पेटेंट रजिस्ट्रेशन कैसे करें? Patent Registration in India.

Patent Registration की प्रक्रिया के बारे में तो हम वार्तालाप करते रहेंगे लेकिन सबसे पहले एक सरसरी निगाह डाल लेते हैं भारतवर्ष में पेटेंट अधिनियम के इतिहास पर, Patent Act की कहानी भारतवर्ष में स्वतंत्रता से भी काफी पुरानी है अर्थात भारत वर्ष में पेटेंट समबन्धि पहला विधान 1856 में क्रियान्वित किया गया |

इस विधान का उद्देश्य नए और उपयोगी निर्माण के आविष्कार को प्रोत्साहित करना और आविष्कारों को अपने आविष्कारों का रहस्य प्रकट करने के लिए प्रेरित करना था, ब्रिटिश क्राउन की मंजूरी के बिना अधिनियमित होने के कारण इस अधिनियम की जगह 1857 के अधिनियम IX ने ले ली | बाद में इस अधिनियम को 1859 में संसोधित किया गया |

सन 1872 में इस अधिनियम में एक और अधिनियम डिजाईनों की सुरक्षा से समबन्धित अधिनियम को समेकित कर दिया गया और इसका नाम ‘’पैटर्न और डिजाइन संरक्षण अधिनियम” रखा गया | उसके बाद भी इसमें 1883, 1888 में संसोधन हुए और 1911 में इस अधिनियम को The Indian Patents & Designs Act. की संज्ञा दी गई | उसके बाद भी भारत की स्वतंत्रता से पहले और बाद में इस अधिनियम में अनेकों बार संसोधन हुए इन अधिनियमों में अंतिम संसोधित अधिनियम The Patents (Amendment) Act 2005 है |

Patent Registration in India

Patent Registration Kya Hai:

भारत में Patent System पेटेंट अधिनियम 1970 के अंतर्गत शासित है | इसका मुख्य उद्देश्य लोगों की बौद्धिक सम्पदा (Intellectual property) को संरक्षण प्रदान करना है | ताकि जिस व्यक्ति का अविष्कार या आईडिया हो उसी के पास उसका मालिकाना अधिकार रहे | इसके अलावा देश की अर्थव्यवस्था में नवीनता एवं विकास लाना भी Patent Registration का उद्देश्य है |

कहने का तात्पर्य है की यदि किसी व्यक्ति के दिमाग में कुछ नया करने का विचार आ रहा हो या वह कुछ नया अविष्कार करना चाह रहा हो तो वह उस विचार या अविष्कार को कानूनी रूप से सुरक्षित रखने हेतु Patent Registration के लिए अप्लाई कर सकता है | यद्यपि Patent act 1970 में यह भी अधिनियमित किया गया है की किस प्रकार के अविष्कारों के लिए Patent Registration किया जा सकता है कहने का आशय यह है की किसी भी तुच्छ या प्राकृतिक नियमों के विपरीत अविष्कार या विचार के लिए Patent Registration नहीं किया जा सकता |

अविष्कार जो PATENT ABLE नहीं हैं |

  • तुच्छ एवं प्राकृतिक नियमों के विपरीत अविष्कार |
  • ऐसा अविष्कार जिसको प्राथमिक रूप से या जान बूझ कर व्यवसायिक शोषण के लिए आविष्कृत किया जा रहा हो | या फिर ऐसा अविष्कार जो सार्वजनिक आदेश, नैतिकता के विपरीत हो और जिससे पशु, पर्यावरण, मनुष्य इत्यादि को नुकसान हो सकता हो |
  • केवल एक वैज्ञानिक सिद्दांत की खोज, या एक सार सिद्दांत का निर्माण, किसी भी जीवित प्राणी की खोज या प्रकृति में रहने वाले गैर जीवित पदार्थों की खोज |
  • किसी ज्ञात पदार्थ के ही नए रूप की खोज जिसकी प्रभावकारिता में कोई वृद्धि न हो, किसी भी ज्ञात मशीन या उपकरण का नया रूप जब तक की वह एक नए उत्पाद के रूप में परिवर्तित न हो जाय या कम से कम किसी एक नए अभिकर्मक का प्रादुर्भाव न हो | उदाहरणार्थ: नमक, एस्टर, ईथर, पॉलीमोर्फ़, चयापचयों, शुद्ध रूप, कण आकार, isomers, isomers के मिश्रण, परिसरों, संयोजन और ज्ञात पदार्थों के अन्य डेरिवेटिव को एक ही पदार्थ माना जाएगा जब तक कि वे महत्वपूर्ण गुणों में प्रभावकारिता के समबन्ध में अलग नहीं होते |
  • केवल एक संमिश्रण द्वारा प्राप्त पदार्थ जो कि केवल एकत्रीकरण से उत्पन्न होता है
  • इसके घटकों के गुण या ऐसे पदार्थ बनाने की प्रक्रिया PATENTABLE नहीं होगी |
  • केवल व्यवस्था या पुन: व्यवस्था या ज्ञात उपकरणों का दोहराव भले ही वे दोनों एक ज्ञात तरीके से स्वतंत्र रूप से कार्य करते हों |
  • पेटेंट (संशोधन) अधिनियम, 2002 द्वारा छोड़े गए |
  • कृषि या बागवानी समबन्धि कोई विधि |
  • चिकत्सकीय की कोई भी प्रक्रिया जैसे औषधीय, शल्य चिकित्सा, रोगाणुरोधी, नैदानिक चिकित्सीय या मनुष्यों एवं जानवरों को रोगों से मुक्त रखने के लिए की जाने वाली चिकित्सकीय प्रक्रिया |
  • पौधों और जानवरों के सूक्ष्म जीवों के अलावा बीज, किस्मों और प्रजातियों सहित अनिवार्य रूप से जैविक प्रक्रियाएं जिन्हें पौधों या पशुओं की उत्पादकता एवं फैलाव (वंश वृद्धि) के लिए किया जाता हो |
  • एक गणितीय या व्यावसायिक पद्धति या एक कंप्यूटर प्रोग्राम या एल्गोरिदम |
  • एक साहित्यिक, नाटकीय, संगीत या कलात्मक काम या किसी भी अन्य सौंदर्य निर्माण
  • सिनेमाटोग्राफिक कार्यों और टेलीविजन प्रस्तुतियों सहित |
  • एक मात्र योजना या नियम या मानसिक कार्य करने या खेल खेलने की पद्धति की विधि |
  • जानकारी की प्रस्तुति |
  • एकीकृत परिपथों का स्थलाकृति |
  • एक आविष्कार जो पारंपरिक ज्ञान को प्रभावित करता हो, या जो परंपरागत रूप से ज्ञात घटक या घटकों के ज्ञात गुणों का एकत्रीकरण या दोहराव करता हो ।
  • परमाणु ऊर्जा से संबंधित आविष्कार Patentable नहीं हैं |
  • ऐसे अविष्कार जहाँ केवल पेटेंट करने वाली प्रक्रियाएं या तरीके बांये जाते हों |

पेटेंट रजिस्ट्रेशन के फायदे:(Advantage of Patent Registration)

Patent Registration के मुख्य रूप से निम्नलिखित फायदे हैं |

  • पेटेंट में पंजीकरण हुआ अविष्कार यदि आविष्कारक चाहे तो उसे किराये पर दे सकता है |
  • आविष्कारक चाहे तो उसे बेच सकता है |
  • आविष्कारक की आज्ञा के बिना उसके अविष्कार को कोई उपयोग में नहीं ला सकता है |
  • आविष्कारक उसे अपने किसी भी उद्देश की पूर्ति चाहे वह बिज़नेस सम्बन्धी हो या अन्य के लिए उपयोग में ला सकता है |
  • पेटेंट रजिस्ट्रेशन के माध्यम से अविष्कारकर्ता के अविष्कार को 20 वर्षों तक संरक्षण प्राप्त होता है उसके बाद उस अविष्कार को कोई भी उपयोग में ला सकता है |

Patent Registration ke liye kaise Apply Kare:

सामान्यतया Patent registration अपने अविष्कार को Patent Act के तहत पंजीकरण करने हेतु आवेदन करने की एक प्रक्रिया है | यह आविष्कारक को उसके अविष्कार को उपयोग में लाने का एकमात्र अधिकार मुहैया कराती है | चूँकि आविष्कारक के अविष्कार के साथ छेड़खानी हो सकती है या उसका अनधिकृत तौर पर उपयोग हो सकता है इसलिए आविष्कारक को चाहिए की वह अपने अविष्कार की संरक्षण प्राप्त करने के लिए Patent Registration के लिए Apply करे |

पेटेंट के लिए अप्लाई करने से पहले या दौरान कुछ महत्वपूर्ण क्रियाएं करनी पड़ सकती हैं जिनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार से है | या यूँ कहें की पेटेंट रजिस्ट्रेशन के लिए आविष्कारक को निम्नलिखित स्टेप अपनाने पड़ेंगे |


पेटेंट सर्च: आविष्कारक के दिमाग में जो भी विचार पेटेंट करने हेतु आ रहा हो हो सकता है वह विचार पहले से किसी ने पेटेंट किया हो इसी बात का निरीक्षण करने के लिए पेटेंट सर्च की आवश्यकता होती है |

क्योंकि यदि किसी व्यक्ति के दिमाग में वह विचार पेटेंट करने के लिए चल रहा है जिस विचार में पहले से किसी ने पेटेंट किया हुआ है तो इस स्थिति में पेटेंट जारी नहीं किया जायेगा | पेटेंट सर्च व्यक्ति के प्रयासों एवं समय को बचाएगा क्योंकि यदि पहले से उस आईडिया में कोई पेटेंट विद्यमान होगा तो दूसरा व्यक्ति अपना विचार बदल सकता है और अपनी बुद्धि एवं समय किसी और दिशा में लगा सकता है | इस वेबसाइट की मदद से पेटेंट सर्च प्रक्रिया को अंजाम दिया जा सकता है |

Patent domicile: ऐसे पेटेंट जो भारत में पंजीकृत होंगे भारतवर्ष में ही वैध माने जायेंगे | अर्थात कहने का आशय यह है की यह किसी व्यक्ति के अविष्कार को भारत में ही संरक्षण प्रदान करेगा, अन्य देशों में यह पेटेंट मान्य नहीं होगा | यद्यपि यह संभव है की अविष्कार को अन्य देशों में भी संरक्षित किया जा सकता है उसके लिए आविष्कारक को अलग अलग देशों के लिए अलग अलग एप्लीकेशन भरकर अप्लाई करना होगा |

Patent Application File करना: अब चूँकि उद्यमी ने पेटेंट सर्च एवं Domicile का चुनाव कर लिया है इसलिए उद्यमी का अगला कदम Patent Registration के लिए पेटेंट एप्लीकेशन फॉर्म-1 भरने का होना चाहिए |

Patent Review: Application received होने पर भारत सरकार के अधीन कार्यरत पेटेंट कार्यालय आवेदन का रिव्यु करते हैं | वे सामान्यतया इस बात का निरीक्षण करते हैं की कहीं ऐसा तो नहीं की उससे मिलते जुलते आईडिया पर वे पेटेंट किसी को पहले ही जारी कर चुके हों | जब उन्हें लगता है की अविष्कार सबसे अलग एवं Patentable है तो वे उस आवेदन के लिए पेटेंट जारी करते हैं |

जब आविष्कारक को पेटेंट जारी कर दिया जाता है उसके बाद पेटेंट की वेबसाइट पर एप्लीकेशन की स्थिति को अपडेट कर लिया जाता है | यह सब प्रक्रिया पूर्ण होने में 6 महीने से 1.5 साल तक का समय लग सकता है |

यह भी पढ़ें

Leave a Comment