नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)। National Pension System in Hindi.

National Pension System (NPS) in Hindi : इसको समझने से पहले हमें मानव जीवन की उस सच्चाई को समझना होगा। जिसमे एक निश्चित अवधि के पश्चात मनुष्य कमाई करने में असमर्थ हो जाता है। क्योंकि वह इतना बूढ़ा हो जाता है की वह किसी प्रकार का कोई मानसिक या शारीरिक कार्य करने में अपने आप को असमर्थ पाता है। जिससे वह उस उम्र में कुछ कमाई नहीं कर पाता और उसे अपने प्रियजनों पर आश्रित रहना पड़ता है।

जिंदगी के इस मुकाम पर कभी कभी हमें बेहद चाहने वाले अर्थात प्रियजनों की सच्चाई तब सामने आती है जब मनुष्य उनकी कमाई पर आश्रित होने लगता है। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने घर के बुजुर्गों को मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना सिर्फ इसलिए देते हैं क्योंकि वे उनकी कमाई पर आश्रित हो चुके हैं बस इसी बात के मद्देनज़र बुढ़ापे में सुरक्षा की भावना में बढ़ोत्तरी हेतु भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की शुरुआत की गई है।

nps-national-pension-system

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली क्या है (NPS in Hindi) :

National Pension System Kya hai : यह एक पहले से निर्धारित स्वैच्छिक, योगदान सेवानिवृत्ति बचत योजना है, जिससे व्यक्ति अपने कामकाजी जीवन के दौरान व्यवस्थित बचत के माध्यम से अपने भविष्य के बारे में अधिकतम निर्णय लेने में सक्षम हो सकते हैं।

नागरिकों के बीच सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना को भारत के प्रत्येक नागरिक को पर्याप्त सेवानिवृत्ति आय उपलब्ध कराने की समस्या का एक स्थायी समाधान पाने की दिशा में एक प्रयास है । इस राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत व्यक्तिगत बचत करने वालों का पैसा एक पेंशन फण्ड में जमा किया जाता है।

जिसे पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण अर्थात PFRDA द्वारा नियोजित व्यावसायिक निधि प्रबंधकों द्वारा सरकारी बॉन्ड, बिल, कॉरपोरेट डिबेंचर्स और शेयरों के विविध पोर्टफोलियो में स्वीकृत निवेश दिशानिर्देशों के अनुसार विनियमित किया जाता है । इस किये गए निवेश पर अर्जित की गई आय के आधार पर ही योगदान धनराशी बढ़ेगी उसी के आधार पर उसका संचय होगा।

नेशनल पेंशन सिस्टम के अंतर्गत अर्जित की हुई पेंशन संपदा के किसी हिस्से को निकालने के अलावा सामान्य निकास के समय, ग्राहक पीएफआरडीए द्वारा सूचीबद्ध जीवन बीमा कंपनी से लाइफ वार्षिकी खरीदने के लिए योजना के तहत संचित पेंशन संपत्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नियम (NPS Rules in Hindi).

हालांकि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अलग अलग अवयवों जैसे जमा करने, निकासी करने इत्यादि सम्बन्धी अलग अलग नियम निर्धारित हैं। लेकिन यहाँ पर हम कुछ प्रमुख सामान्य नियमों के बारे में बात कर रहे हैं, तो आइये जानते हैं वे नियम कौन कौन से हैं।

एनपीएस में प्रवेश करने की उम्र

एक साल पहले अक्टूबर 2021 तक कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो वह इस योजना के तहत प्रवेश के लिए पात्र माना जाता था। लेकिन वर्तमान में अधिकतम उम्र को 5 वर्ष और बढ़ा दिया गया है, इसलिए कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच हो वह इस योजना के तहत प्रवेश पाने के लिए पात्र माना जाएगा।

निकासी की उम्र क्या होगी

यदि आपकी उम्र 65 साल से अधिक है और आप इस योजना में प्रवेश करते हैं। तो आपके लिए 3 साल का लॉक इन पीरियड निर्धारित किया गया है। जिसका मतलब यह हुआ की आप एनपीएस में प्रवेश करने के तीन सालों तक तो बाहर निकलने की सोच भी नहीं सकते। तीन सालों तक आपको इस प्रणाली के साथ जुड़ा रहना पड़ेगा।

उसके बाद आप चाहें तो यदि आपके कोष में जमा धनराशि 5 लाख रूपये से कम है, तो आप पूरा पैसा निकालकर इस प्रणाली से बाहर निकल सकते हैं । लेकिन यदि अमाउंट इससे अधिक है तो आपको 60% एकमुश्त टैक्स फ्री राशि के रूप में निकालने की अनुमति होगी, और बाकी के बचे हुए 40% का इस्तेमाल आप एन्युटी खरीदने के लिए कर सकते हैं। इस योजना से एग्जिट होने की अधिकतम आयु 75 वर्ष निर्धारित है।

बिना लॉक इन पीरियड पूर्ण किये बाहर निकलना

जैसा की हम बता चुके हैं की राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में तीन सालों तक का लॉक इन पीरियड निर्धारित होता है । अब सवाल यह उठता है की यदि कोई बिना लॉक इन पीरियड पूर्ण किये इस योजना से बाहर निकलना चाहता है, तो क्या यह संभव है?

जी हाँ प्री मेच्योर एग्जिट का प्रावधान इसमें भी है, यदि आपके कोष में फण्ड की मात्रा 2.5 लाख रूपये से कम है तब आप तीन साल से पहले भी पूरी राशि की निकासी कर सकते हैं। लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो आपको 20% निकासी की अनुमति होती है, और बाकी 80% आपको एन्युटी के तौर पर इस्तेमाल करना होता है ।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से जुड़ने के फायदे :

National Payment System ke Fayde : इस योजना को इसलिए शुरू किया गया है। ताकि कामकाजी जीवन के दौरान मनुष्य अपने बुढ़ापे को आर्थिक रूप से सुरक्षित कर सके इसके अलावा इस प्रणाली के और भी फायदे हैं जिनका उल्लेख कुछ इस प्रकार से है।

  • इसको दुनिया की सबसे कम लागत वाली पेंशन योजना माना जाता है प्रशासनिक शुल्क और फंड प्रबंधन शुल्क भी सबसे कम हैं।
  • योजना के अंतर्गत लोगों को निवेश के विकल्पों की एक श्रंखला और पेंशन फण्ड मेनेजर के पसंद के विकल्प प्रदान किये जाते हैं। जिससे इच्छुक व्यक्ति उचित तरीके से निवेश की योजना बनाने में समर्थ हो सके और उनका निवेश एक उचित तरीके से बढ़ सके। एनपीएस में इतना लचीलापन रखा गया है की लोग कुछ नियामक प्रतिबंधों के लिए एक निवेश विकल्प से दूसरे पर या एक फंड मैनेजर से दूसरे विषय पर आसानी से स्विच कर सकते हैं। रिटर्न पूरी तरह से बाजार पर निर्भर होता है।
  • इसके अंतर्गत खाता खोलना बेहद सरल है और इस प्रणाली के अंतर्गत खाताधारक को एक Permanent Retirement Account Number (PRAN) दिया जाता है। यह सबसे अलग अनूठा नंबर होता है जो जिंदगीभर खाता धारक के पास रहता है। इस स्कीम की संरचना दो स्तर पर की गई है।

Tier I Account:

पहले स्तर के अंतर्गत ऐसे परमानेंट रिटायरमेंट खाता संख्याओं को रखा गया है जिनमें जमा हुए पैसे को नहीं निकाला जा सकता है।

Tier II Account:

इस स्कीम के अंतर्गत दुसरे स्तर के खातों में से स्वैच्छिक तौर पर पैसे निकाले जा सकते हैं। लेकिन इसमें शर्त यह है की जो व्यक्ति Tier II Account से पैसे निकालने जा रहा हो उसका चालू स्थिति में Tier I Account होना जरुरी है। ऐसे खाते से जरुरत पड़ने पर जब भी व्यक्ति द्वारा क्लेम किया जायेगा उसे पैसे वापस देने का प्रावधान किया गया है।

  • यह ईपीएफओ सहित सभी मौजूदा पेंशन योजनाओं के विपरीत, नौकरियों और स्थानों के बीच निर्बाध पोर्टेबिलिटी प्रदान करता है, यह व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए परेशानी मुक्त व्यवस्था भी प्रदान करता है ।
  • एनपीएस को पीएफआरडीए द्वारा विनियमित किया जाता है, पारदर्शी निवेश के नियमों के साथ, एनपीएस ट्रस्ट द्वारा निधि प्रबंधकों की नियमित निगरानी और प्रदर्शन की समीक्षा भी समय समय पर की जाती है।
  • ऐसे कर्मचारी जो कार्यरत है और इसमें योगदान दे रहे हैं वे अपने योगदान एवं अपने नियोक्ता द्वारा योगदान पर भी कर लाभ अर्थात Tax Benefit का भी आनंद ले सकते हैं। ऐसे कर्मचारी जो इस पेंशन योजना के अंतर्गत खुद योगदान दे रहे हों वे धारा 80CCD के तहत वेतन बेसिक एवं डीए पर 10% तक की कटौती के योग्य जो धारा 80CCE के अनुसार 5 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • नियोक्ता द्वारा योगदान किये जाने पर भी उपर्युक्त कर लाभ दिया जायेगा।
  • स्वयं से रोज्गारित व्यक्तियों को भी उपर्युक्त कर लाभ की प्राप्ति होगी। कर लाभ समय समय पर आयकर अधिनियम 1961 में होने वाले संसोधनों के आधार पर लागू होंगे।

नेशनल पेंशन सिस्टम से जुड़ने के लिए पात्रता :

  • इसमें आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता की उम्र कम से कम 18 एवं अधिक से अधिक 70 वर्ष होनी चाहिए।
  • आवेदनकर्ता भारतीय नागरिक (NRI) भी शामिल हैं होना चाहिए।
  • इस योजना के तहत टियर I एवं टियर II खाते खोले जायेंगे।
  • आवेदनकर्ता के पास मोबाईल नम्बर, ई-मेल आईडी और नेट बैंकिंग की सुविधा के साथ एक सक्रिय बैंक खाता होना चाहिए।
  • आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर पंजीकृत होना चाहिए या एक पैन कार्ड होना जरुरी है।
  • स्कैन किये हुए हस्ताक्षर एवं डिजिटल फोटोग्राफ की आवश्यकता हो सकती है।
  • ऑनलाइन आवेदन करने के लिए न्यूनतम निर्धारित अंश राशि 500 है।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के मॉडल :

इस पेंशन योजना को पांच मॉडल में विभाजित किया गया है जिनका संक्षिप्त विवरण कुछ इस प्रकार से है।

1. सभी नागरिकों के लिए (All Citizen Model)

इस मॉडल के अंतर्गत कोई भी भारतीय नागरिक चाहे वह निवासी हो या अनिवासी जिसकी उम्र आवेदन करते वक्त 18 वर्ष से कम एवं 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, योजना के तहत खाता खोल सकता है। सब्सक्राइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्म में उल्लेखित नियमों के मुताबिक आवेदक को केवाईसी नियमों का पालन करना होगा। केवाईसी अनुपालन के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता है ।

2. सरकारी कर्मचारियों के लिए (Government Sector Model):

इस श्रेणी को निम्न दो भागों में विभाजित किया गया है।

केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वायत्त निकाय:

केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 से (सशस्त्र बलों  जैसे सेना, नौसेना और वायु सेना) को छोड़कर केन्द्रीय एवं केन्द्रीय स्वायत्त निकायों के सभी कर्मचारीयों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) लागू की थी। केंद्रीय एवं केन्द्रीय स्वायत्त निकायों के सभी कर्मचारी जो उपर्युक्त तिथि के बाद केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के तौर पर शामिल हो गए हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से NPS के तहत कवर किया गया है।

राज्य सरकार और राज्य स्वायत्त निकाय:

विभिन्न राज्य सरकारों ने इस योजना के आर्किटेक्चर को अपनाया है। और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए और साथ ही साथ राज्य स्वायत्त निकायों, राज्य सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, बोर्डों, निगम आदि के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग तारीखों से प्रभावी एनपीएस लागू की गई है ।

3. कॉर्पोरेट मॉडल (Corporate Model):

जहाँ तक कॉर्पोरेट मॉडल की बात है यह निम्न में से किसी भी संस्था के लिए उपलब्ध है।

  • कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत संस्थाएं
  • विभिन्न सहकारी अधिनियमों के तहत पंजीकृत संस्थाएं
  • सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज
  • राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम
  • पंजीकृत भागीदार फर्म
  • लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म (एलएलपी)
  • संसद, राज्य विधानमंडल या केंद्रीय / राज्य सरकार के स्वामित्व द्वारा स्थापित कोई भी इकाई।

ऐसे कर्मचारी जिनकी उम्र 18-65 वर्षों के बीच है और वे केवाईसी नियमों का अनुपालन करते हुए नियोक्ता द्वारा नामांकित हैं। इस योजना के तहत सदस्य बनने के योग्य हैं।

  1. NPS स्वालम्बन।
  2. अटल पेंशन योजना

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से कैसे जुड़े?:

How to enroll in National Pension System in Hindi : इसके अंतर्गत योगदान करने एवं सदस्य बनने के लिए सर्वप्रथम इच्छुक व्यक्ति को NSDL के इस अधिकारिक पेज ( https://enps.nsdl.com/eNPS/NationalPensionSystem.html ) पर जाना होगा। उसके बाद आवेदक को कुछ इस तरह की तस्वीर नज़र आएगी।

apply for nps step 1
उसके बाद आवेदनकर्ता को Registration नामक विकल्प पर क्लिक करना होगा तो कुछ इस तरह की तस्वीर नज़र आएगी।

apply for nps step 2
इसमें सभी समबन्धित विकल्पों का सही ढंग से चयन करके आगे बढ़कर आधार नंबर डालना होगा। जिससे आवेदनकर्ता के उस मोबाइल नंबर पर एक One Time Password आएगा जो आधार कार्ड के साथ पंजीकृत हुआ होगा। उसके बाद वेरिफिकेशन करके आगे बढ़ें और दिए गए दिशानिर्देशों के मुताबिक इस प्रक्रिया को पूर्ण करें।

यह भी पढ़ें: