ई लर्निंग क्या है इसके फायदे और नुकसान ।

बात जब कैरियर की हो रही होती है तो उसमें शिक्षा का अहम् योगदान होता है वर्तमान में लोगों के बीच ई लर्निंग का भी काफी प्रचलन है । इसलिए इस विषय पर भी वार्तलाप करना स्वभाविक हो जाता है। जी हाँ किसी भी व्यक्ति के कैरियर को दिशा देने में उसके द्वारा प्राप्त की गई शिक्षा का योगदान किसी से छुपा हुआ नहीं है यही कारण है की वर्तमान में हर माता पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

ताकि उनके बच्चे आने वाले समय में अच्छे कैरियर का निर्माण करके अपना ख़ुशी ख़ुशी जीवनयापन करने में सफल हो पायें। वर्तमान में इन्टरनेट के बढ़ते प्रचलन के कारण ऑनलाइन शिक्षा यानिकी ई शिक्षा को लोग काफी पसंद करने लगे हैं और इस ई लर्निंग ने दूरस्थ शिक्षा का तो पूरा स्वरूप ही बदल दिया है।

इन्टरनेट ने मानव जीवन के हर एक पहलू को प्रभावित किया है जिसका अभिप्राय यह है की इन्टरनेट के माध्यम से मनुष्य न सिर्फ म्यूजिक, पिक्चर, वालपपेर, विडियो इत्यादि डाउनलोड कर सकता है और न सिर्फ ईमेल, इंस्टेंट मैसेजिंग, चैट, विडियो कॉल इत्यादि के माध्यम से सूचना का आदान प्रदान कर सकता है। बल्कि वह अपने घर में आराम से अपने हिसाब से पढ़ भी सकता है।

और इन्टरनेट पर पढाई करके ही दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों के तहत डिग्री इत्यादि भी ले सकता है। इसलिए हमें ई शिक्षा विषय पर जानकारी प्रदान करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। इससे पहले की हम इसकी लाभ एवं हानियों के बारे में बात करें आइये जानते हैं की यह है क्या?

ई लर्निंग E Learning

ई लर्निंग क्या है? (What is E Learning)  

एक ऐसी औपचारिक शिक्षा प्रणाली जो मूल रूप से इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों की मदद से काम करती है E Learning या ऑनलाइन शिक्षा कहलाती है। और यह शिक्षा पद्यति का इस्तेमाल क्लासरूम या क्लासरूम के बाहर भी किया जा सकता है ऑनलाइन शिक्षा के अवयवों के तौर पर इन्टरनेट एवं कंप्यूटर प्रमुख रूप से कार्यरत रहते हैं। ई लर्निंग के माध्यम से एक बड़े नेटवर्क में कौशल, जानकारी एवं शिक्षा की डिलीवरी हो रही होती है।

यद्यपि एक समय में इस पद्यति के तहत शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम या अधिक हो सकती है। हालांकि पहले इस तरीके की शिक्षा पर अनेकों सवालिए निशान खड़े हो जाते थे लेकिन वर्तमान में कुछ पाठ्यक्रमों को छोड़कर बाकी सभी कोर्स एवं पढाई E learning के माध्यम से की जा सकती है ।

वैसे देखा जाय तो वर्तमान में शिक्षा का मिश्रित स्वरूप ऑनलाइन एवं ऑफलाइन देखने को मिलता है ऑनलाइन शिक्षा का उपयोग हर शिक्षा प्रणाली चाहे वह दूरस्थ शिक्षा हो, रेगुलर शिक्षा हो या फिर कोई अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम हो सब पद्यति में इसकी आवश्यकता होती ही होती है । साधारण भाषा में कंप्यूटर, इन्टरनेट, मोबाइल फ़ोन इत्यादि के मदद से प्राप्त की जाने वाली शिक्षा ही ई लर्निंग कहलाती है।

ई लर्निंग के कुछ प्रमुख फायदे (Advantages of E Learning)

वर्तमान जीवन शैली में इसके कई फायदे हैं, जिनकी लिस्ट नीचे दी जा रही है।

  • इस शिक्षा पद्यति में विभिन्न संसाधनों को अनेकों अलग अलग स्वरूपों में लिंक किया जा सकता है।
  • यह ऑनलाइन कोर्स डिलीवर करने का बेहद ही प्रभावी एवं कुशल तरीका है।
  • इसमें समय स्थान इत्यादि में लचीलापन की सुविधा होने के कारण यह विद्यार्थियों के लिए कहीं भी कभी भी उपलब्ध कराया जा सकता है। और विद्यार्थी भी इसका लाभ कहीं से भी कभी भी ले सकते हैं।
  • ई शिक्षा का लाभ हर कोई चाहे कोई रेगुलर छात्र हो, दूरस्थ शिक्षा का छात्र हो, कोई नौकरीपेशा हो कोई भी हो वह इसका लाभ ले सकता है।
  • वेब आधारित शिक्षा सक्रीय एवं स्वतंत्र शिक्षा को बढ़ावा देती है।
  • यदि आपके पास इन्टरनेट की उपलब्धता दिन के चौबीस घंटे एवं सातों दिन है तो आप कहीं से कभी भी इस शिक्षा का लाभ ले सकते हैं।
  • विद्यार्थियों के लिए यह बेहद सुविधाजनक एवं लचीलापन विकल्प होता है इसलिए विद्यार्थियों को किसी भी चीज के लिए किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • यह जरुरी नहीं की आप नियमित रूप से अपने आपको प्रशिक्षित करें, बल्कि जब भी आपके पास फ्री टाइम हो आप तभी ई लर्निंग का फायदा ले सकते हैं। इसके लिए आपको सख्त नियमों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • डिस्कशन बोर्ड एवं चैट के माध्यम से विद्यार्थी बाकी सभी विद्यार्थियों या फैकल्टी से ऑनलाइन जुड़ा रहता है इसलिए किसी विषय पर कोई संदेह होने पर प्रश्न पूछकर उसे दूर किया जा सकता है।
  • ई शिक्षा विडियो एवं ऑडियो या फिर दोनों के माध्यम से भी की जाती है इसलिए इसका फायदा यह है की यदि आपको कोई टॉपिक एक बार में समझ में नहीं आया तो आप उसे आगे पीछे करके आसानी से दुबारा सुन एवं देखकर समझ सकते हैं।

ई लर्निंग के नुकसान (Disadvantages of e learning)

ई शिक्षा के कुछ नुकसान भी हैं, जिनकी लिस्ट निम्नवत है।

  • ई लर्निंग के माध्यम से विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान तो प्राप्त हो जाता है लेकिन जब उस ज्ञान के व्यवहारिक तौर पर इस्तेमाल की बात आती है तो यह करना मुश्किल हो जाता है।
  • इस तरह के कार्यकर्मों में निजता इत्यादि की सुरक्षा भी एक प्रमुख समस्याओं में से एक रहा है।
  • अधिकतर ऑनलाइन अस्सेस्मेंट ऑब्जेक्टिव प्रश्नों तक ही सिमित हैं।
  • इसके अलावा ऑनलाइन अस्सेमेंट में पूछे जाने वाले प्रश्न केवल ज्ञान आधारित होते हैं और व्यवहारिकता आधारित नहीं होते हैं।
  • छात्र ऑनलाइन कोई भी काम कर रहा हो उसकी प्रमाणिकता पर आसानी से प्रश्न किये जा सकते हैं। इसलिए यह भी ई शिक्षा के नुकसान में शामिल है।

ई लर्निंग की इन सब चुनौतियों के बावजूद भी भारत में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन शिक्षा को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। और वर्तमान में यह पढने एवं पढ़ाने वाले दोनों के लिए अनेकों अवसर लेके आया हुआ है। हालांकि ई लर्निंग के माध्यम से यदि कोई व्यक्ति कोई कोर्स करना चाहता हो तो इसमें धोखेबाजी होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

क्योंकि ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर ऐसे ऐसे संस्थान एवं प्रतिष्ठान डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट देने का दावा करते हैं जिनके पास उस क्षेत्र से सम्बंधित जरुरी लाइसेंस ही नहीं होते। इसलिए ऐसे लोग जो पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से कोई कोर्स या पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, उन्हें उस प्रतिष्ठान के बारे में सही एवं सटीक जानकारी अवश्य जुटानी चाहिए।   

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