Petroleum Jelly Manufacturing. पेट्रोलियम जेली बनाने के व्यवसाय की जानकारी ।

Petroleum Jelly की बात करें तो इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के सौन्दर्य प्रसाधनों को तैयार करने में किया जाता है क्योंकि यह सूखी अर्थात ड्राई एवं क्षतिग्रस्त त्वचा की कोशिकाओं में एक बैरिएर के तौर पर काम करती है । यह त्वचा को प्राकृतिक रूप से रिकवरी करने में मदद प्रदान करती है। आम तौर पर सर्दियों में इसका इस्तेमाल रूखी त्वचा होने पर अधिक किया जाता है। Petroleum Jelly का कार्य त्वचा को विभिन्न समस्याओं जैसे शुष्क त्वचा, फटी त्वचा, त्वचा पर मामूली कट, खुरचन एवं जलने से बचाने का भी होता है ।

कहने का आशय यह है की उपर्युक्त सारी त्वचा सम्बन्धी समस्याओं में पेट्रोलियम जेली मददगार साबित होती है। इसके अलावा यह त्वचा पर उभरी ड्राई लाइन को कम करने में भी मदद करता है। Petroleum Jelly का उपयोग शरीर के किसी भाग की त्वचा एवं होंठों को ड्राई एवं जकड़न से बचाने के लिए भी किया जा सकता है।

यह सॉफ्ट पैराफिन/ पैराफिन वैक्स या मल्टी हाइड्रोकार्बन, हाइड्रोकार्बन का अर्धठोस मिश्रण होता है। और मूल रूप से इसके उपचार गुणों को देखते हुए इसे एक अच्छे मरहम के तौर पर प्रचारित किया जाता रहा है। आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से Petroleum Jelly Manufacturing व्यापार से सम्बंधित जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं।

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पेट्रोलियम जेली क्या है (What is Petroleum Jelly in Hindi):   

Petroleum Jelly कुछ मिनरल तेलों एवं पैराफिन वैक्स का एक मिश्रण होता है हालांकि इसे एक ऐसे जेली भी कह सकते हैं जिसमें हाइड्रोकार्बन का मिश्रण होता है जिसका इस्तेमाल लुब्रिकेंट या मलहम के तौर पर किया जाता है। यह जहाँ त्वचा में प्राकृतिक नमी लौटाने का काम करता है वहीँ त्वचा पर आई मामूली खरोंच इत्यादि के उपचार में भी यह सहायक होता है।

यही कारण है की इसका इस्तेमाल ब्यूटी एवं कॉस्मेटिक से जुड़े अनेकों उत्पादों को बनाने में भी किया जाता है । इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर जब किसी उद्यमी द्वारा अपनी कमाई करने के लिए पेट्रोलियम जेली बनाने का काम किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह काम Petroleum Jelly Manufacturing Business कहलाता है।

उत्पाद एवं इसके उपयोग:

Petroleum Jelly को खनिज जेली या पेट्रोलेटम के रूप में भी जाना जाता है । यह ज्यादातर विभिन्न क्रीम, मलहम, लोशन आदि की तैयारी के लिए, सौंदर्य प्रसाधन और दवा में इमल्शन के रूप में उपयोग में लायी जाती है । इसके अलावा वाणज्यिक तौर पर पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल लुब्रिकेंट एवं ग्रीज़ बनाने में भी किया जाता है । अच्छी गुणवत्तायुक्त पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल वेसिलीन बनाने में भी किया जाता है, अच्छी गुणवत्तायुक्त टॉयलेट सोप के निर्माण में इसे एक मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है।

वर्तमान में Petroleum Jelly का इस्तेमाल लोहे के सामान जैसे ब्लेड, वायर सर्जिकल उपकरणों इत्यादि में जंग विरोधी एजेंट के तौर पर भी इस्तेमाल में लाया जाता है। यह बाजार में विभिन्न रूपों में उपलब्ध रहता है यह सफ़ेद रंग का हो सकता है, पीले एवं हरे रंग का भी हो सकता है हालांकि इसको बनाने में उपयोग की गई सामग्री के आधार पर इसका रंग अलग अलग हो सकता है। इस लेख में हम सफेद Petroleum Jelly बनाने के विषय में बात कर रहे हैं जिसे कॉस्मेटिक एवं फार्मास्युटिकल्स उत्पादों को बनाने के इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

यही कारण है की इस प्रकार की पेट्रोलियम जेली का निर्माण उचित गुणवत्ता मानकों को ध्यान में रखकर किया जाना अनिवार्य है। पेट्रोलियम जेली के दवा सामग्री प्रधान बन जाने के बाद इसका इस्तेमाल बीमारीयों के उपचार के अलावा अनेकों कॉस्मेटिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। सफ़ेद पेट्रोलियम जेली बनाने के लिए 20% पैराफिन वैक्स, 20% माइक्रोक्रिस्टलाइन वैक्स एवं 60% वाइट आयल मिक्स करने की आवश्यकता हो सकती है। जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की Petroleum Jelly हाइड्रोकार्बन का मिश्रण होती हैं।

जो मनुष्य शरीर के संपर्क में आते ही कुछ डिग्री 37°C में पिघलने लगता है यह तब ज्वलनशील हो सकता है जब इसे तरल में बदलने के लिए गरम किया जाता हो। यह पारभासी, स्वाद से रहित रंगहीन या हलके पीले रंग का हो सकता है। यह हवा के संपर्क में ऑक्सीकरण नहीं करता है और रासायनिक अभिकर्मकों द्वारा आसानी से कार्य नहीं करता है । यह पानी में अघुलनशील है । यह डाईक्लोरोमेथेन, क्लोरोफॉर्म, बेंजीन, डायथाइल ईथर, कार्बन डाइसल्फ़ाइड और तारपीन के तेलों में घुलनशील होता है ।

पेट्रोलियम जेली बिज़नेस शुरू करने के लिए योग्यता:    

अक्सर देखा गया है जब भी बिज़नेस शुरू करने की बात आती है तो पैसे को अधिक महत्व दिया जाता है अर्थात माना यह जाता है की जिसके पास निवेश करने को पैसा है वह कुछ भी बिज़नेस आसानी से कर सकता है। जबकि यह सच्चाई नहीं है क्योंकि जो लोग बिना जानकारी या ज्ञान के बिज़नेस शुरू कर देते हैं वे सफल कम ही होते हैं । इसलिए Petroleum Jelly Manufacturing Business शुरू करने के लिए भी कुछ योग्यता की आवश्यकता हो सकती है ताकि बिज़नेस में असफल होने के जोखिम को कम किया जा सके।

यदि उद्यमी के पास फार्मेसी के क्षेत्र में कोई औपचारिक योग्यता जैसे बी. फार्मा, डी फार्मा इत्यादि हो तो यह इस बिज़नेस के लिए अच्छा हो सकता है। हालांकि यदि उद्यमी साइंस ग्रेजुएट हो तो भी चल सकता है। इसके अलावा उद्यमी का यदि इसी उत्पाद की निर्माण इकाई में कहीं काम किया हुआ हो तो बेहतर रहता है।

बिक्री की संभावनाएं:

इस लेख में जिस Petroleum Jelly की हम बात कर रहे हैं इसे मुख्य रूप से फार्मास्युटिकल और सौंदर्य प्रसाधन उद्योग द्वारा इस्तेमाल में लाया जायेगा । कुछ मामलों में, दवा ग्रेड पेट्रोलियम जेली का उपयोग सीधे भी किया जा सकता है । वर्तमान में कारोबार की दुनिया में अधिक से अधिक फार्मास्युटिकल एवं कॉस्मेटिक उद्योग स्थापित हो रहे हैं यही कारण है की पेट्रोलियम जेली जैसे कच्चे माल की मांग बढती जा रही है ।

इसलिए यह माना जा सकता है कि भारत में कॉस्मेटिक और फार्मास्युटिकल उद्योग के विकास के मद्देनजर पेट्रोलियम जेली की बाजार में अच्छी माँग होने की संभावनाएं हैं। एक्सपोर्ट डिमांड को भी शामिल करके वर्तमान में Petroleum Jelly की माँग लगभग 7 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष है जो 2021 तक प्रति वर्ष 7% की दर से आगे बढ़ रही है ।

भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग की बात करें तो इसमें 24000 से अधिक छोटी बड़ी इकाइयाँ कार्यरत हैं और इस क्षेत्र में दस सबसे बड़ी कम्पनियाँ बाजार के एक तिहाई से अधिक भाग के लिए उत्पाद बनाती हैं । यही कारण है की इस क्षेत्र से जुड़ी हर छोटी बड़ी कंपनी को कच्चे माल के तौर पर पेट्रोलियम जेली की आवश्यकता होती है। देश में कॉस्मेटिक एवं फार्मास्युटिकल उद्योग के बढ़ते विकास को देखते हुए कहा जा सकता है की Petroleum Jelly के बिक्री की संभावनाएं अच्छी बनी हुई हैं।

आवश्यक कच्चा माल, मशीनरी एवं उपकरण: 

Petroleum Jelly का निर्माण करने के लिए कच्चे माल के तौर पर पैराफिन वैक्स, माइक्रोक्रिस्टलाइन वैक्स, वाइट आयल एवं अन्य सामग्री की आवश्यकता हो सकती है । इसके अलावा पैकेजिंग एवं उपभोग्य वस्तुएं चाहिए हो सकती हैं। आवश्यक मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है।

  • लगभग दो  Cylindrical Aluminum jacketed Reaction Vessel की आवश्यकता हो सकती है जिनकी एक की कीमत लगभग 1.5 लाख हो सकती है। और दो की कीमत तीन लाख रूपये हो सकती है।
  • लगभग चार एल्युमीनियम के Storage Vessels जिनकी एक की क्षमता 25 किलो हो सकती है इन चारों की कीमत लगभग 4.5 लाख हो सकती है।  
  • मोटर और स्टायरर जिनकी कीमत लगभग 50 हजार रूपये हो सकती है।
  • गुणवत्ता नियंत्रण एवं मानक उपकरण जिनकी कीमत लगभग दो लाख रूपये हो सकती है।     
  • ध्यान रहे उपर्युक्त सारी मशीनरी GMP Standard के मुताबिक होनी चाहिए।  

आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरण:

Petroleum Jelly manufacturing के लिए निम्नलिखित लाइसेंस एवं पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है।  

  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका से लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।
  • फैक्ट्री एक्ट के तहत फैक्ट्री लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।
  • बैंक में बिज़नेस बैंक अकाउंट खोलने की आवश्यकता हो सकती है।
  • जीएसटी पंजीकरण की आवश्यकता होती है।
  • ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत राज्य के फ़ूड एवं ड्रग कण्ट्रोल अथॉरिटी से लाइसेंस लेने की आवश्यकता हो सकती है।
  • उद्योग आधार के तहत पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है।       

निर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process of Petroleum Jelly):

पेट्रोलियम वैक्स को सामान्य तौर पर दो प्रकार के पैराफिन और माइक्रोक्रिस्टलाइन में वर्गीकृत किया जाता है।  पैराफिन मोम को 8500F से कम के तापमान में शुद्ध किया जाता है इसलिए यह हल्के प्रकार के शुद्ध किये गए पैराफिन मोम के घटक हैं । उच्च उबलते मध्यवर्ती और भारी पैराफिन डिस्टिलेट और पैराफिन अवशिष्ट तेल में माइक्रोक्रिस्टलाइन मोम होते हैं।

जब हलके शुद्ध पैराफिन को ठंडा किया जाता है तो मोम बड़े प्लेट जैसे क्रिस्टल में अलग हो जाता है। Petroleum Jelly manufacturing में भारी आसवन और अवशिष्ट तेल के ठंडा होने से स्पष्ट क्रिस्टल उत्पन्न नहीं होते हैं,  मोम बहुत छोटे कणों (माइक्रो क्रिस्टल) के रूप में अलग हो जाता है जो तेल को एक पेस्ट या जेली के रूप में सेट कर देता है। 30 से 50 प्रतिशत हैवी तेल और माइक्रोक्रिस्टलाइन मोम के मिश्रण से पैट्रोलैटम या Petroleum Jelly बनती है।

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