Business Turnover क्या होता है? और इसकी गणना कैसे करें?

जी हाँ जब भी हम किसी मौजूदा बिजनेस की बात करते हैं तो इस वार्तालाप में हम Turnover नामक शब्द को बार बार सुनते हैं । हालांकि इस साधारण वार्तालाप को सुनकर हम इतना तो ज्ञात करने में सक्षम हो पाते हैं की टर्नओवर से अभिप्राय बिजनेस के किसी वित्तीय आंकड़े से हो सकता है। लेकिन वास्तव में Turnover होता क्या है? इसकी गणना कैसे की जाती है? और एक बिजनेस में इसका क्या महत्व है? यह सब जान पाना एक साधारण सी वार्तालाप के जरिये संभव नहीं है।

इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से इस विषय पर विस्तृत जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। आम तौर पर देखा गया है की कई लोग बिजनेस के टर्नओवर को उसके प्रॉफिट से जोड़ देते हैं उन्हें लगता है की टर्नओवर ही प्रॉफिट है। जबकि यह सत्य नहीं है सत्य तो यह है की टर्नओवर एवं प्रॉफिट दोनों भिन्न भिन्न हैं। हालांकि हर उद्यमी जो भी बिजनेस कर रहा हो उसे अपने बिजनेस की स्थिति मापने के लिए किसी न किसी मापक की आवश्यकता होती ही है।

ताकि वह इस बात का पता लगा सके की उसके बिजनेस में चीजें कितनी अच्छी चल रही हैं। इसलिए Turnover की बात करें तो इसे व्यवसाय के स्वास्थ्य चेक करने का एक अच्छा मापक माना जाता है अर्थात यदि टर्नओवर अच्छा हुआ तो समझ लेना चाहिए की बिजनेस की हेल्थ भी अच्छी है। और यदि टर्नओवर अच्छा नहीं है तो समझ जाना चाहिए की बिजनेस की हेल्थ को उपचार की आवश्यकता है।

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टर्नओवर क्या है? (What is Business Turnover in Hindi):

Turnover की यदि हम बात करें तो इसे किसी बिजनेस द्वारा एक निश्चित अवधि में बिक्री के माध्यम से अर्जित की गई कुल पूँजी भी कह सकते हैं। कहने का आशय यह है की किसी व्यवसाय द्वारा एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पन्न की गई बिक्री ही टर्नओवर कहलाती है। इसे कभी कभी एक निश्चित समय के दौरान बिजनेस द्वारा अर्जित किया गया सकल राजस्व या कुल कमाई के तौर पर भी जाना जाता है। यह बिजनेस प्रॉफिट से अलग होता है और इसे बिजनेस से होने वाली कमाई का एक मापक माना जाता है।

जैसे: किसी बिजनेस द्वारा एक साल में उत्पन्न की गई बिक्री से होने वाली कमाई को Annual Turnover कहा जाता है इस तरह से अवधि के आधार पर इसके अलग अलग प्रकार हो सकते हैं। इसलिए कहा जा सकता है की टर्नओवर किसी निश्चित अवधि में बिजनेस के प्रदर्शन को मापने का एक प्रमुख एवं बेहतरीन उपाय है। इसका इस्तेमाल बिजनेस के दौरान योजना बनाने से लेकर निवेश को सुरक्षित करने तक विभिन्न प्रकार से किया जाता रहा है।            

टर्नओवर की गणना कैसे करें (How to calculate turnover in Hindi):

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में स्पष्ट कर चुके हैं की किसी भी बिजनेस का Turnover एक निश्चित अवधि में उस बिजनेस द्वारा की गई कुल बिक्री होती है। इसलिए इसकी परिभाषा के अनुसार इसकी गणना करना बेहद ही सरल है। यद्यपि इसकी गणना के अनेकों तरीके मौजूद हो सकते हैं लेकिन एक आसान एवं सरल तरीका यह है की उद्यमी अपने बिजनेस का टर्नओवर निकालने के लिए उसके द्वारा बिक्री की गई कुल उत्पादों की संख्या को उनकी कीमत से गुणा कर सकता है।

माना उद्यमी ने तीन महीने में 200 रूपये प्रति उत्पाद की दर से 4000 उत्पाद बेचे तो इस स्थिति में उद्यमी के बिजनेस का तीन महीने का टर्नओवर 4000×200=800000 रूपये होगा। हालांकि Turnover की गणना करते वक्त ग्राहकों को दिया गया डिस्काउंट एवं वैट इत्यादि को इसमें शामिल नहीं किया जाता है।

इसके अलावा यदि बिजनेस निवेश के माध्यम से धन प्राप्त करता है तो उसे भी टर्नओवर का हिस्सा नहीं बनाया जाता है। इसलिए इसकी गणना है तो सरल लेकिन किसे इसकी गणना में शामिल करना है किसे नहीं, यह इसकी गणना को थोड़ा पेचीदा अवश्य बना देता है।

बिजनेस टर्नओवर का महत्व (Importance of Business Turnover):    

आम तौर पर किसी भी बिजनेस के प्रति निवेशकों का पहला आकर्षण उसके Business Turnover को देख कर ही होता है। अधिक टर्नओवर जहाँ बिजनेस की सफलता इंगित करता है वहीँ कम टर्नओवर बिजनेस की विफलता या अपरिपक्वता इंगित करता है। इसलिए बिजनेस की स्थिति जानने में बिजनेस टर्नओवर उद्यमी की बेहद मदद करता है।

कहने का आशय यह है की Business Turnover इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे उद्यमी इस बात का अनुमान लगा पाता है की उसने जो लक्ष्य अपने बिजनेस के लिए एक निश्चित अवधि के लिए लक्ष्यित किये थे उसका बिजनेस वहाँ तक पहुँच पाया है या फिर नहीं। और उद्यमी को इसका विश्लेषण करने के बाद अनेकों निर्णय एवं योजना बनाने में मदद मिल सकती है।

यदि उद्यमी के बिजनेस द्वारा अर्जित कुल लाभ टर्नओवर की तुलना में बेहद कम है तो उद्यमी को सेल्स पर होने वाले खर्चे को कम करने की योजना बनानी होगी अर्थात उद्यमी को बिक्री लागत कम करने का सोचना होगा। उदाहरणार्थ: उद्यमी चाहे तो सप्लायर के साथ नए अनुबंध कर सकता है। इसके अलावा यदि उद्यमी के बिजनेस का शुद्ध लाभ टर्नओवर के अनुपात में बेहद कम है तो उद्यमी को व्यवसायिक दक्षता पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस स्थिति से निबटने के लिए उद्यमी को प्रशासनिक खर्चे कम करने होंगे।

टर्नओवर एवं प्रॉफिट में अंतर (Difference Between profit and turnover in Hindi):  

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की कुछ लोग Business Turnover एवं प्रॉफिट में अंतर नहीं समझ पाते और इन्हें एक ही समझने लगते हैं। इसलिए आगे हम टर्नओवर एवं प्रॉफिट में अंतर समझने की कोशिश करेंगे। जो निम्न हैं।

  • टर्नओवर एक निश्चित अवधि के दौरान बिजनेस की कुल कमाई का प्रतिनिधित्व करता है अर्थात यह एक निश्चित अवधि के दौरान कुल बिक्री का आंकड़ा होता है। जबकि प्रॉफिट अर्थात लाभ कुल कमाई से खर्च की कटौती के बाद बची हुई आय होती है।
  • टर्नओवर एवं प्रॉफिट दोनों किसी भी बिजनेस की इनकम स्टेटमेंट में शुरूआती एवं समाप्ति बिंदु हैं। जहाँ टर्नओवर सबसे पहले उल्लेखित होता है वहीँ लाभ परिणाम लेकर नीचे उल्लेखित होता है।

Business Turnover एवं प्रॉफिट में अंतर को और अच्छी तरह समझाने के लिए यहाँ पर हम एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। तो आइये इन दोनों में अंतर को हम नीचे दिए गए इस उदाहरण के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।

उदाहरणार्थ – माना A नाम का उद्यमी C नामक एक उत्पाद को 500 रूपये में बेच रहा है और वह इस उत्पाद के 200 पीस बेच देता है। इस स्थिति में A नामक उद्यमी का बिजनेस टर्नओवर 500×200 =100000 रूपये होगा।

मान लीजिये की A नामक उद्यमी ने C नामक प्रोडक्ट को 480 रूपये प्रति इकाई के हिसाब से ख़रीदा तो इस स्थिति में प्रति पीस उद्यमी का प्रॉफिट 500-480=20 रूपये हुआ। और 200 पीस की बिक्री पर कुल प्रॉफिट 20×200= 4000 रूपये होगा।

उपर्युक्त उदाहरण से स्पष्ट है की Business Turnover एवं प्रॉफिट दोनों अलग अलग तत्व हैं इसलिए इन्हें एक समझने की गलती कदापि नहीं करनी चाहिए। कभी कभी बिजनेस टर्नओवर अधिक होने पर भी लाभ की दर कम हो सकती है। और इसके विपरीत टर्नओवर कम होने पर भी लाभ की दर अधिक हो सकती है।

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