खाली दुकान इत्यादि में एटीएम लगवाने की प्रक्रिया | How To Rent Your Space For ATM.

अक्सर लोग अपनी खाली दुकान में एटीएम लगवाने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है की एक बार दुकान किराये पर लग गई तो हर महीने नियमित रूप से उसका किराया आता रहेगा | कहने का आशय यह है की वर्तमान में अपनी जगह या दुकान किराये पर देकर भी लोग पैसे कमा रहे हैं, इसलिए किराये को भी कमाई का एक अच्छा स्रोत माना गया है | जैसा की हम सबको विदित है व्यवसाय चाहे किसी भी तरह का क्यों न हो, उसे शुरू करने के लिए जगह की नितांत आवश्यकता होती है |

कुछ इकाइयों के पास अपनी जगह होती है तो कुछ इसे किराये पर लेते हैं | लेकिन चूँकि बैंकों को अपने एटीएम अनेकों स्थानों पर स्थापित करने होते हैं | इसलिए आम तौर पर बैंकों द्वारा एटीएम लगवाने के लिए खाली दुकानें किराये पर ली जाती हैं | जो उनकी कमाई का जरिया बनती हैं जिनके पास किसी भीड़ भाड़ इलाके या सड़क के किनारे अपनी दुकान या मकान उपलब्ध हो |

ऐसे लोग जिनके पास किसी स्थानीय मार्केट या सड़क के किनारे अपनी दुकान उपलब्ध हो द्वारा इन्टरनेट पर यह जानने की कोशिश की जाती है की कैसे वे अपनी खाली दुकान एटीएम लगवाने के लिए किराये पर दे सकते हैं? इसी सवाल को ध्यान में रखते हुए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से एटीएम लगवाने की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तारित तौर पर जानने की कोशिश करेंगे |

एटीएम लगवाने की प्रक्रिया

एटीएम लगवाने के लिए जगह की आवश्यकता:

जहाँ तक एटीएम लगवाने के लिए जगह की आवश्यकता की बात है वह इस पर निर्भर करती है की बैंक द्वारा उस लोकेशन पर कितनी एटीएम मशीन लगवाने का प्रावधान किया गया है | यद्यपि एक एटीएम मशीन लगवाने के लिए बेहद कम जगह की आवश्यकता होती है लेकिन आम तौर पर देखा गया है की एटीएम के अन्दर की तरफ पार्टीशन करके गार्ड रूम बनाया जाता है | यह भी इतना छोटा होता है की गार्ड एक कुर्सी लगाकर आसानी से बैठ सके आम तौर पर 60-80 Square Feet जगह एक एटीएम के लिए उपयुक्त मानी गई है |

लेकिन फिर भी यह अलग अलग बैंकों के आधार पर अलग अलग हो सकती है | पिछले कुछ सालों में बैंकों द्वारा एटीएम लगवाने के लिए किराये पर ली गई जगहों में काफी तेज वृद्धि देखी गई है | और वर्तमान में जब लगभग हर एक नागरिक को बैंक से जोड़ने की सरकार हर संभव प्रयास कर रही है तो इस स्थिति में कहा जा सकता है की आने वाले समय में लोगों को और एटीएम की आवश्यकता होगी |

बैंक जगह या दुकान को एटीएम लगवाने के लिए कितने समय के लिए किराये पर लेते हैं?

कोई भी बैंक जगह या दुकान एटीएम लगवाने के लिए किराये पर लेने से पहले जगह या दुकान के मालिक से Lease Agreement कर लेते हैं | यह एग्रीमेंट कुछ निश्चित वर्षों के लिए मान्य होता है आम तौर पर यह तीन से पांच सालों में रिन्यू होता है | इस एग्रीमेंट में किराया प्रतिवर्ष बढेगा, नहीं बढेगा, किस दर से बढेगा या केवल रिन्यू होने पर बढेगा इत्यादि बातों का साफ़ एवं स्पष्ट तौर पर उल्लेख होता है |

चूँकि एटीएम लगवाने से जगह या दुकान के मालिक को निश्चित वर्षों के लिए एक नियमित आय प्राप्त होती रहती है, इसलिए लगभग हर कोई अपनी जगह या दुकान को एटीएम लगाने के लिए किराये पर देना पसंद करते हैं | लेकिन यह जरुरी नहीं है की बैंक द्वारा हर एक आवेदन स्वीकार कर लिया जाता है | बल्कि सिर्फ उसी लोकेशन का आवेदन बैंक द्वारा स्वीकार किया जाता है जो उनके निर्धारित नियम शर्तों से मेल खाते हों | तो आइये जानते हैं की बैंकों द्वारा एटीएम लगवाने के लिए लोकेशन का चयन किन बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है |

बैंक एटीएम लगवाने के लिए लोकेशन का चयन कैसे करते हैं  

हालांकि यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना चाहेंगे की लोकेशन चयन करने सम्बन्धी हर बैंक के पास अपने दिशानिर्देश निर्धारित होते हैं, जिनका निर्धारण बैंक की मार्केटिग टीम द्वारा किया जाता है | लेकिन इन सबके बावजूद कुछ ऐसी बातें हैं जो एटीएम लगवाने के लिए लोकेशन चयन में महत्वपूर्ण योगदान अदा करती हैं |

  • ऐसी जगह जो अस्पताल, कॉलेज, किसी सरकारी ऑफिस, रेलवे स्टेशन या बस स्टेशन के नजदीक हो को बैंक द्वारा नए एटीएम लगवाने के लिए प्राथमिकता दी जाती है |
  • ऐसी जगह जहाँ पैदल चलने वाले लोगों की तादात ठीक रहती हो |
  • अधिकतर एटीएम ग्राउंड फ्लोर पर ही स्थापित होते हैं इसलिए ग्राउंड फ्लोर को प्राथमिकता दी जाती है |
  • ऐसी लोकेशन जहाँ प्रमुख सड़क मार्ग से पैदल आसानी से पहुंचा जा सके |
  • एटीएम लगवाने के लिए केवल कमर्शियल प्रॉपर्टी का उपयोग किया जा सकता है इसलिए वे लोग जो एटीएम लगवाना चाहते हैं लेकिन यदि वह भूमि कमर्शियल नहीं है तो सबसे पहले स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर पालिका प्राधिकरण से उसे कमर्शियल उपयोग के लिए स्वीकृति दिलाएं |
  • विद्युत कनेक्शन भी कमर्शियल होना चाहिए |
  • खाली दुकान पर रोलिंग शटर का होना भी आवश्यक है और यदि उस लोकेशन पर पार्किंग की सुविधा होगी तो इसका फायदा लोकेशन चयन प्रक्रिया में मिल सकता है |

एटीएम लगवाने के लिए दुकान किराये पर देने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

बैंक को एटीएम लगवाने के लिए दुकान किराये पर देने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है जिनकी लिस्ट निम्नवत है |

  • ध्यान रहे की आप अपनी दुकान को किराये पर देने के लिए तभी अप्लाई करें जब आपकी दुकान प्रमुख रोड पर उपलब्ध हो |
  • दुकान ऐसी जगह पर होनी चाहिए की जो प्रमुख सड़क से पैदल चलने की दूरी पर स्थित हो ताकि लोग आसानी से पहुंचकर पैसे निकाल सकें |
  • यह किसी दूर सुदूर इलाके में मौजूद नहीं होनी चाहिए बैंक सुरक्षा कारणों से दूर सुदूर इलाकों में एटीएम लगवाना पसंद नहीं करते हैं |
  • दुकान किराये पर देने से पहले बैंक से स्पष्ट कर लें की एग्रीमेंट बैंक के साथ है या किसी ब्रोकर के साथ |
  • अपनी दुकान किराये पर देने के इच्छुक व्यक्ति को ब्रोकर इत्यादि के चक्कर में न पड़कर सीधे बैंक में जाकर ही इस बारे में बात करनी चाहिए | क्योंकि लगभग हर बैंक की शाखा में इस प्रक्रिया के लिए अलग से कर्मचारी नियुक्त किये होते हैं |

एटीएम लगवाने के लिए बैंक से कब और कैसे संपर्क करें?

आम तौर पर जब बैंक को किसी लोकेशन पर एटीएम लगवाना होता है तो वह स्थानीय अखबार में इसका विज्ञापन देते हैं | कभी कभी स्थानीय केबल ऑपरेटर इत्यादि के माध्यम से भी विज्ञापन दिया जाता है | और बैंक अपनी वेबसाइट के टेंडर सेक्शन के माध्यम से भी इस तरह का विज्ञापन प्रकाशित कर सकते हैं | प्रत्येक विज्ञापन एक निश्चित अवधि के लिए वैध होता है उस दी गई अवधि में इच्छुक एवं योग्य लोगों द्वारा एटीएम लगवाने के लिए आवेदन किया जाना बेहद जरुरी है |

इसलिए यदि आपने भी किसी बैंक का ऐसा विज्ञापन देखा है जो उस लोकेशन से सम्बंधित हो जहाँ आपके पास आपकी खाली दुकान हो तो आप उस सम्बंधित बैंक की किसी भी शाखा में जाकर संपर्क कर सकते हैं | वे आपको इसके लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को समझायेंगे | या फिर आप उस सम्बंधित बैंक की वेबसाइट पर जाकर अप्लाई करने का फॉर्म सर्च कर सकते हैं और उस फॉर्म को डाउनलोड करके उसमे मांगी गई सभी डिटेल्स को सही सही भरकर बैंक में जाकर जमा कर सकते हैं |

जिसके बाद बैंक की मार्केटिंग टीम द्वारा यह निर्णय लिया जाता है की एटीएम कहाँ और किस जगह लगेगा | जहाँ एटीएम लगवाने के लिए दुकान किराये पर देकर मिलने वाले किराये की बात है यह प्रत्येक लोकेशन पर अलग अलग हो सकता है | मेट्रो शहरों में प्राथमिकता वाली लोकेशन जैसे अस्पताल, रेलवे स्टेशन इत्यादि के नजदीक हर महीने 50000से 60000रूपये तक किराया मिल जाता है | तो वहीँ रिहायशी कॉलोनी में यह किराया 6000 से 16000 रूपये प्रति महीने तक हो सकता है |

एटीएम लगवाने का दूसरा तरीका:

अपनी खाली दुकान में एटीएम लगवाने का एक और तरीका है लेकिन इसमें दुकान के मालिक को किराया नहीं मिलता है बल्कि प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर कमीशन मिलता है | एक आंकड़े के मुताबिक हर रोज 50 ट्रांजेक्शन होने पर लगभग 19500, 100 ट्रांजेक्शन होने पर लगभग 39000, 200 ट्रांजेक्शन होने पर लगभग 78000, 300 ट्रांजेक्शन होने पर लगभग  117000 रूपये तक मासिक कमाई हो सकती है | जी हाँ इस तरह से कमाई करने का मौका लोगों को वाइट लेबल एटीएम कंपनी दे रही है |

White label atm के बारे में यदि आपने अभी तक नहीं सुना है तो आपको बता दें की गैर बैंकिंग निकाय द्वारा स्थापित एटीएम को White label ATM कहते हैं |

खैर इस बारे में हम एक अलग से लेख के माध्यम से विस्तृत तौर पर पहले ही वार्तालाप कर चुके हैं जिसका लिंक हमने इस लेख के अंत में दिया हुआ है, लेकिन इस लेख में हम सिर्फ एटीएम लगवाने सम्बन्धी विषय पर ही ध्यान केन्द्रित करने की कोशिश करेंगे | इसलिए जानेंगे की White Label ATM लगाने का काम भारतवर्ष में कौन कौन सी कंपनी कर रही हैं | और अपनी खाली दुकान में एटीएम लगवाने के लिए इन कंपनियों में कैसे आवेदन करें |

वाइट लेबल एटीएम लगवाने के लिए नियम शर्तें:

हालांकि कंपनी के आधार पर एटीएम लगवाने के लिए अलग अलग नियम एवं शर्तें लागू हो सकती हैं लेकिन कुछ प्रमुख नियम एवं शर्तों की लिस्ट निम्नवत है |

  • खाली दुकान की जगह 60-80 स्क्वायर फीट होनी चाहिए |
  • यह जगह प्रमुख सड़क से पैदल चलने की दूरी एवं ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए |
  • दुकान के मालिक को एटीएम लगवाने के लिए वहां दिन के चौबीस घंटे एवं हफ्ते के सातों दिन पॉवर सप्लाई की व्यवस्था करनी होगी |
  • भीड़ भाड़ इलाके के नज़दीक जगह को प्राथमिकता दी जाएगी |
  • ऐसी लोकेशन जहाँ हर दिन कम से कम 100 ट्रांजेक्शन हो पायें |
  • कमर्शियल गतिविधि के लिए जगह उपयुक्त होनी चाहिए |
  • इस तरह की कंपनियों का एटीएम लगवाने के लिए सिक्यूरिटी की जिम्मेदारी दुकान या जमीन मालिक की होती है |
  • ऐसी लोकेशन जहाँ 500 मीटर की दूरी पर कोई एटीएम न हो को प्राथमिकता दी जाएगी | |
  • भारत में वाइट लेबल एटीएम लगवाने वाली तीन प्रमुख कंपनियां मुथूट एटीएम, टाटा इंडीकैश एटीएम एवं इंडिया वन एटीएम हैं | इसलिए इनके नियम एवं शर्तें अलग अलग हो सकती हैं |

वाइट लेबल एटीएम लगवाने के लिए आवेदन कैसे करें?

वाइट लेबल एटीएम लगवाने के लिए इच्छुक एवं पात्र व्यक्ति इन कंपनियों की वेबसाइट के माध्यम से आसानी से आवेदन कर सकता है | लेकिन उससे पहले व्यक्ति को अपनी दुकान या जगह की 30-40 सेकंड की वीडियोग्राफी करनी होगी | जो साइज़ में 40 MB से अधिक नहीं होनी चाहिए | इसके अलावा व्यक्ति को साईट की फ्रंट व्यू, लेफ्ट साइड व्यू, राईट साइड व्यू, अपोजिट व्यू, लॉन्ग व्यू इत्यादि एंगल में तस्वीरें खींचनी होंगी | और उसके बाद व्यक्ति नीचे दिए गए अधिकारिक लिंकों पर क्लिक करके एटीएम लगवाने के लिए आवेदन कर सकता है |

White Label ATM के अलावा Brown label ATM भी होते हैं जिनकी जिम्मेदारी बैंकों द्वारा किसी तीसरे पक्ष को दी हुई होती है | इस तरह के एटीएम को लगवाने के लिए आवेदन करने की प्रक्रियाएं भी लगभग ऐसी ही होती हैं जैसा हम उपर्युक्त वाक्यों में बता चुके हैं |

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