पीपीएफ खाता क्या है? इसके फायदे, नियम, ब्याज दरों सहित पूरी जानकारी।

PPF Account in Hindi : लोक भविष्य निधि यानिकी पीपीएफ की शुरुआत राष्ट्रीय बचत संगठन द्वारा 1968 में छोटी छोटी बचत को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी। यह योजना जहाँ एक तरफ आयकर लाभ प्रदान करती है वही दूसरी तरफ अन्य बचत की तुलना में एक अच्छा रिटर्न भी देती है । यही कारण है की लोक भविष्य निधि योजना के अंतर्गत निवेश करना एक अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है ।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने रिटायरमेंट या बुढ़ापे के दिनों के लिए छोटी छोटी बचत करके पैसे जुटाने को प्रोत्साहित करना था, ताकि बुढ़ापे में लोग अपने आप को असहाय महसूस न कर सकें। इस योजना में पैसे का निवेश एक साथ या इनस्टॉलमेंट दोनों के माध्यम से किया जा सकता है।

और कम से कम 500 एवं अधिक से अधिक 150000 रूपये तक प्रति वर्ष इसमें निवेश किये जा सकते हैं, इसलिए निवेश की यह योजना पीपीएफ समाज के हर वर्ग को लक्ष्यित करके बनाई गई स्कीम है ।

Features of PPF Account
A risk free investment in PPF Account

पीपीएफ अकाउंट क्या है :

PPF Account in Hindi: जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में चर्चा कर चुके हैं की भारत सरकार के राष्ट्रीय बचत संगठन द्वारा पीपीएफ अधिनियम 1968 के अंतर्गत पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड स्कीम की स्थापना हुई थी। उसके बाद इस स्कीम में समय समय पर कई बार संसोधन किये गए हैं लेकिन जो अंतिम संसोधन इस स्कीम में हुआ है वह 2016 में हुआ इसलिए इस स्कीम को ”लोक भविष्य निधि योजना 2016” की संज्ञा दी गई है।

यदि हम PPF को सरकार द्वारा समर्थित दीर्घकालिक लघु बचत योजना, जो असंगठित क्षेत्र या अन्य क्षेत्रों में कार्यकारी श्रमिकों एवं कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति सुरक्षा प्रदान देने का काम करती है कहें तो गलत नहीं होगा। जब किसी श्रमिक या अन्य व्यक्ति द्वारा पीपीएफ योजना के अंतर्गत निवेश किया जाता है, जिस बैंक या डाकघर में वह निवेश करता है उनके द्वारा उस अमुक व्यक्ति या महिला का खाता खोला जाता है, जिसे PPF Account कहते हैं।

पीपीएफ खाते में कितना पैसा जमा करना पड़ेगा

जैसा की हम सब जानते हैं लोक भविष्य निधि खाते में अन्य बचत योजनाओं की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है। और यह एक सुरक्षित निवेश है, और लोगों में बचत की भावना की प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा नियंत्रित एवं संचालित है। इसलिए इस स्कीम के तहत निवेश करने की सीमा निर्धारित की गई है। अपने पीपीएफ अकाउंट में पैसे जमा करने के लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • कोई भी व्यक्ति जो सालाना कम से कम 500 रूपये जमा करने का सामर्थ्य रखता है, वह अपना PPF Account खोल सकता है। यानिकी यह खाता खोलने के लिए आपको मासिक तौर पर केवल 50 रूपये की आवश्यकता होती है।
  • एक साल में कम से कम 500 और अधिक से अधिक 1.5 लाख रूपये पीपीएफ खाते में जमा किये जा सकते हैं।
  • हो सकता है की किसी वित्त वर्ष में आप अपने पीपीएफ खाते में 500 रूपये भी जमा नहीं कर पाए, तो इस स्थिति में आपका खाता बंद हो सकता है। उसे दुबारा चालू कराने के लिए आपको न्यूनतम अमाउंट के साथ 50 रूपये अलग से पेनल्टी अमाउंट भरना होता है।
  • यदि आप कई वर्षों तक न्यूनतम अमाउंट यानिकी 500 रूपये अपने पीपीएफ खाते में जमा नहीं कर पाते हैं, तो इस स्थिति में आपको प्रत्येक वर्ष के लिए अलग से 50, 50 रूपये पेनल्टी न्यूनतम अमाउंट के साथ भरनी होगी ।
  • आप अपने पीपीएफ खाते में साल में अपनी सुविधानुसार कितनी भी बार पैसा जमा कर सकते हैं। लेकिन हर बार जमा की गई राशि 50 रूपये से कम नहीं होनी चाहिए। और एक वित्तीय वर्ष में जमा राशि 1.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

PPF Account में जमा पैसा वापस कब मिलेगा?

इस तरह की यह योजना भारत सरकार द्वारा लोगों को बचत की ओर प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। इसलिए इसमें ऐसा नहीं है की यदि पीपीएफ में आपने पैसे जमा किये, तो आप इन्हें कभी भी निकाल सकते हैं।

बल्कि पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड के तहत आपका पैसा 15 सालों के लिए जमा होता है, और जब इसे 15 साल हो जाते हैं, तो आप अपना जमा पैसा और अर्जित ब्याज दोनों निकाल सकते हैं। लेकिन इसके अलावा इस खाते में जमा पैसों की निकासी को लेकर कुछ अन्य नियम भी हैं, जो निम्न हैं।

5 साल पूरे होने के बाद आधे पैसे निकाल सकते हैं

PPF Account Rules in Hindi : अब आप सोच रहे होंगे की हमारा पैसा हम ही नहीं निकाल सकते, तो इसका क्या फायदा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यदि बीच में कभी आपको पैसों की सख्त आवश्यकता हो जाती है, और आपके पीपीएफ खाते को खोले हुए 5 सालों की अवधि पूरी हो चुकी है, तो आप उसमें कुल जमा में से आधे पैसे निकाल सकते हैं ।

मान लीजिये की आपने वित्त वर्ष 2022-2023 में अपना खाता खोला है, तो आप 1 अप्रैल 2028 के बाद पीपीएफ में जमा पैसों का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं । जहाँ तक 50% तक निकालने का सवाल है इसकी गणना जिस वित्त वर्ष में आपने निकासी के लिए आवेदन किया हो, उससे पहले के वित्त वर्ष के अंत में यानिकी चौथे वर्ष के अंत में उपलब्ध कुल जमा PPF का आप 50% हिस्सा तक निकाल सकते हैं ।

पीपीएफ पर ऋण भी मिलता है  

हालाँकि ऋण की सुविधा आपको खाता खुलवाते ही नहीं मिल जाती, बल्कि खाता खुलवाने के तीसरे वित्तीय वर्ष से पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड पर ऋण की सुविधा भी मिलती है। उदाहरण के लिए यदि आप वित्तीय वर्ष 2022-2023 में अपना पीपीएफ अकाउंट खुलवाते हैं, तो 1 अप्रैल 2025 से आपको इस पर ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी।

यदि आप अपने पीपीएफ खाते से पैसे ऋण के रूप में लेते हैं, तो आपको इन पैसों को 1% सालाना ब्याज क साथ 36 महीनों के अन्दर अन्दर भरना होता है। लेकिन यदि आप ऋण लिया हुआ पैसा 36 महीनों यानिकी तीन साल के अन्दर नहीं चुका पाते हैं, तो फिर लिए गए ऋण पर ब्याज की दर बढ़कर 6% सालाना हो जाएगी।

मेच्योरिटी से पहले पीपीएफ खाता बंद करने के नियम

PPF New Rules in Hindi: लोक भविष्य निधि खाते से सम्बंधित ये प्रश्न बार बार आता है की क्या इसे बीच में भी बंद किया जा सकता है। पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड के नियमों के मुताबिक कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे 5 वर्ष पूर्ण होने पर बीच में भी बंद किया जा सकता है। वे विशेष परिस्थितियाँ इस प्रकार हैं।

  • यदि खाताधारक को कोई गंभीर बीमारी हो गई हो।
  • यदि खाताधारक स्वयं को या अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहता हो।
  • यदि खाताधारक ने किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त कर ली हो या वह NRI हो गया हो।    

यद्यपि बीच में यानिकी 15 साल पूरे होने से पहले उपर्युक्त बताये गए किसी भी कारणवश पीपीएफ अकाउंट बंद करने पर आपको जमा पूँजी पर पूरा ब्याज नहीं मिलता है । जमा पूँजी पर मिलने वाले ब्याज में 1% की कटौती की जाती है।

क्या 15 साल की मेच्योरिटी के बाद भी खाते को जारी रख सकते हैं?

पीपीएफ सबसे सुरक्षित एवं ज्यादा ब्याज देने वाली बचत योजनाओं में से एक है। इसलिए कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें 15 साल बाद भी पैसों की उतनी आवश्यकता नहीं होती, ऐसे में वे अपने पीपीएफ खाते को आगे जारी रखना चाहते हैं। तो प्रश्न यह उठता है की क्या यह संभव है?

जी हाँ बिलकुल संभव है आप मेच्योरिटी के बाद भी अपने खाते की अवधि को अगले 5 वर्षों के लिए बढ़ा सकते हैं। और यदि उन 5 सालों के बाद भी आपको पैसे की जरुरत नहीं है, तो आप इसे और एक बार अगले 5 सालों के लिए बढ़ा सकते हैं। और इस प्रक्रिया को आप बार बार कर सकते हैं।

दूसरी बात यह है की इस अवधि को आप चाहें तो पैसे जमा करते हुए, यानिकी जैसे पहले चल रहा था। और चाहें तो आप पैसे जमा करना बंद भी कर सकते हैं। दोनों तरीकों में से किसी एक को अपनाकर आप अपने PPF Account की अवधि को अगले 5 सालों के लिए बढ़ा सकते हैं।

अच्छी बात यह है की अवधि बढ़ाने के बाद भी आप अपने खाते से बीच में जरुरत पड़ने पर पैसे निकाल सकते हैं। लेकिन यदि आपने पैसे जमा करने के साथ अवधि बढाई हो, तो उसके लिए अलग नियम, और यदि आपने पैसे जमा करना बंद करके अवधि बढाई हो, तो उसके लिए अलग नियम निर्धारित हैं।

  1. यदि आपने मेच्योरिटी पूरी होने बाद भी अपने खाते का विस्तार पैसे जमा करने वाले विकल्प को चुनकर किया हो। तो जितना अमाउंट आपके खाते में अवधि बढ़ाने के दौरान था, उसका 60% तक आप निकाल सकते हैं। आप इसे अपनी सुविधानुसार एकमुश्त या किश्तों में, कैसे भी निकाल सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे एक वित्तीय वर्ष में केवल एक बार ही पैसा निकाल सकते हैं।
  2. यदि आपने अपने PPF Account की अवधि को मेच्योरिटी पूरी होने के बाद बिना पैसे जमा किये विकल्प का चुनाव करके अगले 5 सालों के लिए बढ़ाया है, तो आप बीच में जब चाहे, जितना चाहे पैसे निकाल सकते हैं। लेकिन एक वित्तीय वर्ष में केवल एक ही बार पैसा निकाल सकते हैं।

पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए पात्रता :

Eligibility Criteria to open PPF Account in Hindi :

  • कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक हो वह अपने या किसी नाबालिग की तरफ से खाता खोल सकता है ।
  • अनिवासी भारतीय यानिकी Non-resident Indians (NRI) भारत में पीपीएफ खाता खोलने के पात्र नहीं हैं। यद्यपि ऐसे NRI जिन्होंने पहले से PPF में निवेश किया हो और वे बाद में NRI बन गए हों वे इस पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड स्कीम के अंतर्गत नॉन-प्रत्यावर्तन आधार पर अपनी फंड की परिपक्वता तक सदस्यता जारी रख सकते हैं ।
  • 13 मई 2005 के बाद हिंदू अविभाजित परिवार इस योजना के तहत कोई खाता नहीं खोल सकते हैं ।
  • नाबालिग खाते के अलावा किसी एक व्यक्ति के नाम से केवल एक ही खाता खोला जा सकता है ।

निवेश करने की सीमा (Investment Limits):

  • इस स्कीम के अंतर्गत कम से कम 500 यानिकी महीने में 50 रूपये से भी कम एवं अधिक से अधिक 150000 रूपये तक सालाना निवेश किये जा सकते हैं ।
  • निवेश कर रहे व्यक्ति को साल में 5 लाख से ज्यादा निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि उससे ज्यादा के अमाउंट में न तो ब्याज मिलेगा और न ही आयकर अधिनियम के अनुसार कर में छूट ।
  • निवेश किये जाने वाला अमाउंट एकमुश्त या Installments दोनों के माध्यम से जमा किया जा सकता है।

खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज :

कोई भी व्यक्ति जो लोक भविष्य निधि खाता खोलना चाहता हो निम्न में से किसी भी वित्तीय संस्थान में जाकर यह खाता खुलवा सकता है।

  • भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहायक बैंकों की किसी भी शाखा में संपर्क करके।
  • नामित राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाओं में संपर्क करके।
  • डाकघरों में संपर्क करके ।

पीपीएफ खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • खाता खोलने के लिए निर्धारित फॉर्म जिसका नाम फॉर्म A है चाहिए हो सकता है।
  • पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ ।
  • पैन कार्ड एवं आधार कार्ड की प्रति।
  • पता प्रमाण पात्र के तौर पर आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली बिल इत्यादि चाहिए हो सकता है।

ब्याज दरों की लिस्ट :

Interest Rates on PPF in Hindi : वर्तमान में पीपीएफ पर ब्याज दरों की बात करें तो 1 अप्रेल 2016 से इस पर तिमाही ब्याज देना सुनिश्चित किया गया है, जबकि पहले यह सालाना था यदि हम पिछले एक दशक की बात करें तो इसकी ब्याज दरों में काफी उतार चढ़ाव आये हैं, किसी वर्ष उच्च ब्याज दर और किसी वर्ष ब्याज की दर कम होती रही है। कुछ सालों में भुगतान किये गए ब्याज की दरों का विवरण निम्नवत हैं।

वित्तीय वर्ष (Financial Year)ब्याज दर (Interest Rate)
2022-2023  7.1%
2021-2022  7.1%
2020-2021  7.1%
2019-2020  अप्रैल से जून तक 8%, जुलाई से मार्च 2020 तक 7.9%
2018-2019  अप्रैल से सितम्बर तक 7.6%,  अक्टूबर से मार्च 2019 तक 8%
2017-20187.9%
2016-20178.1%
2015-20168.7%
2014-20158.7%
2013-20148.7%
2012-20138.8%
2011-20128.6%
2010-20118.0%
2009-20108.0%
2008-20098.0%

पीपीएफ खाते के नियम :

PPF Acount New Rules in Hindi (2022):

  • यह योजना पन्द्रह वर्षों की एक योजना है कहने का आशय यह है की इस योजना के अंतर्गत निवेश की Maturity की अवधि 15 वर्ष है। इसलिए इस योजना के अंतर्गत खाते की परिपक्वता 15 वर्ष पूरे होने के बाद ही होगी। यद्यपि खाते की परिपक्वता के बावजूद भी इसे आगे पांच सालों की अवधि के लिए विस्तारित किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को परिपक्वता के बाद एक वर्ष के भीतर Form H सबमिट करके अंजाम दिया जा सकता है।
  • पहले इस पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड स्कीम के अंतर्गत समय से पूर्व खाता बंद करने की तब तक आज्ञा नहीं थी जब तक की कोई विशेष परिस्थति जैसे अभाग्यवश किसी ग्राहक की मृत्यु न हो जाय। ग्राहक की मृत्य होने के बाद नामित व्यक्ति या महिला को इसका लाभ मिलता था। लेकिन Public Provident Fund Scheme (Amended) 2016 के अनुसार कोई निवेशकर्ता अपना या किसी नाबालिग के खाते को निम्न परिस्थतियों में समय से पहले बंद करा सकता है लेकिन इस स्थिति में उसे मिलने वाली ब्याज की दर विभिन्न वर्षों में लागू ब्याज की दर से 1% कम होगी।
  • यदि व्यक्ति को पैसों की जरुरत अपने, अपने पति पत्नी के या फिर उस पर जो निर्भर हैं उनकी गंभीर बीमारी, जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए चाहिए हों तो इस स्थिति में सम्बंधित दस्तावेज जमा करके खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है।
  • यदि खाताधारक को पैसो की जरुरत उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए है तो सम्बंधित दस्तावेज एवं फीस के बिल दिखाकर पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद किया जा सकता है ।
  • अपने पूरे जीवनकाल में किसी नाबालिग के खाते को छोड़कर एक व्यक्ति केवल एक ही खाता इस पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड स्कीम के अंतर्गत खोल सकता है। यदि कहीं पर ऐसा पाया जाता है की एक व्यक्ति के दो खाते हैं तो एक खाता तुरंत बंद कर दिया जायेगा, और खाताधारक को केवल उतना ही पैसा मिलेगा जितना उसे जमा किया हुआ था।
  • हालांकि जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं कोई व्यक्ति किसी नाबालिग के तरफ से खाता खोल सकता है।
  • साल में कम से कम निवेश करने की सीमा 500 रूपये एवं अधिक से अधिक 5 लाख है । PPF Rule के मुताबिक कोई भी व्यक्ति चाहे उसका वह अपने नाम से खाता हो या फिर किसी नाबालिग का खाता जहाँ व्यक्ति अभिभावक की भूमिका में हो साल में 1.5 लाख से अधिक की इन्वेस्टमेंट नहीं कर सकता। इसलिए यदि कोई व्यक्ति जिसके दो बच्चे हैं और उसका खुद का एवं दो बच्चों का भी PPF Account है इस स्थिति में व्यक्ति तीनों खातों में मिलकर एक साल में केवल 1.5 लाख रूपये ही निवेश कर पायेगा। हालांकि तकनीकी रूप से, यह संभव है कि प्रत्येक इस प्रकार के खातों में 1.5 लाख रुपये तक जमा किये जा सकते हैं, लेकिन जिस दिन यह बात सामने आ गई की वे सारे खाते किसी एक व्यक्ति या उसकी फॅमिली से ही सम्बद्ध रखते हैं तो उस स्थिति में बढे हुए अमाउंट पर ब्याज देय नहीं होगा।
  • पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड स्कीम के अंतर्गत एकमुश्त या किस्तों में निवेश किया जा सकता है एक साल में 12 किस्तें (यानिकी प्रति महीने एक किश्त) दी जा सकती हैं।
  • परिपक्वता पर सम्पूर्ण अमाउंट निकाला जा सकता है और अर्जित किया हुआ ब्याज कर मुक्त होगा।

पीपीएफ अकाउंट के फायदे :

Benefits of PPF Account in Hindi :

इस बचत योजना के तहत खाता खुलवाने के बहुत सारे फायदे हैं, इनमे से कुछ मुख्य फायदों की लिस्ट निम्नवत है।

  • पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड स्कीम के अंतर्गत खाता खुलवाने के लिए किसी विशिष्ट योग्यता की जरुरत नहीं है निवेश कर रहा व्यक्ति भारतीय नागरिक होना चाहिए और खाता खोलने की प्रक्रिया भी बेहद सरल है। खाता खोलने का इच्छुक व्यक्ति किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या डाकघर में जाकर इस कार्य को संपन्न कर सकता है।
  • यदि खाताधारक एवं खाताधारक पर निर्भर सदस्य स्वस्थ्य हैं अर्थात उन्हें कोई गंभीर बीमारी उन 15 सालों के भीतर नहीं लगती है तो खाताधारक के पास एक अच्छा खासा अमाउंट जमा हो सकता है जिसे वह अपने लक्ष्यों की पूर्ति एवं जिम्मेदारियों के निर्वहन में लगा सकता है।
  • Public Provident Fund (Amended) Scheme 2016 में यह प्रावधान किया गया है की खाताधारक किसी गंभीर बीमारी के इलाज एवं उच्च शिक्षा पाने के लिए 1% की पेनाल्टी के साथ PPF खाते में जमा पैसे निकाल सकता है।
  • पीपीएफ में मिलने वाला ब्याज वर्तमान में 7.1% है जो विभिन्न बचत योजनाओं के मुकाबले बेहतर है।
  • इस स्कीम के अंतर्गत निवेश, निवेश पर अर्जित हुआ ब्याज पूरी तरह कर से मुक्त है।
  • PPF Account को प्रबंधित करना बेहद आसान है इसमें निवेश करने वाला व्यक्ति कम से कम 500 रूपये प्रति वर्ष और अधिक से अधिक 5 लाख जमा करा सकता है यह व्यक्ति चाहे तो एकमुश्त या फिर किश्तों में अदा कर सकता है।
  • इस स्कीम के अंतर्गत आर्थिक रूप से बेहद पिछड़ा वर्ग भी अपनी बचत कर सकता है क्योंकि महीने में 50 रूपये से भी कम इन्वेस्ट किये जा सकते हैं।
  • पीपीएफ के आधार पर बैंकों से लोन मिल सकता है।

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड स्कीम भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा चालित योजना है, इसलिए इसके अंतर्गत निवेश जोखिम से मुक्त है ।

यह भी पढ़ें: