प्रिंटिंग व्यापार कैसे शुरू करें। 6 easy Steps to Start Printing Business.

India में Printing business दिनोदिन प्रगति की राह पर अग्रसित है | इसका मुख्य कारण विभिन्न Products की पैकेजिंग, लेबलिंग एवं प्रिंट मीडिया का बढ़ता उपयोग है | इसके अलावा किसी वस्तु विशेष को Customize करने की इच्छा रखना, और हर वस्तु में कुछ न कुछ अंकित करवाना भी इस बिज़नेस के लिए हमेशा एक अच्छे अवसर के रूप में सामने आता है |

एक आंकड़ें के मुताबिक Print Volume के मामले में इंडिया विश्व में 2018 तक पांचवें नंबर पर होगा, जबकि अभी वर्तमान में इसका स्थान दसवें नंबर पर है | इस आंकड़े से अंदाज़ा लगाया जा सकता है, की आने वाले समय में Printing business में वर्तमान से और अधिक संभावनाओं का जन्म होने वाला है | 

आंकड़ा यह भी बताता है की वर्तमान में इंडिया में प्रिंटिंग का व्यापार लगभग 54 हज़ार करोड़ रूपये है, जो आने वाले एक वर्ष में अर्थात 2017 तक 78 हज़ार करोड़ रूपये पर पहुँच सकता है | इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं की आने वाले समय में Printing business में अपार संभावनाएं है, अगर व्यक्ति चाहे तो इस business को कोई Shop rent पर लेके या फिर अपने Home से भी आसानी से Start कर सकता है |

प्रिंटिंग बिजनेस क्या होता है:

Hindi में Printing का अर्थ छपाई या मुद्रण से लगाया जाता है, जिसका मतलब है की किसी वस्तु, पेपर इत्यादि में छपाई की प्रक्रिया प्रिंटिंग कहलाती है | यह छपाई किसी भी वस्तु, पेपर, कार्डबोर्ड बॉक्स, कपड़ो इत्यादि में हो सकती है | प्रिंटिंग बिजनेस से हमारा आशय ग्राहक के इच्छानुसार या बताये गए किसी डिजाईन, Text, रेखाचित्र, फोटो इत्यादि को किसी वस्तु पर छापकर उसके बदले ग्राहक से पैसे लेकर अपनी कमाई करने से है | प्रिंटिंग व्यापार के अनेकों रूप जैसे   Xerox/Paper printing, Textile printing, wallpaper printing, cardboard box printing, flex printing इत्यादि हो सकते हैं | लेकिन इस बिज़नेस के सभी रूपों का उद्देश्य छपाई अर्थात मुद्रण करना ही होता है |

Printing business work-cycle
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प्रिंटिंग बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Printing Business):

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं, यह एक ऐसा बिज़नेस है, जिसे यदि व्यक्ति चाहे तो अपने Home से भी Start कर सकता है | लेकिन इससे पहले उद्यमी को चाहिए की इस बिज़नस के प्रति वह राष्ट्रीय/राज्यीय एवम स्थानीय नियमों पर एक नज़र डाले, वैसे तो Small Scale पर इस बिजनेस को करने के लिए उद्यमी को किसी प्रकार की लाइसेंस के आवश्यकता नहीं होती, फिर भी एक बार उद्यमी को सम्बंधित विभाग से इस बारे में अवश्य पता करना चाहिए |

1. माँग पर रिसर्च करें (Research on Demand within Area):

चूँकि हम पहले ही बता चुके हैं, की इस व्यवसाय के बहुत सारे स्वरूप हो सकते हैं, इसलिए उद्यमी को चाहिए की सबसे पहले वह अपने एरिया में यह रिसर्च करे की लोग किस प्रकार की प्रिंटिंग उससे करवा सकते हैं | उदाहरणार्थ :यदि उस एरिया के लोग उद्यमी को लगता है की कपड़ों में प्रिंटिंग करवाएंगे, तो उद्यमी को Screen Printers की आवश्यकता हो सकती है |

इसके अलावा यदि उद्यमी को लगता है की बहुत Large scale में डॉक्यूमेंट पर प्रिंटिंग होगी, तो Offset Printing मशीन का use प्रभावी हो सकता है | इसके अलावा विनायल Sign बोर्ड इत्यादि में बड़े Inkjet प्रिंटर से भी Printing सम्भव है | उपर्युक्त उदहारण से स्पष्ट है, की उद्यमी को सबसे पहले उस एरिया में स्थापित लोगों की मांग का विश्लेषण करना चाहिए जिससे उद्यमी निर्णय ले सके की उसके बिज़नेस के लिए कौन कौन सी मशीनें उपयुक्त रहेंगी |

2. लाइसेंस के लिए चेक करें (Check for License):

उसके बाद उद्यमी को चाहिए की जिस Area में वह Printing business start करने जा रहा है, उस एरिया में वह नगर निगम, नगर पालिका, महानगरपालिका,  ग्राम पंचायत, विकास खंड  इत्यादि के ऑफिस में जाकर यह पता लगाए की क्या इस बिज़नेस के लिए उस एरिया में किसी प्रकार के कोई लाइसेंस की जरुरत तो नहीं है |

वैसे सामन्यतया इंडिया में इस प्रकार का बिज़नेस small scale पर करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है | उस Particular एरिया में यदि लाइसेंस की आवश्यकता है, तो उद्यमी को चाहिए की वह सम्बंधित विभाग से License लेकर ही अपना business start करे |

3. व्यवसाय को रजिस्टर करें (Register your business name):

यदि उद्यमी चाहता है, की उसके बिजनेस का नाम भविष्य में किसी अन्य व्यक्ति या कंपनी द्वारा उपयोग में न लाया जाय तो उद्यमी इस नाम को सुरक्षित करने हेतु अपने बिज़नेस के नाम को Registrar of companies में विभिन्न बिज़नेस Entities में से किसी एक का चयन कर register करवा सकता है | यह प्रक्रिया (Process) उद्यमी चाहे तो ऑनलाइन भी कर सकता है, या फिर Registrar of companies के ऑफिस में जाकर भी इस प्रक्रिया (Process) को अंजाम तक पहुँचाया जा सकता है |

4. किराये पर दुकान लें (Rent a shop or start from your home):

यह सब प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उद्यमी को printing business start करने के लिए चाहिए की वह या तो अपने home में ही इतनी जगह खाली करवा के रखे, जिसमे उसकी मशीन, कंप्यूटर इत्यादि को आसानी से operate किया जा सके, या फिर कोई एक shop किसी नजदीकी Market में अपने बिज़नेस के लिए रेंट पर ले, जहां से वह इस business को आसानी से चला सके |

5. मशीनरी और कंप्यूटर खरीदें (Purchase Computers and Machinery):

इस business को start करने हेतु अगला step कंप्यूटर, उपकरण एवम मशीनरी की खरीदारी करने का है | उद्यमी को चाहिए की वह अपनी आवश्यकतानुसार विभिन्न विक्रेताओं से मशीनरी एवम उपकरणों की Quotation मंगवाए | और एक दिन समय निकाल कर सबका विश्लेषण कर अपने मशीनरी एवम उपकरणों हेतु विक्रेता का चुनाव करके, अपने व्यापार हेतु मशीनरी एवं उपकरण ख़रीदे |

6. मार्केटिंग कीजिये (Promote your Printing Business)

अब Last step लेकिन इस business को success बनाने हेतु Marketing का है | उद्यमी अपने बिज़नेस को अधिक लोगों तक पहुँचाने और अधिक ग्राहक पाने के लिए विभिन्न मार्केटिंग के तरीकों को आजमा सकता है | इस बिजनेस की Marketing करते वक्त कभी भी या अधिकतर तौर पर उद्यमी को अपने Targeted customers से यह सुनना पड़ सकता है, की हमारे पास पहले से ही Printing Vendor है | और आप चौथे Printer हैं, जो काम के बारे में मेरे से पूछ रहे हैं |

लेकिन फिर भी उद्यमी को चाहिए की वह कम से कम अपना Business card तो अपने targeted customers को अवश्य पकड़ाए | इसके अलावा उस ख़ास एरिया में उद्यमी को अपने Competitors का पता होना भी जरुरी है | जिससे उद्यमी इन सब बातों को ध्यान में रखकर अपने Printing business की Marketing Strategy बना सके |

प्रिंटिंग बिजनेस को सफल कैसे बनाएँ (How to be successful in printing business):

प्रिटिंग बिजनेस को सफल बनाने के तरीके इस बिजनेस के प्रकार और लोकेशन के हिसाब से अलग अलग हो सकते हैं। यानिकी एक ऐसा प्रिंटिंग बिजनेस जिसमें उद्यमी शादी के कार्ड, बिल बुक, विजिटिंग कार्ड, आईडी कार्ड इत्यादि की प्रिंटिंग कर रहा हो उसको सफल बनाने के अलग तरीके और एक ऐसा बिजनेस जिसमें उद्यमी फ्लेक्स, बैनर इत्यादि की प्रिंटिंग कर रहा हो उसे सफल बनाने के अलग तरीके। इसके अलावा यदि उद्यमी प्रिंटिंग से सम्बंधित सभी सुविधाएँ प्रदान कर रहा हो तो उसके बावजूद भी शहर के हिसाब से इसको सफल बनाने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं।

जैसे एक ऐसा शहर जहाँ पर उद्योग एवं बहुत सारे निजी ऑफिस उपलब्ध हों वहां इस बिजनेस को सफल बनाने के तरीके एक ऐसे शहर या नगर से अलग हो सकते हैं, जहाँ पर सरकारी और निजी ऑफिस या उद्यम मौजूद न हों। इसके बावजूद हम यहाँ पर कुछ ऐसे टिप्स की बात करेंगे, जिन्हें उद्यमी अपने प्रिंटिंग व्यवसाय (Printing Business) को सफल बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

  • अपने एरिया में स्थित कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेज का भ्रमण करें, और उन्हें अपने बिजनेस के बारे में बताएं क्योंकि स्कूल, कॉलेज को अपने वहां पढने वाले बच्चों के लिए आईडी कार्ड इत्यादि प्रिंटिंग कराने की आवश्यकता होती है।
  • और निजी एवं सरकारी कार्यालयों को कई तरह के लिफाफे अपनी कंपनी के logo के साथ, लैटर हेड, किसी विशेष इवेंट या कार्यक्रम में फ्लेक्स प्रिंटिंग, कर्मचारियों के लिए आईडी कार्ड एवं विजिटिंग कार्ड इत्यादि छपवाने की आवश्यकता होती है। आप इन कंपनियों के एडमिनिस्ट्रेशन विभाग से संपर्क कर सकते हैं ।
  • यदि आपका काम शादी के कार्ड, बिल बुक इत्यादि छपवाना है, तो आप अपने एरिया में स्थित घरों में अपना पम्पलेट बनाकर बाँट सकते हैं। और ध्यान रहे यह तब करें जब शादियों के सीजन शुरू होने वाला हो, उससे पहले ही करें क्योंकि शादी के कार्ड लोगों द्वारा पहले ही छपवा लिए जाते हैं। और बिल बुक के लिए आपको दुकानदारों एवं व्यापारियों से संपर्क करना होगा ।

प्रिंटिंग के काम में कई गलतियाँ हो सकती हैं, इसलिए इस काम को प्रिंटिंग पर लेने से पहले ग्राहक की स्वीकृति अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की प्रिंटिंग करने से पहले उसका आर्टवर्क बनाकर ग्राहक को भेजें और उस पर उसकी ईमेल इत्यादि के माध्यम से लिखित स्वीकृति लें। खास तौर पर तब जब आप किसी कंपनी के साथ काम कर रहे हों।          

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