एंटीक बिजनेस कैसे शुरू करें? How to Start an Antique Shop in India.

Antique Shop की बात करें तो यह अपने आप में एक अनोखा बिजनेस है अनोखा इसलिए क्योंकि इस बिजनेस के माध्यम से उद्यमी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं प्राचीनकाल से जुड़ी सामग्री को बेच रहा होता है। एंटीक सामग्री में फर्नीचर से लेकर, किताब, गिफ्ट, कपड़े, सजावटी सामान, पेंटिंग इत्यादि कुछ भी हो सकता है। और चूँकि इस बिजनेस को अनोखा इसके तहत बिक्री की जाने वाली अनोखी सामग्री ही बनाती है।

हालांकि आम आदमी को यह जानकर आश्चर्य होता है की भला लोग एंटीक सामग्री का संग्रहण और खरीदारी क्यों करते हैं जबकि अधिकतर एंटीक आइटम खरीदने वाले वही लोग होते हैं जो आर्थिक तौर पर थोड़ा मजबूत होते हैं। कहने का आशय यह है की जो लोग एंटीक सामग्री की खरीदारी करते हैं वे चाहें तो वैसी ही नई सामग्री भी आसानी से खरीद सकते हैं।

फिर भला वे क्यों Antique Shop  से एंटीक आइटम खरीदते होंगे। लेकिन भले ही आम लोग विंटेज कपड़े न पहनते हों, और एंटीक आइटम भी न खरीदते हों लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिनके लिए एंटीक आइटम की खरीदारी किसी जूनून से कम नहीं होती है। इन्हीं लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए केवल भारत में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण वैश्विक स्तर पर अनेकों एंटीक स्टोर पहले से उपलब्ध हैं। लेकिन इसके बावजूद भी यदि कोई व्यक्ति खुद का बिजनेस शुरू करना चाहता है तो वह Antique Shop Business के बारे में विचार कर सकता है।

एंटीक शॉप बिजनेस क्या है? (What is an Antique Shop Business)  

जहाँ तक एंटीक का शाब्दिक अर्थ की बात है यदि हम इसके शाब्दिक अर्थ की बात करें इसका अर्थ प्राचीन वस्तुओं से लगाया जाता है। चूँकि आम लोगों को Antique Shop Business क्या होता है के बारे में अधिक या स्पष्ट जानकारी नहीं होती है। इसलिए यहाँ पर यदि हम आम भाषा में इसका अर्थ समझने की कोशिश करें तो हम यही पाएंगे की एक ऐसी दुकान या स्टोर जहाँ प्राचीन वस्तुएं बिकती हों वह एंटीक शॉप कहलाती है।

और एक ऐसा बिजनेस जो प्राचीनकाल से जुड़ी वस्तुओं के संग्रहण, भण्डारण, बिक्री, पुनर्स्थापन, व्यापार से जुड़ा हुआ हो वह एंटीक बिजनेस कहलाता है। चूँकि एंटीक सामग्री का सतही एवं ऐतिहासिक मूल्य काफी अधिक होता है इसलिए उद्यमी इस तरह का व्यापार करके कमाई कर पाने में सक्षम हो पाते हैं।

Antique Shop business

एंटीक शॉप बिजनेस क्यों शुरू करना चाहिए

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं की बहुत सारे लोगों को लगता है की भला ये प्राचीन वस्तुएं उनसे कोई क्यों खरीदेगा। लेकिन इसका जवाब भी हम यह कहकर दे चुके हैं की बहुत सारे लोगों को एंटीक सामग्री खरीदने का जूनून होता है। इसके अलावा और भी कारण हैं जो इंगित करते हैं की भारत में Antique Shop Business शुरू करना एक लाभकारी बिजनेस हो सकता है।

  1. एंटीक आइटम यूनिक होते हैं 

कुछ लोगों को यूनिक यानिकी सबसे अलग दिखने वाली सामग्री काफी पसंद होती है वे इसे खरीदने के लिए लालायित रहते हैं। ऐसी सामग्री जो अन्य जगहों पर आसानी से नहीं मिलती हैं क्योंकि प्राचीन सामग्री एवं वस्तुएं बहुत ही असमान्य होती हैं। वह इसलिए भी क्योंकि ऐसी अधिकतर वस्तुएं या तो नष्ट की जाती हैं या फिर छोड़ दी जाती हैं। उदाहरण के लिए यदि आज हमें 1950 में बने फर्नीचर को ढूंढना होगा तो हमारे लिए यह बड़ा मुश्किल होगा।

2. एंटीक आइटम अच्छे क्वालिटी के होते हैं

आम तौर पर यह माना जाता है की प्राचीनकाल में निर्मित वस्तुएं यानिकी एंटीक आइटम नए आइटम की तुलना में अच्छी क्वालिटी के होते हैं। क्योंकि उन दिनों उत्पादों को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री उच्च गुणवत्तायुक्त होती थी। उन दिनों घटिया उत्पाद मिलना कोई आम बात अर्थात सामान्य बात नहीं थी । और अगर देखा जाय तो हमें उस सामग्री या उत्पाद की गुणवत्ता पर शक इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर कोई उत्पाद पिछले 40-50 साल से अच्छे अस्तित्व में है तो इससे बड़ा प्रमाण कोई नहीं है की वह उत्पाद उच्च क्वालिटी के मटेरियल से बना हुआ है।

3. महंगे उत्पाद पाने का सस्ता तरीका:

प्राचीन वस्तुएं आम तौर पर नए वस्तुओं की तुलना में काफी सस्ती होती हैं वह इसलिए क्योंकि अधिकतर लोगों को लगता है की उन्हें इनकी आवश्यकता नहीं है। इसलिए वे अपने स्टोर इत्यादि की सफाई के लिए उन वस्तुओं को सस्ती दरों पर बेचने में भी काफी खुश होते हैं। इसलिए यदि व्यक्ति को एक डाइनिंग सेट की आवश्यकता है लेकिन वह यह नया नहीं खरीद सकता है तो वह Antique Shop से किफायती दरों पर इसे प्राप्त कर सकता है। जरुरत के अलावा कुछ लोग प्राचीन वस्तुओं को शौक के तौर पर भी इकट्ठा करते हैं या फिर किसी प्राचीन वास्तु से उनकी भावनाएं जुड़ी होने के कारण यह उनके लिए अमूल्य होती है। अन्य बिजनेस की तुलना में प्राचीन वस्तुओं का बिजनेस करना काफी आसान होता है क्योंकि इस तरह के बिजनेस को शुरू करने के लिए कम निवेश की आवश्यकता होती है।

Antique Shop या स्टोर कैसे शुरू करें

यद्यपि हम यह बात उपर्युक्त वाक्यों में भी बता चुके हैं की Antique Shop Business को बेहद कम निवेश के साथ भी शुरू किया जा सकता है लेकिन दुकान का किराया एवं एंटीक आइटम की कीमत शहर इत्यादि के आधार पर अंतरित हो सकती है। अर्थात मेट्रो सिटी में दुकान का किराया एवं एंटीक आइटम की कीमत दोनों अधिक हो सकती हैं और ग्राहक एवं कमाई भी अधिक हो सकती है। तो वही छोटे शहरों में किराया, कीमत, ग्राहक, कमाई सभी कम हो सकते हैं। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई व्यक्ति इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकता है।

लोकेशन का चुनाव करें

Antique Shop किसी स्थानीय बाजार में या फिर उसके नज़दीक भी हो सकती है लेकिन उद्यमी को लोकेशन का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखना होगा। की जहाँ पर वह इस तरह की यह दुकान लेना चाह रहा हो वहां सड़क, पानी, बिजली इत्यादि बुनियादी जरूरतों की उपलब्धी हो। चूँकि एंटीक आइटम में फर्नीचर, आर्ट, खिलौने, सजावटी सामान इत्यादि सभी कुछ शामिल होता है इसलिए यदि उद्यमी एंटीक फर्नीचर का बिजनेस करना चाहता हो तो उसे थोड़ी बड़ी दुकान की आवश्यकता होगी ।

और यदि अन्य छोटे छोटे एंटीक सामग्री रखना चाहता हो तो फिर छोटी दुकान से भी काम चल सकता है।  इसलिए Antique Shop Business कर रहे व्यक्ति को लोकेशन का चयन करने से पहले इस बात का निर्णय लेना होगा की वह किस प्रकार के एंटीक आइटम को अपने स्टोर या दुकान का हिस्सा बनाने वाला है। ताकि उसके बाद वह उसी आधार पर दुकान जगह इत्यादि का चयन कर पाए।     

Antique Shop के लिए निवेश का प्रबंध करें

हालांकि Antique Shop Business शुरू करने में जो सबसे अधिक खर्चा आने वाला है वह है दुकान की सजावट एवं इंटीरियर पर क्योंकि इस दुकान में प्राचीन सामग्री को रखा जाना होता है। इसलिए दुकान का इंटीरियर बेहद आकर्षक एवं ग्राहकों को लुभाने वाला होना चाहिए। इंटीरियर का काम में आने वाला खर्चा भी दुकान की साइज़, शहर इत्यादि पर निर्भर करता है लेकिन इसे कम से कम 1 लाख रूपये मान कर चल सकते हैं। इसके अलावा किराया भी शहर के आधार पर अंतरित हो सकता है तो इसे भी हम 12000 रूपये प्रति महीने मान के चल सकते हैं।

इसके अलावा मार्केटिंग एवं एंटीक उत्पादों की खरीदारी पर भी व्यक्ति को 1-1.5 लाख रूपये खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रकार से देखें तो उद्यमी को बिजनेस शुरू करने से पहले ही लगभग छह महीने के किराये और बाकी खर्चों का प्रबंध करना होगा। हालांकि उद्यमी 2.5-3 लाख रूपये अपनी निजी बचत या नाते रिश्तेदारों, परिवार के सदयों से भी प्रबंध कर सकता है। लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो वह बैंक या किसी वित्तीय संस्थान में व्यापारिक ऋण के लिए आवेदन कर सकता है।       

इंटीरियर का काम कराएँ

Antique Shop में इंटीरियर का काम बेहद ही आकर्षक होना आवश्यक है वह इसलिए क्योंकि इंटीरियर लुक ही उद्यमी द्वारा संग्रहित या खरीदी गई प्राचीन वस्तुओं को आकर्षक लुक प्रदान करने में मददगार साबित होगा। इसलिए उद्यमी चाहे तो किसी ऐसे इंटीरियर डिज़ाइनर से संपर्क कर सकत्या है जिसे एंटीक शॉप की डिजाईनिंग में अनुभव प्राप्त हो।  

Antique Shop हेतु लोकल रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंस प्राप्त करें

यद्यपि यदि उद्यमी इस बिजनेस को छोटे स्तर पर शुरू कर रहा हो तो उसे टैक्स रजिस्ट्रेशन के अलावा किसी अन्य रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता शायद ही होगी। लेकिन इसके बावजूद भी उद्यमी को चाहिए की वह स्थानीय स्तर पर इस बात का पता करे की क्या उसे Antique Shop Business शुरू करने के लिए किसी भी तरह की कोई परमिशन, लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता तो नहीं है।

आम तौर पर अधिकतर छोटी बिजनेस इकाइयों को स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि को अपने बिजनेस के बारे में सूचित करने की आवश्यकता होती है।   

एंटीक आइटम की खरीदारी करें

जहाँ तक सवाल एंटीक आइटम खरीदने का है तो प्राचीन वस्तुओं एवं उत्पादों को खोजना एवं खरीदना भी आसान काम बिलकुल भी नहीं हो । क्योंकि जिन नए उत्पादों का निर्माण हो रहा होता है उन्हें तो आप उनके डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर, सप्लायर से खरीद सकते हो। लेकिन प्राचीन वस्तुओं के डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर, सप्लायर कम ही देखने को मिलते हैं।

इसलिए उद्यमी को उस एरिया में स्थित पुराना सामान बेचने वाली दुकानों, आवसीय कालोनियों में उपलब्ध वे लोग जो अपना पुराना सामान बेचना चाहते हों से संपर्क कर सकता है। यद्यपि इसमें कोई दो राय नहीं की उद्यमी को ये एंटीक आइटम काफी सस्ती दरों पर उपलब्ध हो जायेंगे।    

प्रमोशन एवं मार्केटिंग करें

चूँकि Antique Shop शुरू करने वाले उद्यमी द्वारा बिजनेस की मार्केटिंग इत्यादि के लिए निवेश का एक हिस्सा सुरक्षित रखा गया है। इसलिए अब उद्यमी का कदम अपने बिजनेस की मार्केटिंग एवं प्रमोशन पर पैसा खर्च करने का होना चाहिए। इसके लिए उद्यमी अपने टारगेट ग्राहकों के बीच अपने बिजनेस की पहचान बढाने के लिए ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों तरह की मार्केटिंग तकनीक को अपना सकता है।

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