डेयरी उद्योग की जानकारी। Dairy Udyog Information in Hindi।

भारतवर्ष में dairy udyog अर्थात dairy industry समय के साथ धीरे धीरे विस्तृत होती जा रही है। क्योकि अब लोगो का ध्यान व्यवसायिक तौर पर डेरी फार्मिंग की ओर आकर्षित हुआ है। और लोग व्यावसायिक स्तर पर भैंस पालन, गाय पालन और बकरियों का पालन कर रहे हैं। पूरे विश्व की भैंसों की संख्या का लगभग 50% और कुल पशु आबादी का 20% पशुओं का पालन केवल भारतवर्ष में ही किया जाता है। और इनमे से अधिकतर पशु दूध देने वाले होते हैं। आज़ादी के बाद भारत milk deficit देश बन गया था। भारत सरकार द्वारा संचालित operation flood नामक कार्यक्रम ने इस इंडस्ट्री की तस्वीर बदल दी और यह व्यवसायिक क्षेत्र निरंतर विकास वाला क्षेत्र साबित हुआ।

डेयरी उद्योग की महत्वता (Importance of Dairy udyog):

वित्तीय वर्ष 2006-2007 में देश में 94.6 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ था । और 1993 से लेकर 2005 तक इस उद्योग में प्रति वर्ष 4% की दर से growth हुई थी। जो की पूरे विश्व की डेयरी उद्योग की औसतन growth rate के तिगुनी थी। भारतवर्ष में अधिकतर तौर पर दूध का उत्पादन पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु इत्यादि राज्यों में किया जाता है। वर्तमान में भारत की कुल GDP में डेयरी उद्योग और डेरी फार्मिंग की 4% की हिस्सेदारी है।

भारत में दुग्ध उत्पादन ( milk production in India):

वर्तमान में अपने देश में पूरे विश्व के दूध उत्पादन का लगभग 18.5% Milk का उत्पादन किया जाता है। जो भारतवर्ष को दूध उत्पादन करने के क्षेत्र में नंबर 1 देश बनाता है। भारतवर्ष में अब 146.3 मिलियन टन दूध का उत्पादन प्रति वर्ष होने लगा है। जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा 137.69 मिलियन टन था। जिसका मतलब हुआ की अब इस उद्योग और डेरी फार्मिंग में प्रति वर्ष 6.26% के हिसाब से growth हो रही है। जो की विश्व की औसतन growth rate के दुगुनी है। जहाँ 1990-91 में प्रति व्यक्ति के हिसाब से दूध की उपलब्धता देश में 176 ग्राम थी। वही 2013 में यह आंकड़ा 294 ग्राम पहुँच गया था ।

डेयरी उत्पाद (Products of Dairy udyog):

dairy udyog products

इस उद्योग की प्रोडक्ट लिस्ट में मुख्यतः दूध से बनने वाली वस्तुएं जैसे घी, पनीर, मक्खन, क्रीम, दही, केसिन, मिल्क पाउडर, आइस क्रीम इत्यादि आते हैं।

हालंकि इन प्रोडक्ट्स का निर्माण संगठित एवं असंगठित दोनों क्षेत्रो के द्वारा किया जाता है । लेकिन यदि हम ग्रामीण भारत की बात करें तो इनका निर्माण घरेलु तौर पर ही पारंपरिक विधि द्वारा किया जाता है। जबकि यदि व्यक्ति चाहे तो औद्यगिक रूप से भी इनका निर्माण करके अपनी Kamai और शानदार डेयरी उद्योग स्थापित करके दूसरों को भी कमाने का मौका दे सकता है। आज भी भारतवर्ष में दूध उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा उपर्युक्त प्रोडक्ट्स बनाने में लगाया जाता है। इसका मुख्य कारण यह है की आप दूध को लम्बे समय तक संचय करके नहीं रख सकते, जबकि डेयरी उद्योग द्वारा उत्पादित प्रोडक्ट को आप दूध के मुकाबले थोड़े लम्बे समय तक संचय कर सकते हैं।

डेयरी उद्योग कहाँ खोलें (Where to open Dairy Udyog):

यह उद्योग डेरी फार्मिंग से जुड़ा हुआ व्यवसाय है। आपको इसके प्रोडक्ट बनाने के लिए कच्चे माल के तौर पर दूध की आवश्यकता होती है। इसलिए डेरी उद्योग ऐसे क्षेत्र में खोलना फायदेमंद हो सकता है। जहाँ दूध का उत्पादन प्रचुर मात्रा में किया जाता हो। चूँकि जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की दूध को उसकी प्राक्रतिक अवस्था में अधिक समय तक रखना संभव नहीं होता । इसलिए बेहतर यही होता है की दूध को घी, खोया, मक्खन, क्रीम, पनीर इत्यादि रूपों में परिवर्तित कर दिया जाय।
कोई व्यक्ति यदि यह उद्योग स्थापित करना चाहता है । तो उसको किसी ऐसे क्षेत्र की तलाश करनी चाहिए जहाँ दूध का उत्पादन आपूर्ति से ज्यादा होता हो। ग्रामीण भारत में आपको कई क्षेत्र और गाँव ऐसे मिल जायेंगे । जहाँ दूध का उत्पादन आपूर्ति से अधिक किया जाता है । ग्रामीण क्षेत्रो में डेयरी उद्योग चालित किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें:

Leave a Comment