केले का रेशा निकालकर बुनाई करने का बिजनेस | Banana Fiber Extraction and weaving business.

बिजनेस की इस श्रेणी में आज हम बात करने वाले हैं Banana Fiber Extraction and weaving business की, जिसका Hindi में शाब्दिक अर्थ केले का रेशा निकालकर उसकी बुनाई करना होता है | केले के पेड़ के तने से रेशा निकालकर उसकी बुनाई करके अनेक सामान जैसे बैग, टोकरी, चटाई, दरी, रस्सियाँ, कपडें इत्यादि सामान बनाया जाता है | केले के पेड़ यद्यपि India में कहीं भी उग सकते हैं, लेकिन वर्तमान में भारत के दक्षिणी राज्यों जैसे तमिलनाडु एवं केरल में यह व्यापार बहुतायत तौर पर किया जाता है |

Manual रूप से केले के तने से रेशा निकालना बेहद कठिन काम है, लेकिन अब इस काम को मशीनों के माध्यम से भी अंजाम दिया जाने लगा है | पहले Manual Process के माध्यम से व्यक्ति एक दिन में आधा किलो मुश्किल से रेशा निकालने में कामयाब हो पाता था, जबकि स्थानीय बाजारों में Banana Fiber 60-70 रूपये प्रति किलो बिकता था |

जिसका सीधा सीधा मतलब हुआ की एक व्यक्ति पूरे दिन मेहनत करके 60-70 रूपये भी नहीं कमा पा रहा था | लेकिन इस प्रक्रिया को मशीनों का उपयोग करके अंजाम देने पर 500gm से 1 किलो के बीच केले का रेशा सिर्फ एक घंटे में निकाला जा सकता है | केले के रेशे की मांग केवल हिंदुस्तान में ही नहीं बाहरी देशों की तरफ भी बढती जा रही है, इसलिए Banana Fiber Extraction and weaving business से जुड़े उद्यमी अपना Product export करके भी कमाई कर रहे हैं |

Banana Fiber-extraction-business

केले का रेशा निकालना और बुनाई करने का बिजनेस क्या है:

Banana fiber अर्थात केले का रेशा उसी प्रकार पर्यावरण के अनुकूल है जिस प्रकार Jute Fiber | कहने का अभिप्राय यह है की इनसे उत्पादित वस्तुएं पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं | जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की केले के केले का रेशा निकालने की तकनिक सर्वप्रथम भारत के दक्षिणी राज्यों में विकसित हुई थी, और यही कारण है की तमिलनाडु एवं केरल में बहुत सारे उद्यमी इस बिजनेस को सफलतापूर्वक कर भी रहे हैं |

कुछ फर्म केले के रेशे और इससे निर्मित उत्पादों को Export भी कर रहे हैं | जिन उत्तर पूर्वी राज्यों में केले का उत्पादन किया जाता है उन राज्यों ने भी दक्षिणी राज्यों की इस तकनीक को अपनाकर Banana fiber एवं Fabric का Production शुरू कर दिया है |  इस व्यवसाय का सबसे बड़ा फायदा यह है की यह हर उम्र के चाहे कोई नौजवान हो, अधेड़ हो या फिर बूढा सबको रोजगार देने का सामर्थ्य इसमें समाहित है |

यदि आपके ग्रामीण इलाकों में भी केले के वृक्ष अधिक हैं और आपको लगता है की कच्चा माल आपको आसानी से उपलब्ध हो जायेगा, क्योकि एक आंकड़े के मुताबिक India में प्रति वर्ष लगभग 5 लाख टन केले का तना कचरे के रूप में बर्बाद हो जाता है |  तो आप भी अपना business start करके खुद की और आपके आस पास उपलब्ध लोगों की Kamai का जरिया बन सकते हैं |

केले के रेशे के लिए बाज़ार (Market Potential of banana fiber):

केले का रेशा पर्यावरण के अनुकूल होने कारण सरकार द्वारा प्रोत्साहित बिज़नेस हैं इस प्रकार के बिज़नेस को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने अनेक योजनानाएं जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजनाप्रधानमंत्री एम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम इत्यादि चलाई हुई हैं | जहाँ तक Market potential की बात है |

इसका उपयोग विभिन्न वस्तुओं जैसे कार्पेट, चटाई, दरी, कपड़ों, साड़ियों की बुनाई में किया जाता है इनके अलावा विभिन्न प्रकार की टोपियाँ, फोटो फ्रेम, trinket boxes, Gift Bag, Hand bag, Belts, टोकरी इत्यादि की बुनाई में भी Banana Fiber का उपयोग होता है | प्राकृतिक रेशे से बुने हुए कपड़ों की मांग India और बाहर देशों में भी काफी है | यद्यपि India में आयात निर्यात बिज़नेस करने के लिए IEC code की आवश्यकता होती है |

जरुरी लाइसेंस और पंजीकरण (License and registration):

यद्यपि Small scale पर यह बिज़नेस करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती, चूँकि यह product environment friendly है इसलिए Pollution department से NOC की भी आवश्यकता नहीं है | लेकिन फिर भी उद्यमी को चाहिए की वह स्थानीय नियमो को ध्यान में रखते हुए नगर निगम एवं जिला उद्योग केंद्र से संपर्क कर स्पष्ट करे की क्या किसी प्रकार की औपचारिकता उसको यह बिज़नेस करने के लिए करनी पड़ेगी |

वैसे उद्यमी को चाहिए की वह अपने Business को Registrar of companies में भिन्न भिन्न बिज़नेस Entities में से किसी एक का चयन कर Register करे, और उसके बाद अपने बिज़नेस के नाम से PAN Card बनाकर चालू खाता खोले | उद्यमी चाहे तो उद्योग आधार में भी अपने बिज़नेस को पंजीकृत करा सकता है | Products export करने की चाह रखने वाले को IEC Code भी लेना होगा |

आवश्यक मशीनरी और उपकरण (Machinery & equipments):

केले का रेशा निकालकर बुनाई करने का बिजनेस कहीं से भी अर्थात ग्रामीण इलाकों से भी शुरू किया जा सकता है | क्योकि ग्रामीण इलाकों में कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से हो सकती है, केले का रेशा निकालने में उपयोग होने वाली मशीने 70000 से 150000 रूपये तक Market में आसानी से उपलब्ध हैं हालाँकि इन मशीनों को Banana Fiber Extraction Machine कहा जाता है जो की यह बिज़नेस Start करने के लिए सबसे बड़ा खर्चा है | इसके अलावा कुछ और जरुरी मशीनों एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत हैं |

  • दो केले का रेशा निकालने वाली मशीन ( Banana Fiber Extractor Machine) 2.
  • चार करघे, पूर्ण उपकरणों के साथ (Loom Complete with all accessories) 4.
  • रीलचक्र (Bobbin Circle) 1
  • रील 100
  • चरखा 1
  • Pirn 100
  • शटल 8

रेशा निकालने और बुनने की प्रक्रिया (Banana Fiber Extracting process and Weaving):

यद्यपि केले के पेड़  से प्राक्रतिक रेशा निकालने में बहुत अधिक सावधानियों की आवश्यकता होती है, ताकि रेशे/पेड़ को कोई नुकसान न पहुंचे | पहले केले के पौधों के वर्गों को मुख्य तने से  काट लिया जाता था और फिर नमी दूर करने के लिए उसे हलके से लुढका दिया जाता था |  और केले के रेशे में उपलब्ध अशुद्धियों जैसे पिगमेंट, टूटी फाइबर, सेल्यूलोज की Coating इत्यादि को कंघे का उपयोग करके दूर किया जाता था |

उसके बाद Fiber को साफ़ करके सूखा दिया जाता था | केले के रेशे का यह Manufacturing process बहुत धीमा, समय खाने वाला और Fiber को नुकसान पहुँचाने वाला  था, जिसको लगातार जारी रखना संभव नहीं हुआ | इसी के परिणाम स्वरुप इस प्रकार के Manufacturing process को Industrial तौर पर Recommend नहीं किया जा सकता | इन्ही सब बातों के मद्देनज़र बाद में एक विशेष मशीन Mechanically automated manner में  Banana Fiber Extracting के लिए डिजाईन की गई | 

इस मशीन में मुख्य रूप से दो क्षैतिज बीम को शामिल किया गया, जहाँ एक कैरिज को विशेष रूप से डिजाईन किये गए Comb के साथ संग्लन कराया गया, जिसे आगे और पीछे आसानी से स्थान्तरित किया जा सके  | इस Manufacturing Process से Banana Fiber Production के लिए केले के किसी साफ़ तने को मशीन में बने खांचे या प्लेटफार्म में डालना पड़ता है और तने का सिरा मशीन के जबड़ो से दबाया जाता है, और फिर एक दम से जबड़ों से बाहर निकाल दिया जाता है  |

यह केले के रेशे को इधर उधर फैलने और टूटने से भी बचाता है | बाद में इसे साफ़ करके एक हॉट चैम्बर में सूखने के लिए लगभग तीन घंटो तक रखा जाता है | इसके बाद उत्पादित फाइबर पर लेबलिंग करके Lamination Process के लिए तैयार किया जाता है | केले का रेशा निकालने के बाद इसकी बुनाई करघे को उपयोग में लाकर की जाती है | यह व्यापार low investment के साथ Start किया जाने वाला Business है, उद्यमी चाहे तो घरेलु महिलाओं और बुजुर्गों को भी काम दिलाकर उनकी और अपनी दोनों की कमाई में सहायक हो सकता है |

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