बिस्कुट बनाने का उद्योग कैसे शुरू करें। Biscuit Business Plan in Hindi.

अगर हम biscuit Business या बिस्कुट उद्योग की बात करें, तो biscuit एक मुख्य bakery product है । जिसका उपयोग सामान्यतया समाज के सभी वर्गो द्वारा किया जाता है । वर्तमान में शहरीकरण के विकास, जनसंख्या में वृद्धि, और लोगो के रहन सहन में सुधार ने biscuit की popularity (लोकप्रियता) को और बढ़ा दिया है। लोगों की आमदनी में सुधार होने के साथ साथ biscuit का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में भी तीव्र गति से वृद्धि हो रही है।

इसका उपयोग सर्वत्र अर्थात ग्रामीण और शहरी सभी इलाकों में होता है। इस तरह का यह व्यापार संगठित (Organized) और असंगठित (Unorganized) दोनों प्रकार की इकाइयों द्वारा किया जाता है। जिसका अभिप्राय यह है की इसमें बड़े उद्योगों एवं छोटे बिस्कुट बनाने वाले उद्योगों की भागीदारी है। लेकिन अधिकांशतः लघु उद्योगों के द्वारा भी बिस्कुट बनाने की इकाई स्थापित करके उच्च गुणवत्ता के बिस्कुट का उत्पादन करके इनकी मांग की आपूर्ति की जा रही है।

जिससे इस क्षेत्र से जुड़े लघु उद्योगों की भी अच्छी खासी Kamai हो रही है । इस क्षेत्र में बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा (Competition) के बावजूद लघु उद्यम भी बिस्कुट बनाने के बिजनेस में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। कुल बिस्कुट उत्पादन का 60% उत्पादन संगठित इकाइयों द्वारा, और 40% उत्पादन असंगठित इकाइयों द्वारा किया जा रहा है। चूँकि biscuit industry सम्बन्धी मशीन एवं उपकरण अपने ही देश में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इसलिए इस  औद्योगिक क्षेत्र में लघु उद्योग स्थापित करके उस business को आसानी से चलाने की संभावना अधिक हो जाती है ।

biscuit business ki Jankari

बिस्कुट बनाने के व्यापार में संभावनाएं (Market potential of biscuit business)

एक आंकड़े के मुताबिक इंडिया में बिस्कुट का उत्पादन करने वाले औद्योगिक इकाइयों का सालाना व्यापार 4.5 हज़ार करोड़ से भी ज्यादा का है। भारतवर्ष USA  और China  के बाद  सबसे बड़ा बिस्कुट उत्पादन करने वाला देश है । Federation of Biscuit Manufacturers of India (FBMI) के मुताबिक भारतवर्ष में biscuit industry आने वाले 10 सालों में प्रति वर्ष 15% की Growth Rate के साथ आगे बढ़ सकती है। वर्तमान में इंडिया में प्रति व्यक्ति द्वारा औसतन केवल 2.1 किलो बिस्कुट का उपयोग किया जा रहा है।

जबकि अन्य देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन,पश्चिमी यूरोपीय देशों में यह आंकड़ा 10, एशिया के दक्षिणी पूर्वी देशों सिंगापूर, होंग कोंग, इंडोनेशिया, थाईलैंड में यह आंकड़ा 4.25, चीन में 1.90 और जापान में 7.90 किलो है। हमारे कहने का आशय यह है की इंडिया में प्रति व्यक्ति बिस्कुट की खपत अन्य देशों के मुकाबले बहुत कम है। जिसका आने वाले समय में बढ़ना निश्चित है।

यही कारण है की biscuit business में कमाई की संभावनाएं निरंतर बनी रहती है। और अपने देश में यदि किसी स्वयंसेवी संस्था या किसी सरकारी विभाग द्वारा कोई स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। तो उस कार्यक्रम में खाने के तौर पर लोगो को  बिस्कुट वितरित किये जाते हैं । इसके अलावा होटल, हॉस्पिटल की कैंटीन, चाय की दुकानों में बिस्कुट का अधिकाधिक उपभोग किया जाता है ।

बिस्कुट उद्योग के लिए आवश्यक मशीनरी/उपकरण:

बिस्कुट उद्योग यानिकी biscuit business स्टार्ट करने हेतु निम्नलिखित मशीन एवं उपकरणों की जरुरत होती है ।

  • Flour Sifter (आटा छानने या बीनने वाली मशीन): Flour sifter एक उपकरण है जो आटे या मैदे में से अशुद्धियो को अलग करने के काम में लाया जाता है। ताकि एक उच्च गुणवत्ता वाले बिस्कुट का उत्पादन किया जा सके ।
  • Sugar Grinder (चीनी पीसने का उपकरण): biscuit business में चीनी एक अहम् कच्चा माल है, इसलिए Sugar grinder का उपयोग बिस्कुट बनाने की प्रक्रिया में चीनी को पिसने हेतु किया जाता है ।
  • Mixing Machine: इसका उपयोग Ingredients अर्थात सामग्री को मिलाने हेतु किया जाता है । जिससे एक अच्छा मिश्रण बन सके ।
  • Oil Sprayer: बिस्कुट बनाने की प्रक्रिया में oil sprayer का उपयोग बिस्कुट में तेल वगेरह छिडकने हेतु किया जाता है। यह प्रक्रिया तब की जाती है, जब बिस्कुट गरम हो अर्थात बिस्कुट को ठंडा करने की प्रक्रिया से पहले इनमे तेल वगेरह छिड़का जाता है।
  • Dough Making Machine: इस मशीन का उपयोग बिस्कुट तैयार करने हेतु लोई बनाने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया को करते वक़्त तैयार मिश्रण में वसा और पानी को मिला दिया जाता है । और आवश्यकतानुसार लोई को सख्त और नरम किया जाता है।
  • Molding and cutting Machine: इस मशीन का काम बिस्कुट को आकार देना और आकार के हिसाब से बिस्कुट को काटने का होता है।
  • Oven: oven का उपयोग आकार दी हुई लोई को गरम करना अर्थात पकाना होता है। ताकि आकार दी हुई लोई बिस्कुट के रूप में परिवर्तित हो सके।
  • Cooling conveyor: इसका उपयोग गरम बिस्कुटों को ठंडा करने में किया जाता है।

बिस्कुट बनाने के लिए कच्चा माल (Raw Material for making Biscuit)

बिस्कुट तैयार करने के लिए अर्थात बिस्कुट बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए भिन्न भिन्न raw materials (कच्चा माल) चाहिए होता है । जो निम्न है ।

  • गेहूं का आटा या मैदा (Wheat Flour)
  • पीसी हुई चीनी (Ground Sugar)
  • Glucose
  • वनस्पति तेल (Vegetable oil)
  • अनाज का सत्व (Starch)
  • दूध पाउडर (Milk Powder)
  • साधारण नमक (Salt)
  • Cream
  • Baking powder
  • कई प्रकार के Chemicals जैसे सोडा बाइकार्बोनेट इत्यादि ।

बिस्कुट बनाने का उद्योग कैसे शुरू करें (How to start biscuit making business in India):

वैसे देखा जाय तो बिस्कुट बनाना कोई कठिन काम तो नहीं है, कई बार हम अपने घर में भी कई तरह के बिस्कुट बना लेते हैं । यही कारण है की कई लोग इस तरह का यह बिजनेस अपने घर से भी शुरू कर रहे हैं और अपने द्वारा बनाये गए हैण्डमेड बिस्कुट को अपने एरिया के नजदीकी ग्रोसरी स्टोर, जनरल स्टोर में बेच भी रहे हैं। तो आइये जानते हैं की कोई इच्छुक उद्यमी बिस्कुट बनाने का उद्योग (Biscuit Business) कैसे शुरू कर सकता है ।

बिस्कुट के प्रकारों का चयन करें

सबसे पहले आपको इस बात का चयन करना होगा की आपको किस तरह के बिस्कुटो का निर्माण करना है । क्योंकि जो हैण्डमेड बिस्कुट होते हैं, उन्हें बनाने में समय ज्यादा लगता है इसलिए वे मशीन से निर्मित बिस्कुट की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं। हालांकि वर्तमान में लोग इस तरह के बिस्कुट को भी काफी पसंद करते हैं।

इसलिए सबसे पहले उद्यमी को इस बात को तय करना होगा की वह अपनी व्यवसायिक इकाई के माध्यम से किस तरह के बिस्कुट का निर्माण करना चाहता है। फर्क सिर्फ इतना होगा की हैण्डमेड बिस्कुट बनाने में मशीनरी का इस्तेमाल कम होगा तो निवेश भी कम होगा।   

जगह और बिल्डिंग का प्रबंध

यदि उद्यमी ने हैण्डमेड बिस्कुट बनाने का निर्णय लिया है तो फिर उसे बहुत अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होगी। वह इस काम को एक कमरे से भी शुरू कर सकता है। लेकिन यदि उद्यमी ने सेमी आटोमेटिक या आटोमेटिक पदयती से बिस्कुट का निर्माण करने की प्रक्रिया का चयन किया है, तो फिर उद्यमी को बड़ी जगह 500-800 वर्ग फीट या फिर इससे भी अधिक जगह की आवश्यकता हो सकती है।

जगह और बिल्डिंग का प्रबंध ऐसी लोकेशन पर होना चाहिए जहाँ सडकों, पानी, बिजली इत्यादि की उचित व्यवस्था हो। क्योंकि उद्यमी को उत्पादित उत्पाद को ट्रांसपोर्ट करने और कच्चे माल इत्यादि को मंगाने के लिए बड़े बड़े वाहों जैसे ट्रक टेम्पो इत्यादि का भी इस्तेमाल करना पड़ सकता है। इसलिए सड़क ऐसी होनी चाहिए की इन भारी वाहनों के आने जाने में किसी प्रकार का कोई व्यवधान न हो।

जरुरी लाइसेंस प्राप्त करें (Get Necessary license):

बहुत छोटे स्तर पर इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको केवल फ़ूड लाइसेंस की आवश्यकता होती है। लेकिन यदि आप इसे एक फुल टाइम व्यवसाय के तौर पर शुरू करना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करने होंगे।

बिजनेस पंजीकरण –  आपको अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप, वन पर्सन कंपनी, साझेदारी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली इत्यादि में से किसी एक के तहत रजिस्टर करना होगा।

कर पंजीकरण – टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर पर जीएसटी एवं अन्य जो लागू हो।

ट्रेड या फैक्ट्री लाइसेंस – स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत इत्यादि से।

फ़ूड लाइसेंस – बिस्कुट एक खाद्य पदार्थ है इसलिए इसके लिए FSSAI License की आवश्यकता होती है।

उद्यम रजिस्ट्रेशन – यदि एमएसएमई के तौर पर आप विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन भी कराना चाहिए।  

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन – बिस्कुट पैकिंग करके अपने ब्रांड के तहत बेचने और ब्रांड नाम की सुरक्षित करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता होगी।

पैन/चालू खाता –  भारत में किसी भी पंजीकृत उद्यम को उद्यम के नाम से पैन कार्ड बनाना अनिवार्य है। इसके अलावा उद्यम के नाम से बैंक में चालू खाता खोलने की भी आवश्यकता होगी।  

मशीनरी और कच्चा माल खरीदें (Machinery & Raw Materials)    

इसमें ध्यान देने वाली बात यह है की बिस्कुट बनाने के लिए उपयोग में लाये जाने वाला कच्चा माल तो लगभग एक जैसा ही रहेगा, या थोड़ा बहुत जैसे कोई आटा इस्तेमाल करेगा तो कोई मैदा, तो कोई स्वाद बढ़ाने के लिए कुछ ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल कर सकता है या फिर कोई नहीं भी कर सकता है, बस इतना ही अंतर होने वाला है। लेकिन इस व्यवसाय (Biscuit Business) के आकार के हिसाब से मशीनरी और उपकरणों में काफी अंतर देखने को मिल सकता है। उपर्युक्त मशीनरी की लिस्ट जो हमने दी है वह एक सेमी आटोमेटिक छोटा सा प्लांट स्थापित करने के उद्देश्य से दी गई है।

बाकी बिस्कुट बनाने का आटोमेटिक प्लांट स्थापित करने में मशीनरी में ही 25 लाख या इससे भी अधिक का खर्चा हो सकता है। और पूरी परियोजना लागत 1.5 करोड़ से भी अधिक हो सकती है। मशीनरी और कच्चा माल खरीदने से पहले उद्यमी को विभिन्न सप्लायर से कोटेशन मँगाकर उनका तुलनात्मक आकलन करके ही किसी अच्छे सप्लायर का चुनाव करना चाहिए ।

आवश्यक कर्मचारी (Required Manpower):

सही मायनों में बिस्कुट उद्योग शुरू करने के लिए उद्यमी को १५-२० कर्मचारियों की आवश्यकता हो सकती है। जिसमें मैनेजर/सुपरवाइजर, अकाउंटेंट/ऑफिस असिस्टेंट, मशीन ऑपरेटर, इलेक्ट्रीशियन, अकुशल कर्मचारी, कुशल कर्मचारी इत्यादि सभी शामिल हैं। लेकिन शुरूआती दौर में यदि उद्यमी अपने व्यवसाय को लेकर बहुत अधिक कॉंफिडेंट नहीं है तो फिर उसे कर्मचारियों की संख्या १० के अन्दर ही रखनी चाहिए। क्योंकि जैसे ही कर्मचारियों की संख्या १० से अधिक होगी वैसे ही आपके कर्मचारी राज्य बीमा (ESIC) के तहत रजिस्ट्रेशन भी जरुरी हो जाता है।  

इसके अलावा यदि किसी कर्मचारी की सैलरी इनकम टैक्स सीमा को पार करती है तो उसकी सैलरी पर TDS काटने के लिए TAN Number भी जरुरी हो जाता है । इसलिए उद्यमी को कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना इस ढंग से बनानी होगी की कोई भी अतिरिक्त वित्तीय बोझ उसके बिजनेस पर कम से कम शुरूआती दौर में तो न पड़े।

निर्माण प्रक्रिया शुरू करें (Start Manufacturing)

यदि उद्यमी अपने बिजनेस (Biscuit Business) के लिए बिस्कुट बनाने की कोई आटोमेटिक मशीन खरीद चुका है। तो उसका सफलतापूर्वक संचालन कैसे करना है, इसका प्रशिक्षण भी वह विक्रेता या कंपनी देती है जो उसे बनाकर बेच रही होती है। इसलिए यह कोई चिंता वाली बात नहीं है की उद्यमी बिस्कुट का निर्माण किस तरह से कर पाएगा। उद्यमी चाहे तो जिस मशीन ऑपरेटर को उसने नियुक्त किया है उसका प्रशिक्षण लेने के लिए उसे भी भेज सकता है। बाकी बिस्कुट की निर्माण प्रक्रिया हमने इस लेख में ऊपर भी बताई हुई है।   

बिस्कुट की निर्माण प्रकिया (Manufacturing process of biscuit)

यद्यपि अलग अलग स्वाद और मिश्रण के बिस्कुट बनाने की प्रक्रिया अलग अलग हो सकती है। लेकिन यहाँ पर हम कुछ सामान्य स्टेप के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें हर तरह के बिस्कुट निर्माण प्रक्रिया में इस्तेमाल में लाया जाता है।

  1. Biscuit making के लिए सबसे पहले सामग्री की आवश्यकतानुसार मात्रा लेकर, उसको Mixer में अच्छी तरह मिला दिया जाता है । लेकिन ध्यान देने वाली बात है की मिक्सर में आटे को नहीं डाला जाता।
  2. उसके बाद इस मिश्रण का पेस्ट तैयार कर लिया जाता है। अब इस पेस्ट में आवश्यकतानुसार आटा मिलाकर लोई (dough) तैयार कर लिया जाता है।
  3. अब इस लोई को Cutting and molding Machine में डाला जाता है। जिससे लोई बिस्कुट के आकार में कट जाती है।
  4. अब इन कटे हुए बिस्कुट के आकार को oven में गरम करने अर्थात पकाने हेतु रख दिया जाता है। और जब बिस्कुट तैयार हो जाते हैं। तो इनमे आवश्यकतानुसार तेल छिडक लिया जाता है, जिसमे oil sprayer machine उपयोग में लायी जाती है।
  5. तेल छिडकने के बाद बिस्कुटों को ठंडा करने हेतु cooling conveyor machine में डाला जाता है। उसके बाद अगला स्टेप पैकेजिंग एवं मार्केटिंग का होता है।

बिस्कुट एक ऐसा भोज्य पदार्थ है जिसको बहुत अधिक स्वच्छता का ध्यान रखकर पैक किया जाता है। और प्रतिस्पर्धा अधिक होने के कारण इसकी कीमतें भी ऐसी होती हैं की हर वर्ग का मनुष्य इसे आसानी से खरीद सकता है । यही कारण है की biscuit बच्चो में तो पोपुलर है ही है। लेकिन आजकल लोग इसको नाश्ते में भी उपयोग में लाने लगे हैं। biscuit business में बिस्कुट को निम्न खंडो में विभाजित किया जा सकता है ।

Biscuit Segments प्रतिशत
ग्लूकोस44%
क्रैकर्स13%
Marie13%
Milk12%
क्रीम10%
अन्य8%

जैसा की उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है की biscuit business शुरू करने वाली कुल इकाइयों में 44% ग्लूकोस, 13% क्रैकर्स/marie, 12% Milk, 10% cream और 8% अन्य बिस्कुटों का उत्पादन किया जाता है । इसका मतलब है की biscuit industry के द्वारा उत्पादित उत्पादों में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला उत्पाद Glucose से निर्मित बिस्कुट है। हालांकि बिस्कुट उद्योग में किसी एक segment पर आधारित लघु उद्योग कम ही प्रचलित हैं।

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