लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया। Laghu Udyog Registration Process.

भारतवर्ष में लघु उद्योगों अर्थात Small scale industries का state directorate of industries से registration करवाना अनिवार्य नहीं है। लेकिन यदि कोई उद्यमी जो small scale industries में कदम रखना चाह रहा हो, यदि वह चाहता है की उसको सरकार द्वारा चालित योजनाओं के अंतर्गत कुछ प्रोत्साहन लाभ मिले तो SDI में registration करवा लेना चाहिए ।

इसके अलावा कुछ निर्धारित वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार दोनों से लाइसेंस लेना पड़ सकता है | बेशक चाहे Laghu Udyog  पंजीकृत है, या नहीं, लेकिन राज्य में चालित नियम कानूनों का उस उद्योग को भी अच्छे ढंग से पालन करना अनिवार्य है | इसलिए बेहतर यही होता है की Registration करवाकर ही Small scale industries में कदम रखा जाय |

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पंजीकरण (Registration) के प्रकार :

लघु उद्योगों को निम्न दो तरह से Registered करवाया जा सकता है |

1. अस्थायी पंजीकरण (Experimental or provisional registration)

Small scale industries अर्थात लघु उद्योगों का यह Registration लघु उद्योग की स्थापना से पूर्व किया जाता है | इस Registration के अंतर्गत दिए जाने वाले प्रमाण पत्र (Certificate) की

वैधता (Validity) दो वर्षो के लिए निर्धारित होती है | इन दो सालों में यदि लघु उद्योग इकाई द्वारा कोई उत्पादन नहीं किया जाता है | तो उद्यमी राज्य उद्योग निदेशालय से इस प्रमाण पत्र का Renewal करवा सकता है | और इस स्थिति में राज्य उद्योग निदेशालय द्वारा उद्यमी को केवल छह महीने का समय उत्पादन हेतु दिया जाता है | और केवल छह महीने के लिए   ही प्रमाण पत्र जारी किया जाता है |

2. स्थायी पंजीकरण (Permanent Registration):

इस Registration के अंतर्गत किसी भी लघु उद्योग को प्रमाण पत्र दो साल अर्थात अस्थायी प्रमाण पत्र की validity ख़त्म होने के बाद मिलता है | इसके अलावा यह Certificate तब मिलता है, जब लघु उद्योग पूरी तरह से उत्पादन (Production) में आ चूका होता है | यह registration  भी राज्य उद्योग निदेशालय के द्वारा ही कराया जाता है | चूँकि यह एक स्थायी Registration होता है, इसलिए इसकी वैधता भी स्थायी होती है |

लघु उद्योग पंजीकरण करवाने के फायदे:

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में पहले ही बता चुके हैं की Small Scale industries के लिए registration process कोई अनिवार्य process नहीं है | लेकिन लघु उद्योग का पंजीकरण करवाना किसी भी उद्यमी को कुछ फायदे दिला सकता है | जो निम्नवत है |

  • बैंको से ऋण मिलने में प्राथमिकता या आसानी |
  • बैंको से मिलने वाले लोन पर ब्याज दर की कमी |
  • Excise tax में छूट की योजना |
  • कानून के मुताबिक प्रत्यक्ष कर में छूट |
  • आरक्षण का प्रावधान |

Current Scenario (वर्तमान स्थिति):

वर्तमान में भारत सरकार ने MSME के Registration process को बेहद सरल बनाकर इसको Online कर दिया है | कोई भी उद्यमी UAM के Portal पर जाकर अपनी Unit को register करवा सकता है | लेकिन इसके लिए उद्यमी के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है | इस पोर्टल में अपनी detail एकदम सही से भरें | क्योंकि एक बार submit करने के बाद editing का प्रावधान नहीं है | सबसे बढ़िया बात यह है की अपनी Unit की detail भरते वक़्त आपको इस UAM portal  में कोई documents अपलोड नहीं करना है | सरकार ने कागज़ी प्रक्रिया को स्वप्रमाणिक (self certified) रखा हुआ है |

UAM क्या है :

UAM का फुल फॉर्म Udyog Aadhaar Memorandum है | जो किसी उद्यमी को उसका उद्यम रजिस्टर कराते वक्त सरकार को देना होता है | इस प्रक्रिया के अंतर्गत उद्यमी से उसका आधार नंबर, नाम, उद्यम, उद्यम स्थापित करने की तिथि इत्यादि डिटेल्स  online एक form के माध्यम से पूछी जाती है |  साधारण शब्दों में UAM मध्यम उद्योगों, लघु  उद्योगों और कुटीर उद्योगों अर्थात MSME  को online registration कराने की एक प्रक्रिया है | और यह बिलकुल मुफ्त है | इसमें किसी भी प्रकार की कोई Registration fee उद्यमी को नहीं देनी है | आप अपने उद्योग को उद्योग आधार की वेबसाइट पर जाकर register करवा सकते हैं |

उद्यम रजिस्ट्रेशन (Udyam Registration)

वर्तमान में MSME Registration यानिकी लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन के लिए नया अधिकारिक पोर्टल उद्यम पोर्टल को संरचित किया गया है। और इस रजिस्ट्रेशन को उद्यम रजिस्ट्रेशन नाम दिया गया है, सरकार ने इसे  1st जुलाई 2020 से लागू कर दिया है और यह सभी उद्यमियों EM II धारकों और UAM धारकों इत्यादि सभी के लिए बनाया गया है। कहने का आशय यह है की जिन उद्यमियों ने पहले EM II या उद्योग आधार मेमोरंडम रजिस्ट्रेशन किया भी है, उन्हें भी यह रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता होती है।

बशर्ते उनका उद्यम निम्न बताये गए पात्रता मानदण्डों की पूर्ति करता हो, अर्थात उनका उद्यम सही में एमएसएमई सेक्टर के तहत होना चाहिए इसके लिए उद्यमी नीचे दी जा रही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की परिभाषा को समझकर इस बात का अंदाजा लगा सकता है की उनका उद्यम MSME Registration के लिए पात्र है या नहीं।

सूक्ष्म उद्यम (Micro Enterprise):

एमएसएमई की नई परिभाषा के अनुसार ऐसे उद्यम जिनमें प्लांट और मशीनरी या फिर उपकरणों में एक करोड़ रूपये से अधिक का निवेश न हुआ हो, और उनका सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रूपये से अधिक न हो सूक्ष्म उद्यम की श्रेणी में आयेंगे ।

लघु उद्यम (Small Enterprise):

ऐसे उद्यम जिनमें प्लांट और मशीनरी या फिर उपकरणों में दस करोड़ रूपये से अधिक का निवेश न हुआ हो, और उनका सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रूपये से अधिक न हो लघु उद्यम की श्रेणी में आयेंगे ।

मध्यम उद्यम (Medium Enterprise):

ऐसे उद्यम जिनमें प्लांट और मशीनरी या फिर उपकरणों में पचास करोड़ रूपये से अधिक का निवेश न हुआ हो, और उनका सालाना टर्नओवर दो सौ करोड़ से अधिक न हो मध्यम उद्यम की श्रेणी में आयेंगे ।

उपर्युक्त परिभाषा से स्पष्ट है की ऐसे उद्यम जिनमें प्लांट और मशीनरी या उपकरणों में 50 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश हुआ हो, और जिनका टर्नओवर 200 करोड़ से अधिक हो, वे MSME Registration के लिए पात्रता नहीं रखते हैं।

उद्यम रजिस्ट्रेशन की विशेषताएं और नियम (Features of Udyam Registration)

उद्यम रजिस्ट्रेशन की कुछ प्रमुख विशेषताएं और नियम निम्नलिखित हैं।

  •  इस प्रक्रिया के तहत रजिस्टर होने वाली इकाई को उद्यम कहा जाएगा और इस पंजीकरण प्रक्रिया को उद्यम रजिस्ट्रेशन कहा गया है।
  • पंजीकरण पूरा होने के बाद उद्यम को एक स्थायी पंजीकरण संख्या प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
  • यह MSME Registration प्रक्रिया पूर्ण रूप से ऑनलाइन, पेपरलेस, स्वघोषणा पर आधारित है इसके अलावा यह पंजीकरण बिलकुल निशुल्क है ।
  • इस प्रक्रिया को करने के दौरान किसी भी प्रकार के दस्तावेजों को अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होती है ।
  • इस पंजीकरण के लिए आधार संख्या को अनिवार्य बनाया गया है यानिकी इस पंजीकरण के दौरान आधार संख्या को भरना नितांत आवश्यक है ।
  • प्रोप्राइटरशिप फर्म होने पर स्वामी को खुद की आधार संख्या, पार्टनरशिप फर्म होने पर मैनेजिंग पार्टनर की आधार संख्या और हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली होने पर कर्ता की आधार संख्या भरनी होगी।
  • कंपनी, लिमिटेड लायबिलिटी फर्म, सोसाइटी या ट्रस्ट होने पर प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता यानिकी authorized signatory की आधार संख्या के साथ साथ इकाई के पैन और जीएसटीआईएन की भी आवश्यकता होगी।
  • कोई भी उद्यमी या उद्यम एक MSME Registration से अधिक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पात्र नहीं होगा।
  • यदि कोई व्यक्ति या कम्पनी जानबूझकर, सोच समझकर गलत जानकारी प्रदान करेंगे, तो वे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम की धारा 27 के तहत निर्दिष्ट किये गए दण्डों के अनुसार दंड प्राप्त करने के पात्र होंगे।
  • नए वित्त वर्ष अप्रैल 2021 से MSME Registration के लिए पैन और जीएसटी नंबर को अनिवार्य करने का प्रावधान किया गया है।

उद्यम रजिस्ट्रेशन करने के लिए उद्यमी को सर्वप्रथम इस दिए गए आधिकारिक लिंक पर जाना होगा और यदि उद्यमी पहली बार रजिस्ट्रेशन कर रहा है या फिर वह EM II में पहले भी रजिस्ट्रेशन करा चूका है तो उसे पहला विकल्प Welcome to register here के नीचे New Entrepreneurs का चुनना होगा। लेकिन यदि उद्यमी अपने उद्यम को उद्योग आधार मेमोरेंडम में पहले रजिस्टर करा चूका है तो उसे दूसरा विकल्प Migrate To Udyam का चुनना होगा। उसके बाद उद्यमी को सिस्टम के इंस्ट्रक्शन के मुताबिक एक्ट करके इस प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा।    

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