मसाला उद्योग कैसे शुरू करें | Spice Business Plan in Hindi.

मसाला उद्योग या Spice business की यदि हम बात करें, तो इंडिया को प्राचीनकाल से ही मसाले बनाने में महारत हासिल है | यही कारण है की अपने देश भारतवर्ष को मसालों का घर कहा जाता है | इंडिया में भिन्न भिन्न spices की अच्छी पैदावार होती है | जिनमे मुख्य रूप से मिर्च, धनिया, हल्दी, लहसुन, जीरा, पुदीना इत्यादि हैं |

ग्रामीण इलाकों में जहाँ इनकी पैदावार होती है, अधिकतर उन लोगों के द्वारा इनका उपयोग बिना संसोधित किये हुए किया जाता है | अर्थात हल्दी की गुठली, मिर्च, धनियाँ के पत्तों या बीज को एक पत्थर में पीसकर प्रयोग में लाया जाता है | जबकि शहरों में संसोधित मसालों अर्थात पाउडर का अत्यधिक उपयोग किया जाता है | अब धीरे धीरे पीसे हुए मसालों का चलन ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ रहा है | जो की मसाला उद्योग  को एक नए मुकाम तक पहुँचाने का सामर्थ्य रखता है |

मसाला उद्योग spice industry

मसाला उद्योग क्या है (What is spice business):

मसाला उद्योग से हमारा अभिप्राय उन उद्योगों से है, जिनमे भारतीय कच्चे मसालों को प्रसंस्कृत कर उन्हें खाने में सरलता से उपयोग करने हेतु, तैयार किया जाता है | मसाला उद्योग द्वारा अधिकतर मसालों को पाउडर के रूप में प्रसंस्कृत किया जाता है | ताकि खाना बनाते समय इनका आसानी से उपयोग हो सके | उदहारण के तौर पर इंडिया में वर्तमान में Everest, MDH, Catch इत्यादि spice industry से जुड़ी हुई कंपनियां हैं |

मसालों की लिस्ट और उत्पादन करने वाले राज्यों के नाम (List and state wise production of spices in India):

  • काली मिर्च : काली मिर्च का उत्पादन अधिकांशतः केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य द्वारा किया जाता है |
  • इलायची: इलायची दो प्रकार की होती है छोटी और बड़ी | जहाँ छोटी इलायची का उत्पादन उपर्युक्त राज्यों द्वारा किया जाता है | वही बड़ी इलायची का उत्पादन सिक्किम और पश्चिम बंगाल द्वारा किया जाता है |
  • अदरक : अदरक का उत्पादन विभिन्न राज्यों जैसे केरल, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, उड़ीसा, मेघालय, मध्य प्रदेश, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, हिमांचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, झारखण्ड, छतीसगढ़ द्वारा किया जाता है |
  • हल्दी : हल्दी भिन्न भिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, बिहार, मेघालय, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उड़ीसा में उत्पादित की जाती है |
  • मिर्च: मिर्च का उत्पादन अधिकांशतः मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उड़ीसा, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र राज्यों में किया जाता है |
  • धनिया : धनिये का उत्पादन मूल रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व राजस्थान में किया जाता है |
  • जीरा : जीरे का उत्पादन उत्तर प्रदेश, गुजरात व राजस्थान में किया जाता है |
  • सौंफ : सौंफ की पैदावार भी उपर्युक्त तीन राज्यों में ही होती है |
  • अजवायन : अजवायन की पैदावार मूल रूप से उत्तर प्रदेश व पंजाब में होती है |
  • लोंग : लोंग अधिकतर कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में होता है |
  • मेथी : मेथी का उत्पादन उत्तर प्रदेश, गुजरात व राजस्थान में होता है |
  • जायफल और जावित्री: इसका उत्पादन केरल, तमिलनाडु और केरल में होता है |
  • दालचीनी : केरल और तमिलनाडु में उत्पादित की जाती है |
  • केसर : केसर का उत्पादन जम्मू एंड कश्मीर में होता है |
  • वैनिला : केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य द्वारा उत्पादित किया जाता है |
  • लहसुन : कर्नाटक, राजस्थान, छतीसगढ़, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्य प्रदेश राज्यों द्वारा उत्पादन किया जाता है |
  • अजोवन : बिहार और जम्मू कश्मीर में पैदावार होती है |
  • सरसों : बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश में उत्पादित होती है |
  • सोया बीज : गुजरात और राजस्थान में पैदा की जाती है |
  • कोकम : एकमात्र राज्य कर्नाटक में पैदावार होती है |
  • तेजपत्ता : सिक्किम और अरुणांचल प्रदेश में पैदावार होती है |
  • अनार के बीज: महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों में पैदावार होती है |
  • हर्बल और विदेशी मसाले : तमिलनाडु |
  • कैम्बोज : केरल और कर्नाटक में पैदावार होती है |

मसालों के उपयोग (Uses of Spices) :

जैसा की आप सब को विदित है की spices या मसालों का उपयोग खाने में स्वाद की बढ़ोत्तरी हेतु किया जाता है | और यह केवल आपकी रसोई में नहीं, अपितु भारत की हर एक रसोई में देखने को मिलता है | अलग अलग खाना बनाने के लिए अलग अलग मसालों का उपयोग किया जाता है | लेकिन इनमे से कुछ मसाले जैसे हल्दी, मिर्च और धनिया पाउडर का उपयोग लगभग हर तरह के खाने में किया जाता है |

हल्दी का उपयोग न केवल खाने में बल्कि कुछ cosmetics दवाइयों के निर्माण में, textile उद्योग में और पेन्ट उद्योग में भी किया जाता है | उसी प्रकार मिर्च का उपयोग भी बहुत सारी दवाओं, और आचार, चटनी, केचप इत्यादि बनाने में किया जाता है | मसालों का दवा निर्माण में उपयोग होने का कारण इनके अन्दर carminative stimulating digestive गुण का होना है |

व्यापारिक अवसर (Business Scope in spice business):

स्पाइस इंडस्ट्री में आप Business scope का अनुमान इसी बात से लगा सकते हैं | की इंडिया में शहरों में शायद ही कोई ऐसी रसोई होगी | जहाँ आपको कोई कोई न कोई मसाले का पाउडर न मिले | धीरे धीरे यह चलन ग्रामीण भारत की ओर भी बढ़ रहा है | और ग्रामीण भारत में भी अब मसाला पिसने के बजाय, मसाले पाउडर का उपयोग होने लगा है |

हालाँकि मसाला बिजनेस के सबसे बड़े ग्राहक होटल, रेलवे और सेना की कैंटीन इत्यादि हैं | और यदि कोई लघु उद्योग अच्छी गुणवत्ता के मसाले उत्पादित कर सकता है, तो इस business में उत्पाद को निर्यात कराने की संभावना भी अधिकाधिक है |

मसाले बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to start Spice Business in India):

यह तो आप अच्छी तरह जानते होंगे की मसालों का इस्तेमाल हर घर, होटल एवं अन्य भोजनालयों पर बड़े पैमाने पर किया जाता है । हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए यहाँ कई तरह के मसालों का भी उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है । खुद का मसालों का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको कई कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है । जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण कदम निम्न हैं।

कच्चे माल की उपलब्धता का पता करें (Availability of raw Material):

मसालों का बिजनेस (Spice Business) शुरू करने के लिए आपको जो सबसे पहला और जरुरी कदम उठाने की आवश्यकता होती है। वह है आपको उस एरिया में कच्चे माल की उपलब्धता का पता करना है जहाँ पर आप इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। वैसे देखा जाय तो मसाले पीसे हुए और साबुत हर जगह उपलब्ध होते हैं, लेकिन जिस एरिया में आप इसे शुरू करना चाहते हैं वहां पर ये आपको उचित कीमतों पर उपलब्ध होने चाहिए। तभी आप मसालों के बिजनेस से लाभ कमा पाने में सफल हो पाएंगे।

इस व्यवसाय में आपको अधिकतर मसालों जैसे मिर्च, हल्दी, धनिया, मेथी इत्यादि को पीसने की आवश्यकता होती है, जबकि इनके अलावा अन्य भी कुछ मसाले ऐसे होते हैं जिनका इस्तेमाल साबुत भी किया जाता है। इनमें प्रमुख रूप से जीरा, मेथी, धनिया के दाने, राई के दाने, अजवायन, सौंप, इलायची इत्यादि शामिल हैं।

उचित जगह का प्रबंध करें   

यद्यपि मसालों का यह बिजनेस आप अपने घर के दो कमरों से भी शुरू कर सकते हैं। यदि आपके घर में दो कमरे खाली नहीं हैं तो आप किसी स्थानीय बाज़ार में दुकान किराये पर लेकर उसमें पार्टीशन कराके भी यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं। क्योंकि मसाला पिसने के इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीन भी आटा पीसने वाली मशीन की तरह होती है, जिसकी कीमत 25000 से 75000 रूपये के बीच कुछ भी हो सकती है।

इसके अलावा उद्यमी को मसालों को सोर्टिंग, फ़िल्टरिंग, पैकिंग करने के लिए भी जगह चाहिए होती है, इसलिए यदि उद्यमी के पास दो रूम होंगे तो एक रूम में मसालों की पिसाई और दुसरे रूम में अन्य सारे काम हो पाएंगे। आम तौर पर इस बिजनेस के लिए छोटे स्तर पर 200-250 वर्ग फीट जगह पर्याप्त रहती है ।

जरुरी लाइसेंस और पंजीकरण कराएँ (Get license for spice business):

यदि आप बिना किसी ब्रांड के ट्रांसपैरेंट पन्नियों में मसाला पीसकर उसे बेचना चाहते हैं, तो इसके लिए FSSAI License और टैक्स रजिस्ट्रेशन को छोड़कर शायद ही अन्य किसी प्रकार के रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होगी। लेकिन यदि इस बिजनेस में लम्बा जाने की सोच रहे हैं तो आपको निम्नलिखित लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर ही लेने चाहिए ।

बिजनेस रजिस्ट्रेशन – आप चाहें तो प्रोप्राइटरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, साझेदारी फर्म, हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक का चयन करके अपने बिजनेस को रजिस्टर करा सकते हैं।

टैक्स रजिस्ट्रेशन –  यद्यपि जब तक आपका बिजनेस एक निश्चित टर्नओवर को नहीं छूता है तब तक आपको इसकी आवश्यकता नहीं होती । लेकिन यदि आप इस बिजनेस में लम्बा चलने की सोच रहे हैं तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करा ही लेना चाहिए।

ट्रेड लाइसेंस – स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत इत्यादि से इस प्रकार के लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है।

पैन कार्ड – व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड के अलावा बैंक में चालू खाता खोलने की भी आवश्यकता होती है।

फ़ूड लाइसेंस – चूँकि या खाद्य से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए उद्यमी FSSAI License प्राप्त करने की भी आवश्यकता होती है।  

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन – यदि आप स्वयं का ब्रांड नाम स्थापित करके मसाला उद्योग (Spice Business) कर रहे हैं, तो आपको अपना ब्रांड नाम सुरक्षित करने के लिए इसकी भी जरुरत होगी।

उद्यम रजिस्ट्रेशन – हम सब जानते हैं की भारत सरकार MSME को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की योजनाएँ चलाती हैं। यदि आप सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्यम के तौर पर इन योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको यह पंजीकरण भी करान होगा।    

मशीनरी और अन्य उपकरण खरीदें (Machinery)

अब आपको अपना मसाला उद्योग स्थापित करने के लिए मशीनरी और उपकरणों को खरीदने की आवश्यकता होगी। हालांकि मसाला बनाने की मशीन की कीमत उसकी प्रति घंटा उत्पादन क्षमता के आधार पर अलग अलग हो सकती है। लेकिन शुरूआती दौर में आप किसी छोटी मशीन से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं, जिसे आप 30 से 50 हज़ार रूपये का इन्वेस्टमेंट करके आसानी से खरीद सकते हैं। इसके अलावा उद्यमी को कुछ छलनी जिनकी मदद से मसाले से कंकड़ पत्थर इत्यादि चीजो को दूर किया जा सके उनकी भी आवश्यकता होती है। और एक पैकेजिंग मशीन की भी आवश्यकता होती है।

कच्चा माल खरीदें (Raw Materials)

कच्चे माल की विस्तृत लिस्ट हमने इसी लेख में ऊपर दी हुई है। यदि आपके लिए शुरुआती दौर में उपर्युक्त दिए गए सभी मसालों पर काम करना संभव नहीं हो पा रहा है। तो आप कुछ खास खास मसालों जिनकी माँग सर्वत्र है पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं। इनमें हल्दी, मिर्च, धनिया, जीरा, अदरक, लहसुन इत्यादि शामिल है।

यदि आप एक ऐसे एरिया में इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर रहे हैं जहाँ पर खेती की जाती है और वह भी खास तौर पर मसालों की । तो आपके लिए अपने मसाला उद्योग हेतु कच्चे माल का प्रबंध करना बेहद आसान हो जाता है। क्योंकि आपको उचित कीमतों पर अच्छा माल अपने एरिया में ही मिल जाता है । जिसका प्रसंस्करण करने के बाद आप उसे अपने ब्रांड नाम के साथ बेच सकते हैं ।

उत्पादन शुरू करें और बेचें

मसालों को प्रसंस्करण करने की प्रक्रिया बेहद आसान है, इसमें कुछ मसाले ऐसे होते हैं जिन्हें आपको पीसना होता है, जबकि कुछ मसाले ऐसे होते हैं जिनसे आपको केवल अपशिष्ट जैसे कंकड़, पत्थर, मिटटी इत्यादि दूर करनी होती है। उदाहरण के लिए मिर्च, हल्दी, धनिया इत्यादि ऐसे मसाले हैं जिनको आपको पीसने की आवश्यकता होती है, जबकि जीरा, काली मिर्च, अजवायन, इलायची इत्यादि कुछ ऐसे मसाले हैं जिनमें से केवल अपशिष्ट दूर करने होते हैं ।

अपने मसाला उद्योग से उत्पादित उत्पादों को बेचने के लिए आप अपने एरिया में स्थित जनरल स्टोर, ग्रोसरी स्टोर, होटल, भोजनालय, ढाबे इत्यादि से संपर्क कर सकते हैं। यदि आपके मसाले अच्छी गुणवत्ता एवं स्वाद वाले हैं, तो आपको इन्हें बेचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि मसालों का उपयोग तो हर प्रकार के खाने में होता ही है।

मसाला उद्योग शुरू करने के लिए मशीनरी एवं उपकरण (Machinery and equipments for spices business):

इस उद्योग में उपयोग में लायी जाने वाली मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

  1. Cleaner: इसका काम कच्चे माल से कंकड़, पत्थर, धूल, मिटटी इत्यादि दूर करना होता है |
  2.  Dryer: मसालों को सुखाने वाली मशीन को dryer कहते हैं |
  3. Pulveriser or Grinding Machine: यह मशीन कच्चे माल को पाउडर के रूप में परिवर्तित करने का अर्थात मसाले पीसने का काम करती है |
  4. Powder Grader:  इस Grading Machine का काम पीसे हुए पाउडर को अलग अलग Grade में विभाजित करना होता है | सबसे बारीक पाउडर सबसे नीचे और सबसे मोटा पाउडर ऊपर रह जाता है |
  5. Bag Sealing Machine: मसाला उद्योग में  इस मशीन का उपयोग मसालों की पैकेजिंग हेतु किया जाता है |

मसाला बनाने की प्रक्रिया (Spices making process in Hindi):

  • कच्चे माल से अशुद्धियो जैसे धूल, मिटटी, कंकड़, पत्थर इत्यादि को दूर किया जाता है |
  • उसके बाद कच्चे माल को dryer या धूप के माध्यम से सूखा दिया जाता है |
  • उसके बाद इसको पीसने हेतु Pulveriser or Grinding Machine में डाला जाता है | और मसाले को अत्यंत बारीकी से पिसा जाता है |
  • उसके बाद Grading Machine के माध्यम से मसाले की ग्रेडिंग कर इसको बैग सीलिंग मशीन द्वारा पैक कर लिया जाता है |

मसाला उद्योग Spice industry इंडिया में और विस्तृत रूप इसलिए लेनी वाली है, क्योकि अभी ग्रामीण भारत में पूरी तरह से लोगो द्वारा spice powder उपयोग में नहीं लाया जा रहा है | लेकिन जैसे जैसे लोगो के रहन सहन में सुधार हो रहा है | वैसे वैसे लोग मसाले पिसने की बजाय मसालों के पाउडर का इस्तेमाल कर रहे हैं | इसलिए मसालों के बिजनेस में लघु उद्योग स्थापित करना फायदे का सौदा हो सकता है |

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