बेल्ट बनाने के बिजनेस की जानकारी। Belt Making Business.

Belt Making business की जब भी कहीं बात होती है तो साथ में बात होती है। Leather यानि चमड़े की, इस बिज़नेस में काम आने वाला मुख्य कच्चा माल होता है चमडा, यद्यपि वर्तमान में Rexine एक प्रकार का artificial leather का भी उपयोग विभिन्न तरह की belt बनाने में किया जाता है। Raw Material बेशक कोई भी हो सच्चाई तो यह है की Belt Making Process काफी easy process है।

जिसे कुछ मशीनों या फिर Hand tools की मदद से भी आसानी से अंजाम तक पहुँचाया जा सकता है। और यह Belt Making business कहीं से भी अर्थात ग्रामीण इलाकों एवं शहरों दोनों स्थानों से सफलतापूर्वक चलाया जा सकता है। क्योकि चाहे शहर हों या गाँव हर व्यक्ति को बेल्ट पहनने की आवश्यकता होती है, हाँ इसमें फर्क इतना है की जहाँ शहरों में एक व्यक्ति एक से अधिक रंग, आकार की belt अपने लिए खरीदता है वही ग्रामीण वासी एक belt में ही काम चला लेता है।

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Belt Making Business

Belt Making Business क्या है :

Belt का Hindi में अर्थ पेटी या पट्टे से लगाया जा सकता है, वैसे तो विभिन्न कार्यों के निष्पादन के लिए भिन्न भिन्न प्रकार की belt उपयोग में लायी जाती है। किन्तु यहाँ हम जिस बेल्ट की बात कर रहे हैं वह है कमर पर पहनने वाली बेल्ट। Belt making business से हमारा आशय Kamai करने की उस प्रक्रिया से है, जिसमे उद्यमी विभिन्न प्रकार की बेल्ट का निर्माण करके उन्हें बेचकर अपनी Kamai कर रहा होता है। इन Belts का निर्माण विभिन्न साइजों विशेषतः लम्बाई में किया जाता है।

लैदर बेल्ट की बिक्री की संभावना:

Leather से निर्मित कोई भी वस्तु वैश्विक बाज़ार में स्वीकृत की जाने वाली वस्तु हैं। और इससे निर्मित अधिकतर वस्तुएं Fashion Industry में उपयोग में लायी जाती हैं। सम्पूर्ण विश्व की leather industry में भारत की leather industry की हिस्सेदारी 12.9% है। यदि हम leather से निर्मित जूते चप्पल एवं पोशाकों की बात करें तो इंडिया विश्व में दुसरे नंबर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

वित्तीय वर्ष 2015-16 में Leather एवं लैदर से निर्मित वस्तुओं का निर्यात 500 करोड़ 92 लाख डालर का था। इन आंकड़ों से साफ़ पता चलता है की चमड़े और चमड़े से निर्मित वस्तुओं की मांग विदेशी बाजारों में भी निरंतर बनी रहती है। इसलिए यदि उद्यमी चाहे तो Belt making business Start करके उत्पादित माल को बाहरी देशों की तरफ निर्यात कर सकता है। इसके लिए उद्यमी को Import export Code (IEC) और बहुत सारी औपचारिकताओं की आवश्यकता होगी। इस विषय पर detailed जानकरी के लिए आप यह पोस्ट पढ़ सकते हैं।

लाइसेंस एवं पंजीकरण (Required License and registration):

हालांकि यदि उद्यमी इस बिज़नेस को कुटीर उद्योग के रूप में अपने घर से Start करना चाहता है तो उसे Local authority जैसे Municipality इत्यादि से permission लेनी होगी। लेकिन इसमें ध्यान देने वाली बात यह है की Raw Materials के रूप में Finished Leather का ही उपयोग किया जाना चाहिए।

यदि उद्यमी चाहता है की Belt making business Start करके वह इससे उत्पादित माल को निर्यात करेगा। तो उद्यमी को विभिन्न प्रकार के Registration जैसे सर्वप्रथम विभिन्न बिज़नेस Entities में से किसी एक का चयन करके Registrar of Companies में पंजीकरण, Tax Registration, Apply for IEC, एवं यदि उद्यमी चाहता है की लघु उद्योग के लिए समय समय पर शुरू होने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ उसको मिलता रहे तो उद्यमी को उद्योग आधार पंजीकरण भी करा लेना चाहिए।

कच्चा माल एवं मशीनरी (Required Machinery and raw materials):

Belt Making Business में यद्यपि व्यक्तिगत उपयोग हेतु कुछ Hand tools की मदद से भी बेल्ट का निर्माण संभव है। लेकिन यहाँ पर बात हो रही है व्यवसायिक रूप से Belt बनाने की तो उद्यमी को अनेक प्रकार की छोटी बड़ी मशीन एवं उपकरणों की आवश्यकता हो सकती है। जिनकी संभावित लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • बिजली चालित पट्टे को काटने वाली मशीन (Strap cutting machine Power Operated )
  • लैदर स्किविंग मशीन (Leather Skiving Machine)
  • एक सुई वाली फ्लैटबेड इंडस्ट्रियल सिलने वाली मशीन (Single Needle flatbed Industrial Sewing Machine 31 ND 15 Merrit)
  • साइड क्रीज़िंग मशीन
  • हस्तचालित उपकरण (Hand Tools) जैसे Hole Machine.
    इसके अलावा मुख्य Raw materials की लिस्ट इस प्रकार है।
  • Chrome Tanned upper Leather
  • Split Upper
  • Buckle, thread, solution etc.
  • Packing material

बेल्ट बनाने की प्रक्रिया (Belt Making Process in Hindi):

उद्यमी चाहे तो अपने डिजाईन के अनुरूप belt manufacturing process को अंजाम दे सकता है, लेकिन जो एक सामान्य Process है। उसके बारे में हम संक्षेप में यहाँ पर बताने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि Belt Making business करने की चाह रखने वाले उद्यमी को सर्वप्रथम इस बिज़नेस की Proper training लेनी चाहिए तभी वह इस बिज़नेस को सफलतापूर्वक Operate करने में कामयाब हो पायेगा। Belt Making करते वक्त सबसे पहले उपयुक्त Leather का चुनाव कर लिया जाता है।

उसके बाद Strap Cutting Machine की सहायता से उस लैदर को काट दिया जाता है, इसकी Cutting करते वक्त Size का ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है। Belt की आकृति में Leather को काटने के बाद किनारों से Skiving Machine की सहायता से Skived किया जाता है। Skived leather को आसानी से मोड़ा और चिपकाया जा सकता है। उसके बाद Skived हिस्से को fold कर लिया जाता है और Lining को चिपका दिया जाता है।

चिपकाने के बाद belt में  Stitching Machine की सहायता लेकर सिलाई की जाती है, बाकी प्रक्रिया जैसे Buckle लगाना, Trimming, Polishing डिजाईन के आधार पर की जाती हैं।

Belt making business में सबसे अधिक demand waist belt अर्थात कमरबन्द की होती है। शहरों में जहाँ इसका उपयोग फैशन के तौर पर किया जाता है वही ग्रामीण इलाकों में पैन्ट को टाइट रखने हेतु इसका उपयोग होता है।

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