दुकान एवं प्रतिष्ठान रजिस्ट्रेशन| Shops and Establishment Act in Hindi.

Shops and Establishment act मुख्यतः असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी एवं नियोक्ताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है | इस अधिनियम का मुख्य उद्देश असंगठित रोजगार के क्षेत्र से जुड़े नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों को उनका वैधानिक दायित्व एवं अधिकार देना था |

इसके अलावा Shops and Establishment act का उद्देश्य दुकानों, व्यवसायिक स्थापनों, आवसीय होटलों, रेस्टोरेंट, भोजनालयों, थिएटरों एवं सार्वजनिक मनोरंजन के अन्य स्थलों इत्यादि में काम एवं रोजगार की स्थिति को विनियमित करना भी है |

इस अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक राज्य अपनी राज्य की स्थिति के मुताबिक स्वयं के नियम निर्धारित कर सकता है इसलिए अलग अलग राज्यों में काम के घंटे, छुट्टियों, सरकारी अवकाश, सर्विस के नियमों, दैनिक मजदूरी इत्यादि में असमानता देखने को मिल सकती है |

दुकान एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में रोजगारित कर्मचारियों की मजदूरी, काम के घंटे, छुट्टियाँ, अवकाश, सर्विस एवं अन्य काम की स्थितियों को विनियमित करने हेतु Shops and Establishment act की संरचना की गई है |

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शॉप्स एंड एस्टाब्लिश्मेंट एक्ट क्या है :

Shops and Establishment act का हिन्दी में शाब्दिक अर्थ दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम होता है | यह एक ऐसा अधिनियम है जिसकी संरचना मजदूरी का भूगतान, छुट्टियाँ, सर्विस के नियमो, अवकाश एवं अन्य काम की स्थितियों को विनियमित करने के लिए हुई है | यह अधिनियम सरकार के श्रम विभाग द्वारा विनियमित किया जाता है |

और इस अधिनियम के दायरे में वे सारे व्यवसायिक स्थल आते हैं जहाँ किसी भी प्रकार का कोई बिज़नेस या व्यवसाय किया जा रहा हो |

Shops and establishment नामक इस अधिनियम के दायरे में सिर्फ वाणज्यिक प्रतिष्ठान ही नहीं आते अपितु ऐसी सोसाइटी, चैरिटेबल ट्रस्ट, मुद्रण प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान जिन्हें लाभ कमाने के उद्देश से चलाया जा रहा हो भी आते हैं | इनके अलावा ऐसे स्थल जहाँ बैंकिंग, insurance, शेयर ब्रोकरेज इत्यादि क्रियाएं की जा रही हों भी इस अधिनियम के अंतर्गत विनियमित की जा सकती हैं |

Shops and Establishment act के तहत विनियमित परिसर:

किसी भी राज्य में सभी दुकानें एवं वाणज्यिक प्रतिष्ठान जो राज्य के अंतर्गत क्रियाशील हैं इस अधिनियम के अंतर्गत आते हैं | Shops and Establishment act में  Shops से अभिप्राय ऐसे स्थल से है जहाँ वस्तुओं को फुटकर या थोक के तौर पर बेचा जाता है | इसके अलावा ऐसे स्थल जहाँ कोई सेवा ग्राहक को दी जाती है चाहे वह ऑफिस हो, स्टोर रूम हो, वेयर हाउस हो, गो डाउन हो या फिर अन्य कोई कार्यकारी स्थल सभी इस अधिनियम के अंतर्गत विनियमित हैं |

वाणज्यिक प्रतिष्ठानों, आवासीय होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय, थिएटर, मनोरंजन के अन्य स्थलों को भी इस अधिनियम के अंतर्गत रखा गया है | आगे चलकर भारत सरकार चाहे तो अन्य प्रतिष्ठानों को भी इस अघिनियम के अंतर्गत कर सकती है जिसकी सूचना शासकीय राजपत्र में दी जाती है |

हालांकि प्रत्येक राज्य ने Shops and Establishment act के लिए अपने अपने नियम तैयार किये हुए हैं और राज्य सरकार चाहे तो अपने राज्य में इस अधनियम से दुकानदारों, व्यवसायिक लोगों को किसी निश्चित अवधि के लिए छूट दे सकती है या स्थायी तौर पर भी इस अधिनियम में उल्लेखित नियमों से छूट दे सकती है | यद्यपि फैक्ट्रियों पर यह अधिनियम लागू नहीं होता है फैक्ट्रियों के लिए अलग सा अधिनियम Factories Act 1948 अधिनियमित है |

शॉप्स एंड एस्टाब्लिश्मेंट एक्ट के मुख्य प्रावधान:

  • दूकान एवं प्रतिष्ठानों के लिए काम शुरू करने के 30 दिनों के अन्दर अन्दर अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान |
  • बिज़नेस या काम बंद कर देने की स्थिति में 15 दिनों के अंतर्गत काम या बिज़नेस बंद कर देने की सूचना देने का प्रावधान |
  • दैनिक एवं साप्ताहिक कार्य के घंटों का ब्यौरा रखने का प्रावधान |
  • कर्मचारियों के बीच दूकान शुरू करने का समय, समापन का समय, अंतराल का समय, राष्ट्रीय एवं धार्मिक छुट्टियों, दुकान बंद दिन, ओवर टाइम इत्यादि की जानकारी बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश बनाने का प्रावधान |
  • महिलाओं बच्चों, युवा लोगों के रोजगार के लिए नियम |
  • न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करने का प्रावधान |
  • वार्षिक छुट्टी, मातृत्व छुट्टी, बीमारी और आकस्मिक छुट्टी आदि के लिए नियम |
  • रोजगार और सेवा की समाप्ति के लिए नियम |
  • नोटिस का प्रदर्शन और रजिस्टरों और रिकॉर्ड का रखरखाव |
  • नियोक्ता के दायित्व |
  • कर्मचारियों के दायित्व |

Shops and Establishment act द्वारा विनियमित मुख्य पहलू:

यह अधिनियम दूकान एवं प्रतिष्ठान सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं को विनियमित करता है | इनमे मुख्य पहलुओं की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

  • कार्यकारी घंटे |
  • आराम एवं खाने के लिए अन्तराल का समय |
  • बाल मजदूरी को रोकने का नियम |
  • दैनिक काम शुरू करने एवं बंद करने का समय |
  • साप्ताहिक अवकाश |
  • अवकाश के लिए मजदूरी |
  • मजदूरी के भुगतान की स्तिथि एवं समय |
  • मजदूरी से कटौती |
  • छुट्टियों की नीति |
  • बर्खास्तगी |
  • कार्यक्षेत्र में स्वच्छता |
  • आग से बचने के लिए सावधानियां |
  • दुर्घटना |

How to apply for Shops and Establishment Act registration:

सभी दूकानों एवं प्रतिष्ठानों के बिज़नेस के मालिकों को अपना बिज़नेस Shops and Establishment act के तहत रजिस्टर कराना अनिवार्य है हालांकि बिज़नेस के मालिको को चाहिए की वह अपने राज्य में चालित Shops and Establishment act की जानकारी जुटा ले क्योंकि इस अधिनियम के अलग अलग राज्य में अलग अलग नियम विद्यमान हो सकते हैं |

इस अधिनियम पर ऑनलाइन जानकारी लेने के लिए Business Owner समबन्धित राज्य के श्रम विभाग (Labor Department) की वेबसाइट पर जा सकते हैं | जहाँ तक Shops and Establishment act के अंतर्गत Registration की बात है |

नियोक्ता (Employers) को निर्धारित फॉर्म के साथ निर्धारित फीस अपने स्थानीय क्षेत्र के इंस्पेक्टर के ऑफिस में जाकर सबमिट करानी पड़ती है | यह रजिस्ट्रेशन बिज़नेस स्टार्ट करने के 30 दिनों के भीतर कराना होता है | निर्धारित फॉर्म में निम्नलिखित जानकारी स्थानीय क्षेत्र के इंस्पेक्टर को देनी पड़ सकती है |

  • नियोक्ता का नाम, यदि है तो प्रबंधक का नाम भी |
  • स्थापना का पोस्टल पता |
  • प्रतिष्ठान का नाम |
  • कांटेक्ट डिटेल्स ईमेल आईडी, टेलीफोन नंबर इत्यादि |
  • बिज़नेस की प्रकृत्ति |

Application received हो जाने के बाद स्थानीय क्षेत्र का इंस्पेक्टर आवेदन की सटीकता एवं शुद्धता का सत्यापन करेगा | जब वह आवेदन की सटीकता एवं शुद्धता से पूर्ण रूप से संतुष्ट हो जायेगा तो उसके बाद इंस्पेक्टर द्वारा आवेदक कर्ता द्वारा दी गई डिटेल्स Establishment Register में दर्ज की जायेगी और आवेदक कर्ता को प्रतिष्ठान पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा |

यह प्रमाण पत्र 5 सालों के लिए वैध होगा, और उसके बाद इसे Renew किया जा सकेगा | जब बिज़नेस करने वाले व्यक्ति को प्रमाण पत्र मिल जाता है तो वह चाहे तो उसे अपने परिसर में डिस्प्ले करवा सकता है | जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं यदि बिज़नेस करने वाला व्यक्ति अपने बिज़नेस को बंद करता है |

Shops and Establishment act के मुताबिक उसे बंद करने की तिथि से 15 दिनों के अन्दर अन्दर लिखित सूचना स्थानीय क्षेत्र के इंस्पेक्टर को देनी होती है और पंजीकरण प्रमाण पत्र वापिस करना होता है | सत्यापित करने के बाद इंस्पेक्टर प्रतिष्ठान का नाम रजिस्टर से हटा देगा |

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