अरंडी का तेल बनाने का व्यापार | Castor oil Manufacturing Business in Hindi.

Castor Oil को हिंदी में अरंडी के तेल के नाम से जाना जाता है कहा यह जाता है की अरंडी के पौधे रिसीनस कम्युनिस की प्रजाति फूलों के पौधे की एक प्रजाति है | सामान्य तौर पर अरंडी के पौधे दक्षिण पूर्वी भूमध्य बेसिन, पूर्वी अफ्रीका एवं भारत में पाया जाता है | लेकिन इसके अलावा इसका क्षेत्र सम्पूर्ण उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों को माना जाता है | Castor oil के यदि हम स्रोत की बात करें तो इसकी उत्पति अरंडी के बीजों से ही की जाती है जिसे बाद में अनेकों कार्यों को निष्पादित करने के लिए घरेलू एवं व्यवसायिक तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है |

अरंडी के बीजों में आम तौर पर 40% से 60% तक तेल होता है जो ट्राइग्लिसराइड्स में समृद्ध होता है | भारत में जो अरंडी की किस्म पायी जाती है इसके बीजों में 48% तक तेल होता है लेकिन बीजों से केवल 42% तक तेल ही निकाला जा सकता है | चूँकि अरंडी के बीजों में रिसिन नाम का एक विषाक्त पदार्थ होता है जो सम्पूर्ण पौधे में भी कम मात्रा में उपलब्ध रहता है | यही कारण है की Castor Oil को खाद्य तेल के तौर पर इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है | कहने का आशय यह है की यह एक अखाद्य तेल है |

Castor oil manufacturing business

अरंडी का तेल क्या है (What Is Castor oil):

अरंडी के तेल Castor Oil को एक वानस्पतिक तेल कहा जा सकता है जिसे अरंडी के बीजों को कच्चे माल के तौर पर उपयोग में लाकर निर्मित किया जाता है | इस तेल का रंग हल्का पीला होता है | कहने का अभिप्राय यह है की अरंडी का तेल अरंडी के बीजों से निर्मित एक हलके पीले रंग का तेल होता है जिसका इस्तेमाल अनेकों घरेलू एवं व्यवसायिक कारणों के कारण किया जाता है | इस तेल में अनेकों औषधीय गुण विद्यमान होने के कारण इसका इस्तेमाल अनेकों क्रीम एवं साबुन बनाने में भी किया जाता है |

अरंडी के तेल के औद्योगिक उपयोग (Industrial Uses of Castor Oil):

Castor oil के एक नहीं बल्कि अनेकों औद्यगिक उपयोग होते हैं क्योंकि इसका व्यापक तौर पर इस्तेमाल साबुन बनाने, सौन्दर्य प्रसाधन बनाने, पेंट का निर्माण करने, चिपकाने वाला कोई पदार्थ तैयार करने एवं लुब्रिकेंट निर्माण में किया जाता है | चूँकि इस तेल में हल्का रेचक एवं चिकनाई का गुण भी विद्यमान रहता है इसलिए कई प्रकार के औषधीय निर्माण में भी इसका व्यापक उपयोग होता है | इसका उपयोग कैस्टर ऑयल डेरिवेटिव्स के निर्माण के लिए भी किया जाता है जिसे फिर से मूल्यवान औद्योगिक केमिकल के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है |

उद्यमी की योग्यता एवं उत्पाद की मांग:

हालांकि Castor oil Manufacturing Business आम तौर पर क्रशिंग तकनीक पर आधारित है लेकिन फिर भी इस व्यापार को शुरू करने के लिए उद्यमी को व्यवसायिक समझ वाला होना चाहिए | इसके अलावा उद्यमी को बाजार का पहले से आकलन करने वाला, एवं जोखिम उठाने वाला भी होना जरुरी है | क्योंकि अरंडी के बीजों का बाजार अटकलों से भरा हुआ माना जाता है | और इसके अलावा उद्यमी को Castor oil की बिक्री के लिए इस प्रतिस्पर्धी बाजार में कड़ी मेहनत की भी आवश्यकता हो सकती है |

बीजों से तेल निकालने से सम्बद्ध रखने वाले उद्योग राष्ट्रीय तेल बीज मिशन के तहत लगातार आगे बढ़ रहे हैं | चूँकि देश में औद्योगिकीकरण की वृद्धि के साथ वानस्पतिक तेलों के इस्तेमाल में भी तेजी से वृद्धि हो रही है यही कारण है की अरंडी के तेल की मांग में भी भारी वृद्धि हो रही है | कहने का आशय यह है की उद्यमी चाहे तो अपने उत्पाद को घरेलू उद्योगों या फिर बाहर देशों की ओर निर्यात करके भी अपनी कमाई कर सकता है |

अरंडी के तेल के लिए संभावित बाजार :

भारत की हिस्सेदारी अरंडी के तेल के विश्व निर्यात की कुल 91-93% है एक आंकड़े के मुताबिक मार्च 2017 तक Castor oil का विश्व निर्यात 5.25 लाख टन था जिसमें अकेले भारत का योगदान 4.85 लाख टन था | और वर्ष 2017 के अंत तक यह खपत 7 लाख टन आंकी गई थी | Castor Oil नामक यह तेल monounsaturated, ricin oleic और 18-कार्बन फैटी एसिड का मुख्य स्रोत है ।

इस तेल की अनूठी संरचना एवं समृद्ध गुणों के कारण अरंडी के तेल और इसके डेरिवेटिव्स का उपयोग विभिन्न उद्योगों जैसे कॉस्मेटिक, फ़ूड, लुब्रिकेंट इंडस्ट्री, पेंट, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक, टेलीकम्यूनिकेशन, फार्मास्युटिकल्स, परफ्यूम, प्लास्टिक, रबर एवं टेक्सटाइल केमिकल इंडस्ट्री द्वारा उपयोग में लाया जाता है |

आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन (Required License and Registration):

  • उद्यमी को अपने Castor oil Manufacturing unit को फैक्ट्री अधिनियम के तहत रजिस्टर कराने की आवश्यकता हो सकती है |
  • इस इकाई को एमएसएमई के तहत रजिस्टर कराने की भी आवश्यकता हो सकती है इसके लिए उद्यमी अपने बिज़नेस को उद्योग आधार में रजिस्टर करा सकता है |
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन यानिकी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है |
  • यदि उद्यमी अपने उत्पाद को बाहर देशों की ओर निर्यात करना चाहता है तो उसे इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड की भी आवश्यकता हो सकती है |
  • शॉप्स एंड एस्टाब्लिश्मेंट एक्ट के तहत स्थानीय प्राधिकरण से लाइसेंस लेने की भी आवश्यकता हो सकती है |
  • फायर एवं पोल्यूशन डिपार्टमेंट से क्लेअरेंस की भी आवश्यकता हो सकती है |
  • इसके अलावा यदि लागू हो तो Castor Oil Manufacturing व्यवसाय करने वाले उद्यमी को ईएसआई, ईपीएफ इत्यादि रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है |

आवश्यक मशीनरी एवं उपकरण (Machinery and Equipment for Castor oil Manufacturing):

Castor Oil Manufacturing में उपयोग में लायी जाने वाली आवश्यक मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट इस प्रकार से है |

  • बीज क्रशिंग एक्सपेलर्स सेट्स (Seed Crushing Expellers Sets)
  • फेब्रिकेशन के लिए प्लेट (Support, Platfor & Fabrication)
  • पाइपलाइन एवं फिटिंग
  • बायलर, पाइपलाइन, चिमनी इत्यादि
  • डीजी सेट
  • वजन ब्रिज
  • प्रयोगशाला उपकरण
  • फायर फाइटिंग उपकरण
  • जरुरी स्पेयर पार्ट्स
  • फर्नीचर कंप्यूटर इत्यादि
  • निर्माण / कमीशनिंग

आवश्यक कच्चा माल (Raw Materials):

भारत में अरंडी के बीजों का उत्पादन गुजरात राज्य में सबसे अधिक होता है भारत में कुल अरंडी के बीजों का 90% उत्पादन गुजरात में होता है | अरंडी की फसल या बीज के लिए उपयुक्त मौसम दिसम्बर से मार्च तक का माना जाता है हालांकि आगमन मई तक जारी रहते हैं | कहने का आशय यह है की इसका प्रसंस्करण मई या मध्य जून तक जारी रहता है यानिकी वर्ष के लगभग 260 दिन |

हालांकि Castor Oil Manufacturing Plant लगाना गुजरात में इसलिए लाभदायक हो सकता है क्योंकि उद्यमी को अपने बिज़नेस के लिए कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से हो जाएगी | लेकिन इसके अलावा उद्यमी राजस्थान, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना जैसे राज्यों से भी इस बिज़नेस की शुरुआत कर सकता है |

अरंडी का तेल बनाने की प्रक्रिया (Castor Oil Manufacturing Process ):

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी स्पष्ट कर चुके हैं की भारत में अरंडी के बीजों की ऐसी ऐसी किस्मे पाई जाती हैं जिनसे 30 से 50% तक तेल निकाला जा सकता है | किन बीजों से कितना तेल निकलेगा यह पूर्ण रूप से बीजों की किस्म पर निर्भर करता है | Castor oil अरंडी के बीजो से अनेक विधियों जैसे मैकेनिकल प्रेसिंग, साल्वेंट एक्सट्रैक्शन या इन दोनों विधियों की मिश्रित विधि को अपनाकर निकाला जा सकता है |

बीजों को पौधों से अलग कर लेने के बाद या हार्वेस्ट कर लेने के बाद बीजों को सुखाया जाता है ताकि बीजों पर चढ़ा आवरण खुल जाय और बीजों को बाहर निकाला जा सके | Castor oil निकालने की यह प्रक्रिया बीजों को उसके आवरण से अलग करके शुरू होती है | यह काम मशीन या हाथों द्वारा मैन्युअली भी किया जा सकता है |

यदि उद्यमी खर्चा वहन कर सकता है तो उसे इस कार्य को अंजाम देने के लिए एक De Hulling Machine खरीद लेनी चाहिए | बीज को उसके आवरण से अलग कर लेने के बाद Castor Oil manufacturing Process में अगला कदम बीज से अवांछित सामग्री जैसे छड़ें, पत्तियां, रेत, गंदगी इत्यादि दूर करने का होता है | बीजों से इस प्रकार की इन सामग्रियों को आमतौर पर घुमावदार स्क्रीन या रीलों की एक श्रृंखला का उपयोग करके हटाया जा सकता है | कन्वेयर बेल्ट के ऊपर इस्तेमाल किए गए मैग्नेट अर्थात चुम्बक बीजों से लोहे को हटा देते हैं |

उसके बाद अरंडी के बीजों को गरम किया जाता है इस प्रक्रिया में नमी को हटाने के लिए बीज को स्टीम जैकेट प्रेस में डाला जाता है | इसके बाद Castor Oil Manufacturing Process में भाप में गरम किये गए अरंडी के बीजों को निष्कर्षण करने से पहले सुखाया जाता है | इसके बाद बीजों को कुचलने या तेल निकालने के लिए एक हाइड्रोलिक प्रेस मशीन का उपयोग किया जाता है | इस प्रक्रिया के पहले भाग को Pre pressing कहा जाता है | इस प्रक्रिया में एक Oil Expeller Machine का उपयोग किया जाता है |

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