स्वर्ण मुद्रीकरण योजना की जानकारी । नई और पुरानी योजना में अंतर।

Gold Monetization scheme पर बात करने से पहले जरुरी हो जाता है, की हम एक नज़र सोने Gold के इतिहास पर डालें। और जानने की कोशिश करें की आखिर इस योजना को शुरू करने की आवश्यकता कैसे और क्यों पड़ी ।

History of Gold (सोने का इतिहास)

Gold (सोना) पीले रंग की एक कीमती धातु होती है । यह धातु पिछले 3000 वर्षो से उपयोग में लायी जाती रही है । Gold (सोना ) जैव संगत धातु होने के कारण लोग इसका उपयोग अपने शरीर के अंगो जैसे दांतों के रूप में भी करते आये हैं । क्योकि यह धातु जैव संगत होने के कारण मानव शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती । Gold (सोना) बिजली का अत्यधिक कुशल संवाहक है ।

इसलिए बहुत सारे बिजली उपकरणों में इसका उपयोग किया जाता है । इस धातु सोने का उपयोग अधिकतर Connectors, Switches, devices में इनको जंग से मुक्त रखने के लिए किया जाता है । प्राचीनकाल में सोने का उपयोग राजा महाराजो के मुकुट में, राजमहल में अन्य साजो सज्जा के रूप में और सोने के बर्तनों का उपयोग फोड़े फुंसियो, चेचक, और त्वचा के अन्य रोगों की दवाई बनाने के लिए किया जाता था जो अत्यधिक प्रभावशाली था ।

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना क्या है:

सोने का मुद्रिकीकरण साल 2015 मई माह में भारत सरकार ने नई सोने की मुद्रीकरण योजना की शुरूआत की । इस योजना का प्रमुख उद्देश्य देश में हो रहे सोने के आयात को कम करना है । आंकड़ो के मुताबिक देश में 30 अरब Dollar से भी ज्यादा सोने का आयात होता है । एक सर्वे के मुताबिक देश के आवासीय और धार्मिक स्थलों में लगभग 800 अरब से ज्यादा सोना ऐसा है जो कही उपयोग में नहीं लाया जाता । इस योजना Scheme का उद्देश्य इस सोने को एकत्र करके, आभूषण बनाने वाली कंपनियों को उपलब्ध कराना, और देश के विकास में उपयोग में लाना है ।

सोने के मुद्रीकरण की Scheme योजना देश में सन 1999 से विद्यमान है। लेकिन देश में उपयोग में न लाया गया लगभग 20000 टन सोना होने के बावजूद यदि देश में बाहर देशो से सोना आयात किया जा रहा है तो आप उस योजना को सफल नहीं मान सकते । पुरानी सोने के मुद्रीकरण की योजना सफल न होने के पीछे प्रमुख बिंदु निम्न हैं ।

ऐसा लगता था की यह योजना किसी खास वर्ग को मद्देनज़र रखते हुए तैयार की गई है । क्योकि यह योजना आम आदमी की पहुँच से बहुत दूर दिखाई देती थी । इस Yojana के अनुसार केवल वह व्यक्ति/संस्था अपने सोने का मुद्रीकरण कर सकता/सकती थी । जिसके पास कम से कम 500 Grams यानि की आधा किलो सोना हो । अब आप ही सोचिये देश में ऐसे कितने लोग होंगे जिनके पास आधा किलो सोना होगा । 

और दूसरा कारण यह है की जिनके पास आधा किलो सोना था भी, उनको इस Scheme की सही से जानकारी उपलब्ध नहीं थी । सरकार द्वारा सोने के मुद्रीकरण पर दिया जाने वाला ब्याज भी केवल 1% था जो बहुत ही कम था । इसका नतीजा यह हुआ की सरकार 20000 टन में से केवल 20 टन सोना ही एकत्र करने में कामयाब रही । अब हम कह सकते है की सोना जमा करने की ज्यादा मात्रा, और बहुत कम ब्याज के कारण यह योजना सफल नहीं हो पाई ।

पुरानी और नई योजना में अंतर (Difference between old and new Gold monetization Scheme in Hindi):

मानव प्रवृत्ति यही रही है की वह अपनी गलतियों से सीखते आया है । यही नियम इस योजना में, सरकार पर भी लागू होता है । क्योकि नई स्वर्ण मुद्रीकरण योजना को देखते हुए तो यही लगता है की सरकार ने इस योजना के नाकाम होने के कारणों को खोजकर उनको दूर करने की कोशिश की है । हाँ यह अलग बात है की तब और सरकार थी अब और सरकार है ।

नई योजना में कितना सोना निवेश कर सकते हैं

इस नई योजना के अंतर्गत सरकार ने सोने की निम्नतम जमा करने की मात्रा को 500 ग्राम से सीधे 30 ग्राम कर दिया है । जिससे अधिक से अधिक आम जनता को इससे जोड़ा जा सके । और दूसरा इस बार सरकार ने ब्याज दर को 1% से बढ़ाकर 2.5% कर दिया है । और बदलते समय के साथ साथ अधिक से अधिक लोग इन्टरनेट का उपयोग कर रहे हैं । जिससे उनको इस योजना सम्बन्धी जानकारी आसानी से उपलब्ध है ।

भारत एक परम्परावादी देश होने के कारण लोग अपने पास पड़े सोने को पारम्परिक संपदा मानते है। और आसानी से अपने पास पड़े सोने को निवेश नहीं करते हैं, या फिर सिर्फ विपत्ति के समय में ही निवेश या बेचते हैं । लेकिन अब समय में बदलाव हुआ है, एक सर्वे के मुताबिक अगर योजना उनके हित में रही तो 50% लोग अपने पास पड़े सोने को निवेश करने के लिए तैयार हैं ।

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के फायदे (Benefits of Gold Monetization Scheme):

अब हम बात करते हैं की एक निवेशक के तौर पर आप इस योजना से कैसे लाभ उठा सकते हैं ।

  • सरकार निवेशक को निवेश करते समय Sovereign Gold Bond Scheme (SGB ) के अंतर्गत रजिस्टर करेगी । और निवेशक को एक प्रमाण पत्र जारी करेगी । जिसके जरिये निवेशक बाद में सरकार से पैसे, या सोना दोनों में से कुछ भी ले सकता है।
  • जारी किये गए Gold बांड के अनुसार सरकार इस पर ब्याज दरें निर्धारित करेगी । और ब्याज का आंकड़ा निवेशक द्वारा जमा किये गए सोने की कीमत पर निर्धारित होगा।
  • सरकार अपने निवेशक को सोने की कीमतों में होने वाले मध्यवर्ती उतार चढावो से सुरक्षा प्रदान करेगी ।
  • Gold बांड्स चार संज्ञाओ में दिया जा सकता है। और निवेशको को दिए जाने वाले सोने की मात्रा 5 grams, 10 grams, 50 grams और 100 grams हो सकती है। इस योजना के अंतर्गत एक व्यक्ति एक साल में केवल 500 grams तक का ही सोना खरीद सकता है।
  • यह योजना निवेशक को उसके सोने के खाते पर ब्याज कमाने का मौका प्रदान करती है । जिसमे निवेश करने की निम्नतम मात्रा 30 grams तय की गई है ।

और इस Gold Monetization Scheme योजना के अंतर्गत निवेश करने वाला निवेशक अपना तो फायदा कराएगा ही साथ में सम्पूर्ण देश का भी फायदा कराएगा क्योकि यदि यह योजना सफल होती है तो देश का बहुत सारा पैसा बच जायेगा । जो अब तक सोने के आयात पर खर्च होता आ रहा है । दूसरा इस योजना से आया हुआ पैसा सरकार इस देश के बुनियादी ढांचे जैसे रोड, रोजगार , पानी, नहरें, शिक्षा, इत्यादि पर खर्च कर सकती है । जिससे हमारा देश भारत मजबूती के साथ आगे बढेगा । रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी इस योजना के बारे में जानकारी ली जा सकती है।

यह भी पढ़ें

Leave a Comment