जनरल स्टोर या किराना स्टोर कैसे खोलें? General Store Opening Process Hindi.

भारत में खुद का किराना स्टोर या जनरल स्टोर कैसे शुरू कर सकते हैं, How to start own General Store Business In India in Hindi

हालांकि भारत में जनरल स्टोर खोलने की प्रक्रिया को लोगो द्वारा बहुत ही आसान क्रिया के रूप में समझा जाता है | और इसमें वास्तविकता भी है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति अच्छे ढंग से अपने किराना स्टोर का business plan बनाकर यह बिज़नेस करे, तो लाभ (Profit) के अधिक मौके हो सकते हैं | चूँकि India में अभी भी व्यक्तिगत जनरल स्टोर्स का बोलबाला है |

इसलिए घबराने की बिलकुल आवश्यकता नहीं है, की बड़ी बड़ी डिपार्टमेंटल स्टोर चेन आपके बिज़नेस को निगल जाएँगी | यदि उद्यमी इस बिज़नेस को दीर्घकाल के आधार पर सोच रहा है, तो उसको बहुत सारी प्रक्रियाओं का ध्यान रखना पड़ेगा | ताकि उद्यमी अपने स्टोर को आने वाले समय के हिसाब से ढाल सके |

General Store kirana store

व्यापार की योजना बनायें (Make business plan for general Store):

हालांकि इसको Open करने के लिए एक detailed business plan जरुरी नहीं है | लेकिन उद्यमी अपनी जानकारी और खर्चे, कमाई का idea लेने हेतु कुछ तत्वों जैसे दुकान का किराया, इंटीरियर काम कराने में खर्चा,पहली बार सामान भरने में आने वाला खर्चा, आंशिक ग्राहकों की लिस्ट और उनसे होने वाली Kamai को अपने बिज़नेस प्लान का हिस्सा बना सकता है |

यह क्रिया करके उद्यमी को अपने बिज़नेस से होने वाली कमाई और खर्चे का अनुमान हो जायेगा | और वह उसी आधार पर वित्त का प्रबंध कर पायेगा | आइये जानते हैं प्रभावी ढंग से व्यापार की योजना कैसे बनायें?

किराना स्टोर खोलने हेतु जगह चयनित करें(Select Location for General store):

खुद का जनरल स्टोर शुरू करने के लिए Location चयन करना बेहद महत्वपूर्ण Step है | चूँकि इस तरह के स्टोर में किसी विशिष्ट वस्तु न रखकर लगभग घरेलु उपयोग में आने वाली अनाज से लेकर सुई तक सब रखना पड़ता है |इसलिए इसमें यह जरुरी नहीं है, की आप लोगों की खर्च करने की क्षमता का विश्लेषण करें हाँ यह प्रक्रिया आप अपने General Store के लिए किसी विशिष्ट वस्तु की खरीदारी करते समय कर सकते हैं, की यह वस्तु यहाँ पर बिकेगी या नहीं |

लेकिन Location चयन करते समय उद्यमी को यह ध्यान जरुर रखना चाहिए की आस पास पहले से ही इस तरह की दूकान है या नहीं | अगर है तो दुकानदार की प्रतिदिन की Kamai क्या है | दुकानदार का अपने ग्राहकों के प्रति व्यवहार कैसा है | यह सब पता करके उद्यमी यह Idea ले सकता है की वह ग्राहकों को अपने दूकान की तरफ कैसे आकर्षित कर पायेगा |

अगर उद्यमी यह सब कुछ नहीं कर सकता तो उसको कोई ऐसी Location का चुनाव करना चाहिए जहाँ भीड़ तो हो लेकिन भीड़ के मुताबिक दुकानें कम हों या फिर हों ही नहीं | आइये जानते हैं व्यापार के लिए एक अच्छी लोकेशन कैसे चुनें?

चयनित क्षेत्र में दुकान तलाशें (Look for a shop in selected area):

अब यदि उद्यमी ने अपना बिजनेस करने हेतु Location का चुनाव कर लिया हो, तो अगला step उस Area में एक Shop देखने का होता है | जिसे उद्यमी अपने business हेतु किराये पर ले सके | Shop किराये पर लेते वक़्त Shop owner के साथ अग्रीमेंट अवश्य कराएँ |

क्योकि यह एक ऐसा business है, जिसमे ग्राहकों के साथ relationship बनाने और profit कमाने में थोड़ा समय लग सकता है | और इस बीच कही ऐसा न हो की Shop Owner आपसे दूकान खाली करने को कहे | अग्रीमेंट करते समय लॉक इन पीरियड निश्चित किया जा सकता है |

फर्नीचर इत्यादि का अन्दुरुनी काम कराएँ (Interior design and work):

अब चूँकि उद्यमी ने अपने जनरल स्टोर के लिए जगह और Shop दोनों का प्रबंध कर लिया है | अब अगला Step है Interior design का | ऐसी डिजाईन का चयन करें जिसमे हर एक सामान को आसानी से रखा जा सके और सामान ग्राहकों अच्छे ढंग से दिखाई दे | क्योकि बहुत बार ऐसा होता है जब ग्राहक किसी वस्तु को तब खरीदता है जब उसे वह दिखाई देती है |

बाहरी आकर्षण और ग्राहकों को सामान जल्दी से उपलब्ध कराने की दृष्टि से भी interior design बेहद महत्वपूर्ण step है | क्योकि यदि एक समय पर उद्यमी के स्टोर पर 10 ग्राहक आ जाएँ | तो उस स्टोर में सामान सुव्यवस्थित ढंग से होने पर उन 10 ग्राहकों से बहुत कम समय पर निबटा जा सकता है | तो Interior design work इस हिसाब से कराना चाहिए की चींजे दिखने में सुन्दर लगें, ग्राहकों को दिखें, उद्यमी ग्राहकों को देने हेतु एकदम से निकाल सके |

सप्लायर से संपर्क करें (Contact suppliers and fill up the shop with materials):

अब यदि दूकान बन के तैयार हो गई हो, तो दुकान में सामान भरने हेतु अपने क्षेत्र में कोई ऐसा Suppliers ढूंढना चाहिए जो उचित दामों पर आपकी दुकान हेतु सारा सामान दुकान में ही उपलब्ध करा सके | और अपनी दूकान को अपने क्षेत्र में बिकने वाले सामान से भर दीजिये |

नियमित ग्राहकों का खास ध्यान रखें (Loyal customers and their purchasing):

दूकान बन गई और दूकान में सामान भी आ गया | तो अब सामान बेचना शुरू कर देना चाहिए, लेकिन एक महीने बाद एक विश्लेषण अवश्य करना चाहिए की ऐसे कितने लोग हैं, जो आपके जनरल स्टोर पर नियमित या अधिकतर तौर पर आते हैं | और वे किन चीजों पर कितना खर्च करते हैं | और कभी कभी अर्थात आते जाते लोगों से उद्यमी की कितनी Kamai हो जाती है |

यह विश्लेषण करने के बाद यदि आपका स्टोर प्रॉफिट में चल रहा हो तो बहुत बढ़िया है | यदि नहीं तो थोड़ा एक दो महीने का इंतजार करके Marketing पर थोड़ा बहुत खर्च किया जाना जरुरी है | एक ध्यान देने की बात और है की जो लोग उद्यमी के स्टोर से नियमित और अधिकतर तौर पर Shopping करते हैं |

उद्यमी को चाहिए की उनके द्वारा मांगी जाने वाली वस्तु कभी भी Out of stock न होने पाए | और यदि कभी वे Credit अर्थात उधार की गुज़ारिश करें तो उन्हें दे देना चाहिए | लेकिन नियमित ग्राहकों को उधार देने की एक सीमा तय करनी जरुरी है | वैसे तो एक General Store को Open और चलाने में कोई ख़ास कठिनाई आती नहीं है | फिर भी बिज़नेस के शुरूआती दिनों में ऐसा महसूस जरुर होता है, की ग्राहक आ नहीं रहे और Kamai हो नहीं रही | इस स्तिथि से निबटने का एक ही इलाज है धैर्य |  

जनरल स्टोर बिजनेस को सफल कैसे बनाएँ (How to run General store successfully):

जनरल स्टोर बिजनेस की सफलता में उसकी लोकेशन का बड़ा अहम् योगदान होता है। लोकेशन के अलावा दूसरी जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वह है जनरल स्टोर से ग्राहक की अपेक्षा। जब एक व्यक्ति किसी जनरल स्टोर में जाता है तो वह अपेक्षा रखता है की वहां पर सुई से लेकर सब्बल तक सब कुछ मिल जाएगा। उद्यमी को ग्राहक की इसी अपेक्षा पर खरा उतरने की आवश्यकता होती है । तभी वह अपने बिजनेस (General Store) के प्रति लोगों का सकारात्मक रुझान बना पाएगा। इनके अलावा कुछ और टिप्स हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने जनरल स्टोर को सफलतापूर्वक चला सकते हैं।     

  • कई दुकानदारों की आदत होती है जब ग्राहक उनसे ख़रीदे गए किसी वस्तु के बारे में शिकायत करता है, तो वे कहते हैं की वह चीज उन्होंने तो बनाई नहीं है, वे कुछ नहीं कर सकते । ग्राहकों के प्रति यह रवैया आपके जनरल स्टोर बिजनेस को नुकसान पहुँचा सकता है ।
  • कुछ दुकानदार ग्राहकों की पसंद का ध्यान न रखकर अपनी दुकान में ऐसे ऐसे ब्रांड या कंपनी का सामान बेचने लगते हैं, जो ग्राहकों को पसंद नहीं होता, लेकिन उन्हें मजबूरी में लेना पड़ता है। दुकानदार यह इसलिए करता है क्योंकि उन्हें ब्रांडेड वस्तु जो ग्राहक द्वारा मांगी जा रही हो, उसकी तुलना में नई कंपनी या ब्रांड की उसी वस्तु में थोड़ा अधिक मार्जिन मिलता है।
  • ध्यान रहे बाज़ार में कई तरह की मिलावटी चीजें चलती रहती हैं। लेकिन यदि आपकी दुकान के माध्यम से किसी ग्राहक के पास कोई मिलावटी या डुप्लीकेट वस्तु पहुँचती है। तो वह व्यक्ति दुबारा आपकी दुकान पर शायद ही कभी आए। और इस घटना के बारे में 10 लोगों को और बताएगा। इसलिए यदि आप सफलतापूर्वक अपना जनरल स्टोर (General Store Business) चलाना चाहते हैं, तो आपको अपनी दुकान के लिए अधिकारिक स्रोतों से ही माल खरीदना चाहिए।
  • दुकानदारों की आदत होती है की वे कभी कभी चेहरा देखकर भी १-२ रूपये महंगा या सस्ता बेच देते हैं । सभी ग्राहकों को एक ही चश्में से देखें और ग्राहकों को बेवकूफ समझने की गलती तो बिलकुल न करें। भले ही आपने किसी ग्राहक से किसी वस्तु पर १-२ रूपये ज्यादा ले लिया हो, और उसने आपसे कुछ कहा भी नहीं हो । लेकिन उसे पता सब रहता है, इससे बचने के लिए सबके लिए एक ही कीमत पर सामान बेचें।   
  • ग्राहकों को सिर्फ नकदी में ही नहीं बल्कि युपीआई, वॉलेट इत्यादि से भी भुगतान करने की आज़ादी दें। इससे हो सकता है उन्हें जिस चीज की अर्जेंट आवश्यकता न भी हो वे उसे भी खरीद लें।

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