Domestic LPG Stove बनाने के व्यवसाय की जानकारी |

Domestic LPG Stove की आवश्यकता वर्तमान में हर घर को है क्योंकि वर्तमान में देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा धुआं रहित ईधन का उपयोग कर रहा है। जहाँ पहले ग्रामीण भारत में ज्यादातर लोगों द्वारा ईधन के रूप में लकड़ी एवं गोबर के उपलों का प्रयोग किया जाता था, वर्तमान में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत देश के लोगों को गैस का कनेक्शन दिया गया जिसके चलते ग्रामीण भारत के लोगों को भी धुआं उत्पन्न करने वाले ईधन से कुछ हद तक मुक्ति मिल पायी है।

कहने का अभिप्राय यह है की जहाँ पहले Domestic LPG Stove का इस्तेमाल करने वाले लोग केवल शहरों में ही निवास करते थे। वर्तमान में इसका क्षेत्र विस्तृत हो गया है और इस उत्पाद की देश के हर कोने में आवश्यकता है। लिक्विड पेट्रोलियम गैस एवं प्राकृतिक गैस घरेलू एवं वाणज्यिक तौर पर खाना बनाने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले सबसे अधिक स्वीकृत किये जाने वाले ईधन बन गए हैं। क्योंकि इस तरह का यह ईधन धुंए से मुक्त स्वच्छ एवं कुशल दहन प्रदान करने वाला होता है।

यही कारण है की इस तरह के यह ईधन स्वस्थ वातावरण बनाने में सहायक होता है एवं मुसीबत भरे जीवन से छुटकारा भी देता है। Domestic LPG Stove का निर्माण मशीनों द्वारा बड़ी सरलता से किया जा सकता है। इसलिए इस लेख के माध्यम से एलपीजी स्टोव बनाने के व्यवसाय में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल, मशीनरी एवं प्रक्रिया के बारे में जानेंगे।

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Domestic LPG Stove कैसे काम करता है :

गैस स्टोव का उपयोग विभिन्न गैसों जैसे प्रकृतिक गैस, प्रोपेन, ब्यूटेन,लिक्विड पेट्रोलियम गैस इत्यादि के लिए किया जाता है। गैस स्टोव में बर्नर के गले पर हवा एवं गैस मिश्रित हो जाती है। इसमें गैस वाल्व नोज़ल के साथ लगा होता है। Domestic LPG Stove में ओरिफ़िस प्लग के साथ वाल्व बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि छेद बहुत छोटे होते है और वाल्व को सही गैस प्रवाह और पर्याप्त वेग प्रदान करना होता है ।

गैस में दबाव पड़ने के कारण यह नोजल छेद से बच निकलती है और बर्नर के मिश्रण कक्ष में प्रवेश करती है। गैस जेट इसके चारों ओर वैक्यूम बनाता है और आसपास की हवा को ग्रहण करता है। इस प्रकार मिश्रित हवा और गैस Domestic LPG Stove के बर्नर छेद से बाहर निकलती है जो समान रूप से इसके परिधि के साथ फैलती है और स्पार्क या लौ की उपस्थिति में जलती है। गैस प्रवाह को सँभालने वाले घटकों को आग एवं स्पार्किंग से सुरक्षित होना चाहिए ताकि गैस के आकस्मिक दहन को रोका जा सके।

इसके अलावा कनेक्शन और कण्ट्रोल वाल्व को गास्केट से सील कर दिया जाना चाहिए और रिंग को ऐसी सामग्री से बनाया जाना चाहिए जो रिसाव रोकने में समर्थ हो।

बाजार में बिक्री की संभावना :

हालांकि प्रधानमंत्री की उज्जवला योजना ने भारत को अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से उर्जा विशेषज्ञों के लिए एक उदाहरण बना दिया है। लेकिन यह योजना अभी भी अपने नागरिकों को स्वच्छ ईधन प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रही है। घरेलू तौर पर एलपीजी खपत ने 10% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है और यह खपत 20 मिलियन टन तक बढ़ने की उम्मीद है। एक आंकड़े के मुताबिक 2026 तक यह खपत 35 मिलियन मीट्रिक टन होने के आसार हैं। मेट्रो शहरों और शहरी क्षेत्रों में पाइप गैस आपूर्ति के लिए प्रस्तावित कई परियोजनाएं हैं ।

लोगों की जीवनशैली में हो रहे बेहतर परिवर्तन एलपीजी की मांग एवं बेहतर डिजाईन किये हुए Domestic LPG Stove की मांग को भी बढ़ावा देने में सहायक है। नए ट्रेंड के अनुसार एक बेहतर रसोईघर वही हो सकता है जिसमें नए नए रसोई उपकरण उपलब्ध हो उनमे से एक Domestic LPG Stove भी है |

इसी नए ट्रेंड के कारण विशाल बाजार में इस उत्पाद के बिकने की संभावना अधिक हो गई है। खाना पकाने के लिए एलपीजी की बढती खपत के कारण विशेष तौर पर Domestic LPG Stove बनाने वाली इकाइयों को फायदे होने के संकेत मिल रहे हैं। उद्यमी के पास घरेलू मांग की पूर्ति के अलावा निर्यात करने के भी पर्याप्त अवसर विद्यमान हैं।

औद्योगिक परिदृश्य:

वर्तमान में एलपीजी स्टोव का उपयोग व्यापक रूप से सभी शहरी एवं अर्धशहरी घरों में किया जाता है। घरों के अलावा रेस्टोरेंट, होटल, ढाबों, रेहड़ी, पटरियों इत्यादि पर भी इनका उपयोग किया जाता है। अनेकों प्रकार के Domestic LPG Stove एवं कमर्शियल स्टोव सिंगल बर्नर से लेकर मल्टीप्ल बर्नर वाले स्टोव का उपयोग रसोई के आकार को देखते हुए किया जाता है। सिंगल या मल्टी बर्नर वाले स्टोवों का उपयोग घरों से लेकर बड़े बड़े होटलों, रेस्टोरेंट, भोजनालयों, हॉस्पिटल, कैंटीन एवं सार्वजनिक रसोईघरों में होता रहता है।

पाइपलाइन एवं सिलेंडरों के माध्यम  से सुरक्षित वितरण प्रणाली के चलते एलपीजी की माँग देश में बढती जा रही है। और सरकार का भी लक्ष्य प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ ईधन प्रदान करने का है। यही कारण है की भारत दुनिया में एलपीजी गैस का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक है। एक आकंडे के मुताबिक इंडिया में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों में 25.38 करोड़ ग्राहक एलपीजी कनेक्शन लिए हुए हैं।

यही कारण है की भारत में गैस स्टोव की मांग प्रति वर्ष 20 मिलियन यूनिट अनुमानित है। जहाँ तक Domestic LPG Stove Manufacturing का काम करने के लिए योग्यता की बात है उद्यमी यदि ITI, Diploma या ग्रेजुएट हो और साथ में मैन्युफैक्चरिंग या मार्केटिंग का अनुभवी हो तो अच्छा है।

आवश्यक मशीनरी उपकरण एवं कच्चा माल:

Domestic LPG Stove manufacturing में प्रयुक्त होने वाले मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्न प्रकार से है।

  • शीट शीयरिंग मशीन
  • प्रोफाइल cutting मशीन
  • प्रेस ब्रेक
  • हाइड्रोलिक प्रेस
  • मैक पॉवर प्रेस
  • मैन्युअल शीयरिंग प्रेस
  • मैन्युअल शीट फोल्डिंग मशीन
  • फ्लाई प्रेस
  • स्पॉट सीम, वेल्डिंग मशीन
  • बेअडिंग कर्लिंग मशीन
  • पिलर ड्रिल
  • लेथ
  • सैंड ब्लास्टिंग मशीन
  • पिकलिंग और सरफेस ट्रीटमेंट
  • स्प्रे/पाउडर पेंट शॉप
  • पेंट बेकिंग ओवन
  • डाई टूल
  • gauges और हैण्ड टूल

Domestic LPG Stove manufacturing में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • गैस रेगुलेटर असेंबली
  • नोजल प्लग
  • बर्नर कास्टिंग
  • गैस पाइप असेंबली
  • CR कार्बन स्टील
  • स्टेनलेस स्टील
  • कास्ट बर्नर
  • vessel seat फ्रेम
  • आयरन एंगल
  • MS प्लेट
  • cast iron/एलाय बर्नर
  • पाइपिंग
  • गैस कॉक असेंबली
  • नॉब
  • हार्डवेयर

निर्माण प्रक्रिया (Domestic LPG Stove Manufacturing Process):

Domestic LPG Stove की बॉडी, वितरण पाइप असेंबली और बर्नर को धातु से बनाया जाना चाहिए। गैस वाल्व आकार में छोटे होते हैं इसलिए विनिर्देशों के आधार पर इन्हें ख़रीदा जा सकता है। स्टोव की बॉडी साफ़ करने में आसान एवं गर्मीं एवं संक्षारण प्रतिरोधी होनी चाहिए। बॉडी पर कार्बन स्टील ओवन बेक्ड पेंटिंग या स्टेनलेस स्टील की पोलिश की हुई बॉडी को प्राथमिकता दी जा सकती है।

नए डिजाईन के स्टोवों में कार्बन स्टील या गर्मी प्रतिरोधी ग्लास टॉप पर हार्ड तामचीनी और सिरेमिक कोटिंग का उपयोग लिया जाता है जो रसोई में खाना बनाने के प्लेटफार्म के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। Domestic LPG Stove Manufacturing की प्रक्रियाएं निम्नवत हैं।

  • शीट धातु को शीट धातु फैब्रिकेशन शॉप में डिज़ाइन के अनुसार वांछित आकार में प्राप्त किया जाता है और काम करने के लिए संसाधित किया जाता है। सामग्री के आधार पर बॉडी को चित्रित या पॉलिश किया जाता है।
  • गैस डिस्ट्रीब्यूशन पाइप को उसके साइज़ के आधार पर काट लिया जाता है उसके बाद इसे कनेक्टर एवं माउन्टिंग ब्रैकेट के साथ अस्सेम्बल किया जाता है।
  • बर्नर कास्टिंग मशीन में बड़ी सावधानी के साथ बर्नर के आकार एवं छेद ज्यामिति का ध्यान रखा जाता है उद्यमी इसे अपनी दक्षता के अनुरूप डिजाईन कर सकता है।
  • बर्नर के उपरी हिस्से को ड्रिल किया जाता है ताकि नियमित अन्तराल में इस पर छेद किये जा सकें।
  • Domestic LPG Stove Manufacturing की इस प्रक्रिया में तैयार किये हुए बर्नर, पाइप असेंबली, गैस वाल्व इत्यादि को अस्सेम्बल किया जाता है और बैकलाइट नॉब को माउंट किया जाता है। उसके बाद एलपीजी स्टोव का BIS 4760 मानकों के अनुसार परीक्षण किया जाता है। पास होने के बाद ही इन्हें पैकिंग के लिए आगे भेज दिया जाता है।

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए अच्छे खासे निवेश की आवश्यकता होती है। और इसे शुरू करने के लिए विभिन्न लाइसेंस जैसे फैक्ट्री एक्ट के तहत फैक्ट्री लाइसेंस, फायर डिपार्टमेंट से एनओसी, यदि लागू हो तो ईपीएफ. ईएसआई रजिस्ट्रेशन, सामग्री खरीदने एवं उत्पाद बेचने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि इसके लिए पोल्यूशन डिपार्टमेंट से लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन फिर भी स्क्रैप इत्यादि को डिस्पोजेबल करने का उचित प्रबंध होना बेहद जरुरी है।

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