Cash Credit क्या है? इसकी विशेषताएं, फायदे एवं नुकसान |

Cash Credit जिसका शाब्दिक अर्थ नकदी ऋण से लगाया जा सकता है, लेकिन आम तौर पर यह बैंकों या वित्तीय संस्थान द्वारा किसी कंपनी को कम अवधि के लिए दिया जाने वाला एक कैश ऋण है | हालांकि इस प्रकार के ऋण अर्थात Cash Credit Loan को बैंक द्वारा कंपनी या बिज़नेस इकाई को तभी जारी किया जाता है जब बैंक द्वारा उस ऋण के लिए आवश्यक सुरक्षा प्राप्त कर ली जाती है |

सुरक्षा के बाद सम्बंधित कंपनी बैंक द्वारा निर्धारित समय तक उस बैंक से लगातार पैसों की निकासी कर सकती है | लेकिन ध्यान रहे मात्रा एवं समय बैंक द्वारा ही निर्धारित किया जाता है | भारत में आम तौर पर बैंकों द्वारा Cash Credit Facility उद्यमों को उनकी कार्यशील पूँजी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर दी जाती है | कैश क्रेडिट सुविधा से मिलने वाले पैसे से उद्यमी कच्चे माल, मशीनरी, बिल्डिंग इत्यादि पर पैसा खर्च कर सकते हैं | इसे और विस्तृत रूप से समझने के लिए आइये जानते हैं यह है क्या?

Cash Credit kya-hai

कैश क्रेडिट क्या होता है (What Is Cash Credit in Hindi):

हालांकि यह तो हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की Cash Credit किसी बैंक द्वारा किसी कंपनी को दिया जाने वाला एक अल्पकालिक नकद ऋण होता है | यह कंपनी की कार्यशील पूँजी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर निर्धारित किया जाता है | दूसरे शब्दों में या आसान शब्दों में Cash Credit को बैंक द्वारा किसी कंपनी को दिया गया अल्पकालिक ऋण कहा जा सकता है |

यह सुविधा कंपनी को क्रेडिट बैलेंस के बिना उस खाते से पैसे निकालने की अनुमति प्रदान करता है लेकिन कंपनी निर्धारित सीमा तक ही पैसा निकाल सकती है | और बैंकों द्वारा इस तरह की राशि पर ब्याज भी वसूला जाता है | कहने का अभिप्राय यह है की एक Cash Credit Account एक चालू खाते की तरह ही होता है इसमें फर्क सिर्फ इतना है की चालू खाते पर बैंक कभी कभी ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी मुहैया कराते हैं, जबकि इस तरह के खाते से बैंक द्वारा निर्धारित सीमा के तहत लगातार बैलेंस से अधिक पैसे निकाले जा सकते हैं |

कैश क्रेडिट की विशेषताएं (Features of Cash Credit in Hindi):

Cash Credit की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं |

1. उधार की सीमा:

कंपनी की ऋण चुकता करने की शक्ति को भांपते हुए बैंकों द्वारा Cash Credit के अंतर्गत दिए जाने वाले उधार की एक सीमा तय की जाती है | सम्बंधित कंपनी उस सीमा तक फण्ड की निकासी कर सकती है या निर्धारित सीमा तक उधार ले सकती है |

2. इस्तेमाल में लाये जाने वाले या चल रहे बैलेंस पर ब्याज:

इस पद्यति में ब्याज सिर्फ चल रहे बैलेंस पर लागू होता है न की कुल उधार की सीमा पर इसलिए यह अन्य पारम्परिक ऋणों से थोड़ा भिन्न है |

3. न्यूनतम प्रतिबद्धता शुल्क का निर्धारण:

Cash Credit Facility लेने वाली कंपनी को बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्रतिबद्धता शुल्क का भुगतान करना ही होता है चाहे वह उधार पर दिए जा रही धनराशि का इस्तेमाल कर रही है या नहीं | कहने का अभिप्राय यह है की बैंकों द्वारा इस तरह की फैसिलिटी देने से पहले कंपनी को ऐसे नियम के बारे में बता दिया जाता है की वे एक निर्धारित धनराशि पर कम से कम ब्याज तो लेंगे ही लेंगे | या फिर निकाली गई धनराशि पर तो ब्याज लगेगा ही लगेगा इन दोनों में से जो भी अधिक हो कंपनी को बैंक को उसी का भुगतान करना होगा |

4. सम्पति बंधक रखने की आवश्यकता:

बैंकों द्वारा कंपनीयों को दी जाने वाली Cash Credit Facility Collateral Free नहीं है, इसलिए बैंक द्वारा कंपनी के स्टॉक एवं देनदारियों का आकलन किया जाता है उसके बाद कंपनी के फिक्स्ड एसेट एवं अन्य सम्पतियों को सुरक्षा के तौर पर बंधक रखा जाता है | ताकि ऋण चुकता न कर पाने की स्थिति में बैंक कंपनी की सम्पतियों को बेचकर ऋण की भरपाई कर सके |

5. ऋण की समय सीमा:

Cash Credit Account के तहत दिया जाने वाला ऋण अल्पकालिक होता है इसलिए इसकी अधिकतम समय सीमा एक वर्ष यानिकी 12 महीने निर्धारित की गई है |

कैश क्रेडिट के फायदे (Benefits of Cash Credit in Hindi):

Cash Credit के मुख्य फायदों की लिस्ट इस प्रकार से है |

  • बिज़नेस में लगने वाली कार्यशील पूँजी के लिए Cash Credit एक महत्वपूर्ण स्रोत है क्योंकि कंपनियों को हमेशा तरलता की चिंता बनी रहती है |
  • इसे किसी बैंक द्वारा किसी कंपनी को उसकी सम्पतियों का आकलन करके आसानी से जारी किया जा सकता है | और बैंक के लिए इसे व्यवस्थित करना भी आसान रहता है | कम्पनी की सम्पतियों के आधार पर ही कैश क्रेडिट का मूल्य निर्धारित होता है |
  • इसमें कंपनी को लचीलापन की फैसिलिटी भी मिलती है क्योंकि एक Cash Credit Account से कंपनी उसकी उधार की सीमा तक कितनी बार भी कैश निकाल सकती है | और उस खाते में अतिरिक्त नकदी जमा कंपनी पर लगने वाले ब्याज को कम करता है |
  • इस पर किया गया ब्याज का भुगतान कर कटौती योग्य होते हैं जो इस प्रकार से कंपनी पर लगने वाले कर के बोझ को कुछ हल्का कर देते हैं |
  • Cash Credit उधारकर्ता की वित्त पोषित लागत को कम कर देते हैं क्योंकि इसमें सिर्फ इस्तेमाल किये गए राशि पर ही ब्याज का भुगतान करना पड़ता है या बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्रतिबद्धता राशि का भुगतान जो भी अधिक हो वह करना पड़ता है |

कैश क्रेडिट के नुकसान (Disadvantages of Cash Credit):

Cash Credit के कुछ नुकसान भी हैं जिनका विवरण कुछ इस प्रकार से है |

  • बैंक द्वारा किसी भी प्रकार का ऋण या कैश क्रेडिट दिए जाने पर ब्याज की उच्च दर वसूली जाती है |
  • उधारकर्ता से बैंक द्वारा एक न्यूनतम प्रतिबद्धता राशि वसूली जाती है चाहे उधारकर्ता उस राशि का इस्तेमाल करे या फिर नहीं |
  • चूँकि इस प्रकार की यह फैसिलिटी अर्थात Cash Credit facility बैंकों द्वारा कंपनीयों के टर्नओवर, बैलेंस शीट, देनदारों, लेनदारों, कंपनी की परफॉरमेंस इत्यादि को ध्यान में रखकर दी जाती है जिसके कारण नई कंपनियां इस लाभ से वंचित रह जाती हैं |
  • चूँकि Cash Credit एक अल्पकालिक ऋण होता है इसलिए इसकी अवधि ख़त्म हो जाने पर बैंकों द्वारा इसे नए नियम शर्तों के साथ रिन्यू किया जाता है |

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