इंडेक्स, निफ्टी और सेंसेक्स क्या हैं | सेंसेक्स की गणना कैसे होती है |

शेयर बाजार की बात हो रही हो तो इंडेक्स, निफ्टी एवं सेंसेक्स इत्यादि की बात होना स्वभाविक है |  शेयर मार्केट से कमाई की चाहत रखने वाले व्यक्ति को इनकी जानकारी होना आवश्यक है इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से सेंसेक्स, निफ्टी और इंडेक्स इत्यादि के बारे में जानने की कोशिश करेंगे | तो आइये इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सबसे पहले जानते हैं की इंडेक्स क्या होता है |

index nifty sensex kya hai

इंडेक्स क्या है (What is Index in Hindi) 

इंडेक्स’ बाजार की स्थिति को दरशाने वाला पैमाना होता है तथा यह बाजार के रुझान को दरशाता है । किसी भी इंडेक्स में वे स्टॉक शामिल रहते हैं, जिनकी लिक्विडिटी भरपूर हो, तथा जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन बड़ा हो । इंडेक्स की गणना में इन स्टॉक को इनके बाजार में पूँजीकरण की तुलना के अनुसार महत्त्व दिया जाता है । इन इंडेक्स की डेरिवेटिव मार्केट में भी ट्रेडिंग होती है । भारत में सिक्युरिटीज की ट्रेडिंग के लिए दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं ।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स यानिकी सूचकांक सेंसेक्स (SENSEX) तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स निफ्टी (NIFTY) है । कहने का आशय यह है की इस विषय पर वार्तालाप करने के दौरान कहा जा सकता है की इंडेक्स को हिंदी में सूचकांक भी कहा जाता है, जो बाजार की स्थिति एवं रुझान को दर्शाता है |

निफ्टी क्या है (What is nifty in Hindi) :

हम इंडेक्स के बारे में बता चुके हैं जहाँ तक NIFTY का सवाल है यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा सर्वप्रथम जारी किया गया इंडेक्स  है । निफ्टी का गठन सेंसेक्स के गठन से कुछ भिन्न है ।

सेंसेक्स के गठन में जहाँ स्टॉक्स के फ्लोटिंग कैपिटलाइजेशन का उपयोग किया जाता है, वहीं निफ्टी के गठन में इसके 50 स्टॉक के पूरे कैपिटलाइजेशन का प्रयोग होता है । भारत के कुछ अन्य प्रमुख इंडेक्स की बात करें तो उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

भारत के कुछ प्रमुख इंडेक्स (Major index of India) :

  • BSE Small Cap Index
  • BSE Midcap Index
  • N. X. Nifty Junior
  • CNX Midcap
  • CNXIT
  • Bank Nifty
  • Nifty Mini Futures

विश्व के कुछ प्रमुख इंडेक्स (Some Major Index of World)

इंडेक्स नाम देश का नाम
dow jones industrialAmerica
s and p 500 indexAmerica
nasdaq compositeAmerica
ftse 100 indexBritain
cac 40 indexFrance
dax indexGermany
nikkei 225 indexJapan
hang seng indexHong Kong
kospi indexSouth Korea
straits times indexSingapore

सेंसेक्स क्या है (What is SENSEX in Hindi)

हमने Index एवं निफ्टी के बारे में जान लिया है | Sensex के बारे में बात करें तो दरअसल स्टॉक एक्सचेंज में जिन कंपनियों का कारोबार हो रहा है, उनकी सामान्य स्थिति को दरशाने के लिए एक औसत निकाला जाता है, जिसे Sensitive Index कहते हैं ।

Sensex शब्द का प्रयोग सन् 1990 में दीपक मोहोनी नामक पत्रकार ने शुरू किया था, जो अब प्रचलित हो गया है । सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बी.एस.ई.) में सूचीबद्ध 30 सबसे बड़ी और सबसे अधिक खरीदी-बेची जानेवाली कंपनियों का एक इंडेक्स है । यह सूचकांक सन् 1986 में अस्तित्व में आया था । सेंसेक्स का पूरा नाम ‘सेंसिटिव इंडेक्स’ है ।

इस इंडेक्स में शामिल कंपनियाँ अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों को प्रभावित करती हैं । बी.एस.ई. के कुल बाजार पूँजीकरण का पाँचवें से भी ज्यादा हिस्सा इन कंपनियों का ही है । सेंसेक्स भारतीय शेयर बाजार का सबसे लोकप्रिय व सटीक बैरोमीटर माना जाता है ।

सेंसेक्स में उतार चढ़ाव के कारण (Reasons for up-down in Sensex):

हालांकि अब तक हम इंडेक्स, निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में समझ चुके हैं लेकिन अब सवाल यह उठता है की सेंसेक्स में उतार चढ़ाव क्यों आते हैं? यदि अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी है तो इंडेक्स या सेंसेक्स ऊपर उठता है, यानी शेयरों का भाव उछलता है और यदि अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है तो सेंसेक्स नीचे गिरता है, अर्थात् शेयरों के गिरते भाव की तरफ इशारा करता है ।

लेकिन अब ग्लोबल हो चुके शेयर बाजार में जहाँ खरबों रुपए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफ.आई.आई.) का लगा है, ऐसे में ग्लोबल कारकों का भी शेयर बाजार पर काफी प्रभाव पड़ता है । हमने बहुत बार ऐसा पाया है कि इंडिया की ग्रोथ स्टोरी बुलिश है, फंडामेंटल मजबूत है, कंपनियों के नतीजे अच्छे हैं, बावजूद इसके सेंसेक्स इसलिए नीचे गिर गया, क्योंकि ग्लोबल कारक नकारात्मक थे ।

हालाँकि अब भी हमारा इंडेक्स अर्थव्यवस्था की मजबूती का आईना है, जिसे कभी-कभी अमेरिका का सब-प्राइम संकट, एशियाई बाजारों की मंदी तो कभी स्थानीय सेंटीमेंट्स धुएँ की एक परत के रूप में आकर आईने को कुछ देर के लिए धुंधला जरूर कर देते हैं, लेकिन लम्बी अवधि में धुएँ के ये बादल छंट जाते हैं और दुबारा हमें हमारी बुलिश इकोनॉमी की तसवीर दिखाई पड़ने लगती है । कई बार ऐसा भी होता है कि वास्तविक अर्थव्यवस्था घोर मंदी का शिकार होती है, तो भी शेयर बाजार कुलाँचे भरता दिखाई देता है ।

इसका कारण यह है कि अब शेयर बाजार में कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्य का उनकी वास्तविक संपत्ति के मूल्य से सीधा संबंध नहीं लगाया जा सकता । इसका वास्तविक कारण कारोबार में कमी होना और सट्टेबाजी से पैसों को इधर-उधर करना है । हालाँकि डी-मैट प्रणाली व सेबी के कसते रवैए से अब इसमें बहुत गिरावट आई है ।

सेंसेक्स की गणना (Sensex Calculation) :

सेंसेक्स की गणना की बात करें तो इसका आधार वर्ष 1978-79 माना जाता रहा है, कहा यह जाता है की 1 अप्रैल, 1979 से सेंसेक्स की गणना 100 से शुरू की गई थी | अब चूँकि Index Nifty Sensex में हम सब विषयों पर लगभग वार्तालाप कर चुके हैं इसलिए अब यह समझने की कोशिश करते की सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है |

माना यह जाता है की Sensex की गणना करने के लिए ‘free float market capitalization  यानिकी बाजार पूँजीकरण विधि का प्रयोग किया जाता है । सेंसेक्स की गणना में सेंसेक्स में केवल 30 कम्पनियों को शामिल किया जाता है कहने का आशय यह है की इस विधि में सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों का ‘free float market capitalization’ निकाला जाता है ।

इसके बाद इन सभी कंपनियों के मार्केट कैप को जोड़कर कुल गणना की जाती है । फिर इसकी गणना सेंसेक्स के आधार वर्ष के सापेक्ष की जाती है । इस आधार पर जो भी परिणाम आता है, वह सेंसेक्स का अंक है ।

उदाहरणार्थ:  माना 50  करोड़ के लिए सेंसेक्स का अंक 2 था तो 100 करोड़ के लिए यह 4 पर निर्धारित होगा और 200 करोड़ के लिए यह 8 अंक पर निर्धारित होगा । ध्यान रहे Sensex की गणना में मार्केट कैप में बदलाव शेयरों में वृद्धि या फिर शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी या कमी के चलते हो सकता है । जहाँ तक Sensex में शामिल की जाने वाली 30 कंपनियों का सवाल है इन कंपनियों का चयन एक इंडेक्स समिति’ द्वारा किया जाता है |

और Sensex में शामिल होने वाली कंपनियों को निर्धारित नियमों का पालन करना पड़ता है । इन नियमों में से एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि कंपनी Bombay Stock Exchange की पहली सौ मार्केट कैपवाली कंपनियों में से एक होनी चाहिए, और उसका टोटल मार्केट कैप Bombay Stock Exchange के कुल मार्केट कैप का 0.5 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए ।

चूँकि हम अब तक इस लेख में Index nifty Sensex के बारे में उपयुक्त जानकारी दे चुके हैं इसलिए आशा करते हैं की शेयर मार्केट से कमाई करने की चाह रखने वाले लोग इस प्रकार की जानकारी से लाभान्वित होंगे |

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