डायरी कवर, फोटो एल्बम और पर्स बनाने का बिजनेस| Diary Covers Photo Album.

Diary Covers Photo album and purse making business को हिंदी में डायरी कवर फोटो एल्बम एवं पर्स बनाने का व्यवसाय भी कहा जा सकता है | यह एक ऐसा व्यवसाय अर्थात उद्योग है जिसे बेहद कम पूंजी के साथ शुरू किया जा सकता है | क्योंकि इसमें उद्यमी को डायरी नहीं बल्कि उसका कवर, फोटो एल्बम एवं बटुए बनाने होते हैं इसलिए  अक्सर देखा गया है की डायरियों के निर्माणकर्ता एवं सप्लायर बड़ी मात्रा में डायरी कवर की खरीदारी करते वक्त उन पर स्क्रीन प्रिंटिंग या लीफ प्रिटिंग भी कराते हैं ।

इसलिए उद्यमी चाहे तो Diary Covers Photo album and purse making business के साथ साथ स्क्रीन प्रिंटिंग, लीफ प्रिंटिंग इत्यादि का भी बिज़नेस शुरू कर सकता है | बहुत सारे व्यक्ति अभी भी केवल एक दो मशीने लगाकर कम जगह में भी इस तरह के कार्य में संलिप्त है |

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Diary Covers Photo album and purse बनाने का business क्या है:

डायरी को एक नोटबुक भी कह सकते हैं जिसमे कुछ व्यक्तियों द्वारा अपने व्यवसाय सम्बन्धी कार्यालयों के नोट्स जैसे फ़ोन नंबर, ग्राहक के पते या अपॉइंटमेंट इत्यादि उल्लेखित किये जाते हैं तो कुछ व्यक्तियों द्वारा अपने जीवन में चल रहे उतर चढ़ावों का विवरण भी डायरी में लिखा जाता है, लेकिन यहाँ पर हम डायरी बनाने के काम की नहीं अपितु डायरी के कवर बनाने की बात कर रहे हैं | इसके अलावा फोटो एल्बम एवं बटुए से हम सभी लोग परिचित हैं की इनको किस कार्य हेतु उपयोग में लाया जाता है |

ये तीनों प्रकार के उत्पाद बनाने का काम एक साथ इसलिए किया जा सकता है क्योंकि इनके निर्माण में एक ही तरह की सीलिंग मशीन का उपयोग किया जा सकता है | व्यवसायिक तौर पर अपनी कमाई करने के लिए जब किसी उद्यमी द्वारा डायरी कवर,फोटो एल्बम एवं बटुए बनाने का काम किया जाता है तो यही काम Diary Covers Photo album and purse making business कहलाता है |

आवश्यक कच्चा माल मशीनें एवं पूँजी निवेश:

जहाँ तक डायरियों के कवर को बनाने में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल का सवाल है इन्हें ज्यादातर तौर पर पतली/मध्यम रंगीन और अपारदर्शी पी.वी.सी.शीटों से बनाया जाता है | पर्स अर्थात बटुओं को बनाने में भी यही सामग्री उपयोग में लायी जा सकती है लेकिन इसमें फर्क सिर्फ मोटाई का होता है अर्थात पर्स का निर्माण करने के लिए मोटी शीट की आवश्यकता होती है |

वही फोटो एलबम के निर्माण में कच्चे माल के तौर पर प्रयुक्त होने वाली शीट को HoneComb Transparent Sheet  अर्थात हनीकोम्ब पारदर्शी शीट के नाम से जाना जा सकता है | Diary Covers Photo album and purse making business में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल की बात करें तो अलग अलग मोटाई, अलग अलग रंग, अलग अलग डिजाईन के थानों के रूप में आने वाले पी.वी.सी.शीटों के रोल ही इस बिज़नेस में मुख्य कच्चा माल है |

इसके अलावा Diary Covers Photo album and purse making business में काम आने वाली मशीनरी की बात करें तो इसमें उद्यमी को एक Sealing machine की आवश्यकता होती है जिसकी कीमत 30-90 हज़ार तक हो सकती है, इसके अलावा PVC Sheet Cutting machine की भी आवश्यकता हो सकती है लेकिन शुरूआती दौर में उद्यमी चाहे Cutting Machine की जगह कैंची एवं छूरियों से काम चला सकता है, जो की उसे काफी सस्ते दामों में उपलब्ध हो जायेंगे |

उपकरणों की लिस्ट में लम्बे फूट रूल, पटरे एवं डाईयां भी सामिलित हैं सहायक उपकरणों पर आने वाला कुल खर्चा रूपये दस हज़ार तक का हो सकता है |

मशीन का संचालन (Machine operating Process):

हालांकि इस Diary Covers Photo album and purse making business में प्रयुक्त होने वाली Sealing Machine के संचालन की प्रक्रिया बेहद आसान होती है जिसे मशीन विक्रेता द्वारा उद्यमी को समझाया भी जाता है | लेकिन इसके बावजूद उद्यमी को चाहिए की वह मशीन का संचालन करने के लिए उसी व्यक्ति को नियुक्त करे जो थोड़ा बहुत अनुभवी एवं दक्ष हो । कच्चे माल के तौर पर उपयोग में लायी जाने वाली पी.वी.सी. शीट के थान में से आवश्यकतानुसार टुकड़े काटने इत्यादि के सभी कार्य हाथ से किए जा सकते हैं ।

सीलिंग मशीन का उपयोग इन टुकड़ों को ताप एवं दबाव के माध्यम से जोड़ने के लिए किया जाता है । इस मशीन को तकनीकी भाषा में इलेक्ट्रोनिक वेल्डिंग मशीन भी कहा जाता है । अलग अलग कीमत के आधार पर इस Diary Covers album and purse making business के लिए अलग अलग मशीनें हो सकती हैं लेकिन इनमे एक ऐसी मशीन भी होती है जो बिजली से नहीं चलती, अपितु इसका संचालन तो पैर के दबाव से किया जाता है, इसमें बिजली की आवश्यकता केवल डाई गर्म करने के लिए चाहिए होती है |

इस मशीन में डाई को गर्म करने वाला उपकरण, जिसे बल्ब कहा जाता है, वह काफी कीमती होता है | यह जरा सी असावधानी से फ्यूज होकर खराब भी हो सकता है, इसलिए मशीनसंचालन के लिए एक दक्ष कारीगर की ही आवश्यकता होती है | इस मशीन पर कार्य करने के लिए दक्ष कारीगर की आवश्यकता इसलिए भी होती है क्योंकि बनाई जाने वाली कोई भी वस्तु चाहे वह डायरी कवर हो, फोटो एल्बम हो या फिर पर्स सभी वस्तुएं अच्छी गुणवत्ता वाली एवं मजबूत होनी चाहिए |

इसलिए इनके निर्माण प्रक्रिया के समय थोडा सा अधिक या कम ताप इनके आकार एवं मजबूती को प्रभावित कर सकता है अर्थात कम ताप एवं दबाव से जोड़ नहीं लग पाता है तो वहीँ अधिक ताप शीट को जला या पिघला सकता है, इसलिए Diary Covers Photo album and purse making business बनाने की प्रक्रिया में संग्लिप्त कारीगर को वोल्टेज के कम ज्यादा होने, मशीन की संरचना का ज्ञान होने के अलावा छोटी छोटी कठिनाइयों को दूर करना आना भी जरुरी है |

हालांकि इस प्रकार का किया जाने वाला यह कार्य कोई जटिल प्रक्रियाओं से परिपूर्ण बिलकुल नहीं है बल्कि इस तरह के कार्य में इस तरह की यूनिट में दो तीन महीने काम करके आराम से दक्षता हासिल की जा सकती है |

Manufacturing Process निर्माण प्रक्रिया:

Diary Covers Photo album and purse making Process में प्लास्टिक की शीटों को आपस में जोड़ने के लिए किसी एडहेसिव अर्थात चिपकाने वाले पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाता है । बल्कि गर्मी एवं दबाव के कारण ये आपस में अपने आप चिपक जाती हैं । पी.वी.सी. शीट के टुकड़ों को चिपकाने हेतु रखने के लिए मशीन के बीच वाले हिस्से में एक छोटा-सा प्लेटफार्म लगा हुआ होता है | इसके अलावा इसी के ठीक ऊपर डाई होल्डर (Die-Holder) नामक एक रॉड लगी हुई होती है ।

उद्यमी को जिस भी आकृति एवं माप की वस्तु का उत्पादन करना होता है, उसी आकृति व साइज की डाई, मशीन के डाई-होल्डर में फिट कर दी जाती है । मशीन संचालन करने वाला व्यक्ति पी.वी.सी. शीट के टुकड़ों को किनारे की ओर से आपस में मिलाकर डाई होल्डर में फिट की गई डाई की सीध में प्लेट-फार्म के ऊपर रखता है एवं मशीन में लगे पैडल को दबाता है । इस क्रिया के कारण डाई नीचे आ जाती है एवं अपने ताप और दबाव से टुकड़ों को आपस में मजबूती से जोड़ने का काम करती है ।

पैकिंग एवं अन्य जानकारी :

जहाँ तक Diary Covers Photo album and purse making business में पैकिंग का सवाल है, इनकी पैकेजिंग के लिए उत्पादित उत्पादों की गड्डियां बनाकर उन्हें सामान्य कागज में लपेटकर बांध दिया जाता है, उसके बाद आवश्यकतानुसार बाजारों में बेचकर कमाई की जाती है । चूँकि अधिकांश डायरी कवर, फोटो एल्बम एवं सामान्य बटुए पी.वी.सी. शीट के उपयोग से ही बनाये जाते हैं इसलिए इस उद्योग को शुरू करने में उद्यमी की लागत मशीन और पी.वी.सी. के थानों की खरीद पर ही आती है |

इनको बनाने में लागत कम होने के कारण उद्यमी द्वारा इन्हें सस्ते दामों में भी बाज़ार में बेचा जा सकता है यही कारण है की इनकी मांग हमेशा स्थानीय बाजारों में विद्यमान रहती है |  फोटो एल्बम को Transparent HoneyComb Sheet से निर्मित किया जाता है और मोटे एवं मजबूत डायरी के कवरों एवं फैंसी कवरों को, एक की जगह दो शीटों का प्रयोग करके एवं इन दो शीटों के बीच कार्ड शीट, गत्ते या हार्डबोर्ड के टुकड़े को रखकर बनाया जाता है ।

फैन्सी कवरों को मोटे एवं गुदगुदे बनाने ले लिए इन टुकड़ों के ऊपर पतला फोम भी रखा जा सकता है । देखा जाय तो इनकी निर्माण विधि एक समान ही है, अन्तर  केवल इतना है की की किसी के अन्दर कार्ड शीट, गत्ते रखे जाते हैं तो किसी के अन्दर फोम | फोटो एल्बम को बनाने में, उनके कवर के ऊपर छपे हुए चित्र तो लगाए ही जाते हैं, इसके अलावा अन्दर पतले Transparent HoneyComb Sheet की बनी फोटो रखने की लीव्स भी लगाई जाती हैं ।

Diary Covers Photo album and purse making business में इन लीव्स को भी इसी मशीन की मदद से तैयार किया जाता है । यद्यपि मोटे कवरों में उपयोग में लाये जाने वाले गत्ते, पतले प्लाइवुड एवं  फोम पर अधिक लागत नहीं आती है लेकिन इनका प्रयोग करने के बाद भी दोनों ओर पी.वी.सी. शीट का उपयोग नितांत आवश्यक होता है । Diary Covers Photo album and purse making business को उद्यमी अपनी निवेश करने की क्षमता के अनुसार कुटीर उद्योग से लेकर लघु उद्योग की श्रेणी तक में शुरू कर सकता है |

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