कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस कैसे शुरू करें | Cold Storage Kaise Khole.

वैसे यदि देखा जाय तो Cold Storage की आवश्यकता हर ऐसी वस्तु की जीवन चक्र बढाने में सहायक होती है जिन वस्तुओं का जल्दी से ख़राब होने का खतरा होता है | भारतवर्ष की बात करें तो भारत पूरे विश्व में फलों के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है वही साग सब्जियों के उत्पादन में भारत का विश्व में द्वितीय स्थान है |

इसके बावजूद भी भारतवर्ष में फलों एवं सब्जियों की प्रति व्यक्ति उपलब्धता बेहद कम है वह इसलिए क्योंकि पैदावार अच्छी होने के बावजूद कोल्ड स्टोरेज के अभाव के कारण हम इस पैदावार को सुरक्षित नहीं रख पाते जिसके चलते पैदावार का एक बड़ा हिस्सा लगभग 25-30% पैदावार खराब हो जाती है | इसके अलावा ऐसा भी होता है की फल एवं सब्जियों को अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचाने में इनकी गुणवत्ता में भी कमी आ जाती है |

यह इसलिए होता है क्योंकि फल एवं सब्जियों की प्रकृत्ति गरमी में अर्थात अधिक तापमान में जल्दी से ख़राब होने की होती है | यही कारण है की भारतवर्ष में फल एवं सब्जियां भरपूर मात्रा में उत्पादित होने के बावजूद कोल्ड स्टोरेज के अभाव में इन्हें लम्बे समय तक भंडार कर पाना संभव नहीं हो पाता | इसलिए भारतवर्ष में इनके अलावा डेरी प्रोडक्ट इत्यादि के लिए भी इस प्रकार के स्टोर का होना आवश्यक है |

Cold Storage business
Image: Potato in Cold Storage

कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस क्या होता है:

यद्यपि कोल्ड स्टोरेज सिस्टम की आवश्यकता उन सभी उत्पादों जो जल्दी ख़राब होने वाले एवं जिन्हें एक निश्चित तापमान में रखना जरुरी होता है को होती है | अधिकांशतः मीट उद्योगों द्वारा अपने उत्पाद को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने हेतु इस प्रकार के स्टोर का उपयोग किया जाता है |

जब फल, सब्जियों, डेरी उत्पादों, मांस, मछली इत्यादि का उत्पादन मांग से अधिक होता है तो बाकी बचे हुए उत्पाद को भविष्य की मांग को देखते हुए भंडारित करने की आवश्यकता होती है और इनका भण्डारण कोल्ड स्टोर में किया जाता है ताकि ये उत्पाद खराब न हों | 

कोल्ड स्टोरेज से हमारा आशय एक ऐसे स्थान से है जहाँ जल्दी खराब होने वाले उत्पादों एवं निश्चित तापमान की आवश्यकता वाले वस्तुओं को संरक्षण के लिए रखा जाता है ताकि वे वस्तुएं जल्दी से खराब न हों और मांग एवं सप्लाई में संतुलन बनाया जा सके | 

यदि किसी उत्पाद की पैदावार मांग से अधिक होती है तो उस उत्पाद को उस समय बेच पाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि मांग सिमित एवं पैदावार अधिक होने के कारण उस उत्पाद के लिए ग्राहक नहीं मिल पाते इस स्थिति में पता नहीं कितने किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है |

क्योंकि कोल्ड स्टोर न होने के कारण उनको उनकी पैदावार के बर्बाद होने का भय लगा रहता है | इससे किसानो का नुकसान तो होता ही है बाद में उस उत्पाद की आवश्यकता होने पर वह वस्तु बाज़ार में उपलब्ध न होने के कारण या कम मात्रा में विद्यमान होने के कारण उसकी कीमत बढ़ जाती है जिसकी कीमत जनता को चुकानी पड़ती है |

इसलिए इस समस्या के निवारण के लिए कोल्ड स्टोर का व्यापार किया जा सकता है | इसमें उद्यमी किसानो, व्यपारियों इत्यादि का उत्पाद अपने Cold Storage में रखने के बदले किराया लेकर अपनी कमाई कर सकता है |

Cold Storage Business के चलने की संभावना :

आये दिनों समाचार पत्रों में खबर देखने को मिलती है की किसानों को टमाटर या अन्य सब्जियों के उचित दाम न मिलने के कारण वे अपने खून पसीना एक करके की गई पैदावार को सड़कों पर फ़ेंक देते हैं | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस समय विशेष में उस वस्तु विशेष की पैदावार मांग से कई गुना अधिक होती है जिससे उस उत्पाद विशेष के लिए ग्राहक नहीं मिल पाते |

अब यदि उस क्षेत्र विशेष में कोल्ड स्टोर होते तो किसान उस उत्पादित उत्पाद को उन में जमा कर सकते थे और उसकी कीमत सामान्य या अधिक हो जाने पर उसे बेच सकते थे | यह एक ऐसा बिज़नेस है जिससे जुड़ा उद्यमी सिर्फ अपना नहीं अपितु किसानो एवं जनता का भी अप्रत्यक्ष रूप से भला कर रहा होता है |

वह इसलिए क्योंकि यदि कोल्ड स्टोरेज उपलब्ध न हों तो किसान की पैदावार की मांग उस समय विशेष में जितनी होगी उतनी मात्रा तो बिक जाएगी लेकिन उसके बाद उस उत्पाद को खरीदने के लिए कोई ग्राहक नहीं मिलेगा और किसान उदासीन होकर उस पैदावार को फ़ेंक सकता है या फिर वह पैदावार उचित तापमान न मिलने के कारण खराब हो सकती है |

इस स्थिति के बाद अर्थात पांच छह महीने बाद जब उस उत्पाद की मांग बाज़ार में फिर से होने लगेगी तो मात्रा सिमित या न होने के कारण उस उत्पाद की कीमत बहुत अधिक बढ़ सकती है जिसका जनता की आमदनी या बचत पर सीधा असर पड़ेगा | वर्ष 2012 में जारी एक आंकड़े के अनुसार देश में फलों एवं सब्जियों का उत्पादन लगभग 130 million Tones था |

जो देश की कृषि से उत्पादित उत्पादों का 18% था | कृषि जलवायु में भिन्नता एवं अभ्यस्थ्ता पैकेज की बेहतर उपलब्धता के कारण फल एवं सब्जियों का उत्पादन धीरे धीरे बढ़ रहा है | वर्ष 2012 में देश में स्थापित कोल्ड स्टोरों की भण्डारण क्षमता 130.5 lakh tyones थी, जिनमे से अधिकतर स्टोर किसी एक उत्पाद जैसे आलू, संतरा, सेब, अंगूर. फूल इत्यादि  को भंडारण हेतु तैयार किये गए थे |

कोल्ड स्टोरेज के लिए आवश्यक मशीनरी और उपकरण

यद्यपि इस बिजनेस में काम आने वाली मशीनरी या रेफ्रीजिरेटर सिस्टम सम्पूर्ण उपकरणों के साथ देशी विदेशी बाज़ार में उपलब्ध हैं | चूँकि इस बिज़नेस को शुरू करने में एक अच्छे खासे निवेश की आवश्यकता होती है |

इसलिए वर्तमान सरकार ने इस तरह के बिजनेस को प्रोत्साहित करने के लिए Subsidy Scheme भी शुरू की है जिसमे कुल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अधिक से अधिक 10 करोड़ तक पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया है | कुछ महत्वपूर्ण उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है |

विभिन्न प्रकार के Compression System जैसे Single Stage, Two Stage, Three Stage इत्यादि | इसके अलावा Reciprocating compressor, Centrifugal Compressors, Rotary Compressors, Condenser इत्यादि को भी Refrigeration System में उपयोग में लाया जाता है |

कुछ मुख्य उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है |

  • Receiver,
  • expansion valve
  • evaporatorr
  • absorber,
  • aqua pump,
  • generator,
  • distillation column,
  • Reflux met e r and condenser

Refrigeration system में Ammonia Gas का उपयोग बहुतायत मात्रा में होता है, इसलिए अमोनिया गैस को हम इस बिजनेस में कच्चे माल के तौर पर मान के चल सकते हैं |

कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस कैसे शुरू करें (Cold Storage Kaise Khole) :

कोल्ड स्टोरेज में प्रमुख तौर पर ऐसे कृषि उत्पादों जैसे फल, सब्जी इत्यादि को स्टोर करके रखा जाता है जिनकी सड़ने गलने की संभावना अधिक होती है।  जैसा की हम सब जानते हैं की हर सब्जी या फसल को उत्पादन करने का अपना एक मौसम होता है।

लेकिन इनकी आवश्यकता लोगों को तब भी होती है जब इनकी पैदावार नहीं होती है। ऐसे में यदि इन्हें कोल्ड स्टोरेज में रखकर स्टोर करके रखा जाय तो इनकी सेल्फ लाइफ को बढाया जा सकता है। और जब इनकी पैदावार नहीं होती है, तब भी इन्हें बाज़ारों में उपलब्ध कराया जा सकता है।

कहने का आशय यह है की किसी सब्जी या फल के उत्पादन के मौसम में जब इनकी पैदावार अधिक हो रही होती है, तो इनकी माँग की तुलना में सप्लाई अधिक हो सकती है। जिससे उस समय इनकी कीमतों में गिरावट आ सकती है।

ऐसे में किसान, कृषक या अन्य लोग अपनी पैदावार को कोल्ड स्टोरेज में रखना पसदं करते हैं, इनकी इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यदि आप भी खुद का कोल्ड स्टोरेज शुरू करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।

जगह का प्रबंध करें

हालांकि एक कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए कितनी जगह की आवश्यकता होगी यह इस बात पर निर्भर करेगा की उद्यमी कितनी मीट्रिक टन क्षमता का कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने पर विचार कर रहा है।

लेकिन एक छोटा आम तौर पर 10 मीट्रिक टन स्टोरेज क्षमता वाला कोल्ड स्टोरेज शुरू करने के लिए उद्यमी को कम से कम 1000 स्क्वायर फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।

यह एक ऐसी लोकेशन पर उपलब्ध होना चाहिए जहाँ पर हर प्रकार का वाहन आसानी से जा सके। क्योंकि कोल्ड स्टोरेज में माल रखने और वहाँ से माल ले जाने के लिए ट्रक, टेम्पो इत्यादि का इस्तेमाल किया जा सकता है।

सिविल वर्क का काम करवाएं

यदि जमीन आपकी खुद की है तो अब उद्यमी को उस जमीन में सिविल वर्क यानिकी कोल्ड स्टोरेज के लिए एक बड़े से हाल का निर्माण करना होगा। कोल्ड स्टोरेज में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उद्यमी चाहे तो टॉयलेट, बाथरूम का भी निर्माण करवा सकता है।

सिविल वर्क कराने से पहले उद्यमी चाहे तो इसका डिजाईन भी बनवा सकता है, चूँकि यह एक कमर्शियल गतिविधि के लिए कंस्ट्रक्शन कराया जाता है। इसलिए इसकी ऊंचाई इत्यादि का ध्यान रखा जाना बेहद आवश्यक है।

वैसे छोटा सा कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए उद्यमी को पूरे 1000 वर्गफीट में सिविल वर्क कराने की आवश्यकता नहीं होती है। बल्कि उद्यमी को सिर्फ 600 वर्गफीट एरिया में ही सिविल वर्क यानिकी एक बड़ा सा हाल बनाने की आवश्यकता होती है।

चूँकि यह बहुत अधिक जटिल डिजाईन नहीं है इसलिए इसे बनाने की प्रति वर्ग फीट कीमत 800 रूपये मान के चल सकते हैं । इस प्रकार 600 वर्गफीट में सिविल वर्क कराने की कुल लागत ₹4.8 लाख हो सकती है।

जरुरी लाइसेंस और परमिशन प्राप्त करें

चूँकि यह कृषि उत्पादों के संरक्षण से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए छोटे स्तर पर इसे शुरू करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है।

लेकिन यदि उद्यमी भविष्य में केंद्र या राज्य सरकार को अपने ग्राहक के रूप में देख रहा है तो फिर उसे अपने बिजनेस को वैधानिक ढंग से संचालित करने के लिए निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है ।

  • अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म के तौर पर रजिस्टर कर सकते हैं।
  • व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड, बैंक में चालू खाता और जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर सकते हैं।
  • स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।
  • अपने व्यवसाय का उद्यम आधार रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।   

मशीनरी और उपकरण खरीदें

कोल्ड स्टोरेज में इस्तेमाल में लाये जाने वाले मशीनरी और उपकरणों की संख्या, आकार, कीमत इत्यादि स्टोरेज क्षमता के आधार पर अलग अलग हो सकती है।

लेकिन अच्छी बात यह है की इस बिजनेस में इस्तेमाल में लायी जाने वाली सभी मशीनरी कोल्ड रूम पैनल, कोल्ड रूम डोर, कंप्रेसर, कंडेनसिंग यूनिट, सीलिंग यूनिट कूलर, इलेक्ट्रिक कण्ट्रोल पैनल इत्यादि सभी बड़े शहरों में आसानी से मिल जाते हैं।   

ध्यान रहे की एक स्टोरेज को कोल्ड स्टोरेज उसमें इस्तेमाल में लाये जाने वाले मशीनरी और उपकरण ही बनाते हैं। इसमें अलग अलग उत्पादों को स्टोर करने के लिए अलग अलग तापमान और नमी मेन्टेन करने की आवश्यकता हो सकती है।   

कोल्ड स्टोरेज की मार्केटिंग करें

अब जा उद्यमी द्वारा खुद का कोल्ड स्टोरेज बिजनेस शुरू करने के लिए सभी महत्वपूर्ण कदम पूर्ण कर लिए गए हों, तो अब उसे अपना पूरा ध्यान कस्टमर लाने पर केन्द्रित करना होगा।

यहाँ पर उद्यमी के टारगेट ग्राहक के तौर पर किसान, कृषक, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करने वाली कंपनी, व्यापारी, और सरकार रह सकती है।

देश खाद्य आपूर्ति के लिए सरकार जिम्मेदार होती है यही कारण है की सरकार किसानों से उनकी फसलों को खरीदती है और ऐसे प्रोडक्ट जिनके सड़ने गलने की संभावना अधिल होती है। उन्हें कोल्ड स्टोरेज में स्टोर करने के लिए रखती है।

स्टोर करने की प्रक्रिया (Process to Store):

चूँकि यह Cold Storage business एक ऐसा व्यापार है, जिसमे उद्यमी को Refrigeration System, Compressing System, Storing System इत्यादि को ध्यान में रखकर एक ऐसा Infrastructure तैयार करना पड़ता है | जिसमे वह खराब होने वाले सामान को आसानी से रख सके और उस पूरे स्थान का तापमान वह आसानी से नियंत्रित कर सके ताकि कोल्ड स्टोर में रखी वस्तुएं लम्बी अवधि तक खराब न हों |

यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की एक बागवानी से उत्पादित उत्पादों जैसे फल, फूल, साग, सब्जी इत्यादि को सुरक्षित रखने हेतु बनाया गया स्टोर अन्य कोल्ड स्टोर जैसे डेरी उत्पादों एवं meat मांस, मछली इत्यादि के उत्पादों से Infrastructure की दृष्टि से अलग होगा | इसलिए यदि हम बागवानी से उत्पादित उत्पादों के Storing Process पर बात करें तो हम पाएंगे की सबसे पहले फसल को खेत से काटकर कोल्ड स्टोर की ओर Transport किया जाता है |

उसके बाद Precooler  में रखकर इन्हें Precool किया जाता है उसके तुरंत बाद खराब फसल को अलग कर दिया जाता है और अच्छी फसल को बैगों या ट्रे की क्षमता के अनुसार 50, 100 किलो में पैक कर दिया जाता है | अंत में इनमे स्टीकर इत्यादि लगाकर कोल्ड स्टोर में लगे Racks में डाल दिया जाता है | उसके बाद Cold Storage business कर रहे उद्यमी को समय समय पर तापमान का निरीक्षण करके यदि कोई समस्या हो तो उसका तत्काल निवारण करना पड़ता है |

कोल्ड स्टोरेज शुरू करने में कितना खर्चा आएगा

इस बिजनेस (Cold Storage Business) में आने वाला खर्चा इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी कितनी स्टोरेज क्षमता वाला कोल्ड स्टोर खोल रहा है।

लेकिन एक 10 मीट्रिक टन स्टोरेज क्षमता वाला कोल्ड स्टोरेज खोलने में आने वाला अनुमानित खर्चा कुछ इस प्रकार से हो सकता है।

खर्चों का विवरण  खर्चा रुपयों में
जमीनखुद की
सिविल वर्क का खर्चा₹4.8 लाख
मशीनरी और उपकरणों पर खर्चा₹13.2 लाख
स्टोरेज हैंडलिंग जैसे रैक /क्रैट इत्यादि₹5 लाख
पॉवर बैकअप जैसे जन सेट इत्यादि₹4 लाख
कुल लागत ₹27 लाख
Investment in Cold Storage Business

 उपर्युक्त आंकड़े से स्पष्ट है की एक 10 मीट्रिक टन स्टोरेज क्षमता वाला कोल्ड स्टोर शुरू करने में उद्यमी को लगभग ₹27 लाख रूपये खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। जिसमें जमीन उद्यमी की खुद की होनी चाहिए।                        

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