Trademark क्या होता है | और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कैसे करें |

Trademark Registration पर बात करना इसलिए जरुरी हो जाता है क्योंकि ट्रेडमार्क को हम किसी बिज़नेस का व्यापारिक चिन्ह भी कह सकते हैं इसकी उपयोगिता इसलिए बढ़ जाती है, क्योंकि उद्यमी द्वारा बाज़ार में उसके बिज़नेस का नाम एवं चिन्ह बड़ी मेहनत करके स्थापित किया जाता है ऐसे में यदि उसके व्यापारिक चिन्ह का उपयोग किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कर दिया गया तो उसकी वर्षों की, की गई मेहनत को चोट पहुँच सकती है |

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन किसी भी बिज़नेस को करने के लिए कानूनन जरुरी नहीं होता लेकिन जब बात व्यापारिक चिन्ह को सुरक्षित करने की आती है तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन जरुरी हो जाता है ताकि कोई अन्य उस व्यापारिक चिन्ह का उपयोग अपने व्यापार के लिए न कर सके |

कल्पना कीजिये की आप अपने बिज़नेस का नाम, ब्रांड इत्यादि की शाख बनाने के लिए वर्षों से मेहनत कर रहे हैं किन्तु आपने अपने बिजनेस का ट्रेडमार्क नहीं कराया है और एक दिन ऐसी स्थिति आती है जब आपको पता चलता है की इस नाम या ब्रांड से तो पहले से कोई ट्रेडमार्क पंजीकरण करके बिज़नेस कर रहा है तो उद्यमी की वर्षों से की गई मेहनत पल भर में खराब हो सकती है |

क्योंकि जो Trademark पहले से Register है कोई अन्य उद्यमी वही trade Mark दुबारा Register नहीं कर सकता | इसलिए बाज़ार में अपना ब्रांड नाम स्थापित करने के लिए ट्रेड मार्क पंजीकरण जरुरी हो जाता है |

Trademark Registration and-Information-in-Hindi

ट्रेड मार्क क्या है (Trademark kya hai) :

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की Hindi में Trade का अर्थ व्यापार एवं Mark का अर्थ चिन्ह से लगाया जाता है | यही कारण है की हम Trademark को Hindi में किसी बिज़नेस का व्यापारिक चिन्ह कह सकते हैं | साधारण शब्दों में किसी बिज़नेस का ट्रेडमार्क उसका ब्रांड नाम, या Logo हो सकता है | यद्यपि Trade Marks के बहुत सारे प्रकार जैसे Product mark अर्थात ऐसा चिन्ह जो उत्पाद या वस्तु पर छापा जाता है ताकि उस कंपनी के उत्पाद को बाज़ार में आसानी से पहचाना जा सके |

जैसे Maggi ®, Pepsi®, इत्यादि | इसके अलावा Shape Mark, Pattern Mark, Sound Mark, Service mark इत्यादि भी Trade Mark के प्रकार हैं | कहने का तात्पर्य है कोई भी दृश्यक चिन्ह जैसे कोई शाब्दिक हस्ताक्षर, नाम, यंत्र, लेबल, आंकड़ा एवं रंगों का कोई समूह किसी उद्यमी द्वारा अपने बिज़नेस को अन्य बिज़नेस से अलग रखने हेतु एवं मार्किट में अपनी शाख बनाने हेतु Trademark के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है | सामान्य बोलचाल की भाषा में Trade Mark को Brand name के नाम से जाना जाता है |

Trademark के लिए कौन कौन अप्लाई कर सकता है :

कोई भी व्यक्तिगत उद्यमी, कंपनी, एकल स्वामित्व वाली कंपनी, पार्टनरशिप कंपनी या अन्य कोई भी स्थापित क़ानूनी इकाई trade mark के लिए apply कर सकते हैं | Trademark के लिए application form भारत सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट IPI India पर उपलब्ध हैं | Prescribed format में यह application भरकर Registrar of trademark के ऑफिस में जमा करवाकर बाद में स्वीकृति मिल जाने पर उद्यमी अपने बिज़नेस या उत्पाद के लिए ® चिन्ह का उपयोग कर सकता है |

Trademark Registration  के लिए औपचारिकतायें पूरी होने में लगभग डेढ़ साल से दो साल तक का समय लग सकता है, इस बीच जिस कंपनी, उद्यमी या अन्य किसी क़ानूनी इकाई ने Trade mark registration के लिए apply किया हुआ है उसके द्वारा ™ चिन्ह का उपयोग किया जा सकता है, और बाद में पंजीकरण पूर्ण होने के बाद ® का चिन्ह उपयोग में लाया जा सकता है |

जब ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन पूर्ण हो जाता है तो भारत सरकार द्वारा आवेदक कंपनी या व्यक्ति के नाम से प्रमाण पत्र (Certificate)जारी किया जाता है ,यह अगले 10 वर्षों के लिए वैध माना जाता है | और दस वर्षों बाद इसका Renewal करवाया जाता है |

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के फायदे (Benefits of trademark registration in Hindi) :

  • Trade Mark Registration किसी भी उद्यमी को उस व्यापरिक चिन्ह का मालिकाना हक़ प्रदान करता है और उसे अपने उत्पाद या सेवा पर उपयोग में लाने का अधिकार प्रदान करता है |
  • Trade Mark पंजीकृत कर चूका उद्यमी इस भय से विहीन हो जाता है की कहीं गैरकानून उसके ट्रेडमार्क को कोई अन्य Traders न use कर ले |
  • यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपना Trade Mark Registered करवाया हुआ है, तो किसी अन्य Traders द्वारा उसका उपयोग करने पर वह उस ट्रेडर के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही कर सकता है |
  • इसके लाभ के बारे में यदि हम संक्षिप्त रूप से वार्तालाप करेंगे तो हम पाएंगे की ब्रांड नाम को सुरक्षित रखना ही इसका सबसे बड़ा लाभ है |
  • Trade mark के माध्यम से उद्यमी या कंपनी अपने ग्राहकों के बीच अपनी शाख बनाने में कामयाब हो पाती है |

Trademark registration and renewal Fee:

Trade mark सम्बन्धी अलग अलग प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के लिए अलग अलग Forms एवं फीस का निर्धारण किया गया है जिनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

  • आवेदन की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के Forms जैसे TM-1, TM-2, TM-3, TM-8, TM-51 इत्यादि की संरचना नए Trademark registration के लिए की हुई है | इसमें लगने वाला शुल्क 4000 रूपये निर्धारित किया हुआ है |
  • Opposition raise करने के लिए Form TM-5 भरना पड़ता है जिसका शुल्क भारत सरकार द्वारा 2500 रूपये निर्धारित किया गया है |
  • Registered Trade mark को Renew करने के लिए Form TM-12 भरकर रूपये 5000 शुल्क भी अदा करना पड़ता है |
  • Renewal date से बाद में renew कराने के लिए रूपये 3000 तक का surcharge, Form TM-10 को भरकर अदा करना पड़ता है |
  • यदि किसी उद्यमी का Trade Mark removed हो गया हो तो उसके Restoration के लिए Form-TM 13 भरकर 5000 रूपये शुल्क के तौर पर अदा करने पड़ते हैं |
  • पंजीकृत Trademark में सुधार करने के लिए Form TM-26 भरकर 3000 रूपये शुल्क के रूप में अदा करने पड़ते हैं |

यदि कोई उद्यमी किसी Trade Mark agent के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाता है तो उपर्युक्त फीस अधिक हो सकती है क्योंकि Trade Mark agent द्वारा भी कुछ न कुछ शुल्क अवश्य लिया जायेगा |

ट्रेडमार्क के लिए दस्तावेज (Documents for Trademark Registration)

ट्रेडमार्क कराने के लिए आवश्यक documents की लिस्ट निम्नवत है |

  • ट्रेडमार्क, Logo, ब्रांड नाम या जिसे व्यक्ति/कंपनी अपना ट्रेडमार्क बनाना चाह रहे हों की कॉपी |
  • यदि आवेदनकर्ता कोई कंपनी है तो Incorporation Certificate की कॉपी और यदि व्यक्ति है तो आवेदनकर्ता का नाम, पता प्रमाण, नागरिकता इत्यादि की डिटेल्स |
  • उत्पाद या सेवा का विवरण जिसके लिए Trademark registration की आवश्यकता है |
  • यदि उद्यमी या कंपनी किसी ऐसे ट्रेडमार्क के लिए apply कर रही है जो उनके द्वारा पहले से उपयोग किया जा रहा है तो उस ट्रेडमार्क को उपयोग में लाने की तिथि |
  • 100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर आवेदनकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित Power of attorney की कॉपी |

ट्रेडमार्क कैसे लें (How to Register Trademark in India in Hindi):

India में Trademark registration प्रक्रिया एक Lengthy अर्थात समय खाने वाली प्रक्रिया है | इसलिए यदि उद्यमी चाहे तो सर्वप्रथम किसी प्राधिकृत Trade Mark agent या Trade Mark Attorney का चुनाव कर सकता है | उसके बाद ट्रेडमार्क पंजीकरण से समबन्धित सारी प्रक्रियाएं चुने हुए प्राधिकृत एजेंट या वकील अपने आप कर लेंगे |

यद्यपि भारत सरकार ने अन्य Registration की तरह ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन को भी Online एवं Offline Mode दोनों के माध्यम से स्वीकृति दी हुई है | इसलिए हम Trade mark registration process को संक्षिप्त रूप से समझने की कोशिश करते हैं | सबसे पहले  उद्यमी/कंपनी  को Trade mark search करना पड़ेगा उसके बाद Trade mark के लिए application form भरकर आवेदन करना पड़ेगा |

उसके बाद Registrar of Trade mark office इस application के लिए Trade mark examiner नियुक्त करेगा, यदि trademark examiner को application में किसी प्रकार की कोई त्रुटियाँ नज़र आती हैं तो वह Trade mark Objection raised करेगा |

किसी प्रकार की कोई त्रुटी नज़र न आने पर  Trade Mark Journal में Advertise  दिया जाता है ताकि यदि किसी व्यक्ति को Apply किये गए ट्रेडमार्क पर कोई आपत्ति है तो वह शुल्क और Form TM-5 भरकर Opposition File करवा सकता है | थोड़ा विस्तृत तौर पर Trademark Registration process जानने के लिए हम Step by Step प्रक्रिया पर बात करते हैं |

1. Trademark सर्च करें

Trademark Search करना इसलिए आवश्यक हो जाता है क्योंकि हो सकता है जो ट्रेडमार्क उद्यमी ने  अपने उत्पाद या सेवा के लिए बनाया हो वह पहले से ही किसी और के नाम पंजीकृत हो यदि ऐसा होता है तो उद्यमी को अपना ट्रेडमार्क कुछ और सोचना और बनाना पड़ेगा | Trade Mark Search की प्रक्रिया को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों Mode से संपन्न किया जा सकता है |

जहाँ Online Trade Mark Search की प्रक्रिया को Ministry of Commerce and Industry के अधीन Department of Industrial Policy and promotion, Controller General of Patent Design and trade Marks की Intellectual Property India नामक इस वेबसाइट के माध्यम से सर्च किया जा सकता है वहीँ ऑफलाइन सर्च करने के लिए इनके कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है |

2. ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन तैयार करें :

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की Trade Mark Registration के लिए Application Nature के आधार पर Form Fill करना होता है इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह किसी Trademark Attorney या Trade Mark agent से राय परामर्श करने के बाद ही उपयुक्त Form का चुनाव करके Application form fill करे |  

भरे गए Application form को Registrar of Trademark के कार्यालय के काउंटर पर जाकर जमा कराया जा सकता है | या फिर इस फॉर्म को सम्बंधित कार्यालय को पोस्ट के माध्यम से भी भेजा जा सकता है | इसके अलावा समबन्धित विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट के माध्यम से Online भी e filling gateway के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है |
  

3. Registration of Trade Mark:

यदि उद्यमी e filling gateway का उपयोग करके Trade Mark Registration करता है तो Application Submit होने के बाद उसे रूपये 4000 तक के शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करना पड़ सकता है | और यदि उद्यमी यह काम किसी Trade Mark agent या फिर किसी वकील से करवाता है तो उसे कुछ अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा | Application Form सम्बंधित कार्यालय में जमा होने के बाद कार्यालय निरीक्षण करेगा की कहीं यह Trade Mark पहले से तो किसी ने नहीं लिया है |

यदि ऐसा कुछ होता है तो कार्यालय द्वारा उद्यमी को Trademark Objection जारी किया जायेगा, अर्थात Trade Mark Objection ट्रेडमार्क निरीक्षणकर्ता (Trademark Examiner) द्वारा आवेदक को जारी किया जाता है | यदि Trademark examination के दौरान examiner को किसी प्रकार का कोई Objection नहीं मिल पाता है तो सम्बंधित कार्यालय द्वारा Trade Mark Journal  में इसका इश्तिहार दे दिया जाता है |

इश्तिहार इसलिए दिया जाता है ताकि यदि किसी व्यक्ति को उस Trademark से कोई आपत्ति है तो वह Trademark Opposition raised कर सकता है | यदि किसी अन्य बिज़नेस द्वारा अगले चार महीनों के अंतर्गत समबन्धित ट्रेडमार्क के लिए कोई Opposition raise नहीं की जाती है तो उसके लगभग छह महीनों बाद Trade mark Registered हो जाता है |

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