नौकरी के साथ साइड बिजनेस कैसे शुरू करें?

नौकरी के साथ साइड बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया पर लेख लिखना इसलिए जरुरी हो गया है । क्योंकि वर्तमान में महंगाई के चलते जीवन जीने के लिए जरुरी खर्चों को भी प्रबंधित करना बेहद कठिन हो गया है । भारत में सबसे बड़ा वर्ग नौकरीपेशा लोगों का है अर्थात यहाँ उन लोगों की संख्या अधिक है जो अपनी आजीविका चलाने के लिए नौकरी से मिलने वाली तनख्वाह या वेतन पर निर्भर हैं।

लेकिन खाद्य पदार्थों की बढती कीमतों, तेल, गैस परिवहन इत्यादि के बढ़ते भाड़ों के कारण एक सामान्य सा वेतन पाने वाले व्यक्ति के लिए अपने परिवार का भरण, पोषण करना एक चुनौती बनता जा रहा है। ऐसे में नौकरीपेशा लोग सोचते हैं की क्या वे अपने फुल टाइम नौकरी के साथ कोई साइड बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं की नहीं। हालांकि कोई व्यक्ति अपनी फुल टाइम नौकरी के साथ साइड बिजनेस शुरू कर सकता है या नहीं यह उसकी शारीरिक, बौद्धिक क्षमता, जहाँ कार्यरत है वहां की समय सारिणी, व्यक्ति की आदतों इत्यादि पर निर्भर करता है।

लेकिन इन सबके बावजूद हम इस लेख में आगे यही बताने का प्रयत्न कर रहे हैं की कैसे कोई व्यक्ति अपनी मौजूदा नौकरी के साथ साथ साइड बिजनेस भी शुरू कर सकता है। यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना जरुरी है की नौकरीपेशा व्यक्ति अपनी वर्तमान जिम्मेदारियों के लिए ही पैसे कमाने की नहीं सोचते हैं बल्कि यदि वे अपने भविष्य के लिए पैसे नहीं बचा पा रहे हों तब भी उनके दिमाग में साइड बिजनेस करने का विचार कौंध सकता है।

इसलिए यदि आप भी अपनी महीने की कमाई बढ़ाने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं और कोई साइड बिजनेस शुरू करने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं तो हमारे द्वारा लिखा हुआ यह लेख आपके लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

naukri ke sath side business kaise shuru kare

साइड बिजनेस करने का कारण पता लगायें

नौकरी के साथ साइड बिजनेस शुरू करना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि व्यक्ति को कामकाज के साथ ही अपने परिवार एवं सामाजिक दायित्वों को पूर्ण करने के लिए भी समय निकालने की आवश्यकता होती है। इसलिए सबसे पहले इच्छुक व्यक्ति को उस कारण का पता करना होगा जो उसे साइड बिजनेस करने की ओर प्रेरित कर रहा हो।

जैसे बहुत सारे लोग अपने पारिवारिक खर्चों को पूरा करने के उद्देश्य से साइड बिजनेस करते हैं, तो बहुत सारे लोग अपने भविष्य के लिए बचत करना चाहते हैं तो कुछ लोग कुछ बड़ा काम करने के उद्देश्य से पैसा कमाना चाहते हैं जिसके लिए वे साइड बिजनेस करने की ओर अग्रसित होते हैं। तो कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित करने के उद्देश्य से नौकरी के साथ साइड बिजनेस करने की इच्छा रखते हैं। इसलिए व्यक्ति को सर्वप्रथम यही पता करना होगा की वह किस उद्देश्य के चलते यह बिजनेस शुरू करना चाहता है।    

निर्णय लेने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

इच्छुक व्यक्ति को जब साइड बिजनेस करने का कारण पता चल जाता है तो इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है की वह बिना सोचे समझे साइड बिजनेस करने का निर्णय ले ही ले। बल्कि इसका निर्णय लेने से पहले उद्यमी को अनेकों बातों का ध्यान रखना होता है जिनमें से कुछ प्रमुख बातों की लिस्ट निम्नवत है।

  • निर्णय लेने से पहले एक बात का अवश्य ध्यान रखें की भले ही साइड बिजनेस के लिए आपको कम समय की आवश्यकता होगी लेकिन समय की आवश्यकता तो होगी। इसलिए यदि आपको लगता है की आपको  अभी आपके मौजूदा नौकरी से ही समय नहीं मिल पा रहा है या आप अपने आपको मौजूदा नौकरी में ही व्यस्त समझते हैं। तो आपको तब तक इंतजार करना होगा जब तक आपको नहीं लगेगा की मौजूदा नौकरी के बावजूद आपके पास समय बच जाता है।
  • मौजूदा नौकरी में तो आपको वीकेंड पर छुट्टी मिलती होगी इसलिए घर परिवार के लिए आपको समय मिल जाता होगा लेकिन साइड बिजनेस में शायद ऐसा न हो इसलिए सोच समझकर ही निर्णय लें।
  • यदि आप फुल टाइम नौकरी कर रहे हैं तो किसी ऐसे बिजनेस का चुनाव करें जिसमें बिजनेस ओनर की 24 घंटे की उपस्थिति जरुरी न हो। अर्थात जिसे आप अपनी नौकरी के पश्चात भी आसानी से प्रबंधित कर सकें। क्योंकि यदि आप सोच रहे हैं की आप अपनी मौजूदा नौकरी के साथ अपने साइड बिजनेस सम्बन्धी फ़ोन कॉल और ईमेल अटेंड करेंगे तो यह गलत होगा। इसलिए किसी ऐसे साइड बिजनेस को ही अपनी रणनीति का हिस्सा बनायें जिसमें ओनर की उपस्थिति हमेशा जरुरी न हो।
  • चूँकि इस स्थिति में व्यक्ति को दो दो जगह काम की जिम्मेदारियों को संभालना होता है इसलिए उसे तनाव झेलने के लिए अपने आपको तैयार करना होगा। क्योंकि हो सकता है की व्यक्ति अपने फुल टाइम जॉब से सम्बंधित कोई महत्वपूर्ण कार्य कर रहा हो और उसके साइड बिजनेस से जुड़े किसी ग्राहक का फोन उसके व्यक्तिगत फोन पर आता है तो इस स्थिति से व्यक्ति कैसे निबटेगा यह भी सोचना आवश्यक है। क्योंकि यदि फ़ोन नहीं उठाया तो कस्टमर हाथ से जा सकता है और यदि नौकरी का कार्य समय पर नहीं किया तो नौकरी ।

मौजूदा नौकरी के नियमों को जानें

अलग अलग सभी कम्पनियों में उस कम्पनी में काम करने वाले कर्मचारियों के बारे में अलग अलग नियम होते हैं। इसलिए यदि आप साइड बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले अपने मौजूदा नियोक्ता के नियमों को पढ़ें की वे आपसे क्या अपेक्षा रखते हैं। क्योंकि अधिकतर कम्पनियों की निति के तहत वहां पर कार्यरत कर्मचारी कोई प्रतिस्पर्धी उत्पाद या सेवा की पेशकश नहीं कर सकते हैं।

इस तरह के एग्रीमेंट में कंपनी द्वारा जॉइनिंग के समय ही कर्मचारी से हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं इसलिए जब कोई कर्मचारी इसका उल्लंघन करता है तो वह अपनी नौकरी खो सकता है। और यहाँ तक की कंपनी सम्बंधित कर्मचारी पर मुकद्दमा भी दर्ज कर सकती है इसलिए किसी भी इच्छुक व्यक्ति को नौकरी के साथ साइड बिजनेस शुरू करने से पहले अपनी मौजूदा कंपनी के नियमों के बारे में अवश्य अध्यन करना चाहिए।            

अपने बिजनेस आईडिया का विश्लेषण करें

मौजूदा कंपनी के नियमों का अध्यन कर लिया हो तो अब उसके पश्चात इच्छुक व्यक्ति को चयनित बिजनेस आईडिया का विश्लेषण करना चाहिए। विश्लेषण करते समय उद्यमी को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • यदि आप बहुत सारे सफलतम बिजनेस का विश्लेषण करेंगे तो इन सबमें एक बात जो समान होगी वह यह होगी की उन्होंने किसी एक समस्या की पहचान करके उसका हल लोगों को दिया है। वर्तमान में लोग कोई भी ऐसी उत्पाद या सेवा को खरीदना चाहते हैं जो उनके जीवन से जुड़ी किसी भी समस्या को हल कर पाने में सक्षम हो। इसलिए साइड बिजनेस करने के इच्छुक व्यक्ति को भी इस बात पर विचार करना होगा की जो उत्पाद या सेवा वह चुन रहा है क्या वह मानवजाति से जुड़ी किसी भी समस्या को हल करती है।
  • चूँकि जिस बिजनेस आईडिया को व्यक्ति अपने साइड बिजनेस के लिए चुनता है उसके बारे में व्यक्ति को हर किसी को बताना पड़ता है जिससे भी वह मिलता है और इस उत्पाद या सेवा की मार्केटिंग करके इसकी बिक्री करनी होती है। तभी वह इस साइड बिजनेस से कमाई कर पाने में सक्षम हो पाता है। इसलिए जिस भी बिजनेस आईडिया का चुनाव व्यक्ति ने किया हो उसे उस आईडिया से प्यार होना चाहिए।
  • साइड बिजनेस के लिए किसी ऐसे उत्पाद या सेवा का चुनाव करें जिसका बाजार व्यापक हो अर्थात जिसकी आवश्यकता अधिकतर लोगों को हो। क्योंकि जिस उत्पाद या सेवा को कुछ चुनिन्दा लोगों द्वारा ही इस्तेमाल में लाया जाता है। इसके लिए उपयुक्त लोकेशन का चुनाव करने की आवश्यकता होती है लेकिन जिस उत्पाद या सेवा का इस्तेमाल अधिकतर लोगों द्वारा किया जाता है उस उत्पाद या सेवा के बिकने की संभावना हर क्षेत्र में बनी रहती है।           

शेड्यूल एवं लक्ष्य निर्धारित करें:

चूँकि व्यक्ति द्वारा यह साइड बिजनेस नौकरी के साथ किया जा रहा है इसलिए उसे दैनिक एवं साप्ताहिक आधार पर यह तय अर्थात निर्धारित करना होगा की वह अपने साइड बिजनेस को किस तरह से समय देगा। व्यक्ति अपने नौकरी के बाद साइड बिजनेस को जितना भी समय देना चाहता हो उसका शेड्यूल निर्धारित करके एक योजना बना सकता है। इसके अलावा साल दर साल के आधार पर बिजनेस के लक्ष्य भी निर्धारित करने की आवश्यकता हो सकती है।

व्यक्ति को बेहद छोटी छोटी बातों जैसे उसे बिजनेस से समबन्धित गतिविधियों को निबटाने में कितना समय लगता है और अतरिक्त कार्यों की देखरेख में भी कटना समय लगता है सबका शेड्यूल निर्धारित करना होगा। व्यक्ति को आर्गनाइज्ड ढंग से कार्य करने की आवश्यकता होती है और सब कार्य का उचित ढंग से डॉक्यूमेंटेशन भी बेहद जरुरी है। ताकि दिन के अंत में व्यक्ति को पता चल सके की उसने आज क्या हासिल किया है।

 सीमायें निर्धारित करें

जिस स्थिति का वर्णन हम यहाँ पर कर रहे हैं इस स्थिति में व्यक्ति अपनी नौकरी पर भी व्यस्त रहेगा इसलिए व्यक्ति को अपने शेड्यूल को बनाये रखने के लिए अपने ग्राहकों के साथ सीमायें निर्धारित करना आवश्यक है। उन्हें पहले ही बता दें की आप उनकी शिकायतों एवं संपर्क के लिए इस समय से उस समय तक तैयार रहेंगे।

उदाहरण के लिए यदि व्यक्ति सप्ताह में केवल एक दिन ही काम करना चाहता है ताकि वह कुछ बचा हुआ समय अपने परिवार के साथ बिताये तो उसे कुछ ग्राहक खोने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। इसलिए अपने साइड बिजनेस के लिए मौजूदा जॉब के आधार पर सीमायें निर्धारित कर लें ताकि बाद में प्रबंधित करने में परेशानी न हो।      

बजट निर्धारित करें

दुनिया में ऐसे कुछ ही बिजनेस हैं जिन्हें बिना निवेश के शुरू किया जा सकता है कहने का आशय यह है की अधिकतर तरह के बिजनेस करने के लिए कुछ न कुछ निवेश करने की आवश्यकता अवश्य होती है। इसलिए जो व्यक्ति साइड बिजनेस शुरू करना चाहता है उसे भी कुछ न कुछ निवेश करने की आवश्यकता अवश्य होगी । इसलिए व्यक्ति को चाहिए की वह स्टार्टअप लागतों की एक लिस्ट तैयार कर ले और उसके बाद उस बिजनेस को चलाने में आने वाले मासिक खर्चों की गणना करे।

ताकि इच्छुक व्यक्ति यह पता कर पाने में सक्षम हो सके की इस तरह के साइड बिजनेस को शुरू करने में कितना खर्चा आएगा और वह निवेश अर्थात बजट का प्रबंध कहाँ से करेगा। अधिकतर लोग नए उद्यम स्थापित करने के लिए अपनी तनख्वाह यानिकी वेतन का इस्तेमाल करते हैं। यदि आप भी ऐसा करना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित कर लें की आपका वेतन आपके व्यक्तिगत एवं साइड बिजनेस के खर्चों को उठाने में समर्थ हो।     

अपनी कमजोरी को ताकत बनाओ

साइड बिजनेस शुरू करने एवं उसे सफलतापूर्वक चलाने में जो सबसे बड़ी चुनौती है वह यह है की आप हमेशा अपने ग्राहकों के लिए उपलब्ध बने नहीं रह सकते।वह इसलिए क्योंकि आपको अपनी नौकरी पर भी उपलब्ध रहना पड़ता है। लेकिन वर्तमान में कोई भी ग्राहक बड़ी तीव्र गति वाली सर्विस चाहता है । लेकिन यदि व्यक्ति अपने बिजनेस की मार्केटिंग प्रभावी ढंग से करे तो वह अपनी इस कमजोरी को सकारात्मक रूप से परिवर्तित कर सकता है।

कहने का अभिप्राय यह है की आप अपने ग्राहकों को आपसे संपर्क करने का वह समय दे सकते हैं जो और लोग नहीं दे सकते। आप अपने बिजनेस कार्ड, वेबसाइट इत्यादि में स्वयं से संपर्क करने की समय सारिणी अपने ग्राहकों को दे सकते हैं। जब उन्हें पहले से आपसे संपर्क करने का समय पता होगा तो भविष्य में उन्हें परेशानी नहीं होगी।      

बड़ी मछली पकड़ें

यद्यपि किसी भी बिजनेस के लिए एक बड़े ग्राहक से शुरुआत करना काफी लाभकारी होता है। लेकिन शुरूआती दौर में बड़ा ग्राहक मिलना और उसे उत्पाद या सेवा खरीदने के लिए राजी करना भी कम कठिन काम नहीं होता है। इसलिए व्यक्ति को साइड बिजनेस के लांच से पहले ही अपने नए उद्यम के बारे में दोस्तों एवं परिवार वालों से बात करनी चाहिए और इस बारे में उनका राय परामर्श लेना चाहिए। और उन्हें आपके बिजनेस के बारे में उनके नेटवर्क में भी बताने को कहें और अपना बिजनेस नेटवर्क मजबूत बनायें ।

यदि आप चाहते हैं की आपका साइड बिजनेस सफल हो तो आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना ही होगा। हो सकता है जब आप नए उद्यमी के तौर पर लोगों के पास जाएँ तो आपको शुरुआत मरे रिजेक्शन के अलावा कुछ भी हासिल न हो लेकिन आपको इस रिजेक्शन को स्वीकार करना होगा।  और अपने प्रयास बड़ा ग्राहक पकड़ने की ओर निरंतर जारी रखने होंगे। याद रखें जितने अधिक लोगों से आप संपर्क करेंगे उतने अधिक नए ग्राहक बनने की संभावना होगी। जिन्होंने बार बार विफल होकर भी हार नहीं मानी सफलता का स्वाद भी अधिकतर उन्होंने ही चखा है।        

एक स्तर के बाद काम को आउटसोर्स करें

चूँकि साइड बिजनेस करने वाला व्यक्ति पहले से ही नौकरी कर रहा होता है इसलिए वह एक निश्चित समय सीमा के तहत ही इस तरह का बिजनेस करता है। लेकिन जब उद्यमी का काम एक ऐसे सस्तर पर पहुँच जाता है की उसके पास उसकी क्षमता से अधिक काम आने लगता है लेकिन वह फिर भी अपनी मौजूदा नौकरी छोड़ना नहीं चाहता है।

तो इस स्थिति से निबटने के लिए उद्यमी अपने सहकर्मियों को भी पार्ट टाइम जॉब ऑफर कर सकता है। उदाहरण के लिए यदि व्यक्ति को अपने साइड बिजनेस की वेबसाइट बनानी है तो वह इस काम के लिए अपनी मौजूदा कंपनी के ही टेक टीम की मदद ले सकता है। इसके अलावा एकाउंटेंसी के लिए भी कंपनी के अकाउंटेंट को पार्ट टाइम जॉब ऑफर की जा सकती है।

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