Lubricant oil and Grease Manufacturing Business.

lubricating तेल एवं ग्रीज़ का यह बिज़नेस पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2004-2005 में भारतवर्ष में Lubricant Oil and Grease की मांग 13 लाख मिलियन टन थी जो प्रति वर्ष 4.5% की दर से बढती जा रही थी | ग्रोथ की दर मध्यम होने के पीछे इस कारण को माना जा रहा था की यहाँ  Lubricant Oil and Grease का उत्पादन उच्च गुणवत्ता के साथ हो रहा था इसलिए सर्विसिंग इत्यादि की जरुरत देर से हो रही थी |

वर्ष 2014-15 में इसकी मांग को 20 लाख टन आँका गया | लोगों की जीवन शैली में हो रहे परिवर्तनों से इसकी मांग भी प्रभावित होती है क्योंकि इसका उपयोग अनेकों मशीनरी, उपकरणों, वाहनों के कल पुर्जों इत्यादि में किया जाता है | इसलिए जैसे जैसे लोगों की कमाई बढती हैं उनकी खरीदारी की क्षमता भी बढती है और वे पहले से अधिक मशीनरी, उपकरणों, वाहनों इत्यादि का उपयोग करने लगते हैं |

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लुब्रिकेंट आयल की बिकने की संभावना

Lubricant oil and grease Industry की यदि हम बात करें तो भारत की यह इंडस्ट्री विश्व की छठी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है | इस इंडस्ट्री में लगभग सभी मल्टी नेशनल कंपनियों ने अनेकों उत्पाद जैसे Shell Oil, Mobil oil, Gulf Oil, Caltex इत्यादि में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई हुई है | लेकिन भारतवर्ष में लुब्रिकेंट मार्किट में सार्वजनिक क्षेत्र की तीन कंपनियों भारत पेट्रोलियम, इंडियन आयल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का प्रभुत्व स्थापित है |

लेकिन जहाँ तक छोटे हिस्सेदारों की बात है उनमें BPL एवं कुछ निजी खिलाडी जैसे Castrol, Lubrizol India जैसे भारतीय योजक परिष्कृत लुब्रिकेंट बनाने के लिए मैदान में उतरे हुए हैं |  लुब्रिकेंट मार्किट के प्रमुख रूप से दो खंड होते हैं पहला automative सेक्टर एवं दूसरा इंडस्ट्रियल सेक्टर जहाँ 60% lubricants and grease ऑटोमोबाइल को चाहिए होती है वहीँ 40% इंडस्ट्रियल सेक्टर में इसका उपयोग होता है |

आवश्यक मशीनरी और कच्चा माल

Lubricant oil and grease manufacturing की यदि हम बात करें तो इसमें लगने वाला प्रमुख कच्चा माल Base Oil एवं Additives हैं इसके अलावा अन्य कच्चे माल की लिस्ट में पैकेजिंग मटेरियल सम्मिलित हैं | यह बिज़नेस एक ऐसा बिज़नेस है जिसमें भारी भरकम निवेश अर्थात लगभग दो करोड़ रूपये तक की लागत आ सकती है | इस बिज़नेस में प्रयुक्त होने वाले मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

  • ब्लेंडर टैंक
  • centrifugal
  • लगभग 3 टन क्षमता की कुकिंग कैटल |
  • लगभग 3 टन क्षमता की कुलिंग कैटल |
  • MRP Embossing Machine
  • डिब्बों में लुब्रिकेंट भरने वाली मशीन |
  • मौल्डिंग मशीन |
  • स्टोरेज टैंक
  • जनरेटर
  • ग्रीज़ भरने वाली मशीन |
  • एयर कंप्रेसर |

विनिर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process of Lubricant):

सबसे पहले Base Oil एवं additive सप्लायर से मंगा लिए जाते हैं और इन्हें मंगा कर स्टोरेज टैंक में भंडारित करके रख लिया जाता है | उसके बाद ब्लेडिंग वाले बर्तन को मिश्रण को अच्छे ढंग से मिलाने के लिए गरम कर लिया जाता है |

और उत्पादित लुब्रिकेंट आयल को स्टोरेज टैंक में भंडारित किया जाता है | उसके बाद उस उत्पादित लुब्रिकेंट आयल की गुणवत्ता का निरीक्षण किया जाता है | और गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरे आयल को फिलिंग मशीन की मदद से अलग अलग आकार के डिब्बों में भर दिया जाता है | और उसके बाद कमाई करने हेतु इस आयल को मार्किट में बेचने हेतु डिस्पैच कर लिए जाता है |

Grease Manufacturing के लिए भी उपर्युक्त ही विधि का अनुसरण किया जाता है इसके अलावा यदि पैकेजिंग कंटेनर उद्यमी किसी थर्ड पार्टी से आर्डर कर रहा हो तो ठीक है अन्यथा कंटेनर की अलग से Manufacturing करने के लिए उद्यमी को निम्न स्टेप उठाने पड़ेंगे |

 सबसे पहले सप्लायर से कच्चे माल के तौर पर पॉलीमर मंगाना पड़ेगा, उस पॉलीमर को द्रव में कन्वर्ट करने के लिए उसे गरम करना होगा उसके बाद ब्लो मौल्डिंग या इंजेक्शन मौल्डिंग विधि के माध्यम से कंटेनर को आकार देना होगा | उसके बाद उसकी गुणवत्ता का परीक्षण करके फिनिशिंग करके उन्हें पैकेजिंग के उपयोग में लाना होगा |

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