बच्चों को पैसे का मूल्य कैसे समझाएँ 7 बेहतरीन तरीके ।

हर किसी ने अपने बचपन में या किशोरावस्था में अपने माता पिता या अभिभावकों से एक वाक्य जरुर सुना होगा वह है की ‘’ बेटा पैसे पेड़ पर नहीं उगते’’ लेकिन उस समय शायद हमें इस वाक्य का महत्व समझ में नहीं आया होगा । लेकिन आज जब बच्चों की माँग के कारण हमारे दैनिक आवश्यकताओं पर होने वाला खर्चा लगातार बढ़ता जा रहा है तो आम आदमी की मुश्किलें तो कम होने का नाम ही नहीं ले रही।

ऐसे में आम आदमी यही सोचता है की काश मेरे बच्चों को पैसे के मूल्य के बारे में पता होता तो उनकी अनावश्यक मांगो पर वे खुद ही लगाम लगा देते। कहने का अभिप्राय यह है की आज जब जीवन जीने की लागत बढ़ रही है तो हमें अपनी मेहनत से कमाई हुई कमाई के प्रति सम्मान की आवश्यकता है। अर्थात हमें अनावश्यक चीजों पर खर्चा करने की आवश्यकता नहीं है ताकि फालतू खर्चों पर रोक लगाकर हम उस पैसे को अपने भविष्य की योजनाओं के लिए बचा करके रख सकें।

ध्यान रहे यदि हम फालतू खर्चा करते जायेंगे तो हमारी भविष्य की योजनाओं के लिए हमारे पास पैसा नहीं होगा। इसलिए हमें न केवल पैसे बचत करने के बारे में सोचना होगा बल्कि अपने बच्चों को भी पैसे के महत्व या मूल्य के बारे में अच्छे ढंग से समझाना होगा। क्योंकि माता पिता को अपने बच्चों के भविष्य की बहुत अधिक चिंताएं होती हैं इसलिए उनके भविष्य के लिए हर माता पिता अपनी कमाई का कुछ न कुछ हिस्सा अवश्य बचाना चाहते हैं।

लेकिन अधिकतर बच्चों को पैसे के महत्व एवं मूल्य के बारे में पता नहीं होता तो वे अपने माता पिता से कुछ न कुछ अनावश्यक मांगे करते रहते हैं। ऐसे में हर माता पिता के लिए जरुरी हो जाता है की भले ही उनके पास कितने भी पैसे क्यों न हों लेकिन उन्हें अपने बच्चों को मनुष्य जीवन में पैसे का क्या महत्व है यानिकी पैसे की क्या वैल्यू है अवश्य समझाना चाहिए।

हालांकि अधिकतर माता पिता चाहते हैं की वे अपने बच्चों को पैसे के मूल्य के बारे में समझाएं लेकिन उन्हें समझ में नहीं आता है की वे कैसे अपने बच्चों को इस बारे में समझा सकते हैं। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से उन तरीकों के बारे में बात करेंगे जिनको अपनाकर कोई भी माता पिता या अभिभावक अपने बच्चों को पैसे के महत्व या मूल्य के बारे में समझा सकते हैं।

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1. अपने बच्चों को शौपिंग पर ले जाएँ

बच्चों का मन बड़ा कोमल होता है यह उम्र वह होती है जब बच्चे को पैसों इत्यादि का महत्व जरां भी पता नहीं होता है। इसलिए बच्चों को पैसे का मूल्य समझाने का जो सबसे पहला एवं आसान तरीका है वह यही है की अपने बच्चे को अपने साथ खरीदारी करते समय ले जाएँ। कहने का आशय यह की जब आपको किसी दुकान या शौपिंग मॉल से खरीदारी करनी हो तो अपने बच्चे को अपने साथ अवश्य ले जाएँ। वहाँ पर बच्चे को अलमारियों में लगे सामान जो आपको चाहिए उसे निकालने को कहें और उसे उसकी कीमत भी देखने दें।

जब वह अलमारी से सामान निकालेगा तो वह उसकी कीमत जानने को उत्साहित होगा और फिर उसे टोकरी में रख देगा। और गली मोहल्लों की दुकानों में बच्चे के सामने दुकानदारों से मोल भाव अवश्य करें ताकि आपका बच्चा यह अंदाज़ा लगा सके की आप पैसा बचाने की सोच रही हैं। इससे हो सकता है की आने वाले समय में वह भी पैसे बचाने के लिए दुकानदारों से मोलभाव करे।

कहने का अभिप्राय यह है की जब आपको आपका बच्चा खरीदारी पर एक एक पैसा बचाते हुए देखेगा तो हो सकता है की वह आपसे इस बारे में पूछे तब आप आसानी से उसे पैसे के महत्व या मूल्य के बारे में बता सकते हैं।

2. बच्चे को बिल एकत्र एवं उनका भुगतान करने दें

अपने बच्चों को पैसे का मूल्य समझाने का दूसरा तरीका यह है की उन्हें घर खर्च के बिलों को एकत्र करने दें और उनसे कुल खर्चे को जोड़ने को कहें। घर खर्च से हमारा अभिप्राय बिजली बिल, पानी बिल, घर का किराया, केबल बिल, इन्टरनेट बिल, ट्यूशन बिल इत्यादि से है। जब आपका बच्चा इन सभी बिलों का योग कर ले तो उसे इन बिलों का भुगतान करने को भी कहें अर्थात उसे पैसे देकर इन बिलों का भुगतान करने के लिए भेजें। इस तरह से आपके बच्चे को पैसे की वास्तविक कीमत का पता धीरे धीरे स्वत: ही चल जायेगा।

3. घर का बजट बनाने में अपने बच्चे को शामिल करें

खर्चे तो हर घर में होते हैं और हर घर में कमाई के हिसाब से घर खर्च का बजट भी बनता है। इसलिए यदि आप चाहते हैं की आपके बच्चे को पैसे के महत्व के बारे में समझ में आये तो जब आप घर की कमाई के आधार पर घर के खर्चो का बजट बना रहे होते हैं। तो उस प्रक्रिया में अपने बच्चे को भी शामिल करें कुछ माता पिता सोचते हैं की पैसे सम्बन्धी कामों में बच्चों को शामिल करके उन पर गलत प्रभाव पड़ता है जो की बिलकुल असत्य है।

चूँकि घर के खर्चों का बजट बनाते समय आपको घर सम्बन्धी सभी खर्चे शामिल करने पड़ते हैं इसलिए कुछ खर्चे जैसे स्कूल फीस इत्यादि निश्चित होते हैं तो कुछ महीने महीने कम ज्यादा होते रहते हैं। और जब आप इस आंकड़े को कम ज्यादा करते हैं तो यह प्रतिक्रिया आपके बच्चे को सोचने पर मजबूर कर देती है की आप ऐसा क्यों कर रहे हैं। हो सकता है वह आपसे पूछ भी बैठे तब भी आप अपने बच्चे को पैसे के मूल्य के बारे में समझा सकते हैं।

4. बच्चे को अपने साथ बैंक में ले जाएँ

बैंक एक ऐसा स्थान है जहाँ लोग अपने पैसे जमा करने या निकालने जाते रहते हैं इसलिए बच्चों को  पैसे की महत्वता समझाने के लिए इससे उपयुक्त स्थान शायद ही कोई हो। आपका अपने बैंक जहाँ आपका खाता है वहाँ पर काम तो पड़ता रहता होगा।

ध्यान रहे जब भी आप बैंक किसी काम से जाएँ अपने बच्चे को साथ लेकर जाएँ और उसे अपने बचत खाते के बारे में बताएं और यह भी बताएं की कैसे आपने एक एक पैसा जोड़कर इस बचत खाते में पैसे जमा किये हैं। हो सके तो अपने बच्चे को बचत खाते में पड़ी धनराशि को चेक करने दें। इससे आपके बच्चे का पैसे के प्रति सम्मान बढेगा और वह पैसे के महत्व को समझ पाने में भी सक्षम हो पायेगा। इसके अलावा बैंक का वातावरण भी उसे पैसे के महत्व को समझने में मदद करेगा।

5. बच्चे को जेब खर्चा दीजिये

चाहे आप कितने ही गरीब क्यों न हों लेकिन फिर भी कुछ न कुछ कमाई तो आपकी अवश्य रही होगी। इसलिए अपनी आर्थिक स्थिति के अनुरूप ही अपने बच्चे को पॉकेट मनी अवश्य दीजिये। वह इसलिए क्योंकि जब आप अपने बच्चे को जेब खर्च देते हैं तो वह अपनी मनमुताबिक यानिकी जो भी उसका खाने पीने का मन करता है वह स्वयं जाकर विक्रेताओं से खरीदता है।

और वह यह बात जान पाने में सफल हो पाता है की बिना पैसों के उसे कोई कुछ भी नहीं देगा इसलिए धीरे धीरे वह पैसे के महत्व या मूल्य के बारे में जान पाता है। और अक्सर ऐसा भी देखा गया है की पैसे के मूल्य को समझते ही कुछ बच्चे अपने जेब खर्चे से भी पैसों की बचत करते हैं।

6. बच्चे के साथ पैसा बचाने की रणनीतियों पर चर्चा करें

अपने बच्चे को यह दिखाएँ की आप चीजों को खरीदने एवं पैसे बचाने के लिए कैसे निर्णय लेते हैं। आप अपने बच्चे को यह बता सकते हैं की आपको उसकी पढाई इत्यादि के लिए पैसों की बचत करना कितना आवश्यक है। इसके अलावा आप अपने बच्चे को पैसे का मूल्य समझाने के लिए आप द्वारा पैसे कमाने एवं बचाने के लिए उठाई जाने वाली मुश्किलों का भी जिक्र कर सकते हैं। क्या पता आपकी परेशानियों को सुनते हुए आपका बच्चा अपने जेब खर्चे से ही गुल्लक में पैसे जमा करना शुरू कर दे।

7. परिवार में वित्तीय मीटिंग आयोजित करें

अपने बच्चे को पैसे का मूल्य समझाने के लिए आपको अपने परिवार में समय समय पर वित्तीय मीटिंग का आयोजन कराना चाहिए। और इसमें परिवार के सभी सदस्यों को अपनी अपनी बचत के बारे में बताना चाहिए।

कहने का आशय यह है की इस प्रकार की पारिवारिक बैठकों में परिवार के सदस्यों को अपनी बचत पर चर्चा करनी चाहिए। यदि आपके बच्चे ने भी थोड़ी सी भी बचत की है तो परिवार के सभी सदस्यों के सामने उसकी प्रसंसा करें। क्योंकि यही प्रसंशा उसे और अधिक बचत करने की ओर प्रोत्साहित करेगी एवं वह पैसे के मूल्य को बेहतर ढंग से समझ पायेगा।  

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