ATM Skimming क्या है? और इस धोखाधड़ी से कैसे बचें।

ATM Skimming के बारे में आपने सुना हो या न सुना हो, लेकिन इस धोखाधड़ी का शिकार जाने अनजाने में कोई भी व्यक्ति हो सकता है । क्योंकि जब से एटीएम अस्तित्व में आये हैं तब से सार्वजनिक क्षेत्रों एवं निजी क्षेत्रों के बैंकों से लाखों करोड़ों रूपये लोगों के खातों से अनधिकृत तौर पर निकाले जा चुके हैं। जिससे बैंकों को भी लाखों करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है इसलिए जब जाँच एजेंसीयां इसका कारण ढूँढने को निकलती हैं तो उनके सामने ATM Skimming नामक तकनीक उभरकर सामने आती है।

जिसमें स्कीमिंग तकनीक की मदद से धोखेबाज डेबिट या क्रेडिट कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते हैं और उसके द्वारा लोगों के खातों से दूर सुदूर एटीएम में जाकर पैसे निकाल लेते हैं। चूँकि किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी मेहनत से कमाई हुई कमाई बेहद महत्वपूर्ण होती है और इस कमाई को कोई भी व्यक्ति किसी धोखे का शिकार होकर खोना बिलकुल नहीं चाहेगा। इसलिए इस लेख में हम ATM Skimming क्या है और इस धोखाधड़ी से कैसे बचा जा सकता है के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं।

ATM Skimming ki janakari

एटीएम स्कीमिंग क्या है (What is ATM Skimming in Hindi):

हालांकि इसे ATM Skimming नामक नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इस प्रकार की धोखेबाजी अधिकतर एटीएम के माध्यम से ही होती है, लेकिन व्यापारिक प्रतिष्ठान जहाँ पर लोग खरीदारी करने के लिए अपने कार्ड का इस्तेमाल करते हैं वे भी Skimming से अछूते नहीं हैं। इसलिए स्कीमिंग को हम एटीएम एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल में लाये जाने वाले डेबिट/क्रेडिट कार्डों की चुम्बकीय पट्टी के माध्यम से जानकारी चुराने का कार्य भी कह सकते हैं।

इस प्रक्रिया में जालसाज कार्ड के रिवर्स पर चुम्बकीय पट्टी को पढ़कर कार्ड से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करते हैं। यह जानकारी प्राप्त करने के लिए वे एटीएम या व्यापारिक प्रतिष्ठानों के भुगतान टर्मिनलों के कार्ड स्लॉट में एक छोटा सा उपकरण छिपा देते हैं इसी उपकरण को स्कीमर कहा जाता है। यह Skimmer कार्ड विवरण को स्कैन कर देता है और कार्ड की जानकारी को संग्रहित कर देता है। और जालसाजों द्वारा एटीएम पिन का पता करने के लिए छोटे से रणनीतिक कैमरे का इस्तेमाल किया जा सकता है।

जहाँ तक ATM Skimming की बात है वह केवल एटीएम में हो सकती है, जबकि स्कीमिंग व्यापारिक प्रतिष्ठानों, दुकानों में हो सकती है। कहने का अभिप्राय यह है की Skimming कार्डों की जानकारी चुराने की प्रक्रिया को कहा जाता है जहाँ एक बेहद छोटे उपकरण स्कीमर का इस्तेमाल एटीएम एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों, दुकानों में लोगों के कार्ड की जानकारी चुराने के लिए किया जाता है। कार्ड स्वाइप करने के दौरान स्कीमर उपकरण कार्ड की चुम्बकीय पट्टी पर एकत्रित जानकारी को पकड़ लेता है।      

स्कीमिंग कैसे कार्य करती है (How does Skimming Work):  

ATM Skimming के बारे में जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक लोगों के मन में एक सवाल हमेशा यह आता है की जालसाज कैसे स्कीमिंग के माध्यम से लोगों के पैसे निकाल लेते हैं? यानिकी Skimming कैसे कार्य करती है। इसलिए हम आगे यही जानने वाले हैं की जालसाजी की यह प्रक्रिया ATM Skimming कैसे कार्य करती है। देखिये होता क्या है की चाहे आप एटीएम से पैसे निकालने जाएँ या बैलेंस चेक करने जाएँ या कोई अन्य फैसिलिटी इस्तेमाल में लाने जाएँ। आपको अपना एटीएम/डेबिट/क्रेडिट कार्ड मशीन में स्वाईप करवाना ही होता है।

इसलिए जालसाजों द्वारा यह छोटा सा उपकरण स्कीमर कार्ड रीडर के ऊपर की तरफ फिट कर दिया जाता है ताकि वह उस कार्ड की जानकारी को पकड़ कर स्टोर कर सके। और जहाँ तक एटीएम पिन का पता लगाने की बात है यह करने के लिए जालसाजों द्वारा एटीएम के कीपैड में नकली कीपैड या कभी कभी बेहद छोटे रणनीतिक कैमरे का भी इस्तेमाल किया जाता है। अब जब जालसाजों के पास कार्ड एवं पिन दोनों की जानकारी आ जाती है तो वे उस कार्ड का क्लोन अर्थात डुप्लीकेट कार्ड तैयार कर लेते हैं।

और बाद में किसी दूर सुदूर एटीएम में जाकर उस खाते से पैसे निकाल लेते हैं। हालांकि ATM Skimming उच्च तकनीक पर आधारित अपराध है इसलिए यह आम नहीं है, लेकिन फिर भी बहुत सारे लोग इसकी वजह से अपनी मेहनत से कमाई हुई कमाई को गँवा चुके हैं। तो वहीँ बैंकों को भी इस धोखेबाजी से काफी नुकसान उठाना पड़ा है ।

स्कीमर का पता कैसे लगायें (How to spot a Skimmer):

अब तक इस लेख के माध्यम से हम यह तो जान चुके हैं की ATM Skimming होती क्या है? और यह कैसे कार्य करती है। अब सवाल यह उठता है की यह कैसे पता लगायें की एटीएम या कार्ड रीडर में स्कीमर लगा है या नहीं, इसका पता कैसे लगायें। तो आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ आसान से टिप्स के बारे में जिनको अपनाकर आप इस बात का पता लगाने में सक्षम हो पाएंगे की उस कार्ड रीडर में Skimmer लगा है या फिर नहीं।

  • एटीएम मशीन को इस्तेमाल में लाने से पहले अच्छी तरह से उसका निरीक्षण कर लें की कहीं उसके साथ कुछ छेड़छाड़ तो नहीं हुई है। यदि आपको लगता है की छेड़छाड़ हुई है तो उस एटीएम को इस्तेमाल में न लायें।
  • ATM Skimming के लिए जिस भी एटीएम से छेड़छाड़ हुई होगी उसका कार्ड रीडर सामान्य कार्ड रीडर की तुलना में बढ़ा हुआ दिखाई देगा।
  • यदि आपके बटन दबाते ही एटीएम का कीपैड अजीब तरह से फैलने लग जाय तो उसकी जाँच करें की कहीं वह कीपैड नकली तो नहीं है। जिसे आपके एटीएम का पिन पता करने के लिए लगाया गया हो।
  • यदि स्वाइप मशीन या एटीएम मशीन का कार्ड रीडर ढीला महसूस हो तो उस मशीन में अपने कार्ड का इस्तेमाल न करें।   

उपर्युक्त तरीकों को अपनाकर कोई भी व्यक्ति आसानी से यह पता कर पाने में सक्षम हो पाता है की किसी स्वाइप मशीन या एटीएम मशीन में स्कीमर लगा हुआ है या नहीं।

एटीएम स्कीमिंग से बचने के उपाय (Tips to Avoid Skimming):

ATM Skimming से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं।

  • अपने एटीएम पिन की सुरक्षा के लिए एटीएम कीपैड को दुसरे हाथ से ढक लें ताकि कोई अन्य व्यक्ति आपके एटीएम पिन को भाँप न पाए।
  • यदि आपको एटीएम में प्रवेश करते ही कुछ भी असामान्य, अजीब, संदिग्ध दिखाई देता है जो आपको लगता है की यह एटीएम के साथ नहीं होना चाहिए तो इसकी जानकारी तुरंत सम्बंधित बैंक को दे सकते हैं।
  • यदि आपको कार्ड स्लॉट या कीपैड पर कुछ भी अटका हुआ सा महसूस होता है तो एटीएम का इस्तेमाल न करें और लेन देन को रद्द करके वहाँ से चलते बनें। ध्यान रहे संदिग्ध उपकरणों को हटाने का प्रयास बिलकुल न करें।
  • यदि कोई अजनबी व्यक्ति एटीएम में आपकी सहायता करने की पेशकश करता है तो उसे इसकी अनुमति कतई न दें भले ही आपको सहायता की आवश्यकता हो तब भी नहीं।
  • अपने एटीएम पिन को हमेशा गुप्त रखें भले ही कोई फोन पर कह रहा हो की वह बैंक से बोल रहा है या कोई पुलिस ऑफिसर बोल रहा है तब भी नहीं।
  • ATM Skimming से बचने के लिए एटीएम से पैसे निकालते वक्त इस बात का ध्यान जरुर रखे की लाइन में खड़े अन्य व्यक्तियों की आपसे उचित दूरी हो।

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