अगरबत्ती बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? प्रक्रिया, लाइसेंस, कच्चा माल, विधि।

Agarbatti Making Business Plan in Hindi – बिज़नेस एक पारम्परिक व्यवसाय है | इसलिए इस business में अभी भी कुटीर उद्योगों का योगदान सर्वोपरी है । इंडिया में अगरबत्ती बनाने का बिज़नेस अभी कुछ ही गिने चुने राज्यों जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, चेन्नई में अधिकतर तौर पर किया जाता है ।

अगरबत्ती क्या है? 

मूल रूप से अगरबत्ती एक छड़ी होती है । जिसमे कुछ सुगन्धित मिश्रण का लेप लगा हुआ होता है । और इसका उपयोग अधिकांशतः नित्य प्रतिदिन के पूजा पाठ क्रिया में किया जाता है । एक अगरबत्ती 15 मिनट से 2 घंटे तक जलने का सामर्थ्य रखती है । लेकिन यह सब निर्भर करता है, अगरबत्ती की गुणवत्ता और आकार पर ।

देश में अगरबत्ती उत्पादन की स्थिति

अपने देश भारत में यदि अगरबत्ती बिजनेस की बात करें तो हमारा देश भारत सबसे अधिक अगरबत्ती उत्पादक देशों में से एक है। यहाँ की अगरबत्ती घरेलु और विदेशी बाज़ारों में लोकप्रिय हैं। भारत में पूरी दुनिया की अगरबत्ती के उत्पादन का लगभग 50% उत्पादन होता है। जिसका अभिप्राय यह है की भारत अकेले ही दुनिया की आधे से अधिक अगरबत्ती की आवश्यकताओं को पूर्ण करता है।

वर्तमान में दुनियाभर में 90 से अधिक देशों में अगरबत्ती कला इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए भारत में यह बिजेस शुरू करना कमाई की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। यद्यपि इस तरह के बिजनेस को शुरू करने में कई चुनौतियाँ भी हैं, इनमें मुख्य चुनौती उचित दर पर उपयुक्त कच्चे माल प्रमुख रूप से चारकोल और जोस पाउडर का प्रबंध हैं। लेकिन अगरबत्ती बिजनेस में कई अवसर भी हैं जिनकी लिस्ट इस प्रकार से है।

  • अगरबत्ती एक ऐसा उत्पाद है जिसे निर्यात करने के अवसर अन्य उत्पादों की तुलना में अधिक हैं।
  • अगरबत्ती उद्योग में प्रौद्यौगिकी के माध्यम से इनोवेशन और रिसर्च के लिए काफी अधिक अवसर हैं, ताकि इस उद्योग का विकास सुनिश्चित हो सके।
  • घरेलु बाज़ार को विस्तारित किया जा सकता है।
  • उचित कीमतों पर नया और वैकल्पिक कच्चे माल उपलब्ध कराने के अवसर विद्यमान हैं।

बिक्री की संभावना (Market Potential):

इसमें कोई दो राय नहीं हैं की, भारतवर्ष एक कृषि प्रधान देश होने के साथ साथ धर्म-प्रधान देश भी है । अगरबत्ती पूजा पाठ की सामग्री में एक ऐसी वस्तु है, जिसका उपयोग अधिकांशत: हर धर्म को मानने वाला व्यक्ति करता है । अगर हम अपने देश की बात करें, तो दूकानदार अपनी दुकान का श्रीगणेश, पुजारी पूजा करते वक़्त, पंडित पाठ इत्यादि करते वक़्त, कामकाजी लोग काम पर निकलने से पहले नहाने के बाद अगरबत्ती का उपयोग करते हैं ।

और जहाँ जहाँ भारतीय प्रवासी रहते हैं, उन देशो में भी अगरबत्ती को उपयोग में लाया जाता है । इसके अलावा विदेशो जैसे लंदन, मलेशिया, नेपाल, भूटान, वर्मा, मारीशस, श्रीलंका इत्यादि देशो में भी अगरबत्ती का उपयोग किया जाता है । इसलिए अगरबत्ती बनाने का बिज़नेस निरंतर चलने वाला व्यवसाय है ।

क्योकि इसकी मांग सिर्फ हमारे ही देश में नहीं, अपितु विदेशों में भी बराबर बनी रहती है । यही कारण है की, कोई भी व्यक्ति इस business में अपना लघु उद्योग, कुटीर उद्योग/ गृह उद्योग आदि स्थापित करके अपनी Kamai कर सकता है।

अगरबत्ती बिजनेस में बाँस एक प्रमुख समस्या

अगरबत्ती बनाने में जिस छड़ी का इस्तेमाल होता है उसे प्रमुख रूप से बाँस से बनाया जाता है । और आपको जानकर हैरानी होगी की भारत बाँस के उत्पादन में अग्रणी स्थान रखता है, लेकिन इसके बावजूद भी अगरबत्ती बिजनेस में जो बाँस की छड़ें इस्तेमाल में लायी जाती हैं, उन्हें बाहरी देशों से आयात करना पड़ता है।

अगस्त 2020 में हुई एक औद्यौगिक बातचीत में अगरबत्ती बनाने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली बाँस की छड़ों की कमी को एक प्रमुख समस्या के तौर पर देखा गया। क्योंकि आम तौर पर भारत Agarbatti Making Business में इस्तेमाल होने वाली राउंड बाँस की छड़ों को चीन और वियतनाम से आयात करता है।

आम तौर पर अगरबत्ती बनाने के लिए दो तरह के बाँस की छड़ों का इस्तेमाल स्क्वायर और राउंड छड़ों का इस्तेमाल किया जाता है । और भले ही भारत में बाँस का उत्पादन होता हो लेकिन जो बाँस की प्रजातियाँ अगरबत्ती के लिए राउंड और स्क्वायर छड़ें बनाने के लिए इस्तेमाल में लाये जाते हैं । उनका उत्पादन भारत में कम होता है, इन प्रजातियों में बंबुसा टुल्दा, बम्बुसा नूतन, बम्बुसा बालकूआ और बम्बुसा बांस इत्यादि शामिल हैं ।

बंबुसा टुल्दा बाँस की एक विशेष किस्म होती है जो उत्तर पूर्वी क्षेत्र और पूर्वी तट पर अधिक होती है। देश में अगरबत्ती से जुड़े उद्योगों को सरलता और उचित दरों पर कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए देश भर में बंबुसा टुल्दा बाँस की प्रजाति का रोपण करने की आवश्यकता है। ताकि वियतनाम और चीन पर निर्भरता कम हो सके।

कच्चा माल (Raw Material for Agarbatti Making) :

यहाँ पर हम अगरबत्ती बनाने के लिए Material का उल्लेख कर रहे हैं । इसमें हम एक किलो मिश्रण को केंद्र बिंदु मान के चल रहे हैं । अर्थात हम यह बताने की कोशिश कर रहे हैं, की यदि हमें एक किलो मिश्रण तैयार करना होगा तो हमें कौन कौन से material की कितनी मात्रा लेनी होगी ।

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Image : Agarbatti Making Business Plan in Hindi
  • छड़ियाँ – आवश्यकतानुसार
  • अगर की लकड़ी – 200 gm
  • चन्दन की लकड़ी – 300 gm
  • खस की जड़ –  50gm
  • कपूर कचरी की जड़ – 50 gm
  • देवदार और Marjoram की पत्तियां – 50 gm
  • गुलाब और clove flower – 50gm
  • इलायची और जावित्री के बीज – >50gm
  • लोबान, शिलाजीत                –  200gm
  • लकड़ी का कोयला, और रंग – 50 gm

उपर्युक्त सामग्री के आलावा बड़े पैमाने पर अगरबत्ती का प्रोडक्शन करने के लिए निम्नलिखित सामग्री का भी उपयोग किया जाता है ।

  • चारकोल पाउडर
  • जीगत पाउडर (Gigatu)
  • वाइट चिप्स पाउडर
  • कुप्पम डस्ट
  • DEP (DI Ethyl Phthalate)

अगरबत्ती बनाने के लिए मशीनरी और उपकरण    

अगरबत्ती बिजनेस शुरू करने के लिए आटोमेटिक मशीन, सेमी आटोमेटिक मशीन आती हैं। इसके अलावा अगरबत्ती का उत्पादन मैन्युअल तरीके से मात्र कुछ हस्तचालित उपकरणों को इस्तेमाल में लाकर भी किया जा सकता है।

लेकिन मैन्युअल तरीके से प्रति घंटा उत्पादन बेहद कम होता है, और उद्यमी को मैनपावर भी अधिक रखने की आवश्यकता होती है। यही कारण है की वर्तमान में इस तरह का बिजनेस करने वाले उद्यमी आटोमेटिक या सेमी आटोमेटिक मशीन का इस्तेमाल करते हैं।

सेमी आटोमेटिक मशीन की कीमत जहाँ 40 से 60 हजार के बीच होती है, वही आटोमेटिक मशीन की कीमत 90 हजार से 1.2 लाख तक हो सकती है। कुल मिलाकर देखा जाय तो उद्यमी को एक आटोमेटिक Agarbatti Making Machine के साथ Mixer Machine की भी आवश्यकता होती है। एक 100 किलो क्षमता वाले मिक्सर मशीन की कीमत 30-50 हजार रूपये हो सकती है।

अगरबती बिजनेस के लिए लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन  

बिजनेस चाहे कोई भी हो, उसे वैधानिक रूप से संचालित करने के लिए नियमों के मुताबिक रजिस्टर करने की आवश्यकता होती है। यही कारण है की  भारत में इस बिजनेस को क़ानूनी रूप से संचालित करने के लिए उद्यमी को अपने बिजनेस को रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज में प्रोप्राइटरशिप, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता होती है ।

यदि आप व्यक्तिगत स्वामित्व के तहत अगरबत्ती बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं, तो आप इसे प्रोप्राइटरशिप के तहत रजिस्टर कर सकते हैं। लेकिन इसमें आपकी व्यक्तिगत लायबिलिटी बढ़ जाती है, और बिजनेस के हर लेन-देन के लिए आप व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होते हैं।

व्यक्तिगत लायबिलिटी को कम करने के लिए आप चाहें तो शुरू में अपने अगरबत्ती बिजनेस को वन पर्सन कंपनी के तहत भी रजिस्टर कर सकते हैं । भारत में खुद की कंपनी कैसे रजिस्टर करें की पूर्ण प्रक्रिया यहाँ दी हुई है। इसके अलावा उद्यमी को अन्य रजिस्ट्रेशन भी कराने पड़ सकते हैं, जिनकी लिस्ट निम्न है।

  • उद्यमी यदि चाहता है की उसे विभिन्न सरकारी योजनाओं जो लघु और मध्यम उद्योगों के लिए शुरू हुई हैं उनका फायदा मिले तो वह अपने बिजनेस का उद्यम आधार रजिस्ट्रेशन भी करा सकता है।  
  • हर बिजनेस को टैक्स रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता होती है, भले ही आपका बिजनेस अनिवार्य जीएसटी रजिस्ट्रेशन की श्रेणी में इसकी टर्नओवर की वजह से नहीं आ रहा हो, लेकिन फिर भी आपको अपने व्यवसाय का टैक्स रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए।
  • यदि उद्यमी अपने Agarbatti Making Business को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करना चाहता है, तो उसे अपने व्यवसाय के Logo या व्यवसायिक चिन्ह को सुरक्षित रखने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • इसके अलावा यदि उद्यमी अपने उत्पाद को विदेशी बाज़ारों की तरफ निर्यात करने की योजना भी बना रहा है तो उसे इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • बिजनेस के नाम से पैन कार्ड और बैंक में बिजनेस अकाउंट या चालू खाता खुलवाना भी आवश्यक है।

अगरबत्ती कैसे बनायें (Process for Agarbatti Making):

Step1: ऊपर उल्लेखित Material को दी हुई मात्रा के हिसाब से, पूर्ण रूप से अच्छी तरह मिलाकर इसका मिश्रण तैयार किया जाता है ।

Step 2: उसके बाद इस मिश्रण में से पानी की मात्रा को कम करने के लिए छान लिया जाता है ।

Step 3: मिश्रण से पानी की मात्रा कम होने के बाद मिश्रण का जो अवशेष शेष बचता है | उसको अच्छी तरह गूँथ लिया जाता है, ताकि वह एक लस लसादार मिश्रण बनकर Sticks में आसानी से चिपक सके ।

Step 4: इस मिश्रण को किसी साफ़ ढलान वाले स्टूल पर फैला दिया जाता है ।

Step 5: Sticks को इस मिश्रण के साथ हल्का हल्का रगड़ दिया जाता है । और जब यह मिश्रण Sticks पर चढ़ जाता है | तो इन्हें सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है ।

उपर्युक्त विधि से आपको idea हो गया होगा, की अगरबत्ती किस तरह से बनायीं जाती है । और जो इस विधि में सामग्री दी गई है यह जरुरी नहीं है की अगरबत्ती बनाने में सिर्फ इसी सामग्री का उपयोग होता है । चूँकि अगरबत्ती का उद्देश्य सुगंध फैलाना होता है । इसलिए कोई भी व्यक्ति अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया में अन्य सुगन्धित ingredients का भी उपयोग कर सकता है ।

अगरबत्ती बाबाने की ट्रेनिगं कहाँ से लें?

अगरबत्ती बनाने का बिजनेस कम निवेश वाले बिजनेस की लिस्ट में शामिल है। और अगरबत्ती की माँग घरेलु और विदेशी बाज़ारों में हमेशा बनी रहती है, यही कारण है की Agarbatti Making Business शुरू करने की इच्छा रखने वाले युवाओं की भारत में कोई कमी नहीं है।

लेकिन एक सवाल जो उनके समक्ष आकर खड़ा हो जाता है, वह यह की वे अगरबत्ती बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए प्रशिक्षण कहाँ से लें। यदि आप भी अगरबत्ती बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आप इसका प्रशिक्षण खादी ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केन्द्रों से प्राप्त कर सकते हैं। ये प्रशिक्षण केंद्र स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत अगरबत्ती बिजनेस का प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।

FAQ (सवाल/जवाब)  

अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण कहाँ से लें?

वर्तमान में लगभग हर राज्य में खादी ग्रामोद्योग केंद्र स्थापित हैं, जहाँ से आप अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग ले सकते हैं।

अगरबत्ती बनाने के बिजनेस में कितनी लागत आएगी?

यह पूरी तरह उद्यमी पर निर्भर करता है, की वह अपने Agarbaati Business के लिए कौन सी मशीनरी का इस्तेमाल कर रहा है। मैन्युअल तरीके से अगरबत्ती बनाने पर इसे 60-80 हज़ार रूपये की शुरूआती लागत के साथ शुरू किया जा सकता है।  

अगरबत्ती बनाकर कहाँ बेचें?

अगरबत्ती की आवश्यकता हर घर, पूजा स्थल में होती है। इसलिए परचून की दुकानों, सुपर  स्टोरों इत्यादि में जाकर अगरबत्ती को आसानी से बेचा जा सकता है । इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड लेकर इसका निर्यात भी किया जा सकता है।

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