भारत में मधुमक्खी पालन कैसे शुरू करें | Bee Farming in Hindi.

मधुमक्खी पालन को अंग्रेजी में Honey Bee Farming कहा जाता है, यद्यपि भारतवर्ष के ग्रामीण इलाकों में आपने अक्सर देखा होगा की घर में स्थित किसी छेद में मधुमक्खियाँ अपना छत्ता बना देती हैं |

चूँकि इस क्रिया में मधुमक्खियाँ अपने छत्ते के लिए खुद उपयुक्त स्थान का चयन करती हैं, इसलिए इसे Bee Farming नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इस एक छत्ते से अगर मनुष्य चाहे तब भी इतने शहद का उत्पादन नहीं कर सकता की इतनी कमाई हो जाय की वह अपनी गुज़र बसर कर सके |

लेकिन इन सबके बावजूद मधुमक्खियों का पालन भारतवर्ष में हमेशा से ही अर्थात प्राचीनकाल से ही शहद एकत्रित करने का एक साधन रहा है, इसलिए इस बिज़नेस को एक पारम्परिक व्यवसाय भी कहा जा सकता है |

समय व्यतीत होने के साथ साथ राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजारों में इसकी उपयोगिता के कारण शहद काफी लोकप्रिय होता गया, बस यही वह दौर था जहाँ से लोगों ने मधुमक्खियों को व्यवसायिक तौर पर पालना शुरू कर दिया और इससे उत्पादित उत्पाद जैसे शहद को अपनी कमाई का स्रोत बना डाला |

मधुमक्खी पालन Bee farming business

मधुमक्खी पालन क्या होता है (What is bee farming)

प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में विभिन्न पारिवारिक, सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है, और इन जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु मनुष्य को पैसे की आवश्यकता हो सकती है इसलिए अपनी कमाई करने के लिए मनुष्य द्वारा कोई न कोई कार्य अवश्य किया जाता है |

जहाँ तक शहद की बात है मधुमक्खी पालन द्वारा शहद एकत्रित करना प्राचीनतम परमपराओं में से एक परम्परा रही है और शहद समय बीतने के साथ अपने अनेक औषधीय गुणों के कारण लोकप्रिय होता रहा है | इसलिए इस परम्परा ने वर्तमान में व्यवसायिक रूप ले लिया है अर्थात वर्तमान में मधुमक्खी पालन को बहुत सारे लोगों ने अपनी कमाई का साधन बनाया हुआ है |

मधुमक्खियों को पालने से उद्यमी को शहद के साथ साथ मधुमक्खी मोम (Bees Wax) की भी प्राप्ति होती है जिसका विभिन्न औद्योगिक कार्यों को करने में उपयोग किया जाता है | साधारण एवं सरल शब्दों में मधुमक्खी पालन से हमारा आशय अपनी कमाई करने के उद्देश से मधुमक्खियों को पालने की प्रक्रिया से है |

मधुमक्खी पालन के लाभ (Advantages of Bee Farming in Hindi):

समय व्यतीत होने के साथ साथ शहद के विभिन्न औषधीय गुण सामने आ रहे हैं जिससे राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर शहद नामक यह उत्पाद और अधिक प्रचलित होता जा रहा है | लेकिन इस बिजनेस से सिर्फ शहद की ही प्राप्ति नहीं होती है अपितु मोम, रॉयल जैली इत्यादि की भी प्राप्ति होती है | मधुमक्खी पालन से होने वाले लाभों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

  • किसानों की कमाई में बढ़ोत्तरी
  • फूलों के रस एवं पराग का सदुपयोग
  • शहद, रॉयल जैली, मोम एवं पराग का उत्पादन
  • परागण का इस्तेमाल खेतों में करने से कृषि के उत्पादन में वृद्धि होती है |
  • इस बिजनेस से उत्पादित उत्पादों जैसे शहद, रॉयल जैली एवं पराग के सेवन करने से मानव शरीर के कई रोगों को ठीक होने में मदद होती है | कहने का आशय यह है की मधुमक्खी पालन से उत्पादित उत्पादों में औषधीय गुण विद्यमान रहते हैं | शहद का नियमित सेवन तपेदिक, अस्थमा, खून की कमी, ब्लड प्रेशर, कब्ज इत्यादि बीमारी से मुक्ति दिलाता है और रॉयल जैली का सेवन ट्यूमर होने से बचाने के अलावा स्मरण शक्ति एवं आयु बढ़ाने में भी सहायक होता है |
  • मधुमक्खी पालन को बेहद कम पूँजी निवेश करके कम समय में ही शुरू किया जा सकता है |
  • ऐसे खेत जिनमे उत्पादन ठीक नहीं होता उनमे मधुमक्खी पालन किया जा सकता है |
  • कृषि क्षेत्र के अन्य कार्यों जैसे कृषि के साथ भी यह व्यवसाय शुरू किया जा सकता है |
  • इस बिजनेस का पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात यह व्यवसाय पर्यावरण के अनुकूल होता है |
  • बाज़ार में शहद एवं Bees Wax की मांग पर्याप्त मात्रा में बनी रहती है |

Bee Farming शुरू करने से पहले ध्यान देने वाली बातें :

जिस व्यक्ति के मन में मधुमक्खियों का पालन करने का आईडिया आया हो, और वह यह बिज़नेस करने के लिए पूरी तरह से उत्सुक हो तो उस व्यक्ति को मधुमक्खी पालन शुरू करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है, ताकि भविष्य में वह इस व्यवसाय में सफल होकर अपनी कमाई कर सके |

  • आम तौर पर ऐसा हो सकता है की लोग मधुमक्खियों के काटने के डर से डर जाते हैं इसलिए यह बिजनेस करने की सोच रहे व्यक्ति को सर्वप्रथम उस स्थानीय क्षेत्र में जहाँ वह यह कार्य करने की सोच रहा हो मनुष्य एवं मधुमक्खियों के बीच संबंधों का अवलोकन करना चाहिए |
  • मधुमक्खी एवं इन्सान के बीच सम्बन्ध समझने के लिए उद्यमी को ऐसे व्यक्तियों के साथ मिलकर काम करना होगा जो पहले से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं |
  • मधुमक्खी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटा लेने के बाद एवं व्यवहारिक तौर पर इसे अपनाने के बाद एकत्रित जानकारी से मधुमक्खी पालन पद्यति को विकसित करने की कोशिश की जा सकती है |
  • इस प्रक्रिया के बाद इस व्यवसाय के लिए अगली योजना काम आने वाले उपकरणों के उपयोग एवं उत्पादों की खरीद से जुड़ी होनी चाहिए |
  • बी फार्मिंग से जुड़े प्रोजेक्ट हेतु व्यवहारिक लक्ष्य निर्धारित करें व्यवहारिक लक्ष्यों से आशय उन लक्ष्यों से हैं जिन्हें आप अपने पास उपलब्ध संसाधनों की बदौलत हासिल कर पाएंगे |
  • शुरुआत में छोटे प्रोजेक्ट से स्टार्ट करें और ज्ञान एवं अनुभव लेकर बड़े प्रोजेक्ट के बारे में सोचा जा सकता है |
  • इस व्यवसाय में काम आने वाले उपकरण स्थानीय परिस्थितियों के अनुकुल ही होते हैं और इनकी इस व्यवसाय की सफलता में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है | इसलिए यह व्यवसाय शुरू करने से पहले किसी ऐसे व्यक्ति का चुनाव करना एक चुनौती हो सकती है जो स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर इन उपकरणों को तैयार करता हो |
  • यद्यपि इस बिजनेस से उत्पादित उत्पादों की बाज़ार में भारी मांग होती है, लेकिन व्यवसायिक तौर पर यह कार्य करने से पहले किसी स्थानीय एजेंट से संपर्क किया जाना चाहिए जो उत्पादित उत्पाद को खरीदने में समर्थ हो |

मधुमक्खी पालन कैसे शुरू करें (How to Start Bee Farming Business in India):

मधुमक्खी पालन नामक यह व्यवसाय ऐसा व्यवसाय बिलकुल भी नहीं है की कोई भी अर्थात जिसे इसके बारे में कुछ भी पता नहीं हो बाज़ार से मधुमक्खियों के लिए बॉक्स खरीदकर मधुमक्खी पालन शुरू कर लेगा |

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है क्योंकि यह छोटा सा जीव कभी भी उस व्यक्ति को काट सकता है जो इस व्यवसाय से जुड़ा हुआ हो इसलिए इस प्रकार के व्यवसाय को शुरू करने से पहले विभिन्न कौशल की आवश्यकता होती है जिन्हें प्रशिक्षण लेकर प्राप्त किया जा सकता है | इसलिए यह बिजनेस शुरू करने के इच्छुक उद्यमी को सर्वप्रथम इस व्यवसाय को करने से समबन्धित प्रशिक्षण लेना चाहिए |

1. प्रशिक्षण प्राप्त करें (Get Training of Bee Farming):

यह बिज़नेस शुरू करने के लिए सर्वप्रथम प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जिसे स्थानीय राज्यीय कृषि विभाग से संपर्क करके या अन्य कृषि विश्व विद्यालयों से संपर्क करके किया जा सकता है |

मधुमक्खी पालन नामक इस व्यवसाय से जुड़े हर प्रकार के कोर्स अर्थात सर्टिफिकेशन कोर्स, डिप्लोमा या डिग्री कोर्स भी विद्यमान हैं लेकिन डिग्री एवं डिप्लोमा के लिए अभ्यर्थी को साइंस स्ट्रीम से स्नातक होना आवश्यक होता है वहीँ आदतन कोर्स (Hobby Course) के लिए किसी प्रकार की कोई शैक्षणिक योग्यता का प्रावधान नहीं किया गया है |

देश में अलग अलग संस्थानों में कोर्स के आधार पर इनकी अवधि एक हफ्ते से लेकर 9 महीने तक की हो सकती है अर्थात कुछ कोर्स ऐसे हैं जिन्हें एक हफ्ते में भी पूरा किया जा सकता है तो कुछ ऐसे जिन्हें 9 महीने तक का समय लग सकता है |

कुछ खादी ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र भी मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग मुहैया कराते हैं, खादी ग्रामोद्योग की मधुमक्खी प्रशिक्षण केन्द्रों का पता जानने के लिए आप खादी ग्रामोद्योग की अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं |

2. मधुमक्खी पालन की व्यवहारिक जानकारी:

मधुमक्खी पालन करने के इच्छुक उद्यमी को प्रशिक्षण लेने के बावजूद भी उस क्षेत्र में कुछ ऐसे उद्यमियों को ढूँढना होगा जो पहले से यह बिजनेस कर रहे हों और उनके साथ मिलकर व्यवहारीक ज्ञान हासिल करना होगा ताकि उद्यमी के इस व्यवसाय में असफल होने के चांस को बेहद कम किया जा सके |

इसमें उद्यमी मधुमक्खियों से सम्बंधित जरुरी जानकारी जैसे स्थानीय मधुमक्खी के प्रकार, मधुमक्खियाँ समूह में कैसे कार्य करती हैं, मधुमक्खी से इंसानी रिश्ते, मधुमक्खी पालन से उत्पादित उत्पादों को बेचने सम्बन्धी ज्ञान प्राप्त कर पायेगा |

मधुमक्खी के प्रकार एवं समूह:

Bee Farming के लिए मुख्य तौर पर चार प्रकार की मधुमक्खियों को उपयुक्त माना गया है | जिनके नाम कुछ इस तरह से हैं |

  • एपीस फ्लोरा (Apis florea)
  • एपीस सरना इंडिका (apis cerana indica)
  • एपीस dorsata (apis dorsata)
  • एपीस मेलिफेरा (apis mellifera)

जहाँ तक मधुमक्खी के समूह की बात है समूह में अक्सर सभी मधुमक्खियाँ एक जैसी होती हैं और हमें लगता है की सभी का कार्य भी एक जैसा ही होता होगा, लेकिन यह सत्य नहीं है | मधुमक्खी के एक समूह में मुख्य रूप से तीन तरह की मधुमक्खियाँ होती हैं इसमें एक रानी मक्खी, सैकड़ों की संख्या में हमलावर मक्खी एवं हजारों की संख्या में मेहनत करने वाली मधुमक्खियाँ होती हैं |

कहा यह जाता है की रानी मधुमक्खी में गर्भधारण एवं प्रसव करने की शक्ति समाहित होती है, जबकि मेहनत करने वाली मधुमक्खियाँ बाँझ होती हैं और हमलावर मधुमक्खी का यह समूह नर मधुमक्खियों का होता है |

मधुमक्खियों के समूह में रानी मधुमक्खी का काम केवल बच्चे पैदा करना होता है वही मेहनतकश मधुमक्खियों का काम फूलों इत्यादि से परागगण को लाने का होता है, हमलावर मधुमक्खियों का कार्य सुरक्षा का | रानी मधुमक्खी की प्रजाति को मुख्य रूप से पांच भागों डैमर मधुमक्खी, छोटी मधुमक्खी, चट्टानी मधुमक्खी, भारतीय मधुमक्खी एवं इटली की मधुमक्खी में विभाजित किया जा सकता है |

3. जगह का चयन (Land for bee farming business):

अब यदि उद्यमी ने प्रशिक्षण एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर लिया हो और उसे लगता हो की वह इस व्यवसाय में सफल हो पायेगा तो अब उसका अगला कदम मधुमक्खी पालन के लिए जगह के चयन का होना चाहिए | जगह का चयन करने के लिए उद्यमी निम्नलिखित बातों का ध्यान रख सकता है |

  • जिस स्थान में मधुमक्खी पालन करने का प्लान बनाया जाना हो उस जगह में नमी नहीं होनी चाहिए अर्थात जगह सूखी होनी चाहिए क्योंकि नमी इस व्यवसाय को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है |
  • उस क्षेत्र में पेड़ों की कमी न हो ताकि शुद्ध हवा की कमी व्यवसाय को प्रभावित न कर सके |
  • चयनित स्थान पर ऐसी वनस्पतियों का उपलब्ध होना बेहद जरुरी होता है जिनसे मधुमक्खियाँ पराग हासिल कर सकें |
  • चयनित स्थान पर साफ़ पानी के स्रोत उपलब्ध होना भी आवश्यक है |
  • ऐसी जगह जहाँ आस पास फूलों के बागान उपलब्ध हों को मधुमक्खी पालन के लिए चयनित किया जा सकता है |
  • मधुमक्खियाँ लगभग सभी फूलों खास तौर पर सूरजमुखी के फूल एवं अन्य फलों के पेड़ों जैसे नींबू, कीनू, पपीता, मौसमी, अंगूर, संतरा, आम, अमरुद इत्यादि से पराग हासिल करती है, इसलिए ऐसे स्थान जहाँ इस प्रकार की वनस्पति बहुतायत तौर पर हो मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त मानी जाती है |

4. आवश्यक उपकरण (Required Equipment):

अब चूँकि उद्यमी द्वारा इस बिजनेस को शुरू करने के लिए प्रशिक्षण, व्यवहारिक ज्ञान एवं जगह का चयन कर लिया गया है इसलिए उद्यमी का अगला कदम आवश्यक उपकरणों खरीदारी या निर्माण का होना चाहिए | इस व्यवसाय को करने के लिए स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप आवश्यक उपकरणों की लिस्ट अंतरित हो सकती है | लेकिन इसके बावजूद कुछ प्रमुख उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है |

  • Bee Boxes
  • मधुमक्खी के छत्ते
  • Stainless steel Smoker
  • सुरक्षा हेतु कपड़ा या जाली
  • विभिन्न मोटे एवं पतले ब्रश
  • स्टेनलेस स्टील की छुरी
  • मधुमक्खी का डंक निकालने का उपकरण
  • Propolis Strip
  • Bee Feeder
  • Honey Extractor
  • Pollen Trap
  • मधुमक्खी के छत्ते के लिए आंतरिक कवर
  • BeeKeeping Gloves
  • Shoes

खर्चा और कमाई (Investment & income in Bee farming):

एक आंकड़े के मुताबिक 80 bee colonies वाली यूनिट शुरू करने में लगभग 225000 रूपये तक  का खर्चा आ सकता है | जिसमे मधुमक्खी के छत्तों (Bee Hives) को खरीदने में आने वाला खर्चा लगभग 160000 रूपये, बी बॉक्स को खरीदने पर आने वाला खर्चा 32000, एक किलो bee wax sheet खरीदने पर आने वाला खर्चा 350 एवं अन्य उपकरणों पर आने वाला खर्चा 17500 है |

और जहाँ तक मधुमक्खी पालन से होने वाली कमाई का सवाल है, इसमें प्रथम वर्ष लगभग 170000 रूपये का लाभ होने के आसार लगाये जा सकते हैं |

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