सरसों की तेल मिल कैसे शुरू करें। Mustard Oil Extraction Business in Hindi.

Mustard oil extraction से हमारा आशय सरसों के बीज से तेल निकालने की प्रक्रिया से है | सरसों के बीज से तेल निकालने की प्रक्रिया प्राचीन काल से चली आ रही है । यह कृषि पर आधारित एक बेहद प्रचलित बिज़नेस है, सरसों के तेल का उपयोग लोगों द्वारा खाने पीने की वस्तुएं बनाने एवं दीये इत्यादि जलाने हेतु भी किया जाता है।

प्राचीनकाल में ग्रामीण इलाकों में कृषि उत्पादों जैसे तिलहन, सरसों, मूंगफली, सोयाबीन इत्यादि से तेल निकालने की प्रक्रिया को परम्परागत रूप से स्थापित कोल्हू मशीन के माध्यम से किया जाता था । जिसमे एक मवेशी जैसे बैल के कंधे पर एक लकड़ी का फट्टा रखकर और उस फट्टे को कोल्हू मशीन से जोड़कर बैल को गोल गोल घुमाया जाता था ।

यही कारण है की इंडिया में कोल्हू के बैल नामक मुहावरा काफी प्रसिद्ध है । वर्तमान में कच्ची घानी कोल्हू मशीन का उपयोग Mustard oil extraction में किया जा सकता है किन्तु अब इन्हें बैल द्वारा नहीं अपितु बिजली द्वारा चालित किया जा सकता है ।

सरसों की तेल मिल का बिजनेस क्या है (Mustard Oil Mill):

भारत में उत्पादित किये जाने वाले कृषि उत्पादों में ऐसे बहुत से उत्पाद हैं जिनका उपयोग तेल निकालने हेतु किया जाता है इसलिए इनका औद्योगिक अर्थव्यवस्था एवं कृषि में अहम् योगदान है । भारतवर्ष विश्व में एकमात्र ऐसा देश है जहाँ सबसे ज्यादा प्रकार के Oil Seeds पाए जाते हैं।

इन्हीं सब Oil Seeds में से एक का नाम है Mustard Oil Seeds अर्थात सरसों के तेल के बीज जिनसे बड़े पैमाने पर खाद्य तेल उत्पादित किया जाता है इसका उपयोग उत्तरी एवं केन्द्रीय भारत में अधिकतर तौर पर खाद्य पदार्थों को बनाने में किया जाता है। इसके अलावा सरसों के तेल का उपयोग व्यवसायिक या घरेलू तौर पर आचार बनाने में भी किया जाता है इस प्रक्रिया से उत्पादित Oil Cake का उपयोग पशुओं के खाने में किया जाता है।

जब किसी उद्यमी द्वारा Mustard seeds को कच्चे माल के रूप में उपयोग में लाकर Oil Extraction की जाती है और इससे उत्पादित उत्पाद अर्थात तेल को बाज़ार में बेचकर अपनी Kamai की जाती है तो हम कह सकते हैं की वह उद्यमी सरसों के तेल मिल से जुड़ा हुआ उद्यमी है।

सरसों के तेल की बिकने की संभावना

सरसों का तेल खाद्य तेल के तौर पर मुख्य रूप से उत्तरी, पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत में प्रसिद्ध है । कच्ची घानी, फ़िल्टर, डबल फ़िल्टर सरसों के तेल की मार्किट में अच्छी demand विद्यमान है । सरसों के तेल का इस्तेमाल मंदिरों एवं घरों में दीये जलाने हेतु भी किया जाता है यही कारण है की उत्तरी भारत में लगभग हर घर में सरसों का तेल अवश्य देखने को मिलता है । इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में शादी या अन्य आयोजनों में खाद्य तेल के तौर पर Mustard Oil का बहुतायत मात्रा में उपयोग किया जाता है ।

जिन घरों में खुशबू वाले तेलों को   बालों पर लगाने के लिए नहीं ख़रीदा जाता अर्थात ऐसे लोग जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे बालों पर लगाने वाले खुशबू तेलों को नहीं खरीद पाते वे बालों पर लगाने के लिए भी सरसों के तेल का ही इस्तेमाल करते हैं ।

जहाँ तक सरसों तेल के औद्योगिक उपयोग की बात है तो आचार उद्योगों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है । इसलिए हर घर में इसके बहुमुखी उपयोग होने के कारण और आचार उद्योग द्वारा इसका उपयोग होने के कारण भविष्य में भी इसकी निरंतर मांग बने रहने की संभावना है ।

सरसों के तेल की मिल कैसे शुरू करें (How to start mustard oil mill Business)

सरसों के तेल के मिल को शुरू करने के लिए भी आपको कई तरह की प्रक्रियाओं से होकर गुजरने की आवश्यकता होती है। लेकिन वर्तमान में दूर सुदूर इलाकों में जहाँ पर सरसों की पैदावार अच्छी होती है वहाँ पर कोल्हू के बैल देखने को मिल जायेंगे।

लेकिन मशीनो के आगमन और उनकी काम करने की तीव्रता के कारण धीरे धीरे ये लुप्त होते जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं की कोई इच्छुक उद्यमी खुद का सरसों की तेल की मिल कैसे स्थापित कर सकता है।

कच्चे माल की उपलब्धता का पता करें

जैसा की हम सब जानते हैं की सरसों के तेल का निर्माण सरसों के बीजों से होता है जिन्हें खेतों में उगाया जाता है। यदि आप किसी ऐसे इलाके में रहते हैं जहाँ पर सरसों की खेती की जाती है। तो आप वहाँ पर तेल मिल स्थापित करने पर विचार कर सकते हैं।

लेकिन उससे पहले इस बात पर रिसर्च अवश्य कर लें की क्या उस एरिया में सरसों का उत्पादन इतना हो पाता है की वह आपकी तेल की मिल की साल भर की कच्चे माल की आवश्यकता को पूर्ण कर पाने में सक्षम है।

यदि उस एरिया में इतना उत्पादन नहीं हो पाता है, तो आप बाकी का कच्चा माल कहाँ से खरीदेंगे। आम तौर पर ऐसा माना जाता है की जिस एरिया में जिस चीज का उत्पादन अधिक होता है वह चीज वहाँ पर उचित दामों में आसानी से प्राप्त हो जाती है ।

यही कारण है की आपको भी अपनी सरसों तेल की मिल (Mustard Oil Mill) उसी एरिया में स्थापित करने पर विचार करना चाहिए जहाँ पर सरसों का उत्पादन अधिक होता हो। ताकि आपको साल भर उचित दामों में कच्चा माल मिलता रहे ।

यह भी पढ़ें – मूंगफली का तेल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?    

तेल की मिल की साइज़ का निर्णय लें

तेल की मिल की साइज़ का निर्णय से आशय उसकी उत्पादन क्षमता से है। एक आंकड़े के मुताबिक सरसों के बीजों से लगभग 30% तक तेल निकलता है। इसका मतलब यह हुआ की 100 किलो सरसों से लगभग 30 किलो सरसों तेल की प्राप्ति की जा सकती है ।

अब यदि उद्यमी महीने में केवल 5000 किलो सरसों तेल का उत्पाद भी करता है तो उसे इसके लिए लगभग 16000 किलो से अधिक सरसों के बीजो की आवश्यकता होगी की आवश्यकता हो सकती है।  

इसके अलावा उद्यमी को कुछ प्योरीफायर एजेंट और अन्य additive की भी आवश्यकता हो सकती है । ऐसे में उद्यमी को इस बात का निर्णय लेना होगा की वह किस उत्पादन क्षमता की आयल मिल लगाना चाहता है ।

यह इसलिए जरुरी हो जाता है क्योंकि जब उद्यमी इस बात का निर्णय लेगा उसके बाद ही वह उसके मुताबिक मशीनरी, उपकरण, कच्चा माल, कर्मचारी इत्यादि के बारे में भी निर्णय ले पायेगा।  

सस्ती जगह पर जमीन का प्रबंध करें

जगह की आवश्यकता कितनी होगी यह भी इसी बात पर निर्भर करता है की उद्यमी किस स्तर पर तेल का उत्पादन करना चाहता है। एक छोटे प्लांट के लिए 700-900 वर्ग फीट जगह भी पर्याप्त रहती है।

अच्छी बात यह है की जरुरी नहीं है की आप किसी भीड़ भाड़ या बाज़ार के नज़दीक ही इस तरह का काम करने के लिए जगह तलाशें। बल्कि जहाँ भी आपको किराये पर सस्ती जगह या कोई बिल्डिंग मिल रही हो, आप वहीँ पर इस तरह के काम के लिए जगह का प्रबंध कर सकते हैं ।

लेकिन वहाँ पर सड़क, बिजली, पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं का होना नितांत आवश्यक है । इसके अलावा किराये पर ली जाने वाली जगह का रेंट अग्रीमेंट या लीज अग्रीमेंट बनाना भी जरुरी हो जाता है।

आवश्यक लाइसेंस परमिशन प्राप्त करें

छोटे स्तर पर इस बिजनेस को कम औपचारिकताओं के साथ शुरू करने के लिए आप अपने व्यवसाय को एकल स्वामित्व (Proprietorship Firm)  के तौर पर रजिस्टर करा सकते हैं। और बिलिंग, इनवॉइस एवं अन्य टैक्स सम्बन्धी कार्यों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं।

भारत में एक रजिस्टर्ड व्यवसाय के पास व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड होना भी आवश्यक है इसके अलावा वित्तीय लेन देन के लिए आपको एक करेंट अकाउंट की भी आवश्यकता होती है।

चूँकि सरसों का तेल खाद्य तेल होता है, इसलिए उद्यमी को FSSAI License की भी आवश्यकता होती है। और यदि उद्यमी खुद के ब्रांड के तहत सरसों का तेल बेचना चाहता है तो वह ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन भी करा सकता है।

इन सबके अलावा उद्यमी को स्थानीय स्तर पर भी ट्रेड लाइसेंस इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है।    

जरुरी मशीनरी उपकरण इंस्टाल करें

मशीनरी और उपकरणों को इंस्टाल करने के लिए कई तरह के बिजली पैनलों और उपकरणों की आवश्यकता हो सकती है। मशीनरी और उपकरणों को इंस्टाल करते समय सुरक्षा के मानकों का अनुसरण किया जाना अति आवश्यक होता है।

क्योंकि जिस एक्सपेलर में सरसों के दानों को निचोड़ा जाता है उसमें कोई भी अंग फँस जाने पर बड़ी घटना हो सकती है।

आम तौर पर मशीनरी विक्रेताओं द्वारा इंस्टालेशन प्लान समझा दिया जाता है। और हो सकता है की इसे प्रॉपर ढंग से करने के लिए वे उद्यमी से कुछ एक्स्ट्रा चार्जेज भी लें। लेकिन यह सब बातें डील का ही हिस्सा होती हैं।    

जरुरी स्टाफ की नियुक्ति करें

यद्यपि उद्यमी को एक छोटे से सेटअप में बहुत अधिक स्टाफ को काम पर रखने की आवश्यकता नहीं होती है । लेकिन कम से कम एक मशीन ऑपरेटर, दो हेल्पर, एक अकाउंटेंट कम सुपरवाईजर, और दो सेल्समेन की आवश्यकता उद्यमी को होती ही है।

यद्यपि बिजनेस के शुरूआती दौर में कुशल एवं अनुभवी कर्मचारियों को काम पर रखना पैसों की कमी के चलते संभव नहीं होता है । लेकिन कोशिश करें की कम से कम मशीन ऑपरेटर तो आप अनुभवी ही नियुक्त करें।   

तेल का निर्माण शुरू करें  

अब जब उद्यमी द्वारा खुद की सरसों तेल की मिल शुरू करने सम्बन्धी सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गई हों, तो अब उसे तेल का ट्रायल निर्माण शुरू कर देना चाहिए।

इसमें कोई दो राय नहीं की देश में सरसों की तेल की माँग बहुत ज्यादा है, लेकिन लोग अब भी स्थापित ब्रांड पर ज्यादा भरोसा जताते हैं । इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह अपने ब्रांड नाम के तहत ही सरसों के तेल का निर्माण करे ।

सरसों तेल की मिल के लिए मशीनरी और कच्चा माल :

इस तरह के बिजनेस में मुख्य रूप से उपयोग में लायी जाने वाली मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है ।

  • तेल निकालने की मशीन (Oil Expeller Machine)
  • पंप और फ़िल्टर कपडे के साथ फ़िल्टर प्रेस (Filter press with plates plunger pump and filler cloth)
  • तेल को एकत्रित करने का टैंक (Oil Storage Tank )
  • तेल को तोलने की मशीन (Electronic Weighing Scale)
  • अन्य उपकरण जैसे सीलिंग मशीन, स्टम्पिंग मशीन इत्यादि ( equipment & Tools such as sealing machine, Box stamping machine etc)
  • इलेक्ट्रिक उपकरण जैसे मीटर, स्टार्टर, स्विच इत्यादि (Electrical Accessories: Electric Meter, Starter, Switch & others)

वैसे तो सरसों तेल की मिल स्थापित करने में Raw materials के तौर पर मुख्य रूप से काम आने वाली वस्तु सरसों के बीज हैं, इसके अलावा कुछ सहायक कच्चे माल का भी इस्तेमाल होता है जिनकी लिस्ट निम्नवत है ।

  • सरसों के बीज (Mustard Seeds)
  • खाली टिन के डिब्बे जिनमे सरसों का तेल भरा जायेगा (Empty Tins)
  • खाली बोतल
  • खाली पाउच
  • खाद्य केमिकल एवं पैकेजिंग मटेरियल

सरसों से तेल निकालने की प्रक्रिया (Mustard Oil Extraction Process in hindi):

यद्यपि सरसों का तेल निकालने की प्रक्रिया में अलग अलग विधियों का उपयोग सरसों के बीज से तेल निकालने के लिए किया जाता है, लेकिन जो सबसे प्रचलित विधि है उस प्रक्रिया को अपनाकर सरसों के बीज से तेल एवं Oil Cake का निर्माण किया जाता है ।

सरसों के तेल का उपयोग मनुष्यों द्वारा अपने खाने में तो Oil Cake का उपयोग मवेशियों के खाने में किया जाता है। तो आइये एक नज़र डालते हैं इसके निष्कर्षण प्रक्रिया पर ।

Mustard-oil-extraction-process-in-hindi
Image: Mustard Oil Extraction Process

सर्वप्रथम इस Extraction process में उपयोग में लायी जाने वाली सरसों के बीजों को धूप में अच्छी तरह सूखा लिया जाता है यह प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण होती है ताकि तेल निकालने की प्रक्रिया में सरसों के बीज से पानी को अच्छी तरह हटा लिया जाय । उसके बाद सरसों के सूखे बीजों को अच्छी तरह साफ़ कर लिया जाता है ताकि धूल, मिटटी, कंकड़, पत्थर बीज के साथ Extraction Machine में न पहुँच पायें ।

उसके बाद Extraction Process से पहले सरसों के बीजों को गरम कर लिया जाता है यह Heating Process जहाँ बीजों की मात्रा से तेल प्राप्ति में बढ़ोत्तरी करता है वही Oil Cake में Protein की मात्रा को बढाने में भी मदद करता है । इसके तुरंत बाद सरसों के बीजों को Oil Expeller Machine में डाला जाता है और इस मशीन में इन बीजों को कुचल दिया जाता है, उसके बाद लगभग एक घंटे तक इन कुचले हुए बीजों को मशीन की सहायता से अच्छी तरह दबा लिया जाता है ।

हालांकि दबाने का समय सरसों के बीज की मात्रा पर निर्भर करता है । यह Crushing और Pressing प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक सरसों के बीज से पूरी तरह से तेल न निकाल जाय इस प्रक्रिया में लगभग 30 से 37% तक तेल निकाला जा सकता है ।

बाकी बचा हुआ अवशेष Oil Cake कहलाता है जिसे मवेशियों के खाने में उपयोग में लाया जा सकता है या कुछ डेरी फार्म से जुड़े उद्यमियों को बेचा जा सकता है । इस प्रक्रिया में अंतिम स्टेप सरसों के बीज से निकले तेल को फ़िल्टर अर्थात इसमें से अशुद्धियाँ दूर करने का होता है ।

अशुद्धियाँ दूर करके सरसों के तेल को खाली बोतलों, टिन के डिब्बों, खाली पाउचो में पैकेजिंग करके बाज़ार में बेचकर अपनी कमाई की जाती है । सरसों के तेल की मिल स्थापित कर रहे उद्यमी को सरसों के तेल का उत्पादन PFA Act में उल्लेखित गुणवत्ता मानको को ध्यान में रखते हुए करना पड़ेगा । इसलिए उद्यमी को हो सकता है की Agmark  या ISI Certification के अलावा FSSAI License की भी आवश्यकता हो ।

सरसों तेल मिल शुरू करने में आने वाली लागत

सरसों की तेल मिल स्थापित करने में आने वाली लागत पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करेगी की उद्यमी कितनी उत्पादन क्षमता का प्लांट स्थापित करना चाहता है।

लेकिन एक ऐसा प्लांट जिसमें साल में लगभग 115 टन सरसों के तेल का उत्पाद होता हो उसे शुरू करने में निम्नलिखित खर्चे शामिल हो सकते हैं।  

खर्चे का विवरण खर्चा रुपयों में
जमीन और बिल्डिंग का खर्चा₹ 7.5 लाख
प्लांट और मशीनरी का खर्चा₹12 लाख
कार्यकारी लागत सैलरी, कच्चा माल इत्यादि₹5 लाख
अन्य खर्चे₹3 लाख
कुल खर्चे ₹27.5 लाख
Investment in mustard oil mill business

जहाँ तक इस बिजनेस (Mustard Oil Extraction) से होने वाली कमाई का सवाल है । यह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी उत्पादित उत्पादन में से कितना उत्पादण किस कीमत पर बेच पाता है।

सरसों की तेल की मिल के उत्पादों में सिर्फ सरसों का तेल ही शामिल नहीं होता है, बल्कि सरसों की खली/केक जिसका इस्तेमाल जानवरों के भोजन के तौर पर किया जाता है। यह इस बिजनेस का सह उत्पाद है।   

यह भी पढ़ें

Leave a Comment