गुड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें। प्रक्रिया, लाइसेंस, कच्चा माल, मशीनरी।

Jaggery Making Business Plan in Hindi – गुड़ से शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो अनभिज्ञ हो, जी हाँ दोस्तों गुड़ का उपयोग मनुष्य सदियों से अपने खाने में करता आया है। आज भी इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ एवं मीठे पकवान इत्यादि बनाने में किया जाता है।

इसका इस्तेमाल हम ठीक उसी प्रकार करते हैं जिस प्रकार चीनी का। यानिकी गुड़ का इस्तेमाल भी मीठे पकवान, हलवा इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से गुड़ बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानेंगे। लेकिन उससे पहले यह जान लेते हैं की यह गुड़ होता क्या है।

गुड़ क्या होता है (What is Jaggery)

गुड सुनहरा भूरा रंग का या गहरा भूरा रंग का एक मीठा पदार्थ है जो अधिकतर गन्ने के जूस से बनाया जाता है । कही कही पर गुड का उत्पादन अन्य फलों के जूस जैसे अनार और पेड़ के रस जैसे ताड के पेड़ के रस से भी किया जाता है । लेकिन अधिकतर तौर पर या व्यवसायिक तौर पर इसका उत्पादन गन्ने के रस से ही किया जाता है ।

इस पदार्थ गुड में लगभग 90% तक कार्बोहायड्रेट पाया जाता है । इस पदार्थ का अधिकतर उपयोग एशियाई देशों जैसे चीन, भारत, जापान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़्रीकी देशो जैसे नाइजीरिया, इथोपिया, दक्षिण अफ्रीका,अंगोला, तंजानिया, इत्यादि देशो में किया जाता है ।

गुड़ के इस्तेमाल (Uses of Jaggery) :

गुड़ का उपयोग आप किसी भी खाने में कर सकते हैं । जिस खाने को आप मीठा बनाना चाहते हैं । ग्रामीण इलाको में इसका उपयोग चाय के साथ और घर में अन्य मीठे पकवान जैसे खीर, हलुवा इत्यादि बनाते समय भी किया जाता है ।

Gur-Jaggery-produce-from-Sugarcane's-juice
Gur-Jaggery-produce-from-Sugarcane’s-juice

यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र से रहने वाले हैं । जहाँ गन्ने की पैदावार अच्छी होती है । और आपको वहां पर गन्ना सही समय पर सही दामो में मिल जायेगा । तो आप गुड बनाने वाली फैक्ट्री का शुभारम्भ कर सकते हैं ।

और यदि आपके पास मशीनरी एवं अन्य उपकरण खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं । तो आप यह काम घर से भी कर सकते हैं । लेकिन इसके लिए आपको अपना उत्पाद बाजार में लाने से पहले  FSSAI (Food Safety and Standards Authority Of India) से अनुमोदन पत्र लेना होगा । 

और हमारी सलाह यह है । की हम आपको घर में गुड़ बनाने का तरीका बता रहे हैं । इसलिए सबसे पहले इस तरीके को आप अपने व्यक्तिगत स्तर पर अपनाएं ।

और जब आपको पूर्ण रूप से खुद पर विश्वास हो जाय । की आप यह काम कर सकते हैं । और तब आप आगे की सोच सकते हैं । और उसके बाद आर्थिक सहयोग की बात है । लघु उद्योगो को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा चालित योजना का आप लाभ उठा सकते हैं ।

गुड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to start Jaggery Making Business)

यह तो हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की गुड़ का इस्तेमाल घरों, होटलों एवं अन्य खाद्य पदार्थ बनाने वाली कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है ।

गुड़ को भी गन्ने के रस से बनाया जाता है जैसे चीनी बनाई जाती है, लेकिन चीनी बनाने में कई तकनीकें शामिल होती हैं, जिससे चीनी मिल शुरू करने के लिए बहुत अधिक निवेश की आवश्यकता होती है।

जबकि गुड़ बनाने का बिजनेस शुरू करने में तुलनात्मक रूप से बहुत कम निवेश की आवश्यकता होती है। तो आइये जानते हैं की कोई इच्छु व्यक्ति खुद का गुड़ बनाने का व्यवसाय शुरू कर सकता है।

उचित लोकेशन का चुनाव करें (Select Location)

यदि आप खुद का गुड़ बनाने का बिजनेस शुरू करने के प्रति गंभीर हैं, तो सबसे पहले आपको इसके लिए उपयुक्त लोकेशन का चयन करना होगा।

उपयुक्त लोकेशन से आशय एक ऐसी लोअक्तिओन से है जहाँ पर आपको अपने व्यवसाय के लिए कच्चा माल भरपूर और उचित कीमतों में आसानी से उपलब्ध हो जाय। और आप वहां से अपनी इकाई द्वारा उत्पादित माल को आसानी से बाज़ारों तक पहुँचा पाने में सक्षम हों।

इसलिए इस बिजनेस के लिए सबसे पहले उस राज्य का चुना किया जाना चाहिए जहाँ गन्ना की पैदावार अधिक होती हो, इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, महराष्ट्र इत्यादि ऐसे राज्य हैं, जहाँ गन्ने का उत्पादन अधिक होता है । उद्यमी चाहे तो इन राज्यों में इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकता है।

जरुरी लाइसेंस प्राप्त करें (Get License)

यद्यपि अधिकतर लोग गुड़ बनाने के बिजनेस को एक मौसमी व्यवसाय के रूप में करते हैं, लेकिन यदि आपके पास पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल है तो आप वर्ष के बारह महीने अपनी फैक्ट्री में गुड़ बनाने का काम जारी रख सकते हैं ।

क्योंकि लोगों द्वारा गुड़ साल के बारह महीने ख़रीदा जाता है, लेकिन सर्दियों में इसकी बिक्री बहुत अधिक बढ़ जाती है। एक परमानेंट फैक्ट्री स्थापित करने के लिए आपको निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण कराने की आवश्यकता हो सकती है।

आप अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत पंजीकृत करा सकते हैं ।

  • कर पंजीकरण के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
  • चूँकि खाद्य पदार्थ से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए इसके फ़ूड लाइसेंस की भी आवश्यकता होगी।
  • यदि आप अपने ब्रांड के तहत गुड़ को पैक करके बेचना चाहते हैं तो आपको ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता होगी।
  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • एमएसएमई के लिए बनी योजनाओं का फायदा लेने के लिए अपने उद्यम का उद्यम रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता हो सकती है।              

आवश्यक मशीनरी और कच्चा माल खरीदें (Machinery & Raw Materials)

गुड़ बनाने के बिजनेस में गन्ने को कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है, इसलिए जहाँ पर भी आप इस तरह का यह प्लांट शुरू करने की सोच रहे हैं, वहां पर गन्ने का ढेर रखने की जगह होनी चाहिए।

गन्ने के रस के अलावा ओकरा या सोडा भी गुड़ बनाने के इस्तेमाल में लाया जाता है, और यह कच्चा माल आपको स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा । इस बिजनेस में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट निम्नलिखित है ।

  • डबल रोलर सुगरकेन क्रेशर मशीन – इसकी कीमत इसकी क्षमता के आधार पर अलग अलग हो सकती है लेकिन एक ५ टन प्रतिदिन क्षमता वाली मशीन की कीमत १.५ लाख से २ लाख रूपये तक हो सकती है। इस मशीन का उपयोग गन्ने से उसका रस निकालने के लिए किया जाता है।
  • गन्ने के रस को स्टोर करने के लिए टैंक – गन्ने को निचोड़कर जो रस निकाला जाता है उसका भण्डारण करने के लिए स्टोर टैंक की आवश्यकता होती है । इनकी कीमत भी इनकी स्टोर करने की क्षमता के आधार पर अलग अलग हो सकती है, लेकिन एक 250 लीटर क्षमता वाले टैंक की कीमत २५ से ३० हज़ार रूपये हो सकती है ।
  • स्टील का बड़ा बर्तन – जूस को गरम करने के लिए इस बर्तन की आवश्यकता होती है इसकी कीमत भी इसकी क्षमता के आधार पर अलग अलग होगी लेकिन एक १००० लीटर क्षमता वाले बर्तन की कीमत १ लाख रूपये तक हो सकती है ।
  • अन्य उपकरण जिन्हें जूस गरम करने एवं गुड़ बनाने की प्रक्रिया में अन्य ऐसे कार्यों के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है, जिन्हें मशीन से नहीं किया जा सकता।
  • गुड़ को आकार देने वाले सांचे – इन सांचों में गुड़ का पिघला हुआ रूप भर दिया जाता है और ठंडा होने पर यह पिघला रूप सांचों का रूप लेकर गुड़ का रूप ले लेता है।

कर्मचारियों की नियुक्ति करें (Manpower hiring) 

जहाँ पर आप गुड़ निर्माण का कार्य कर रहे होंगे उसी परिसर में आपको ऑफिस, स्टोर रूम, सिक्यूरिटी रूम इत्यादि भी बनाने की आवश्यकता हो सकती है । लेकिन शुरूआती दौर में आप दो हेल्पर और एक ऑफिस कम अकाउंटेंट को काम पर रखकर अपने बिजनेस को शुरू कर सकते हैं।

सेल्स पर्सन की आवश्यकता शुरू में इसलिए नहीं होगी क्योंकि गुड़ को सभी लोग अच्छी तरह जानते हैं, और इसके ग्राहक हर जगह उपलब्ध हैं। आप अपने एरिया में स्थित किरयाना स्टोरों से संपर्क करके अपने उत्पाद को लोगों तक पहुँचा सकते हैं ।

गुड़ बनाना शुरू करें (Start Manufacturing Process)

गुड़ बनाने की प्रक्रिया चीनी बनाने की प्रक्रिया की तुलना में बहुत ही सरल है, इस निर्माण प्रक्रिया के कुछ मुख्य चरण निम्नलिखित हैं।

गन्ने की कटाई – किसानों द्वारा गन्ने की कटाई की जाती है और आपके द्वारा अपने बिजनेस के लिए गन्ना खरीदकर आपके प्लांट पर मँगाया जाता है।  और उसे जूस निकालने के लिए तैयार किया जाता है।

गन्ने से जूस निकालने की प्रक्रिया – उसके बाद तैयार किये गए गन्ने को जूस एक्सट्रैक्शन मशीन में डालकर जूस निकाल लिया जाता है । और इस जूस को स्टोरेज टैंक में स्टोर किया जाता है।

उबालने की प्रक्रिया – उसके बाद स्टोर किये गए जूस को उबाला जाता है और इसमें जरुरी सोडा या इसकी जगह भिन्डी का रस या सुख्लाई के पौधे का रस मिलाया जाता है ।

सांचे भरने की प्रक्रिया – जब यह रस मोटा हो जाता है तो इसे गुड़ को आकार देने के लिए सांचों में भरा जाता है। और उसके बाद सांचों को ठंडा किया जाता है, जिससे गुड़ क्यूब का रूप प्राप्त कर लेता है।

पैकिंग प्रक्रिया – अंत में इस गुड़ को अलग अलग मात्रा में पैक करके मार्किट में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।

घरेलू तौर पर गुड़ बनाने का तरीका (How to make Jaggery at home):

आपने सड़क के किनारे खड़े होकर बहुत बार गन्ने का जूस पिया होगा । जी हाँ दोस्तों सड़क किनारे गन्ने का जूस बेचने वाला जूस निकालने के लिए जिस मशीन का उपयोग करता है । वही मशीन आपको भी चाहिए । आजकल गन्ने का जूस निकालने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीनें भी बाजार में उपलब्ध हैं ।

लेकिन अगर आप यह कार्य सस्ते में शुरू करना चाहते हैं । तो जिस मशीन के चक्के को हमें हाथ से घुमाना पड़ता है । वह मशीन उचित रहेगी ।बहरहाल विषय यह नहीं है । की हम कौन सी मशीन का उपयोग करके गन्ने का जूस निकाले ।

लेकिन प्रथम प्रक्रिया यही है की हम गन्ने का जूस निकालें । यदि आपने व्यक्तिगत तौर पर  प्रयोग हेतु गुड़ बनाना सीखना है । तो मशीन का वह पाइप जिससे जूस निकलता है । उसके मुहाने पर एक छोटा सा पतीला रखे । और उसके ऊपर एक साफ सा कपड़ा रखें ।

ताकि जूस डायरेक्ट पतीले में न गिरके कपडे में गिरे और कपडे से छन के फिर पतीले में जाय । Gur (Jaggery) एक मौसमी उत्पाद है । जिसका उत्पादन दिसंबर से होकर मार्च तक चलता है । पानी को गाढ़ा बनाने के लिए । सुखलाई के पोधे के रस और अन्य पेड़ पोधों के रस का इस्तेमाल किया जाता है ।

उसके बाद एक पतीले में जूस को गरम किया जाता है । जूस को गरम करते समय पतीले में बन रहे झाग को निकालते रहें । इस क्रिया को चलने दें । और बाद में जूस में सुखलाई के पौधे का रस मिला दें । उसके बाद थोड़ी देर और पदार्थ को हिलाते रहें । उसके बाद ठंडा करने हेतु किसी चौड़ी परात में निकाल लें ।

थोड़ी देर ठंडा होने के बाद आप इसको अपने मन मुताबिक आकार में परिवर्तित कर सकते हैं । सुखलाई के पौंधे के रस की मात्रा कुछ इस प्रकार से मिलाएं । यदि आपने 100 कप जूस निकाला है । तो आपको 1 कप सुखलाई के पौधे का रस इसमें मिलाना पड़ेगा । सुखलाई के पौंधे का रस पानी को सूखा देता है ।

ध्यान दें : आप उपर्युक्त विधि का उपयोग, प्रयोग हेतु अपने घर में कर सकते हैं । लेकिन यदि आप बाज़ार हेतु गुड़ का उत्पादन (Jaggery Making) करने जा रहे हैं । तो पहले इस क्षेत्र से जुड़े हुए लोगो से अवश्य राय परामर्श लें । और हो सके तो जहाँ यह बनती हो उस लघु उद्योग/कुटीर उद्योग का भी भ्रमण अवश्य करके आयें ।

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