कॉल सेण्टर बिज़नेस कैसे शुरू करें? How to start call center business in Hindi.

अपने देश भारतवर्ष में Call Center Business में बीते कुछ सालों से बड़ी तीव्र वृद्धि हुई है, उसका कारण यह है की यह केवल उस उद्यमी के लिए प्रभावी नहीं रहा है जिसने यह उद्यम स्थापित किया है  बल्कि कर्मचारियों के लिए भी यह प्रभावी रहा है | भारतवर्ष में Call Center की शुरुआत बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में हुई थी और तब से ही ये भारतवर्ष में बढ़ते जा रहे हैं |

इस लगभग एक दशक में इंडिया में बौद्धिक मानव संसाधनों की उपलब्धता एवं सर्वोत्तम तकनीकों की उपलब्धता के कारण ही इस तरह के व्यापार बड़ी तीव्र गति से बढ़ पाने में सफल हो पाए हैं | इंग्लैंड एवं अमेरिका जैसे विकसित देशों के कई बड़े निगमों ने अपनी बहुत सारी प्रक्रियाओं को भारतीयों की दक्षता एवं उसमे लगने वाली लागत के कारण इंडिया में आउटसोर्स किया हुआ है |

आज नई नई स्थापना भी इंडिया में अपना Call Center स्थापित करने को आमादा रहते हैं | ऐसे में इस तरह का व्यापार करने के लिए हमेशा अवसर विद्यमान रहते हैं | इसलिए सबसे पहले यह जान लेते हैं की कॉल सेण्टर कहते किसे हैं?

call center business

कॉल सेण्टर क्या होता है (What is Call center in hindi):

कॉल सेण्टर क्या है या यह क्या होता है नामक इस प्रश्न का आसान सा जवाब है की Call Center एक ऐसा कार्यालय होता है जहाँ बहुत बड़ी मात्रा में टेलीफोन कॉल, इन्टरनेट कॉल, चैट, मेसेज, ईमेल इत्यादि को संभाला जाता है | इस बिज़नेस में उद्यमी किसी बड़े संगठन के ग्राहकों को ग्राहक सेवा प्रदान कर रहे होते हैं |  

कॉल सेण्टर मुख्यत: चार प्रकार के होते हैं, लेकिन इनमें से दो प्रकार मुख्य हैं इनबाउंड और आउटबाउंड, इनबाउंड कॉल सेण्टर से आशय एक ऐसे कार्यालय से है जहाँ पर कंपनी के मौजूदा ग्राहक कंपनी के उत्पाद को लेकर विभिन्न संचार माध्यमों जैसे फोन कॉल, इन्टरनेट कॉल, चैट, ईमेल इत्यादि के माध्यम से संपर्क कर रहे होते हैं |

इस प्रक्रिया में अधिकतर कॉल कस्टमर सपोर्ट एवं टेक्निकल सपोर्ट से सम्बंधित होते हैं और इसमें कॉल सेण्टर के प्रतिनिधियों को ग्राहक फोन कर रहे होते हैं न की प्रतिनिधि ग्राहक को कहने का आशय यह है की इनबाउंड कॉल सेण्टर में पचास फीसदी से ज्यादा काल इनकमिंग होती हैं |

आउटबाउंड कॉल सेण्टर से आशय एक ऐसे कार्यालय से लगाया जा सकता है जहां से अधिकतर आउटगोइंग कॉल की जाती हैं इस प्रकार के Call Center में मौजूदा ग्राहक फोन नहीं करते, बल्कि Call Center के प्रतिनिधि कंपनी के मौजूदा ग्राहकों एवं आंशिक ग्राहकों को फोन कर रहे होते हैं  वैसे तो इनमे इनकमिंग कॉल कम ही रिसीव होती हैं लेकिन जो होती हैं वे सेल्स से सम्बंधित होती हैं |

कॉल सेण्टर बिज़नेस शुरू करने की प्रक्रिया (Step by Step process to start Call Center in India in Hindi):

अपना Call Center खोलने या कॉल सेण्टर का बिज़नेस करने के लिए उद्यमी को विभिन्न कदम उठाने पड़ सकते हैं | जिनमे से कुछ मुख्य स्टेप का वर्णन हम निम्नवत करेंगे |

1. कॉल सेण्टर के प्रकार का निर्धारण:

Call Center Business शुरू करने की ओर उद्यमी का सबसे पहला कदम कॉल सेण्टर के प्रकार का निर्धारण करने का होना चाहिये | इसके लिए उद्यमी को इस बात पर रिसर्च करना होगा की कम्पनियां किस प्रकार के काम को आउटसोर्स कर रही हैं | चार प्रकार के कॉल सेण्टर में से दो मुख्य प्रकार के कॉल सेण्टर के बारे में हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं | टेलीमार्केटिंग को आउटबाउंड का ही एक रूप कह सकते हैं और वेब इनेबल्ड कॉल को इनबाउंड का |

इसलिए इस प्रकार से उद्यमी को केवल यह निर्धारण करना होता है की वह इनबाउंड कॉल सेण्टर खोलना चाहता है या आउटबाउंड | हालांकि यदि उद्यमी चाहे तो इस स्टेप में ज्यादा समय न गंवाकर अपने अगले स्टेप की ओर भी कदम बढ़ा सकता है क्योंकि यह निर्णय बाद में स्वत: भी हो जाता है की उद्यमी का कॉल सेण्टर इनबाउंड है या आउटबाउंड |

Call Center स्थापित होने के बाद जब यह चलने लगता है तब यदि पचास फ़ीसदी से अधिक कॉल इनकमिंग हैं तो यह इनबाउंड कॉल सेण्टर और यदि पचास फ़ीसदी से अधिक कॉल आउटगोइंग हैं तो यह आउटबाउंड कॉल सेण्टर कहलाता है |

2. बिज़नेस लोकेशन का चुनाव:

हालांकि Call Center नामक यह बिज़नेस दुनिया के किसी भी कोने से शुरू किया जा सकता है इसलिए ऐसे कई उदाहरण सामने आये हैं जब इस तरह के बिज़नेस को इनके उद्यमियों ने ऐसी लोकेशन पर शिफ्ट कर दिया जहाँ ऑफिस का किराया एवं मैनपावर कम कीमतों में आसानी से मिल जाय |

लेकिन इस बिज़नेस के लिए इन्टरनेट की उपलब्धता एवं बिजली की उपलब्धता अनिवार्य रूप से चाहिए होती है | इसके अलावा ऐसी लोकेशन जहाँ पर संचार कम्पनियों को लीज लाइन एवं टेलीफोन लाइन बिछाने में कोई आपत्ति न हो | Call Center Business Start करने के लिए उद्यमी को एक ऐसी बिज़नेस लोकेशन का चुनाव करना चाहिए जहाँ दक्ष एवं कुशल मैनपावर आसानी से मिल जाय |

3. कॉल सेण्टर के लिए लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन:

Call center business का रजिस्ट्रेशन Other Service Provider (OSP) की श्रेणी के अंतर्गत होता है और इंडिया में OSP registration प्राप्त करने के लिए इकाई का प्राइवेट लिमिटेड कंपनी होना अनिवार्य है | इसलिए कॉल सेण्टर या बीपीओ खोलने वाले उद्यमी को अपने बिज़नेस को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर चलाना होगा | इंडिया में अपनी कंपनी कैसे खोलें के लिए यह लेख पढ़ सकते हैं | कंपनी रजिस्ट्रेशन के अलावा उद्यमी को अपने बिज़नेस के नाम से पैन कार्ड बनाने एवं चालू खाता भी खोलने की आवश्यकता होती है |

चूँकि उद्यमी को अपने बिज़नेस के लिए दक्ष एवं कुशल कर्मचारियों की भी आवश्यकता होती है इसलिए कर योग्य वेतन पाने वाले कर्मचारियों का  TDS काटने हेतु टेन नंबर की भी आवश्यकता हो सकती है | उद्यमी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करा लेना चाहिए |

कहने का आशय यह है की Call Center को एक कंपनी के तौर पर रजिस्टर करके चलाया जा सकता है | इसलिए जिस लोकेशन पर उद्यमी अपना कार्यालय खोलना चाह रहा हो उस राज्य या शहर विशेष के स्थानीय नियमों के मुताबिक भी अन्य लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है |

4. खर्चों की योजना बनाना एवं उनमें निवेश करना:

Call Center Business करने के इच्छुक उद्यमी को इस व्यापार को शुरू करने में आने वाले खर्चों जैसे कार्यालय का किराया या खरीदारी, ऑफिस रेनोवेशन, कंप्यूटर एवं सह उपकरण, कर्मचारियों के वेतन, Consumables इत्यादि की योजना बना लेनी चाहिये | इस योजना के अंतर्गत उद्यमी को आने वाले खर्चों एवं होने वाली अनुमानित कमाई को शामिल किया जाना बेहद जरुरी है | ताकि इसी प्लान के मुताबिक उद्यमी आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर सके और उसका बिज़नेस अच्छे ढंग से प्रारम्भ हो सके |

सम्पूर्ण बिज़नेस को अच्छे ढंग से क्रियान्वित करने के लिए उद्यमी चाहे तो एक प्रभावी बिज़नेस प्लान भी बना सकता है | जो उसको बिज़नेस में कौन सी गतिविधि कब करनी है, कैसे करनी है, क्या करनी है, कितनी करनी है इत्यादि के लिए एक स्पष्ट आईडिया देने का काम करेगा | प्रभावी लिखित योजनायें उद्यमी को अपने लक्ष्यों को साथ लेकर चलने एवं उन्हें हासिल करने में भी मदद करती हैं |

5. कॉल सेण्टर की जरूरतों की व्यवस्था (Arrangement of call center business requirements):

हर बिज़नेस को शुरू करने के लिए एवं उसे अच्छे ढंग से चलाने के लिए बिज़नेस की प्रकृति के हिसाब से उसकी आवश्यकताएं होती हैं | ठीक इसी प्रकार Call Center Business शुरू करने के लिए भी उद्यमी को ऑफिस, फर्नीचर, कंप्यूटर एवं उसके सह उपकरण, कर्मचारी, सॉफ्टवेर, टेलीफोन, स्टेशनरी इन्टरनेट कनेक्शन, लैंडलाइन टेलीफोन कनेक्शन इत्यादि की आवश्यकता होती है |

उद्यमी को इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल इत्यादि ट्रैक करने के लिए Call Center आधारित सॉफ्टवेर की आवश्यकता हो सकती है | क्योंकि कॉल सेण्टर में प्रत्येक कॉल का लॉग बनाये रखना होता है और उसके रिकॉर्ड को स्टोर करना होता है | हालांकि कॉल सेण्टर पर आधारित बाजार में कई सॉफ्टवेर मौजूद हैं लेकिन यह महंगे होते हैं इसलिए उद्यमी को अच्छे खासे रिसर्च के बाद ही इस तरह के सॉफ्टवेर खरीदने चाहिए |

ताकि उद्यमी एक ऐसे सॉफ्टवेर का चुनाव कर पाने में सक्षम हो जो उसके Call Center Business के लिए उपयुक्त हो | इन्टरनेट या लीज लाइन का चुनाव करते समय भी उद्यमी को स्पीड का विशेष ध्यान रखना होगा | कहने का आशय यह है की कॉल सेण्टर को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए उद्यमी को सभी आवश्यक चीजों का प्रबंध पहले से करना होगा |

6. स्टाफ की नियुक्ति करना (Appointment of Staff):  

Call Center Business के लिए दक्ष एवं कुशल स्टाफ की आवश्यकता होती है, केवल एक व्यक्ति इस बिज़नेस को नहीं चला सकता है | इसलिए इस व्यापार को चलाने के लिए उद्यमी को स्टाफ की नियुक्ति करनी होती है जो एक टीम के रूप में कार्यरत रहते हैं | कॉल सेण्टर बिज़नेस के लिए ऐसे दक्ष एवं कुशल लोगों की आवश्यकता होती है जिनका कम्युनिकेशन स्किल बेहद अच्छा होता है और वे किसी भी स्थिति में बिना गुस्सा किये ग्राहकों को जवाब देने एवं उनकी शिकायतें सुनने में सक्षम होते हैं |

कहने का अभिप्राय यह है की उद्यमी को ऐसे शांत एवं बुद्धिमान लोगों को अपने बिज़नेस का हिस्सा बनाना होगा जो ग्राहकों की समस्याओं को सुलझा सकें और उत्पाद को कुशलतापूर्वक बढावा दे सके |

स्टाफ की नियुक्ति के बाद उनकी ट्रेनिंग भी बेहद जरुरी होती है जिसमे उन्हें इस बात के लिए प्रशिक्षित किया जाता है की चाहे कस्टमर कुछ भी कहे चिल्लाता रहे लेकिन उन्हें विनम्रता एवं मीठा होकर जवाब देने के साथ अपना धैर्य बनाये रखना है |  इस प्रशिक्षण में उन्हें ग्राहकों के साथ अच्छा ताल मेल बिठाने हेतु बेसिक टेलीफोन शिष्टाचार भी सिखाया जाना बेहद जरुरी है |

7. ऐसी कंपनियों के बारे में पता करें जो अपने कॉल सेण्टर पर आधारित प्रोजेक्ट आउटसोर्स करना चाहते हों |

चूँकि अब तक उद्यमी Call Center Business start करने की ओर लगभग सारे जरुरी कदम उठा चूका है | इसलिए अब उद्यमी का अगला कदम ऐसी कंपनियों का पता लगाने का होना चाहिए जो अपने कॉल सेण्टर प्रोजेक्ट को आउटसोर्स करने के इच्छुक हों |

इसके लिए उद्यमी को कंपनियों में जाकर अधिकारिक लोगों से मिलकर अपने बिज़नेस के बारे में बताना होगा | हालाँकि अलग अलग कंपनियों का पेमेंट स्ट्रक्चर एवं दी जाने वाली दरें अलग अलग होती हैं इसलिए उद्यमी को अपने बिज़नेस के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर कंपनी का चुनाव करना चाहिए |

8. बिज़नेस से ज्यादा कमाई और इसे विस्तारित करें?

जब उद्यमी को Call Center Business के लिए इतने प्रोजेक्ट मिल जाएँ की उसका व्यापार साधारण ढंग से चलने लगे तो अब उद्यमी को इस बिज़नेस से ज्यादा कमाई करने की कोशिश करनी चाहिए | ज्यादा कमाई तभी होगी जब उद्यमी के पास प्रोजेक्ट ज्यादा होंगे और ज्यादा प्रोजेक्ट उद्यमी के पास तभी होंगे जब उसके पास ग्राहक अधिक होंगे | अधिक ग्राहकों तक अपने व्यापार की पहुँच बनाने के लिए उद्यमी को अनेकों मार्केटिंग तकनीक को अपनाने की आवश्यकता हो सकती है |

इनके अलावा उद्यमी को चाहिए की वह अपने बिज़नेस की एडवरटाइजिंग के लिए सोशल मीडिया एवं गूगल का उपयोग करे जिससे वह अपने बिज़नेस को अधिक से अधिक आंशिक ग्राहकों तक पहुंचा पाने में सक्षम हो पाए | हालांकि Call Center Business कर रहे व्यक्ति के पास खुद की सही से व्यवस्थित एवं अपडेटेड वेबसाइट एवं सोशल मीडिया अकाउंट होना चाहिए | जो उद्यमी को इंडस्ट्री में उसके व्यापार की साख बनाने में मदद करेगी |

उद्यमी अपना खुद का एक नेटवर्क भी बना सकता है जो उसे ग्राहक दिलाने में मदद करेगा इस नेटवर्क में अन्य कॉल सेण्टर भी इसका हिस्सा हो सकते हैं | जब उद्यमी की कमाई बढती जाये तो उसे अपने Call Center Business को भी बढ़ाने की सोचनी चाहिये अपने बिज़नेस को बढाने के लिए उद्यमी को और स्टाफ की नियुक्ति करनी होगी और ऑफिस किसी बड़ी जगह में शिफ्ट करना होगा उसके बाद उद्यमी अपनी क्षमता के अनुरूप प्रोजेक्ट ले सकता है |

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