Herbal Shampoo Manufacturing | हर्बल शैम्पू बनाने का बिजनेस |

Herbal Shampoo का उपयोग बालों को साफ़, पोषण युक्त एवं चमकदार बनाने के लिए किया जाता है | यद्यपि Shampoos को विभिन्न भागों जैसे साफ़ तरल शैम्पू, तरल लोशन एवं क्रीम शैम्पू, क्रीम पेस्ट शैम्पू, ड्राई शैम्पू, हर्बल शैम्पू इत्यादि में विभाजित किया जा सकता है | पहले जहाँ Shampoos का उपयोग सिर्फ Upper एवं Upper Middle Class द्वारा शहरों में किया जाता था, वर्तमान में लोगों में अपने शरीर के अंगों की सफाई के प्रति जागरूकता पैदा होने के कारण इसका उपयोग होने के दायरे में भारी विस्तृता देखने को मिलती है |

और अब Herbal Shampoo का उपयोग ग्रामीण इलाकों में निवासित लोग भी करने लगे हैं | मनुष्य के सिर पर बालों का आना प्रकृति प्रदत्त हो सकता है लेकिन यदि समय रहते इनके पोषण एवं सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रकृति का दिया गया यह उपहार सिर से गायब भी हो सकता है यही कारण है की लोग अपने बालों को धोने के लिए Herbal Shampoo का उपयोग करते हैं और इन्हें मन मुताबिक सँवारने हेतु ब्यूटी सलून का भी रुख करते हैं |

Herbal Shampoo Manufacturing business

Herbal Shampoo Manufacturing बिजनेस क्या है :

Herbal Shampoo manufacturing business को समझने से पहले हम यह समझ लेते हैं की हर्बल शैम्पू क्या है | शैम्पू से अभिप्राय एक ऐसे प्रसाधन से है जिसका बताई गई (Specified) विधि से उपयोग करने पर यह बालों की सतह अर्थात खोपड़ी में क्रियाशील होकर खोपड़ी एवं बालों में उपलब्ध धूल, चिकनाई, डेनड्रफ इत्यादि को दूर कर बालों को खोपड़ी एवं खोपड़ी की त्वचा को बिना नुकसान पहुंचाए मजबूत, साफ़, मुलायम एवं स्वस्थ बनाता है | Herbal Shampoo की Manufacturing तरल लोशन क्रीम, पाउडर एवं ठोस रूप में हो सकती है |

लेकिन एक सफल शैम्पू उसी को कहा जायेगा जो उपयोगकर्ता के बालों, खोपड़ी एवं त्वचा को नुकसान पहुंचाए बिना, अशुद्दियां दूर करके उन्हें मजबूत, साफ़, चमकदार, मुलायम एवं पोषण युक्त बनाये | Herbal Shampoo Manufacturing business से आशय प्रकृत्ति प्रदत्त फलों, जड़ी बूटियों, पौंधो जैसे आंवला, रीठा, शिकाकाई, ब्राह्मी, नीम इत्यादि के मिश्रण से शैम्पू बनाकर उन्हें मार्किट में बेचकर अपनी कमाई करने से है |

Herbal Shampoo के बिकने की संभावना

वर्तमान में लोगों के बीच बालों को स्वस्थ, मुलायम, चमकदार रखने की चाह और बढती जागरूकता के कारण लगभग देश के सभी इलाकों में शैम्पू का उपयोग होने लगा है | देश में औद्योगिक संस्थानों में वृद्धि के कारण कामकाजी लोगों की संख्या में भी वृद्धि हुई है जिससे लोगों की खर्च करने की क्षमता में भी वृद्धि हुई है यही कारण है की जहाँ पहले सिर्फ Upper एवं Upper Middle Class द्वारा Shampoo उपयोग में लाया जाता था, आज इसकी पहुँच समाज के हर वर्ग तक हो रही है |

लेकिन अधिकतर तौर पर फिल्मी एवं ग्लेमरस की दुनिया से जुड़े लोगों एवं नौकरीपेशा, कामकाजी लोगों द्वारा शैम्पू का उपयोग किया जाता है | भविष्य में Herbal Shampoo की डिमांड भारतवर्ष में Per Capita Consumption के आंकड़े और इसका विस्तार समाज के कौन से वर्ग की तरफ अधिक होता है पर निर्भर करेगी |

क्योकि यदि हम वर्तमान में ग्राहकों की शैम्पू को उपयोग में लाने की प्रवृत्ति की बात करें तो हम पाएंगे की ग्राहकों द्वारा एक हफ्ते में शैम्पू का उपयोग सिर्फ एक या दो बार किया जाता है, जिसके भविष्य में बढ़ने की पूरी संभावना है | एक आंकड़े के मुताबिक भारत में एक औसत परिवार को एक महीने में आधे लीटर शैम्पू की आवश्यकता हो सकती है |

यद्यपि देश में उचित मात्रा में Ayurvedic Medicine Manufacturers हैं लेकिन इनमे से कुछ ही इकाई ऐसी है जो Herbal Shampoo Manufacturing में संग्लिप्त हैं जबकि देश में Herbal Shampoo की डिमांड दिन प्रतिदिन बढती जा रही है | इसलिए कहा जा सकता है की नए उद्यमियों के लिए Herbal Shampoo Manufacturing Business में अवसर विद्यमान हैं |

हर्बल शैम्पू बनाने के लिए मशीनरी और कच्चा माल

Herbal Shampoo manufacturing में प्रयुक्त होने वाला मुख्य Raw Materials की लिस्ट निम्नवत है |

आवंला: Herbal Shampoo बनाने में उपयोग होने वाला मुख्य कच्चा माल है आंवला | Shampoo में आंवले की उपस्थिति बालों को मजबूत एवं काला रंग देने का काम करती है |

रीठा: रीठे का उपयोग त्वचा, खोपड़ी एवं बालों की सफाई करने के लिए Shampoo Manufacturing में किया जाता है |

शिकाकाई: शिकाकाई का उपयोग बालों को मुलायम करने हेतु किया जाता है |

ब्राह्मी: इसका उपयोग शैम्पू में इसलिए किया जाता है ताकि यह खोपड़ी को ठंडक पहुंचा सके |

नीम के पत्ते: नीम के पत्तों का उपयोग बालों को स्वस्थ एवं पोषण युक्त बनाने के लिए किया जाता है | इसके अलावा Henna, Khus, Charilla, Acid Slurry, रंग, सुगन्धित पदार्थों इत्यादि का भी उपयोग Shampoo Manufacturing में Raw Materials के तौर पर किया जाता है |

मशीनरी की लिस्ट निम्नवत है |

  • Distillation Apparatus with Heating coil and jar (हीटिंग का तार और जार के साथ आसवन उपकरण)
  • Pulveriser (पीसने वाली मशीन)
  • Stirrer and Stainless Steel Tank (मिश्रण को हिलाने वाला यंत्र एवं टैंक)
  • Mixer (मिक्सर)
  • Weighing Machine (भार मापने वाली मशीन)
  • Stainless Steel Containers (स्टील के बर्तन)
  • Lab equipment (लैब उपकरण)
  • Pollution Control equipments (प्रदूषण नियंत्रित करने के उपकरण)

निर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process of Herbal Shampoo):

आंवले, रीठे, शिकाकाई तीनो के मिश्रण को बराबर मात्रा में लेकर एक Stainless Steel के Container में रख दिया जाता है और इसमें मिश्रण के बराबर पानी डालकर रात भर भिगोने के लिए छोड़ दिया जाता है | उसके बाद उपर्युक्त मिश्रण का पेस्ट तैयार करना होता है, यह प्रक्रिया मिश्रण को तीन चार घंटे 60 से 70 C में गरम करने के पश्चात् क्रियान्वित की जा सकती है |

जब मिश्रण पूरी तरह गर्म हो जाता है तो उसके बाद उसे ठंडा करने के लिए छोड़ दिया जाता है | जब मिश्रण पूरी तरह ठंडा हो जाता है तो इसको थोडा पतला करने के लिए इसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलाया जा सकता है |

इस स्टेज में आकर छाने हुए पदार्थ का रंग लाल भूरे रंग का हो जाता है | Herbal Shampoo को Light एवं पारदर्शी बनाने के लिए charcoal treatment या fuller earth की मदद ली जा सकती है | Vacuum Filtered की जगह Quick filtration funnel का उपयोग किया जा सकता है | PH adjusting के लिए पोटेशियम कार्बोनेट मिलाया जा सकता है |

Coconut Oil Shampoo:

Coconut oil पर आधारित shampoo manufacturing के लिए सर्वप्रथम नारियल तेल का साबुनीकरण (Saponify) करना होता है | Coconut oil का साबुनीकरण करने के लिए इसमें उचित मात्रा में कास्टिक पोटाश की मात्रा मिलाई जा सकती है | कुछ सस्ते प्रकार की Shampoo Manufacturing में मूंगफली का तेल, ताड़ का तेल इत्यादि का भी उपयोग किया जाता है |

कास्टिक पोटाश की उपयुक्त मात्रा लेकर उसे पानी में घोल दिया जाता है और फिर उस पानी को गरम कर लिया जाता है ठीक इसी प्रकार दूसरे बर्तन में नारियल के तेल को भी गरम कर लिया जाता है उसके बाद आंच धीमी करके नारियल के तेल में कास्टिक पोटाश वाला पानी मिला दिया जाता है इसे हलकी आंच में तब तक गरम किया जाता है जब तक साबुन न बन जाय |

उसके बाद इसमें पोटाश कार्बोनेट मिला हुआ Distilled water मिलाया जाता है, पोटाश कार्बोनेट Shampoo को पारदर्शी बनाने में मदद करता है | इस द्रव्य को Stainless steel के Container में रखा जाता है और Shampoo Manufacturing में जब भारी पदार्थ नीचे और ऊपर पारदर्शी द्रव दिखने लगे तो उसे भारी पदार्थ से किसी दूसरे बर्तन में अलग कर दिया जाता है | उसके बाद आवश्यकतानुसार सुगंधी मिलाकर इसकी पैकेजिंग करके मार्किट में बेचकर कमाई की जाती है |

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