नर्सरी स्कूल कैसे शुरू करें | How to Start a Nursery School in India.

Nursery School को Preschool भी कहा जाता है इनका काम किसी बच्चे में शिक्षा की आधारशीला रखना होता है | शिक्षा का किसी भी इन्सान को बनाने और बिगाड़ने में अहम् योगदान होता है यद्यपि शिक्षा के कई प्रकार होते हैं लेकिन यहाँ पर हम बात कर रहे हैं उस शिक्षा की जो किसी नर्सरी स्कूल द्वारा छोटे छोटे बच्चों को दी जाती है |

इस तरह के स्कूल द्वारा बच्चों में वर्तमान शिक्षा पद्यति के हिसाब से शिक्षा की आधारशीला रखने का हर संभव प्रयास किया जाता है | यदि हम यह कहें तो गलत नहीं होगा की नर्सरी स्कूल के वातावरण का उस बात से ज्यादा प्रभाव पड़ता है जो बच्चों को मुहँ से बताई जाती हैं |

कहने का तात्पर्य यह है की बच्चो को समझाने के लिए ऐसा वातावरण तैयार करना पड़ता है की बच्चे उस बात को सकरात्मक दृष्टि से सीख एवं समझ सकें | नर्सरी स्कूल नामक यह वह रास्ता है जो किसी भी बच्चे को शिक्षा की रोचक दुनिया में प्रविष्ट कराता है |

Nursery School kaise start kare

नर्सरी स्कूल क्या होता है

नर्सरी स्कूल से हमारा तात्पर्य ऐसे शिक्षण संस्थान से है जो 3 से पांच साल तक की उम्र वाले बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवाता है और साधारण शब्दों में कह सकते हैं की एक ऐसी जगह जहाँ 3 से पांच साल उम्र के बच्चों को सिखाया पढाया जाता है नर्सरी स्कूल कहलाता है | चूँकि बच्चों की उम्र बेहद कम होने के कारण उनकी सीखने की क्षमता बेहद तीव्र होती है |

इसलिए आस पास के वातावरण का बच्चों पर बेहद गहरा प्रभाव पड़ता है कहने का तात्पर्य है की 3-5 वर्ष में बच्चे के आस पास जैसी क्रियाएं हो रही होती हैं बच्चा उनको बड़ी तीव्र गति से ग्रहण कर सीखने की कोशिश करता है | इसलिए इस तरह का यह स्कूल चलाने वाले प्रबंधकों एवं उद्यमी को आस पास का वातावरण का विशेष ध्यान रखना पड़ता है |

बच्चों को अच्छी आदतें सीखाने के लिए अच्छी आदतों वाला ही वातावरण तैयार करना पड़ेगा | इसके अलावा इस उम्र में बच्चों का ध्यान खेल खिलोनों में अधिक होने के कारण यह विश्लेषण भी करना पड़ता है की खेल खिलोनों के माध्यम से बच्चों को कैसे अच्छी शिक्षा दी जाय |

नर्सरी स्कूल चलने की संभावना

यद्यपि यह सच है की किसी भी बच्चे की प्राथमिक पाठशाला उसका परिवार होती है | यही कारण है की किसी विद्वान ने ठीक ही कहा है की ‘’परिवार बच्चे की प्राथमिक पाठशाला है’’ | संसार में जो भी मनुष्य प्राणी जन्म लेता है भले ही बाद में वह कितना भी विद्वान, गुणवान, विदुषी क्यों न हो जाय लेकिन सच यह है की माँ के गर्भ से सब बच्चे एक जैसे ही आते हैं अर्थात कोरे कागज़ के रूप में उनका अवतरण इस धरती पर होता हैं |

उस कोरे कागज़ पर चाहे वह अच्छाई हो या बुराई लिखने का काम जिस समूह द्वारा किया जाता है उसका नाम है परिवार | परिवार में बचपन से ही यदि बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी तो बच्चा वही सीखेगा परिवार के बाद बच्चों की शिक्षा की आधारशीला रखने में जिसकी सबसे बड़ी अहम् भूमिका होती है वह होती है नर्सरी स्कूल की |

जहाँ पहले बच्चों को लगभग पांच साल पूरे होने के बाद प्राथमिक विद्यालयों में प्रविष्ट कर कक्षा 1 से उन्हें शब्द ज्ञान एवं अंकों के बारे में सिखाया जाता था और यहाँ तक की सरकारी पाठ्यक्रम में कक्षा 6 से English को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाता था |

बाद में अंकों का एवं शब्दों का ज्ञान तथा 3 से 5 साल तक के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने की ओर प्रोत्साहित करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों की भी स्थापना की गई जो की वर्तमान में भी चालित हैं |

लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र इस लक्ष्य को पूर्ण करने में पुर्णतः विफल रहे हैं | यही कारण है की लोगों का ध्यान आंगनबाड़ी केन्द्रों की तरफ नहीं, बल्कि नर्सरी विद्यालयों की तरफ आकर्षित हुआ है क्योंकि इनके सकारात्मक एवं प्रभावी परिणाम देखे गए हैं |

शहरों में तो यह चलन काफी वर्षों से चला आ रहा है लेकिन ग्रामीण इलाकों में भी लोगों का अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति बढ़ता रुझान भी उन्हें इस तरह के स्कूल के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर देता है | इस स्कूल को business के रूप में अपनाने के लिए उद्यमी को विभिन्न प्रक्रियाएं करनी पड़ती हैं जिनका व्यख्यान हम नीचे करेंगे |

नर्सरी स्कूल कैसे शुरू करें (Nursery School Kaise Khole):

यद्यपि समाज में आर्थिक एवं सामाजिक रूप से अनेकों वर्ग निवासित हैं और सबके नियमित तौर पर या सम्पूर्ण जिन्दगी के अलग अलग लक्ष्य निर्धारित हैं | इन लक्ष्यों में जो एक लक्ष्य सब सामाजिक आर्थिक वर्गों में कॉमन है वह है अपने बच्चों को अच्छी गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने का लक्ष्य | यही कारण है की अच्छी शिक्षा की नीवं रखने के उद्देश्य से लोग अपने बच्चों को नर्सरी स्कूल में प्रविष्ट कराते हैं |

इसलिए इस प्रकार का स्कूल स्थापित करना किसी नए उद्यमी के लिए भी फायदेमंद हो सकता है | तो आज हम इस लेख के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे कोई व्यक्ति जिसमे उद्यमी बनने की चाह हिचकोले ले रही हो, वह अपनी इस चाह को धरातल के पटल पर इस तरह का यह स्कूल खोलकर कैसे पूरा कर सकता है |

1. Nursery School के लिए क्षेत्र विश्लेषण करें :

Area Analysis से हमारा तात्पर्य उस क्षेत्र विशेष का School के Business की दृष्टि से विश्लेषण करना है | इसमें विश्लेषण इसलिए जरुरी हो जाता है क्योंकि यदि उद्यमी बिना विश्लेषण करके यह बिज़नेस शुरू करेगा तो हो सकता है की उसके लक्षित क्षेत्र में उतने बच्चों की संख्या न हो जो उसके बिज़नेस को लाभकारी बनाने में सिद्ध हों |

इसलिए उद्यमी को विभिन्न तरह से जैसे उस क्षेत्र में स्थित नर्सरी स्कूलों की संख्या क्या है, क्या उनके द्वारा लिए जाने वाले शुल्क एवं बच्चों की पढ़ाई को लेकर बच्चों के माता पिता संतुष्ट हैं | यदि उस क्षेत्र विशेष में कोई नर्सरी विद्यालय नहीं है तो वहां पर 2-5 साल के बच्चों की संख्या क्या है और संभव हो तो उस क्षेत्र में जन्म दर, और माता पिता की आदतों का विश्लेषण किया जाना भी जरुरी है |

वास्तव में होता क्या है की कुछ माता पिता ऐसे होते हैं जो अपनी आर्थिक हालात के चलते बच्चों को नर्सरी स्कूल में न भेजकर आंगनबाड़ी केन्द्रों में भेज देते हैं और कुछ उनकी उपलब्धता न होने के कारण | ऐसी स्थिति में दोनों प्रकार के माता पिताओं की संख्या का पता लगाना भी इस विश्लेषण का हिस्सा होना चाहिए |

2. बिजनेस प्लान तैयार करें

Business Plan वर्तमान में जब उद्यमी बिज़नेस स्टार्ट करने की सोच रहा हो और भविष्य में जब उद्यमी कोई बिज़नेस चला रहा हो दोनों में अहम् भूमिका निभाता है |

एक अच्छे अर्थात प्रभावी बिज़नेस प्लान में बिज़नेस में लगने वाली अनुमानित लागत से लेकर उसके द्वारा होने वाली अनुमानित कमाई, मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट, आवश्यक कर्मचारियों की संख्या और उन पर होने वाला खर्चा, बिज़नेस के भविष्य के लक्ष्य लगभग सभी अवयव मौजूद रहते हैं |

इसलिए इस तरह का यह स्कूल start कर रहे उद्यमी के लिए एक प्रभावी बिज़नेस प्लान की संरचना करना जरुरी हो जाता है |

3. वित्त का प्रबंध करें

बिज़नेस प्लान बना लेने के बाद उद्यमी को उसके Nursery School open करने  में आने वाले खर्चे का अनुमान हो जाता है, इसलिए अब उद्यमी को चाहिए की उसका अगला कदम Finance Arrangement अर्थात वित्त का प्रबंध का होना चाहिए |

किसी भी बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए वित्त का प्रबन्ध एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसके लिए वित्त का प्रबंध करने के लिए उद्यमी विभिन्न बैंकों एवं Angels  Investors की मदद ले सकता है |

इसके अलावा उद्यमी को चाहिए की वह राज्य या केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर चालित शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के बारे में भी पता लगाये | बैंकों से ऋण स्वीकृत होने के पीछे व्यक्ति के CIBIL Score का अहम् योगदान होता है | और ऐसे बहुत सारे कारण होते हैं जब बैंक व्यक्ति को ऋण देने से इंकार कर देते हैं |

4. नर्सरी स्कूल के लिए लोकेशन सेलेक्ट करें :

यद्यपि उद्यमी पहले area analysis कर चूका है अब यह School Open करने के लिए उद्यमी का अगला कदम विश्लेषित क्षेत्र में लोकेशन चयन करने का होना चाहिए | लोकेशन चयन करते वक्त उद्यमी को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की उसके विद्यार्थी के रूप में बेहद छोटे मासूम बच्चे जिन्हें अभी हो सकता है थोडा बहुत चलने में भी परेशानी हो वो रहने वाले हैं |

इसलिए स्कूल की लोकेशन ऐसी जगह पर होनी चाहिए जहाँ छोटे बच्चे पहुँच सके या उनके माता पिता उन्हें स्कूल तक आसानी से पहुंचा सके |

इसके अलावा उद्यमी की कोशिश रहनी चाहिए की वह लोकेशन चयन करते वक्त बच्चों को सिखाने के लिए की जाने वाली अनेक खेलकूद की प्रक्रियाओं हेतु प्रांगण का भी ध्यान रखे | बिज़नेस के लिए अच्छी लोकेशन का चुनाव करने सम्बन्धी कुछ टिप्स |

5. राज्य और केंद्र के नियम जानें

यद्यपि इस तरह का स्कूल खोलने के लिए इंडिया में किसी प्रकार का Center Law निर्धारित नहीं है लेकिन कुछ राज्यों में प्राइवेट स्कूलों को नियंत्रित करने के लिए अधिनियम Private School Education Acts विद्यमान है | इसलिए भारत के जिस राज्य में यह अधिनियम अधिनियमित है उद्यमी को चाहिए की वह स्कूल खोलने से पहले इस अधिनियम के तहत पंजीकरण हेतु आवेदन करे |

यद्यपि Nursery School Business लाभ कमाने एवं सामाजिक हितों अर्थात Non- Profit  इकाई दोनों स्वरूपों में किया जा सकता है | जहाँ Profit कमाने हेतु इकाई को विभिन्न बिज़नेस Entities में से किसी एक का चयन करके पंजीकृत किया जा सकता है | वही non for profit इकाई को trust या Section 8 कंपनी के अंतर्गत पंजीकृत किया जा सकता है |

6. इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करें

यह Business करने के लिए उद्यमी का अगला कदम स्कूल के लिए बुनियादी ढांचे का विकास अर्थात Infrastructure Development का होना चाहिए | इस क्रिया को करने में उद्यमी को स्कूल की बिल्डिंग, प्रांगण, कमरों इत्यादि का निर्माण करना होगा | स्कूल के कमरे बड़े होने चाहिए ताकि अध्यापक की आवश्यकतानुसार मेज, कुर्सी, श्यामपट्ट इत्यादि उपकरण आसानी से लगाये जा सकें |

इसके अलावा बच्चों के खेलने के लिए अलग सी एक बड़ी जगह होनी चाहिए जिसमे विभिन्न प्रकार के शिक्षाप्रद खेल खिलौने उपलब्ध हों | और हाँ कमरे की दीवारें बच्चो को आकर्षित करने वाली रंग बिरंगी शिक्षाप्रद तस्वीरों, आलेखों, चित्रों से परिपूर्ण होनी चाहिए |

बच्चों की आदतें खेल खेल में अधिकतर बातें एवं आदतें सीखने की होती हैं इसलिए नर्सरी स्कूल में शिक्षाप्रद खेल खिलौनों की भरमार होनी चाहिए | ताकि बच्चे खेल खेल में सिखाई गई बातों एवं आदतों को सीख सकें और ख़ुशी ख़ुशी हर रोज स्कूल आने के लिए लालायित रहें |

7. Nursery School Curriculum निर्धारित करें :

Nursery Curriculum से आशय किसी नर्सरी विद्यालय में स्थापित पाठ्यक्रम से है | चूँकि नर्सरी स्कूल बच्चों को शिक्षा की रोचक दुनिया में प्रविष्ट कराने का प्रवेश द्वार हैं इसलिए इनका पाठ्यक्रम निर्धारित करना टेढ़ी खीर है |

यही कारण है की यदि उद्यमी चाहे तो किसी Experts/ Education Research Consultant की मदद पाठ्यक्रम निर्धारित करने के लिए ले सकता है | पाठ्यक्रम आधुनिक शिक्षा, सामजिक मूल्यों, आचार व्यवहार में सुधार इत्यादि पर आधारित होना चाहिए |

8. स्टाफ की नियुक्ति करें

उद्यमी का अब अगला कदम अपनी आवश्यकतानुसार अनुभवी स्टाफ को नर्सरी स्कूल में नियुक्त करने का होना चाहिए | इसके लिए उद्यमी को यह बिलकुल नहीं सोचना चाहिए की छोटे बच्चे हैं तो कोई भी उन्हें आसानी से पढ़ा सिखा सकता है | छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए एक बहुत ही धीर गंभीर एवं योग्य शिक्षक की आवश्यकता होती है | जो उन्हें और उनकी आदतों एवं मूड इत्यादि को समझ सके |

9. नर्सरी स्कूल का प्रमोशन करें

नर्सरी स्कूल खोलने के लिए उद्यमी द्वारा उठाया जाने वाला अंतिम कदम Business Promotion का होना चाहिए | यद्यपि यह तो तय है की स्कूल से बहुत दूरी पर स्थित जनता को टारगेट करना बिज़नेस के लिए लाभकारी नहीं होगा, लेकिन फिर भी एक निश्चित दूरी को अपना टारगेट क्षेत्र बनाकर उस क्षेत्र की जनता के बीच अपना Business Promotion करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है |

उद्यमी का पहला लक्ष्य यह होना चाहिए की उसके स्कूल में जो भी बच्चे पढ़ते हों उन्हें परिणाम लाने वाली शिक्षा मिले अर्थात उनके माता पिता को लगना चाहिए की यह जो अच्छी शिक्षा का संचार हमारे बच्चे के अन्दर हो रहा है उसमे Nursery School का बड़ा अहम् योगदान है तभी वे माता पिता उस नर्सरी स्कूल की चर्चा अपने जान पहचान वालों और पड़ोसियों में अवश्य करेंगे | और इस सकारात्मक दृष्टिकोण का उद्यमी के बिज़नेस को बहुत फायदा हो सकता है |

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