फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? कैसे शुरू करें।

फॉरेक्स ट्रेडिंग से भले ही आप परिचित हों या नहीं, लेकिन लाभ प्राप्त करने का यानिकी निवेश से कमाई करने का यह भी एक शानदार तरीका है। इसलिए इसे समझने से पहले हमें यह समझना होगा की प्रत्येक देश की अपनी अलग अलग मुद्रा होती है। और प्रत्येक राष्ट्र की मुद्रा एक दुसरे के मुकाबले मूल्य के आधार पर कमजोर एवं मजबूत होती है। कहने का अभिप्राय यह है की इस वैश्वीकरण के युग में पूरी दुनिया में कहीं भी बिजनेस किया जा सकता है और इन्टरनेट ने इसे और आसान बना दिया है।

आज व्यक्ति चाहे तो भारत में बैठे बैठे विदेशी मुद्रा जैसे डॉलर, यूरो, पौंड इत्यादि कमा सकता है यह सब इन्टरनेट के कारण मुमकिन हुआ है। खैर इस लेख में हम केवल फॉरेक्स ट्रेडिंग पर ही अपना ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे। वह इसलिए क्योंकि वर्तमान में फोरेक्स ट्रेडिंग भी कमाई करने का एक माध्यम बन सकता है। लेकिन यह कार्य व्यक्ति केवल किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से ही कर सकता है। हालांकि विभिन्न देशों की मुद्राओं के प्रति हमारा आकर्षण बचपन से ही पैदा हो जाता है।

इसलिए यदि हमारे पास भारत के अलावा किसी अन्य देश की मुद्रा कभी आती है तो हम उसे संग्रहित करना शुरू कर देते हैं। वयस्क होने पर मुद्राओं के प्रति यही आकर्षण हमें फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में और जानने को उत्सुक करता है। लोगों की इसी उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए आज हम फॉरेन करेंसी एक्सचेंज ट्रेडिंग के बारे में जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग की जानकारी

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है (What is Forex Trading in Hindi):

फॉरेक्स ट्रेडिंग में पहला शब्द फ़ॉरेक्स का अर्थ फॉरेन एक्सचेंज होता है। साधारण शब्दों में फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग का अर्थ एक दुसरे के बीच विभिन्न विदेशी मुद्राओं का व्यापार करना है अर्थात इस प्रक्रिया के अंतर्गत विभिन्न देशों की मुद्राओं में उनके मूल्य के घटते बढ़ते रहने के कारण व्यापार होता है। कोई भी व्यक्ति जो विदेशों से किसी भी प्रकार का कोई सौदा करना चाहता है उसे वह सौदा खरीदने के लिए उस देश की मुद्रा की आवश्यकता हो सकती है।

चाहे कोई छुट्टी पर भ्रमण करने के लिए गया हो, या फिर वह विदेश से कुछ खरीदना चाहता हो, या किसी सर्विस के लिए भुगतान कर रहा हो इत्यादि के लिए उसे उस देश की मुद्रा की आवश्यकता होती है। उदाहरणार्थ: अमेरिका में स्थित कॉलेज का शुल्क देने के लिए व्यक्ति को US Dollor की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि अमेरिका में स्थित कॉलेज भारतीय रूपये में फीस स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए डॉलर में भुगतान करने के लिए सर्वप्रथम व्यक्ति को US Dollor खरीदने होंगे।

इन्हें खरीदने के लिए व्यक्ति को उस समय निर्धारित डॉलर मूल्य के आधार पर भारतीय रुपयों में भुगतान करना होगा। बस इन्हीं आवश्यकताओं के फलस्वरूप फॉरेक्स ट्रेडिंग की शुरुआत होती है जहाँ विदेशी मुद्रा की बिक्री एवं विनिमय किया जाता है। और जहाँ व्यक्ति ने भारतीय रूपये देकर US Dollor की प्राप्ति की उसे Exchange कहा जाता है। इस स्थिति में इस एक्सचेंज द्वारा US Dollor फॉरेन एक्सचेंज मार्किट से खरीदे जायेंगे। साधारण शब्दों में विदेशी मुद्रा की ट्रेडिंग ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहलाती है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे काम करती है ?  

फॉरेक्स ट्रेडिंग भी इक्विटी ट्रेडिंग की तरह ही है बस फर्क सिर्फ इतना है की इक्विटी ट्रेडिंग में कमाई या नुकसान के लिए शेयर का मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। तो वहीँ फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में एक्सचेंज मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग से कमाई करने के लिए व्यक्ति अपनी अपेक्षा एवं जानकारी के अनुसार कोई भी मुद्रा खरीद सकता है। और अच्छे ढंग से समझने के लिए आप नीचे दिए गए उदाहरणों को पढ़ सकते हैं।

उदाहरणार्थ:

माना की प्रमोद नामक व्यक्ति डॉलर की बढती हुई कीमतों का लाभ उठाना चाहता है चूँकि डॉलर आज 70 रूपये पर कारोबार कर रहा है। प्रमोद को अपनी जानकारी एवं अनुभव के आधार पर लगता है की यह तीन महीनों के अन्दर अन्दर 73 रूपये तक जा सकता है। तो इस स्थिति में व्यक्ति USD खरीद सकता है और जब तीन महीने बाद यह 73 रूपये पर पहुँच जाए तो इन्हें बेच सकता है। इस प्रकार व्यक्ति प्रत्येक 1000$ पर 3000 रूपये तक की कमाई कर पाने में सफल होगा।

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें:

हालांकि भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग आम लोगों की पहुँच से दूर है इसके अनेकों कारण जैसे इस प्रक्रिया में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। और दूसरा लोग अक्सर इस बारे में भी भ्रमित रहते हैं की भारत में इस तरह का काम करना कानूनी तौर पर सही है या फिर यह अवैध होता है। इसलिए यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना जरुरी है की भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग को लेकर काफी नियम शर्तें निर्धारित की गई हैं।

इसलिए फॉरेक्स ट्रेडिंग नामक इस प्रक्रिया को सिर्फ वही व्यक्ति कर सकता है जिसके पास किसी SEBI Registered Broker का अकाउंट हो। कहने का आशय यह है की ऐसा कोई भी व्यक्ति जो फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहता हो के पास किसी फ़ॉरेक्स ब्रोकर के साथ अकाउंट होना अति आवश्यक है।

वर्तमान में कानूनी रूप से फ़ॉरेक्स की अनुमति कुछ भारतीय एक्सचेंजों, बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स-एसएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) इत्यादि को है। भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए व्यक्ति को किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के साथ ही अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है। और इसी खाते के माध्यम से व्यक्ति फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकता है।

सफल फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स :

यद्यपि जैसे की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की फॉरेक्स ट्रेडिंग भी इक्विटी ट्रेडिंग यानिकी शेयर मार्किट की तर्ज पर ही कार्य करती है। जहाँ शेयर मार्किट में शेयर का मूल्य नफा नुकसान तय करता है वही इसमें एक्सचेंज मूल्य। इसलिए यह जरुरी नहीं है की जो फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करेगा वह लाभ ही प्राप्त करेगा हो सकता है उसे नुकसान भी हो। इसलिए यहाँ नीचे हम कुछ ऐसी बातों का जिक्र कर रहे हैं जिनका अनुसरण करके सफल फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग की जा सकती है।

  • फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की आपको मार्किट की उचित जानकारी एवं पर्याप्त अनुभव प्राप्त है।
  • यद्यपि फ़ॉरेक्स मार्किट सप्ताह के पांच दिन चौबीस घंटे खुली रहती है लेकिन भारत का बाजार शाम 5 बजे बंद हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को इंट्राडे का चुनाव करना चाहिए।
  • स्कैम इत्यादि से सावधान रहने की आवश्यकता है किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से ही इस तरह की ट्रेडिंग करें।
  • प्रत्येक ट्रेड के लिए स्टॉप लॉस सेट करें अन्यथा विफल हो सकते हैं।
  • फॉरेक्स ट्रेडिंग करने से पहले ट्रेडिंग करने की योजना बना लें और हमेशा उसका अनुसरण करें।
  • ट्रेडिंग से हमेशा अपनी भावनाओं को अलग करके रखें क्योंकि भावनाओं में अक्सर मनुष्य अव्यवहारिक निर्णय ले लेता है।
  • ध्यान रहे अपने नुकसान की पूर्ति के लिए ट्रेड न करें बल्कि तभी ट्रेड करें जब आपको लगता है की यह आपके लिए एकदम सही है।

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