कूरियर व्यापार [Courier Business] कैसे शुरू करें |

कोई भी उद्यमी जो सर्विस बिज़नेस की श्रेणी में बिज़नेस करने की सोचता होगा तो उसे Courier Business का अवश्य स्मरण होता होगा और फिर उस व्यक्ति को इस बिज़नेस के बारे में जानने की उत्सुकता भी होती होगी इसी बात के मद्देनज़र आज हमारा विषय कूरियर बिजनेस शुरू करने सम्बन्धी कुछ जरुरी जानकारी देने का है |

सर्विस बिज़नेस में कूरियर नामक यह बिज़नेस प्रमुख व्यापारों में से एक है इसका मुख्य कारण आधुनिक जीवनशैली में बार बार इसकी आवश्यकता होना भी हो सकता है | कहने का आशय यह है यह बिजनेस आधुनिक जीवनशैली रहन सहन के तरीके से मेल खाता हुआ बिज़नेस है |

वर्तमान में एक देश में या एक Region में कंपनियों के विभिन्न कार्यालय मौजूद होते हैं जिनमे प्रतिदन नियमित तौर पर महत्वपूर्ण दस्तावेजों का आदान प्रदान चलता रहता है, इसके अलावा व्यक्तिगत लोग भी विभिन्न कार्यों को अंजाम तक पहुँचाने के लिए कूरियर सर्विस का उपयोग करते हैं|

लेकिन वर्तमान में इस बिज़नेस को सकारात्मक रूप से जिसने प्रभावित किया है वह है ऑनलाइन शौपिंग अर्थात ऑनलाइन शौपिंग के कारण Courier Services की मांग देश में बहुत ज्यादा बढ़ गई है |

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Courier Business क्या है

Courier Service से हमारा अभिप्राय किसी कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों को दी जाने वाली उस फैसिलिटी या सेवा से है जिसमे वह अपने ग्राहकों से Urgent Documents एवं अन्य सामग्री किसी पता विशेष पर डिलीवर कराने हेतु संग्रहित करती है |

कहने का तात्पर्य यह है की जब किसी कंपनी द्वारा किसी कंपनी या व्यक्ति से कोई Shipment/Consignment इसलिए लिया जाता है ताकि वह उसे दिए गए पते तक सुरक्षित पहुंचा सके और बदले में वह ग्राहक से अपनी कमाई कर सके तो ऐसी कंपनी को हम Courier Company की संज्ञा दे सकते हैं |  

दूसरे शब्दों में हम Courier Service को स्थानीय या अन्तराष्ट्रीय स्तर पर किसी कंपनी द्वारा वस्तुओं एवं दस्तावेजों की डिलीवरी एवं pick-up की Door to door service को भी Courier Service कह सकते हैं |

कूरियर व्यापार के चलने की संभावनाएँ

भारतवर्ष में courier Industry की बात करें तो वर्ष 2015-16 के एक आंकड़े के मुताबिक इस इंडस्ट्री को 14000 करोड़ का आँका गया जबकि अभी Online Shopping का विस्तार भारतवर्ष के सिर्फ कुछ चुनिन्दा शहरों तक ही सिमित है |

Online Shopping के बढ़ते प्रचलन को मद्देनज़र रखते हुए अगले तीन वर्षों में यह इंडस्ट्री 17% की दर से ग्रो करेगी यह आशंका लगाई जा रही है यही कारण है की वर्ष 2019-20 तक इस इंडस्ट्री के 20000 करोड़ पर पहुँचने की आशा है | 

ऑनलाइन शौपिंग के अलावा अन्य आर्थिक गतिविधियों में हो रही वृद्धि एवं इसके फलस्वरूप हो रही व्यापारिक वृद्धि भी इस बिजनेस की ग्रोथ का प्रमुख कारण हैं |

इसके अलावा ख़राब होने वाले पदार्थों के लिए तापमान नियंत्रण Logistic system भी इस क्षेत्र को आगे बढाने में सहायक रहा है | एक आंकड़े के मुताबिक यह इंडस्ट्री देश मे 2015-16 में लगभग 17 लाख 20 हज़ार लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रही थी |

जो संख्या इंडस्ट्री की विस्तृता के साथ बढती जायेगी | इन सब उपयुक्त बातों से साबित होता है की भारत की Courier Industry एक उभरती हुई इंडस्ट्री है इसलिए हर छोटे बड़े उद्यमी के लिए इस इंडस्ट्री में अवसरों की भरमार है |

कूरियर बिजनेस शुरू करके के तरीके

ऐसे लोग जो अपना कूरियर सर्विस बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उनके पास बिज़नेस शुरू करने के दो विकल्प हैं |

अपनी खुद की कंपनी स्टार्ट करें:

यदि उद्यमी का बजट अपने बिज़नेस के प्रति अच्छा ख़ासा यानिकी ठीक ठाक है तो उद्यमी के लिए पहला विकल्प यह है की वह अपनी खुद की Courier Service Company स्टार्ट करे | लेकिन उद्यमी को इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा की इस इंडस्ट्री में अपनी कंपनी खोलने के लिए बहुत बड़े निवेश की आवश्यकता होती है |

इसलिए इस इंडस्ट्री में अपनी कंपनी स्थापित करने के लिए उद्यमी को फण्ड जुटाने के लिए निवेशक ढूंढने होंगे उद्यमी विभिन्न बिज़नेस Entities में से प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर पंजीकरण कराके निवेशको को Share allot करके फण्ड जुटा सकता है |

फण्ड मिलते ही उद्यमी के लिए इस प्रकार की कंपनी को साकार रूप देना आसान हो जायेगा | हालांकि इस बिज़नेस में इंडिया में पहले से ही बहुत सारी छोटी बड़ी कंपनियां अपना बिज़नेस सफलतापूर्वक चला रही हैं | इनमे से कुछ प्रमुख Courier Companies की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

  • भारतीय डाक विभाग (Indian postal Services):
  • Blue dart Express Limited.
  • DHL India Pvt Ltd.
  • DTDC Coureir and cargo Ltd.
  • Fedex india
  • First Flight Courier Limited
  • Gati Limited
  • TNT Express
  • Overnight Express Limited
  • Trackon couriers pvt ltd.

किसी नामी गिरामी courier company की Franchise लेना:

भारतवर्ष में कूरियर सर्विस बिजनेस को करने की ख्वाहिश बहुत सारे उद्यमी रखते हैं लेकिन फण्ड की कमी के चलते हर कोई इस बिज़नेस को हकीकत के पटल पर नहीं उतार पाता | फण्ड की कमी के चलते कुछ उद्यमी जो इस बिजनेस को मजबूती से अपने लिए चुन लेते हैं ऐसे में सबसे पहले वे किसी नामी गिरामी कूरियर कंपनी के साथ Franchise Business शुरू करते हैं |

और इस बिज़नेस में आने वाली कठिनाइयों का धीरे धीरे अध्यन करके अणि रणनीति विकसित करते हैं | जब उन्हें इस बिज़नेस की मार्किट की लगभग सभी जानकारी हो जाती है तो उसके बाद वह कुछ बड़ा करने की सोचते हैं |

कहने का आशय यह है की इस बिजनेस को शुरू करने की चाह रखने वाले उद्यमी को चाहिए की पहले वह किसी स्थापित कूरियर कंपनी के साथ Franchise Business शुरू करे उसके बाद उसे सम्बंधित क्षेत्र का अनुभव एवं मार्किट की जानकारी हो जाएगी फिर उद्यमी चाहे तो कोई बड़ा Plan कर सकता है |

Courier Franchise business में अपनी कंपनी की तुलना में बहुत कम निवेश आएगा भारतवर्ष में इन दिनों बहुत सारी कंपनियां अपनी Franchise Offer कर रही हैं इनमे से कुछ की लिस्ट निम्नवत है |

अधिकतर Courier Companies के साथ Franchise Business हेतु आवेदन करने के लिए उद्यमी के पास निम्नलिखित फैसिलिटी होनी चाहिए |

  • क़ानूनी रूप से स्थापित एक इकाई जिसका कर पंजीकरण एवं अन्य लाइसेंस लिए हुए हों |
  • Franchise Open करने के लिए जगह |
  • सिक्यूरिटी डिपाजिट जो कूरियर कंपनी के आधार पर अंतरित हो सकता है |
  • वित्तीय परिचय जैसे बैंक स्टेटमेंट की प्रति एवं पासबुक इत्यादि |
  • कूरियर कंपनी के मुख्य कार्यालय से स्वीकृति पत्र |
  • Franchise एवं कंपनी के बीच Logistic Agreement |

उपर्युक्त वस्तुएं उद्यमी के पास होने पर उद्यमी किसी Courier Company के साथ Courier Business अर्थात Franchise लेने के लिए आवेदन कर सकता है |

भारत में कूरियर बिजनेस कैसे शुरू करें

भारत में खुद का कूरियर बिजनेस शुरू करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को कई तरह की प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ सकता है । तो आइये जानते हैं ऐसी कौन कौन सी प्रक्रियाएं हैं, जो किसी व्यक्ति को खुद का कूरियर का बिजनेस शुरू करने के लिए करनी पड़ सकती हैं ।

फ्रैंचाइज़ी या खुद की कंपनी का निर्णय लें

सबसे पहले इच्छुक व्यक्ति को इस बात का निर्णय लेना होगा की वह किस तरह का कूरियर बिजनेस शुरू करना चाहता है। जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की उद्यमी के पास खुद का कूरियर बिजनेस शुरू करने के लिए दो तरीके मौजूद होते हैं।

इच्छुक व्यक्ति चाहे तो खुद की कूरियर कंपनी शुरू करके इस बिजनेस को कर सकता है, और चाहे तो किसी प्रसिद्ध कूरियर कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेकर भी इस बिजनेस को शुरू कर सकता है ।

फ्रैंचाइज़ी बिजनेस मॉडल में जहाँ उद्यमी द्वारा कमाया हुआ प्रॉफिट में मूल कूरियर कंपनी की भी हिसेदारी होती है। वही खुद की कूरियर कंपनी शुरू करने में सारा प्रॉफिट और जोखिम उद्यमी का अपना होता है।  

लक्ष्यित मार्किट का निर्धारण करें

वर्तमान में ऑनलाइन शौपिंग के बढ़ते चलन के कारण कूरियर सर्विसेज की माँग और अधिक बढ़ गई है। इसके अलावा कई तरह के कार्यों को निबटाने के लिए विभिन्न ऑफिसेज द्वारा एक जगह से दूसरी जगह को कई तरह के डाक्यूमेंट्स इत्यादि भेजे जाते हैं ।

कहने का आशय यह है की यदि उद्यमी ऑनलाइन शौपिंग पोर्टल के साथ मिलकर यह काम करता है तो वह B2B मॉडल के तहत काम कर रहा होता है।

जबकि लोगों द्वारा किसी निजी कारणों के चलते भेजे जाने वाले कूरियर को ध्यान में रखकर किया जाने वाला बिजनेस बी टू सी श्रेणी में आता है।

इसके अलावा उद्यमी को यह भी निर्धारित करना होगा की वह किस एरिया में अपनी कूरियर सर्विस प्रदान कर रहा है। शुरूआती दौर में उद्यमी चाहे तो स्थानीय स्तर पर इसे शुरू कर सकता है।

वित्त का प्रबंध करें

यद्यपि कूरियर सर्विस बिजनेस शुरू करने में आने वाला खर्चा इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी शुरूआती दौर में अपनी कूरियर सर्विस कहाँ कहाँ देना चाहता है।

शुरूआती दौर में यदि उद्यमी किसी एक शहर को लक्ष्य करके इसे शुरू कर रहा है तो उसे इस बिजनेस को शुरू करने में तुलनात्मक रूप से कम पैसों की आवश्यकता होती है।

लेकिन यदि उद्यमी एक साथ कई शहरों में खुद का कूरियर बिजनेस शुरू करना चाहता है तो उसे इस बिजनेस को शुरू करने में करोड़ों रूपये निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है।

किसी एक शहर में एक छोटे से ऑफिस और कुछ कर्मचारियों के साथ इस बिजनेस को शुरू करने में ₹10 -15 लाख रूपये का खर्चा अपेक्षित है।    

ऑफिस के लिए जगह का चयन करें

कूरियर सर्विस बिजनेस शुरू करने के लिए ऑफिस और ऑफिस के साथ ही ऐसी जगह जहाँ पर पैकेट इत्यादि की पैकेजिंग की जा सके चाहिए होती है।

उद्यमी यह ऑफिस किसी स्थानीय मार्किट या फिर प्रचलित एरिया में शुरू कर सकता है जहाँ पर उसके ग्राहकों को आने जाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।

एक अच्छी लोकेशन पर ऑफिस का किराया महंगा हो सकता है, लेकिन वहाँ पर बिजनेस से कमाई करने की संभावना भी अधिक होगी। उद्यमी चाहे तो ऑफिस को लम्बे समय के लिए लीज पर भी ले सकता है।  

जरुरी लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करें

यद्यपि जब उद्यमी खुद की कूरियर कंपनी शुरू करने पर विचार करेगा तो उसे कई तरह के लाइसेंस और पंजीकरण कराने की आवश्यकता हो सकती है, जिनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है ।

  • अपने बिजनेस का रजिस्ट्रेशन जैसे प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि।
  • बिजनेस के नाम से पैन कार्ड बनाना और बैंक में चालू खाता खोलना।
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन इत्यादि।
  • स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करना।
  • पैकेज की सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए बीमा कराना ।    

लोजिस्टिक कंपनी के साथ टाई अप करें

कूरियर पैकेट्स की डिलीवरी के लिए आपको वाहनों या ट्रांसपोर्टेशन की आवश्यकता होती है। ऐसे में यदि आप किसी एक शहर से एक ऑफिस से भी इस बिजनेस की शुरुआत कर रहे हैं तब भी आपको किसी लॉजिस्टिक कंपनी से टाई अप करने की आवश्यकता होती है।

जो आपके ग्राहकों के कूरियर पैकेट्स को उनके पते पर पहुंचाने में मददगार साबित होती है। बिना ट्रांसपोर्टेशन या वाहनों के लोगों के पैकेट्स को दिए गए पतों पर पहुँचाना लगभग असम्भव है ।

एक लॉजिस्टिक कंपनी के पास सभी प्रकार के कूरियर वाहन जैसे ट्रक, टेम्पो, लौरी, बाइक, कार्गो वैन इत्यादि मौजूद रहती है।     

जरुरी उपकरण खरीदें

कूरियर कंपनी को कई तरह के सामान को ग्राहकों के पते पर सुरक्षित ढंग से पहुँचाने के लिए सामान की अच्छे ढंग से पैकिंग करनी होती है। ताकि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान सामान में टूट फूट न हो।

यही कारण है की इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए उपकरणों के तौर पर कैंची, टेप डिस्पेंसर, ब्राउन टेप, सेलो टेप, कटर, गद्दे के बॉक्स, लिफाफे, कार्गो स्ट्रैप्स इत्यादि की आवश्यकता होती है।

पैकिंग के दौरान हर पैकेट पर एक AWB Number वाली चिट चिपकाई जाती है, जिसके बलबूते बाद में उस पैकेट को ट्रैक किया जा सकता है। पैकेट्स को तौलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक भार मापक मशीन की भी जरुरत होती है।     

कूरियर सर्विस की कीमत निर्धारित करें

हालांकि शुरूआती दौर में यदि उद्यमी केवल स्थानीय स्तर पर ही इस बिजनेस को शुरू कर रहा है तो उसे पैकेट के भार और भेजे जाने वाली वस्तु के आधार पर कीमत तय करनी होगी।

जैसे एक साधारण दस्तावेज की तुलना में टूटने फूटने वाले सामान को कूरियर से भेजने के लिए ज्यादा फीस निर्धारित की जा सकती है।

और जहाँ तक साधारण डाक्यूमेंट्स की बात है इन्हें भी इनके भार के मुताबिक अलग अलग कीमत श्रेणियों में रखा जा सकता है।   

कूरियर ट्रैक करने के लिए वेबसाइट और एप्प बनाएँ

जैसा की हमने बताया है की प्रत्येक भेजे जाने वाले कन्साइनमेंट या पैकेट का अपना यूनिक एयरवे बिल नंबर होता हैवह इसलिए ताकि उस पैकेट या कन्साइनमेंट को आसानी से ट्रैक किया जा सके

लेकिन उसे तभी ट्रैक किया जा सकता है जब कूरियर कंपनी के पास ट्रैकिंग सिस्टम तैयार हो। वर्तमान में इस तरह की ट्रैकिंग सुविधाएँ प्रदान करने के लिए कई सॉफ्टवेयर भी आते हैं, जिनकी मदद से उद्यमी अपने बिजनेस की वेबसाइट या मोबाइल एप्प में वह ट्रैकिंग सिस्टम इंस्टाल कर सकता है।

उसके बाद उस कूरियर कंपनी काम करने वाले लोग उस पैकेट की एंट्री अलग अलग लोकेशन पर उस ट्रैकिंग सिस्टम के तहत कर रहे होते हैं। जिससे ग्राहक अपने पैकेट के स्टेट्स को ट्रैक कर सकते हैं।       

कूरियर बिजनेस शुरू करने में खर्चा

कूरियर बिजनेस को शुरू करने में आने वाला खर्चा कुछ हद तक इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी इसे किस मॉडल के तहत शुरू कर रहा है।

अपनी खुद की कूरियर कंपनी शुरू करने की तुलना में किसी प्रसिद्ध कूरियर कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेकर इस बिजनेस को कम पैसों में शुरू किया जा सकता है ।

वह इसलिए क्योंकि फ्रैंचाइज़ी मॉडल के तहत उद्यमी केवल किसी एक एरिया में अपना छोटा सा ऑफिस स्थापित करके भी इस बिजनेस को शुरू कर सकता है।

और उद्यमी को बिजनेस की मार्केटिंग लोजिस्टिक प्रबंध इत्यादि करने की जरुरत नहीं होती है। हाँ लेकिन अपने ऑफिस से ग्राहकों के पते तक पैकेट और कन्साइनमेंट पहुंचाने के लिए उद्यमी को डिलीवरी बॉय रखने की आवश्यकता होती है।

फ्रैंचाइज़ी मॉडल के तहत उद्यमी इस बिजनेस (Courier Service Business) को ₹3 से ₹7 लाख तक के निवेश के साथ शुरू कर सकता है। जबकि खुद की छोटी सी कंपनी जो किसी स्थानीय स्तर पर ही कूरियर सर्विस प्रदान कर रही हो को शुरु करने में उद्यमी को लगभग ₹7 से ₹12 लाख निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है।      

कूरियर के बिजनेस से कितनी कमाई होगी

कूरियर बिजनेस से होने वाली कमाई पूरी तरह से उद्यमी द्वारा निर्धारित कीमतों और लोगों द्वारा भेजे जाने वाले पैकेट्स पर निर्भर करती है।

वर्तमान में ऑनलाइन खरीदारी के बढ़ते चलन के कारण कूरियर बिजनेस में और अधिक संभावनाएं और अवसर निकल कर सामने आये हैं।

ऐसे में यदि उद्यमी इस बिजनेस को जिस भी मॉडल चाहे फ्रैंचाइज़ी मॉडल के तहत शुरू करे या फिर खुद की कूरियर कंपनी रजिस्टर करके शुरू करे, दोनों स्थिति में इस बिजनेस से कमाई करने के भरपूर अवसर विद्यमान हैं।

एक आंकड़े के मुताबिक शहरों में किसी फेमस कूरियर कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेकर इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने वाले महीने में लगभग ₹35000 से ₹75000 तक का शुद्ध मुनाफा कमाने में सफल हो पा रहे हैं।    

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