कुत्तों को प्रशिक्षण देने का व्यापार कैसे शुरू करें ? How to Start Dog Training Business.

आज का हमारा यह लेख Dog Training Business पर आधारित है जैसा की हम सबको ज्ञात है की कुत्ते हमेशा से ही इन्सान के अच्छे दोस्त रहे हैं । और समय समय पर इन्होंने अपनी वफ़ादारी का परिचय दिया है यही कारण है की वर्तमान में कुत्ते पालने का एक चलन सा हो गया है। चूँकि कुत्तों की सूंघने एवं सीखने की क्षमता काफी अच्छी होती है इसलिए इन्हें सुरक्षा के मद्देनज़र किसी खास परिस्थितियों के लिए भी प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाता है।

चूँकि इन्सान का स्वभाव ही स्वार्थी होता है इसलिए कुत्ते और इंसानी रिश्ते की बात करें तो यह भी स्वार्थ से भरा रहा है। ग्रामीण भारत में कुत्ते को इसलिए रोटी दी जाती है ताकि वह जंगली जानवरों जैसे बन्दर इत्यादि के उत्पाद से उन्हें बचा सके। इसके अलावा शहरों में कुत्ते पालना वह भी अच्छे नस्ल के प्रशिक्षित कुत्ते पालना एक स्टेटस सिंबल बन चूका है।

शहरी लोगों की अच्छी एवं प्रशिक्षित नस्ल के कुत्ते क खरीदने की ललक एवं अनेकों सुरक्षा एजेंसीयों में प्रशिक्षित कुत्तों की आवश्यकता Dog Training Business को जन्म देती है। यही कारण है की आज हम इस लेख में इसी व्यापार के बारे में जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं।

Dog training business

Dog training business कैसे शुरू करें?

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की कुत्ते इन्सान के हमेशा से जानवरों में सबसे प्रिय दोस्त रहे हैं इसलिए Dog training business शुरू करना कोई बहुत बड़ा काम नहीं है बशर्ते इच्छुक उद्यमी के पास इसके लिए उचित कौशल उपलब्ध हो। कहने का आशय यह है की एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास कुत्तों को प्रशिक्षण देने का उचित कौशल, अनुभव एवं कुत्तों के प्रति स्नेह हो वह इस तरह के बिजनेस को आसानी से शुरू कर सकता है।

यद्यपि जहाँ पहले इस तरह के व्यवसाय बाहरी खास तौर पर यूरोपीय देशों में ही सफलता के चरम पर थे। वर्तमान में भारत में भी शहरी लोगों में कुत्ते पालने के शौक एवं सुरक्षा एजेंसीयों की आवश्यकता ने भारत में भी Dog Training Business के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। तो चलिए आगे हम स्टेप बाई स्टेप इस तरह का बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।

Dog training या एनिमल ट्रेनिंग कोर्स करें

यद्यपि Dog Training Business शुरू करना कोई बहुत बड़ा काम बिलकुल नहीं है लेकिन कोई भी आम आदमी इसे शुरू नहीं कर सकता। यह एक ऐसा बिजनेस है जिसे यदि कोई Dog Trainer या पशु प्रशिक्षक शुरू करे तो ही फायदा होगा।

इसलिए यदि आप यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको डॉग ट्रेनिंग या एनिमल ट्रेनिंग का कोर्स करना होगा। इस कोर्स को करने के भी कुछ पात्रता नियम हैं इसलिए उद्यमी का इन पात्रता नियमों के मुताबिक योग्य होना बेहद जरुरी है। इस सम्बन्ध में और अधिक जानकारी इस लेख पशु प्रशिक्षक कैसे बनें? में दी गई है।

अनुभव प्राप्त करें

यह तो हमें ज्ञात ही है की अनुभव किसी भी काम को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुँचाने की गारंटी देता है। इसलिए कोर्स करने के तुरंत बाद यह बिजनेस शुरू करना ठीक नहीं है। कोर्स पूर्ण कर लेने के बाद व्यक्ति को इस क्षेत्र में उचित अनुभव प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए व्यक्ति चाहे तो किसी पशु प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत हो सकता है। आम तौर पर देखा गया है की जिन लोगों ने अनुभव प्राप्त करके Dog training business शुरू किया है उनका बिजनेस अन्य की तुलना में अधिक सफल रहा है।

चूँकि कुत्ता एक जानवर है इसलिए कब वह गुस्सा होता है कब वह प्रसन्न रहता है या फिर किस वक्त उसका मूड क्या है? एक अच्छे डॉग ट्रेनर के लिए यह सब बातें जानना बेहद जरुरी होता है अन्यथा कुत्ता ट्रेनर या अन्य किसी को काट भी सकता है। या इसके अलावा कुत्ते को कब भोजन, पानी या इलाज की आवश्यकता है यह सब चीजें भांपना भी आना बेहद जरुरी है।

उपर्युक्त सभी ज्ञान उद्यमी को तभी प्राप्त हो पायेगा जब वह विभिन्न नस्लों के कुत्तों के साथ काम करेगा। उद्यमी चाहे तो बोर्डिंग केनेल सुपरवाइज़र, ग्रूमर्स, डॉगी डेकेयर ऑपरेटर, पेट सिटर, डॉग वॉकर, डॉग शो हैंडलर या अन्य संबंधित पदों पर कार्यरत रहकर भी अनुभव प्राप्त कर सकता है।           

वित्त की व्यवस्था करें

एक व्यक्ति जब प्रमाणिक तौर पर डॉग ट्रेनर बनकर उचित अनुभव प्राप्त कर लेता है तो उसके लिएDog training business शुरू करना बेहद आसान है। क्योंकि ये सारी प्रक्रियाएं कर लेने के बाद उद्यमी को इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए भारी भरकम निवेश की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन उद्यमी को कम से कम एक टेलीफोन एवं कंप्यूटर की आवश्यकता ह सकती है वह भी तब जब उद्यमी अपनी सेवा लोगों को उनके घरों में जाकर दे।

इसके अलावा यदि उद्यमी चाहता है की वह डॉग ट्रेनिंग का काम अपने सेंटर में करेगा तो फिर उसे एक पार्क एवं कुत्तों को रखने वाली जगह का प्रबंध करना होगा जिसको वह किराये पर ले सकता है। कहने का अभिप्राय यह है की उद्यमी को अपनी बिजनेस योजना के मुताबिक वित्त की व्यवस्था करनी होगी।      

Dog Training Center हेतु लोकेशन

आम तौर पर देखा जाय तो बिजनेस की सफलता या असफलता के पीछे लोकेशन का अहम् योगदान होता है अर्थात बिजनेस की सफलता या असफलता बहुत हद तक बिजनेस की लोकेशन पर निर्भर करती है। इसलिए Dog training business के लिए भी उद्यमी को एक ऐसी लोकेशन का चयन करना होगा जहाँ कुत्ते पालने वाले लोगों की संख्या अधिक हो।

कहने का आशय यह है की उद्यमी को एक ऐसी लोकेशन का चयन करना चाहिए जहाँ से वह कुत्ते पालने वाले मालिकों तक आसानी से पहुँच सके। बहुत सारे उद्यमी एक ऐसे स्थान को अपनी बिजनेस लोकेशन बनाने के लिए तत्पर रहते हैं जो सड़क से ही दिखे और जहाँ ज्यादा लोग कुत्ते पालते हों। कुत्ते पालने के अलावा उन लोगों की खर्च करने की क्षमता भी अच्छी खासी होनी चाहिए।      

सेवा की कीमत तय करें

जैसा की हर बिजनेस में होता है उद्यमी द्वारा अपने द्वारा दी जाने वाली सेवा या उत्पाद के बदले एक कीमत वसूली जाती है। यह कीमत कितनी होगी इसका निर्धारण भी सोच समझकर किया जाना बेहद जरुरी है। कीमत निर्धारण करने से पहले उद्यमी को चाहिए की वह उस इलाके में उपलब्ध डॉग ट्रेनर के रेट पता कर ले और उसके बाद ही अपनी सेवा की दरें निर्धारित करे। यद्यपि कुत्ते की प्रशिक्षण की लागत ट्रेनर की विशेषज्ञता, बिजनेस लोकेशन, कुत्तों की संख्या इत्यादि के आधार पर अलग अलग हो सकती है।

लेकिन यदि उद्यमी नए ग्राहकों को आकर्षित करना चाहता है तो उसे अपनी कीमतें मौजूदा व्यवसायों की तुलना में थोड़ी कम करनी होंगी। आम तौर पर Dog trainer द्वारा घंटो के आधार पर चार्ज किया जाता है लेकीन उद्यमी को यह सुनिश्चित करना होगा की उसके टारगेट ग्राहकों पर इसका कोई विपरीत असर न पड़े।       

मार्केटिंग करें

Dog Training Business की सफलता के लिए मार्केटिंग बेहद जरुरी है। चूँकि इसमें उद्यमी के टारगेट ग्राहक के तौर पर उस इलाके में मौजूद कुत्ता पालने वाले लोग रहने वाले हैं इसलिए इस तरह के व्यापारों में मार्केटिंग के माध्यम के तौर पर रेफरल एवं मुहँ से निकले शब्द होते हैं। और ध्यान रहे कोई भी ग्राहक तभी दुसरे को आपके बिजनेस के बारे में सार्थक रूप से बताएगा जब उसे आपके द्वारा दी गई सर्विस पसंद आएगी। इसलिए ग्राहकों को आकर्षित एवं संतुष्ट करने के लिए उद्यमी को जी तोड़ मेहनत करनी होगी।   

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