ऑडिट फर्म कैसे शुरू करें | Auditing Firm Business Plan Hindi.

Auditing Firm को Charted Accountant firm यानिकी CA firm भी कह सकते हैं छोटे बड़े स्टार्टअप एवं अन्य कंपनियों को इनकी आवश्यकता legal, taxation, accounting एवं payroll इत्यादि कार्यों को अंजाम देने के लिए एवं कंपनी में स्थापित विभिन्न प्रक्रियाओं, खर्चों, कमाई इत्यादि का ऑडिट कराने के लिए भी होती है |

हालांकि ऑडिट फर्म को कोई भी आम मनुष्य नहीं शुरू कर सकता यदि कोई आम मनुष्य इस तरह की कोई फर्म स्थापित करना चाहता हो तो उसे Partnership के तौर पर किसी प्रैक्टिस किये हुए चार्टेड अकाउंटेंट को लेना होगा, जिससे क़ानूनी रूप से उस फर्म का टैक्स पंजीकरण एवं अन्य पंजीकरण को स्वीकृति मिल सके |

इस प्रकार का यह बिज़नेस B2B एवं B2C दोनों है जब किसी उद्यमी या कंपनी द्वारा अपने बिज़नेस की आवश्यकता के अनुरूप इनकी सेवाओं को ख़रीदा जाता है तब यह B2B बिज़नेस होता है जब किसी व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत तौर पर इनकी सेवाओं को ख़रीदा जाता है तो यह B2C बिज़नेस कहलायेगा |

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ऑडिट फर्म क्या है (What is auditing firm in Hindi):

ऑडिट फर्म एक ऐसी कंपनी होती है जो किसी कंपनी के अंतर्गत चल रही गतिविधियों की समीक्षा करती है जिससे अक्षमताओं का पता लगाकर बिज़नेस चलाने में आने वाले खर्चे को कम किया जा सके या कंपनी के अन्य किसी आर्थिक, सामाजिक, सैधांतिक लक्ष्य को पूरा किया जा सके | यह फर्म किसी कंपनी के अन्दर आंशिक चोरी या धोखेबाजी की भी जांच कर सकती है साथ में यह भी सुनिश्चित करती है की कंपनी के अन्दर लागू नियमों एवं नीतियों का अनुपालन हुआ है की नहीं |

इसके अलावा यह फर्म विभिन्न रिपोर्ट की शुद्धता की भी जांच करती हैं | किसी भी कंपनी की दक्षता मापने के लिए ऑडिटिंग एक महत्वपूर्ण क्रिया है | यद्यपि Auditor मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं जब कोई कंपनी Auditing के लिए किसी योग्य उम्मीदवार को अपने कर्मचारी के तौर पर नियुक्त करती है तो उस व्यक्ति को कंपनी का Internal Auditor कहा जा सकता है |

लेकिन जब कंपनी कुछ समय के लिए Audit करवाने हेतु किसी बाहरी Auditing Company या व्यक्ति (CA) को एक निश्चित राशि पर Hire करती है तो ऐसे Auditor External Auditor कहलाते हैं | अधिकतर ऑडिटिंग फर्म External Auditor की श्रेणी में ही आती हैं |

ऑडिट फर्म की चलने की संभावना (Business Potential in auditing firm)

जैसा की हम सबको विदित है इंडिया जैसे विशालकाय देश में हर महीने सैकड़ों नए नए उद्यमी अपना नया नया बिज़नेस शुरू करते हैं और इंडिया में बिज़नेस शुरू करने के लिए विभिन्न सरकारी गैर सरकारी अनुपालनों का अनुसरण करना बेहद आवश्यक होता है इसलिए एक ऑडिट फर्म अपने ग्राहकों या उद्यमियों को सिर्फ Auditing की ही फैसिलिटी नहीं अपितु Tax Consultation, Legal Consultation, Payroll इत्यादि की फैसिलिटी मुहैया करा सकती हैं |  

उपर्युक्त कामों का उद्यमी के पास कोई विकल्प नहीं होता है अर्थात ये काम ऐसे होते हैं जिन्हें उद्यमी को करवाना ही करवाना पड़ता है | और जब भी सरकार द्वारा कर प्रणाली या अन्य Compliance में कुछ भी बदलाव किया जाता है जैसे हाल में सभी करों को  Goods and Service tax में परिवर्तित करना तभी उद्यमियों अर्थात बिज़नेस करने वाले व्यक्ति कंपनियों को इनकी आवश्यकता होती है |

कहने का आशय यह है की जब तक बिज़नेस एवं बिजनेसमैन होंगे तब तक उन्हें उपर्युक्त कार्यों को करने के लिए Charted Accountant या ऑडिट कंपनी की आवश्यकता होगी |

Auditing Firm या CA Firm स्थापित करने के लिए क्या योग्यता चाहिए होती है?

CA Firm या ऑडिटिंग फर्म स्थापित करने के लिए उद्यमी को ICAI से Qualified CA होना आवश्यक है | जब व्यक्ति CA की परीक्षाएं पास करके Charted Accounted बन जाता है तो उसे Practice के प्रमाण पत्र हेतु आवेदन करने के लिए The Institute of Charted Accountants of India (ICAI) द्वारा निर्धारित फॉर्म में निश्चित डिटेल्स भरनी पड़ती हैं |

Practice का प्रमाण पत्र मिल जाने के बाद व्यक्ति चाहे तो किसी ऐसी Firm में Partnership कर सकता है जो पहले से चल रही हों | या फिर यदि व्यक्ति खुद अकेले अपनी ऑडिट फर्म बिजनेस करना चाहता हो तो वह यह भी कर सकता है लेकिन Firm के नाम को ICAI से स्वीकृत कराना आवश्यक है |

ऑडिट फर्म कैसे शुरू करें (How to Start auditing firm in India)

इस तरह की यह फर्म शुरू करने से पहले उद्यमी बनने की ओर अग्रसित व्यक्ति को Charted Accountancy की पढाई करनी पड़ेगी, जिसके लिए व्यक्ति को The Institute of Charted Accountants of India (ICAI) को Registration Fee एवं Exam Fee के अलावा और भी बहुत सारे शुल्क अदा करने पड़ेंगे |

CA की परीक्षा पास करने के बावजूद भी व्यक्ति को इंस्टिट्यूट को नामांकन फीस, प्रैक्टिस प्रमाण पत्र शुल्क इत्यादि देना पड़ता है उसके बाद अलग अलग Membership प्रकार के आधार पर Memberships Fee भी अदा करनी पड़ती है | बिना Practice प्रमाण पत्र के CA firm नहीं खोली जा सकती | Practice प्रमाण पत्र एवं ICAI में पंजीकरण के अलावा Auditing firm शुरू करने के लिए और भी स्वीकृति एवं पंजीकरण चाहिए हो सकते हैं जिनकी संभावित लिस्ट कुछ इस प्रकार से है | हालांकि राज्य राज्य के आधार पर यह लिस्ट अंतरित हो सकती है |

  • व्यवसायिक कर प्रणाली के अंतर्गत पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है |
  • स्थानीय निकाय जैसे नगर निगम इत्यादि से स्वीकृति की आवश्यकता हो सकती है |
  • राज्य के या स्थानीय प्राधिकरण से Trade License |

एक ऑडिटिंग कंपनी शुरू करके उद्यमी कंपनियों एवं व्यक्तियों को विभिन्न तरह की फैसिलिटी दे सकता है जैसा की companies act एवं Income tax act में विभिन्न वैधानिक आवश्यकताओं का प्रावधान किया गया है |

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