम, थिएटर, ब्यूटी पार्लर, और ऑफिस के बाथरूम एवं वाशरूम में किया जाता है |

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की Glass Mirror लगभग हर घर एवं वाशरूम में उपयोग में लाया जाता है, चूँकि यह टूटने वाली वस्तु होती है इसलिए समय समय पर लोग नए दर्पण खरीदते रहते हैं |

एक आंकड़े के मुताबिक यह इंडस्ट्री सालाना 8% Growth rate के साथ आगे बढ़ रही है, जबकि उत्पाद की Replacement  मांग को 5% आँका गया | इसके अलावा यदि उद्यमी चाहे तो अपने उत्पाद को विदेशों की ओर निर्यात भी कर सकता है, क्योकि दक्षिण पूर्वी देशों जैसे थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलिफिंस, विएतनाम, म्यांमार इत्यादि देशों में इसकी अच्छी मांग है |

आवश्यक मशीनरी और कच्चा माल

Glass Mirror Manufacturing business में काम आने वाली मशीनरी की लिस्ट निम्नवत है |

  • Automatic Beveling Machine (स्वचालित बेवेलिंग मशीन)
  • Surface Polishing Machine (शीशे की सतह को पोलिश करने वाली मशीन)
  • Bevel Polishing Machine (कटे हुए शीशे के भाग को पोलिश करने वाली मशीन)
  • Spray Gun with Air Compressor with Motor (एयर कम्प्रेसर और मोटर के साथ स्प्रे गन)
  • Drilling Machine (ड्रिल मशीन)
  • Diamond Drilling Bits and High Carbon Drill Bits (विभिन्न प्रकार की बिट)
  • Diamond Cutters and Circular Cutter. (विभिन्न प्रकार के कटर)
  • Wash Basin, Measuring Jars, Jelt Brushes and balance, Office Equipments, Working Tables इत्यादि |

Raw materials की लिस्ट इस प्रकार है |

  • Glass Sheet 2 mm
  • Glass Sheet 3mm
  • Glass Sheet 4mm
  • Glass Sheet 5.5mm.
  • Chemical Paints & Varnishes

निर्माण प्रक्रिया (Glass Mirror manufacturing process):

Glass mirror making process में बहुत सारी प्रक्रियाओं को अंजाम देना पड़ता है लेकिन इन प्रक्रियाओं में जो सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है वह है Silvering | Silvering के अलावा और भी विभिन्न प्रक्रियाओं का विवरण निम्न है |

Glass Sheet का चयन: Glass mirror manufacturing process में सबसे पहले आईना बनाने हेतु अच्छी सी Glass Sheet का चयन किया जाता है |

Glass Sheet/Plates की सफाई: उसके बाद चयनित Glass sheet/plates की केमिकल का उपयोग या फिर Surface Polishing करके अच्छी तरह सफाई की जाती है |

Sensitizing Process: अच्छी तरह सफाई करने के बाद Mirror को Sensitize करने के लिए आगे बढाया जाता है, यह प्रक्रिया मिरर की सतह को Silver metal को आकर्षित करने एवं फिल्म की कोटिंग में एकरूपता लाने में मदद करता है |

Silvering: Sensitizing के बाद दर्पण पर silvering process को अंजाम दिया जाता है इस प्रक्रिया को उद्यमी दो तरह से छिडकाव विधि और सिल्वर को मिरर की सतह पर रखकर अंजाम दे सकता है |

उसके बाद Painting को सुरक्षित रखने की द्रष्टि से इसमें Coopering की जाती है और बाद में उसके ऊपर Paint कर दिया जाता है |

Quality Specifications for Glass Mirror Making Business:

Mirror making business कर रहे उद्यमी को दर्पण का निर्माण भारतीय मानक buero द्वरा निर्धारित IS मानको के आधार पर करना होगा | क्योकि Bureau of Indian Standards (BIS) ने इस उत्पाद की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु निम्न IS specifications निर्धारित किये हैं |

  • IS: 3438-1977 – Silvered glass mirror for general purpose (1st revision)
  • IS: 6184-1971 – Specification for furniture mirror (Re- affirmed 1987)

यद्यपि Mirror Making Business किसी प्रकार का प्रदूषण पैदा नहीं करता है लेकिन फिर भी उद्यमी को State pollution department से No Objection Certificate लेने के साथ साथ Spray booth में अच्छे तरीके से exhaust का इंतजाम करना पड़ेगा, इसके अलावा उपयोग में लाये गए पानी की निकासी का भी उचित प्रबंध होना चाहिए, जलनिकासी करने हेतु सीमेंट का एक टैंक बनाया जा सकता है जिसमे उपयोग में लाये गए पानी को एकत्रित किया जाएगा, और नियमित मध्यांतर के बाद उसे छोड़ा जा सकता है |

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