Overdraft क्या है? इसकी उपयोगिता एवं प्रकार|

Overdraft Account पर बात करने से पहले ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के बारे में जानने की कोशिश करते हैं | आम तौर पर ओवरड्राफ्ट से आशय किसी वित्तीय संस्थान की उस प्रक्रिया से लगाया जाता है जिसमे वह किसी खाताधारक की वित्तीय सीमा को बढ़ा देते हैं | कहने का अभिप्राय यह है की वह खाताधारक अपने खाते में उपलब्ध पैसों से अधिक की धनराशि उस खाते से निकाल सकता है | Overdraft Account से आशय एक ऐसे खाते से है जिसमे किसी वित्तीय संस्थान द्वारा ग्राहक की वित्तीय सीमा को विस्तारित अर्थात बढ़ा दिया गया हो |

यह कितना बढेगा यह सब खाता में उपलब्ध धनराशि, ग्राहक का पुनर्भुगतान व्यवहार या क्रेडिट स्कोर इत्यादि पर निर्भर करता है | ओवरड्राफ्ट को किसी खाताधारक को कम समय के लिए दिए गए लोन के रूप में भी जाना जा सकता है जिसे खाताधारक को एक निर्धारित समय सीमा के अन्दर भुगतान करने की आवश्यकता होती है |

बैंक द्वारा दिए जाने वाले इस क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट पर ब्याज वसूला जाता है जिसे कुछ हफ़्तों दिनों या महीने के लिए दिया जा सकता है Overdraft कितने समय के लिए देना है यह बैंक निर्धारित करता है और बैंक को ओवरड्राफ्ट खाते को इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार होता है |

Overdraft Facility in hindi

ओवरड्राफ्ट की उपयोगिता (Use of Overdraft Facility:)

Overdraft नामक यह फैसिलिटी बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली एक बेहद महत्वपूर्ण सर्विस है क्योंकि इस प्रकार की यह सेवा कैश फ्लो के मामलों में बिज़नेस इकाइयों को बड़ी मदद प्रदान करते हैं | अक्सर होता क्या है की बिज़नेस इकाइयों को हमेशा अपने ग्राहकों से मिलने वाले भुगतान की प्रतीक्षा करनी पड़ती है इसके कारण उनकी तरफ से भी भुगतान करने में देरी होती है | लेकिन जिन चालू खातों में Overdraft Facility उपलब्ध होती है वे अपने खाते में उपलब्ध राशि से अधिक का चेक काटकर भी जरुरत पड़ने पर किसी को दे सकते हैं |

यह फैसिलिटी चेक को बाउंस होने से रोकती है और व्यापार की प्रतिष्ठा को बनाये रखने में भी मदद करती है | इन दिनों यानिकी आधुनिक बैंकिंग प्रणाली में अनेकों बैंक बचत खातों एवं सैलरी अकाउंट में भी Overdraft facility देते हैं | इसलिए यह सुविधा उन परिस्थितियों में बड़ी राहत लेकर आती है जिसमे खाताधारक को खर्चो के चलते कुछ अतिरिक्त धन की आवश्यकता होती है |

लेकिन ध्यान रहे बैंकों द्वारा यह सुविधा हर किसी को नहीं दी जाती है यह सिर्फ उन ग्राहकों को दी जाती है जिनकी बैंक की नज़र में अच्छी प्रतिष्ठा हो और उनकी पुनर्भुगतान करने की आदतें अच्छी हों और उनका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा हो | इन सबके अलावा Overdraft Account पर प्रत्येक वर्ष एक निश्चित शुल्क बैंक द्वारा लिया जाता है इसलिए ग्राहक को इस सेवा को जब चाहे बंद करने का अधिकार होता है |

ओवरड्राफ्ट अकाउंट क्या है (What is Overdraft Account in Hindi):

Overdraft Account एक ऐसी सुविधा है जिसे किसी विशेष बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को प्रदान किया जाता है | जहाँ पहले केवल टाइम डिपाजिट अकाउंट एवं चालू खातों पर ही इस तरह की सुविधा दी जाती थी लेकिन अब बहुत सारे निजी बैंकों द्वारा ओवरड्राफ्ट की सुविधा बचत खातों एवं सैलरी अकाउंट पर भी दी जाने लगी है |

भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक चालू खाते एवं कैश क्रेडिट खाते एक हफ्ते में अधिक से अधिक 50000 रूपये तक की Overdraft Facility लेने के पात्र हैं | हालांकि यह सीमा पर्सनल ओवरड्राफ्ट अकाउंट पर लागू नहीं होगी |

विभिन्न प्रकार के ओवरड्राफ्ट खाते (Various Types of Overdraft Accounts):

अलग अलग प्रकार के Overdraft Account के लिए बैंकों द्वारा पात्रता भी अलग अलग तय की गई है | अब आगे इस लेख में हम खातों के आधार पर ओवरड्राफ्ट की पात्रता की बात करेंगे |

1. सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट:

सैलरी अकाउंट बिज़नेस इकाइयों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए खोले जाते हैं जो की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के लिए पात्र माने जाते हैं | इसके लिए जो कम से कम आवश्यकता होती है वह यह होती है की कर्मचारी के सैलरी अकाउंट में कंपनी द्वारा नियमित रूप से हर महीने सैलरी जमा की जा रही हो और कंपनी बैंक की स्वीकृति लिस्ट में शामिल हो | सैलरी अकाउंट पर कर्मचारी की सैलरी के तीन गुना तक Overdraft Facility बैंकों द्वारा दी जाती है |

इस तरह की यह सुविधा कम से कम औपचारिकतायें पूरी करके एवं आसान किश्तों में कर्मचारी को उपलब्ध कराने की बैंकों की कोशिश रहती है | इसमें ग्राहक को केवल इस्तेमाल की गई राशि पर ब्याज का भुगतान करना होता है इसमें ग्राहक को बिना किसी प्रीक्लोजर शुल्क के राशि को चुकता करने की स्वतन्त्रता प्राप्त होती है |

हालांकि इस सुविधा के लिए हर बैंक द्वारा कर्मचारी की कम से कम सैलरी निर्धारित हो सकती है जो की 20-25 हज़ार प्रति महीने निर्धारित हो सकती है | इस तरह के यह ओवरड्राफ्ट किसी प्रकार की सिक्यूरिटी एवं जमानत से मुक्त होते हैं | कुछ बैंक तो सैलरी अकाउंट पर 4 लाख तक की Overdraft Facility मुहैया कराते हैं |

2. बचत खाते पर ओवरड्राफ्ट:

सरकार द्वारा समर्थन मिलने के कारण बचत खाते पर Overdraft Facility काफी लोकप्रिय हो गई है | क्योंकि सभी बचत खाते जिन्हें प्रधान मंत्री जन धन योजना के अंतर्गत खोला गया है उनमे उपलब्ध बैलेंस के चार गुना या रूपये 5000 जो भी कम हो Overdraft के लिए पात्र माने गए हैं | इस सुविधा के लिए भी सभी खाते पात्र नहीं हैं बल्कि सिर्फ वे खाते पात्र हैं जिन्हें कम से कम 6 महीने की अवधि के लिए संतोषजनक ढंग से संचालित किया गया हो | और परिवार का कोई एक सदस्य इस सुविधा का लाभ ले सकता है |

यह सुविधा परिवार के कमाई करने वाले सदस्य एवं मुख्य रूप से महिलाओं को दिए जाने का प्रावधान है | इस प्रकार का यह जन धन खाता आधार से लिंक होना चाहिए | भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देश के अनुसार खाताधारक के पास एक और बचत खाता होना चाहिए | 18 साल से कम एवं किसान क्रेडिट कार्ड धारक इसके लिए योग्य नहीं है |

3. टाइम डिपाजिट अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट:

टाइम डिपाजिट अकाउंट जैसे फिक्स्ड डिपाजिट इत्यादि पर भी Overdraft की फैसिलिटी बैंकों द्वारा दी जाती है | हालांकि सभी बैंक इस तरह की फैसिलिटी अपने ग्राहकों को उपलब्ध नहीं कराते हैं यह बैंक की अपनी निति पर निर्भर करता है की वह अपने ग्राहकों को यह सुविधा देना चाहता है या नहीं | देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े प्रमुख बैंक भारतीय स्टेट बैंक द्वारा इस तरह की फैसिलिटी अपने ग्राहकों को मुहैया करायी जाती है |

एसबीआई शाखाओं में एनडीई / एनआरओ / आरएफसी समेत टीडीआर / एसटीडीआर और आरडी जैसे एकल / संयुक्त समय जमा वाले सभी ग्राहक इस सुविधा के लिए पात्र हैं ।  

ग्राहक इस सुविधा के लिए ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं | इसमें दी जाने वाली अर्थात Overdraft  के तौर पर दी जाने वाली कम से कम 25000 राशि निर्धारित की गई है जबकि अधिक से अधिक यह 5 करोड़ है | ओवरड्राफ्ट में दी जाने वाली राशि का मूल्य टाइम डिपाजिट में उपलब्ध राशि के 90% से अधिक नहीं होना चाहिए | इस तरह के ओवरड्राफ्ट को सुरक्षित ओवरड्राफ्ट भी कहा जाता है |

4. बंधक सम्पति पर ओवरड्राफ्ट:

भारतीय वित्तीय प्रणाली में बंधक सम्पति पर Overdraft भी काफी प्रचलित है | भारत में कई बैंक होम लोन पर लोगों को ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी मुहैया कराते हैं | इस तरह की यह फैसिलिटी लोगों को अपनी सम्पति की कीमत का जब चाहे इस्तेमाल करने का अवसर प्रदान करती है | इसमें Overdraft की राशि वर्तमान एवं भविष्य के मूल्य को आधार मानकर निर्धारित की जाती है | यद्यपि एक बड़ी ओवरड्राफ्ट लिमिट का यह मतलब बिलकुल नहीं होता है की व्यक्ति उस राशि की निकासी एक ही बार में कर सकता है |

बल्कि व्यक्ति को फण्ड की अवधि और मात्रा के बारे में बैंक को सूचित करना होता है जो वह इस्तेमाल में लाना चाहता है | तभी व्यक्ति इस्तेमाल में लायी गई राशि पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी माना जायेगा | इस Overdraft को भी सुरक्षित ओवरड्राफ्ट का ही एक उदहारण के तौर पर देखा जा सकता है |

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