सिंगल पॉइंट रजिस्ट्रेशन योजना । Single Point Registration Scheme by NSIC in Hindi.

National Small Industries Corporation (NSIC) द्वारा अति लघु उद्योगों और लघु उद्योगों का Registration उसकी Single Point registration scheme के अंतर्गत करवाया जाता है। ताकि सरकार Registered अति लघु उद्योग लघु उद्योगों से सरकारी खरीदारी नीति के आधार पर उत्पाद खरीद सके।

Single Point registration scheme

क्योंकि  भारत में, भारत सरकार एकमात्र बहुत सारी वस्तुओं की बहुत बड़ी खरीदार है। इस खरीदारी में लघु उद्योगों द्वारा उत्पादित माल का हिस्सा बढ़ाने हेतु वर्ष 1955-56 में Stores खरीदारी कार्यक्रम की स्थापना की गई। जिसमे वर्ष 2012 में कुछ संसोधन करके अति लघु उद्योगों और लघु उद्योगों के लिए उपयोगी बनाया गया।

रजिस्ट्रेशन के लाभ (Benefits of Single point Registration):

  • योजना के अंतर्गत पंजीकृत होने वाली इकाई सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सार्वजनिक खरीद नीति 2012 के अनुसार लाभ प्राप्त कर पाएंगे।
  • लागत मुक्त टेंडर जारी करना।
  • अति लघु उद्योगों, लघु उद्योगों को बयाना जमा के भुगतान से छूट।
  • टेंडर में भाग लेने हेतु, लघु उद्योगों द्वारा दी गई कोटेशन अन्य बड़ी कंपनियों के Price से 15% अधिक हों तो भी उनको 20% खरीदारी में हिस्सा मिलने का प्रावधान है।
  • 1 अप्रेल 2015 से केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए, सरकारी खरीदारी निति जिसमे 20% खरीदारी अति लघु उद्योगों, लघु उद्योगों और 4% खरीदारी अनुसूचित जाति/ जनजाति से जुडी इकाइयों से करने का प्रावधान है, का अनुपालन अनिवार्य कर दिया गया है।
  • इसके अलावा 358 वस्तुओं को सिर्फ अति लघु उद्योगों, लघु उद्योगों से खरीदेने के लिए रिज़र्व किया गया है।
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पात्रता (Eligibility criteria for Single point registration scheme):

  • जिन अति Laghu Udyog, लघु उद्योगों का उद्योग निदेशक (Director of industries), जिला उद्योग केंद्र (District Industries Center) में निर्माणकर्ता/सेवादाता के रूप में पंजीकरण है। और उनके पास उद्यमी ज्ञापन की रसीद (Acknowledgement of Entrepreneurs Memorandum  Part II) है | ऐसी इकाइयाँ इस योजना के अंतर्गत Registration कराने के पात्र हैं।
  • ऐसे Laghu Udyog जो अपना उत्पादन तो शुरू कर चुके हैं, लेकिन उन्हें स्थापित हुए एक साल का समय नहीं हुआ है। इस तरह की इकाइयों को सिंगल पॉइंट स्कीम के अंतर्गत सामयिक प्रमाण पत्र जिसकी वैधता एक साल होगी, 5 लाख की Monetary Value के साथ जारी किया जा सकता है।

आवेदन कैसे करें (How to Apply):

अति लघु उद्योग, Laghu Udyog से जुड़े उद्यमी अपने उद्यम को इस स्कीम के साथ जोड़ने के लिए Online और Offline दोनों तरीको से आवेदन कर सकते हैं।

Online: online apply  करने के लिए उद्यमी को  इस NSIC की Website पर जाना होता है । उसके बाद फॉर्म में पूछी गई details को भर के, और आवश्यक documents को attached करके  submit करना होता है।

Offline: एवम offline apply करने के लिए आवेदनकर्ता को सर्वप्रथम इस Link से एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड करना होता है। उसके बाद इस फॉर्म में अपनी डिटेल्स भरके और इसके साथ आवश्यक फीस की Receipt एवम अन्य कागजाद संग्लन करके NSIC के नज़दीकी ब्रांच ऑफिस में जमा करना होता है।

रजिस्ट्रेशन शुल्क (Registration Fee):

Registration की फीस नवीनतम ऑडिट की गई balance sheet में टर्नओवर के हिसाब से तय होगी। फिर भी फीस का ढांचा अलग अलग उद्योगों के लिए कुछ इस प्रकार से है।

यदि किसी इकाई का टर्नओवर 100 लाख अर्थात 1 करोड़ रूपये तक है। तो इस योजना के अंतर्गत registration fee  रूपये 5000 होगी।

यदि किसी इकाई का turnover 1 करोड़ से अधिक है, तो प्रथम 1 करोड़ पर 5000 और उसके बाद हर करोड़ पर 2000 रूपये अतिरिक्त पंजीकरण फीस लागु होगी।

Registration Fee में सर्विस टैक्स सम्मिलित नहीं है, इसलिए सर्विस टैक्स अलग से एप्लीकेबल होगा।

यदि उद्यमी मशीनरी की मात्रा और गुणवत्ता में कोई संसोधन करता है तो इस स्थिति में प्रमाण पत्र में  मौद्रिक सीमा में बदलाव करने के लिए उपयुक्त दी गई फीस का 50% charge किया जायेगा।

प्रमाणपत्र को Renew कराते वक्त भी फीस का 50% चार्ज किया जायेगा।

योग्यता प्रमाण पत्र (Competency Certificate) जारी करने की रूपये 5000 फीस होगी ।इसके अलावा Inspection Charge और टैक्स अतिरिक्त चार्ज किये जायेंगे।

अनुसूचित जाति/जनजाति की इकाइयों को फीस में 20% तक की सब्सिडी दी जाएगी। लेकिन निरीक्षण एजेंसी द्वारा चार्ज की जाने वाली फीस में किसी प्रकार की कोई सब्सिडी नहीं होगी।

अति लघु उद्योगों के लिए इंस्पेक्शन फीस 6000 रूपये और लघु उद्योगों के लिए 8000 रूपये निर्धारित की गई है। जिसमे टैक्स अलग से लगेगा। 

माइक्रो एवं लघु उद्यमों की मौद्रिक सीमा (Monetary Limit) की  गणना और निर्धारण करने की प्रक्रिया।

हालांकि अति लघु उद्योगों, लघु उद्योगों की मौद्रिक सीमा (Monetary limit) का निर्धारण और गणना उनकी Sales टर्नओवर पर निर्भर करता है। इसलिए Single point registration scheme के अंतर्गत मौद्रिक सीमा का निर्धारण पिछले तीन सालों का Turnover के आधार पर तय किया जायेगा ।

पिछले तीन सालों में, जिस साल में सबसे अधिक टर्नओवर होगा मौद्रिक सीमा उसी के हिसाब से तय की जाएगी। क्योकि हो सकता है पिछले साल इकाई ने अपने परिचालन क्षमता या मशीनरी में कमी की हो। यदि इकाई ने मशीनरी एवम उपकरणों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की होगी तो पिछले तीन वर्षो में जो सबसे अधिक टर्नओवर होगा इकाई की मौद्रिक सीमा उसकी 50% होगी। यदि प्लांट और मशीनरी में 10% से अधिक की कमी उद्यमी द्वारा की गई होगी, तो उस इकाई की मौद्रिक सीमा निम्नवत होगी।


a. यदि इकाई का turnover साल दर साल बढ़ रहा हो, और इकाई अच्छा लाभ कमा रही हो तो पिछले साल के टर्नओवर का 50% उसकी मौद्रिक सीमा होगी।

b. यदि इकाई तीन सालों में से केवल एक साल नुकसान में चली है, तो इस स्तिथि में तीन सालों के औसत टर्नओवर का 40% उसकी मौद्रिक सीमा होगी ।

c. यदि इकाई तीन सालों में से दो साल नुकसान में है, तो उसकी मौद्रिक सीमा तीन सालो के औसत टर्नओवर का 30% होगा ।

d. यदि इकाई पिछले तीन सालो से नुकसान उठा रही है, तो उसके तीन सालो के औसत टर्नओवर का 20% उसकी Monetary limit होगी ।

Single Point registration scheme के अंतर्गत Fresh Registration ke liye documents:

  • Entrepreneurs Memorandum Part-II की Acknowledgement की कॉपी।
  • स्वयं द्वारा सत्यापित की गई स्वामित्व या Lease deed की कॉपी।
  • उद्यमी declaration जिसमे उसको यह डिक्लेअर करना पड़ेगा, की उसका किसी बड़े क्षेत्र के उद्योग से कोई लिंक नहीं है। और यदि लिंक है तो उसकी डिटेल उस declaration में भरनी होगी।
  • स्टॉक में उपलब्ध उत्पादित माल और कच्चे माल की लिस्ट।
  • यदि उपयुक्त हो तो BIS सर्टिफिकेट की कॉपी।
  • यदि इकाई, आपूर्ति एवं निपटान मुख्यालय महानिदेशालय (DGS&D) में या अन्य किसी सरकारी संगठन में पंजीकृत हो तो उसकी कॉपी।
  • यदि उपयुक्त हो तो इकाई द्वारा माल बेचने के बाद कौन कौन से स्थानों में सेवाएं दी जा रही है उन स्थानों का वर्णन।
  • प्रोडक्शन और सर्विस में लगे कर्मचारियों की लिस्ट।
  • Quality Control के उपयोग में लायी जाने वाली उपकरणों और Facility की लिस्ट।
  • नवीनतम बिजली बिल की copy।
  • Audit की हुई balance sheet जिसमे Profit और loss का विवरण हो।
  • पिछले तीन सालों का खाते का विवरण जो अधिकृत व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित और मुहर लगी हुई हो।
  • Pan Card की कॉपी।

Firm Status hetu Documents proof:

इस Scheme के अंतर्गत Registration करवाने के लिए भिन्न भिन्न business entities के लिए भिन्न भिन्न documents proof दिखाने या जमा करने पड़ेंगे।

यदि अति लघु उद्योग, Laghu udyog Partnership के तहत चलाया जा रहा है, तो उपर्युक्त documents के अलावा निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स की भी आवश्यकता होगी।

  • Partners की General Power of Attorney ।
  • Partnership Deed ।
  • Registrar of firm से पार्टनर्स के नाम पर Form- A ।

यदि Private Limited Company है तो ।

  • विधिवत प्रमाणीकृत Incorporation प्रमाण पत्र ।
  • विधिवत प्रमाणीकृत Memorandum and Articles of Association ।
  • डायरेक्टर्स के नाम, एड्रेस और उनकी शेयर होल्डिंग का विवरण ।
  • Application और Documents Signatory हेतु तैयार किया गया Board Resolution ।

Cooperative Societies के लिए ।

  • Registration of societies का प्रमाण पत्र ।
  • Societies के नियम कानूनों की प्रति ।
  • सदस्यों के नाम, पते, और उनकी शेयर होल्डिंग का विवरण ।
  • Registrar of societies से Society का वर्तमान प्रमाण पत्र ।
  • Authorized share capital और subscribe share capital की detail।
  • Society की Movable और Immovable property का विवरण।
  • सरकारी खरीद नीति के अंतर्गत registration करने हेतु Society का Resolution।
  • Application और Documents Signatory हेतु Society का Resolution।

Registration Renewals ke liye documents:

Single point Registration Scheme के अंतर्गत किये गए Registrations को renew कराते समय निम्न documents की आवश्यकता होगी।

  • पुराने Certificate की Original कापी ।
  • Entrepreneurs Memorandum Part-II की कापी ।
  • फर्म के लैटर हेड पर दो सालों में सरकार से मिले और पूरे किये गए Orders का विवरण।
  • पिछले तीन सालों की Audit की हुई Balance Sheet।
  • Application form का Annexure ‘C’ CA द्वारा Signed करके।
  • शुरूआती Registration के बाद प्लांट में जोड़ी गई मशीनरी और कम की गई मशीनरी की लिस्ट।
  • अति लघु उद्योग, Laghu Udyog द्वारा हस्ताक्षरित Annexure D और

वह इकाई जिसकी मौद्रिक सीमा 10 करोड़ से अधिक हो, और उस इकाई का NSIC या Agency द्वारा निरिक्षण न किया हो, इस स्तिथि में निरीक्षण से पहले Renewal नहीं होगा। और निरीक्षण करने के लिए फीस निम्नवत होगी।

  • अति लघु उद्योगों (Micro Enterprises) के लिए निरीक्षण फीस 6000 रूपये होगी | जिसमे ट्रेवल का खर्चा और सर्विस टैक्स सम्मिलित है।
  • लघु उद्योगों (Small Enterprise) के लिए निरीक्षण फीस 8000 रूपये होगी । जिसमे ट्रेवल का खर्चा और सर्विस टैक्स सम्मिलित है । 
    Single point registration scheme के अंतर्गत जारी किया गया प्रमाण पत्र अर्थात Certificate दो वर्षों के लिए वैध होगा । और हर दो साल में इसको Renew करवाना पड़ेगा ।

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