प्लास्टिक के पानी के टैंक (Plastic Water Tank) बनाने का बिजनेस।

Plastic Water tank से हमारा आशय प्लास्टिक से निर्मित उन टैंकों से है जिनका इस्तेमाल लोग पानी के भण्डारण के लिए करते हैं । वर्तमान में चाहे ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र लगभग हर जगह आपको घर की छत पर कम से कम एक Plastic Water Storage Tank तो दिख ही जायेगा। क्योंकि जहाँ पहले लोग अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक स्रोतों जैसे पनघट, कुओं इत्यादि जगहों पर जाकर खुद पानी लाते थे। वहीँ वर्तमान में नहरों एवं नालों द्वारा पानी घर पर पहुँचाने का काम हो गया है। लेकिन अधिकतर क्षेत्रों यह पानी समय समय पर अर्थात दिन में दो बार वितरित किया जाता है ।

इसलिए लोग अपनी दिन भर की पानी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पानी जमीन के अन्दर बने स्टोरेज टैंक में जमा कर लेते हैं। बहुत सारे क्षेत्र ऐसे भी होते हैं जहाँ पानी बिना मोटर चलाये हुए भी छतों में लगी Plastic Water tank तक पहुँच जाता है। लेकिन कहीं कहीं पर पानी को छतों में लगे पानी स्टोरेज टैंक तक पहुँचाने के लिए मोटर चलाने की आवश्यकता होती है।

कहने का अभिप्राय यह है की लोग अपनी पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उसी क्षमता के प्लास्टिक वाटर स्टोरेज टैंक अपनी छतों में लगाते हैं ताकि वे पानी को इन टैंक में संग्रहित कर सकें और जरुरत पड़ने पर पूरे घर में पाइपलाइन के माध्यम से पानी वितरित हो सके। यही सब कारण है की वर्तमान में Plastic Water Tank आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट में शामिल हो गए हैं ।

अर्थात हर मकान में कम से कम एक वाटर टैंक जिसकी क्षमता कम से कम 500 लीटर हो तो चाहिए ही चाहिए। इसलिए आज के समय में इस तरह के टैंकों के निर्माण का बिजनेस भी कमाई की दृष्टि से उपयुक्त बिजनेस हो सकता है। लेकिन इस बिजनेस को स्थापित करने के लिए व्यक्ति को करोड़ों रूपये के निवेश की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए सिर्फ वित्तीय तौर पर सशक्त लोग ही इस तरह के Big Business Ideas को अमली जामा पहना सकते हैं।

Plastic-water-tanks manufacturing

Plastic Water Tank Manufacturing व्यापार क्या है:

Plastic water tank की हम बात करें तो इन्हें आवसीय भवनों, औद्योगिक इकाइयों, व्यवसायिक परिसरों में पीने योग्य पानी का सस्ते एवं स्वच्छता से भंडारण करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। यह कहा जाय तो गलत नहीं होगा की इस प्रकार के इन पानी भण्डारण टैंकों का इस्तेमाल सर्वत्र अर्थात हर प्रकार के घरों भवनों में होता है। चूँकि इस प्रकार के इन टैंक का वजन कम होता है इसलिए इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना और इन्हें छतों में या इच्छित जगह पर स्थापित करना बेहद ही आसान है।

ये धातु से निर्मित टैंकों एवं RCC टैंकों की तुलना में बहुत ही हलके होते हैं एक आंकड़े के मुताबिक एक 2000 लीटर की क्षमता वाले Plastic Water tank का भार लगभग 65 किलो तक हो सकता है। जबकि इसी क्षमता का धातु से निर्मित टैंक लगभग 500 किलो और आरसीसी टैंक लगभग 2000 किलो का हो सकता है । इस तरह के इन टैंकों में न तो जंग लगने का खतरा रहता है और न ही इनके रिसाव होने का यही कारण है की इन्हें न के बराबर रखरखाव की आवश्यकता होती है।

Plastic water storage tank आरसीसी टैंकों से दुगुना चलते हैं तो वहीँ धातु से निर्मित टैंकों की तुलना में चार गुना अधिक चलते हैं। चूँकि पॉलीइथाइलीन गर्मीं का एक बूरा संवाहक है इसलिए यह टंकी में उपलब्ध पानी का तापमान बनाये रखता है। इसके इन्हीं सब फायदों के चलते लोग पानी का भंडारण करने के लिए Plastic Water tank का ही इस्तेमाल करते हैं।

और जब किसी व्यक्ति द्वारा व्यवसायिक तौर पर इनका निर्माण अपनी कमाई के उद्देश्य से किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला बिजनेस ही Plastic Water Storage Tank Manufacturing बिजनेस कहलाता है। 

उत्पाद एवं इसके अनुप्रयोग:

एक Plastic water tank को हम पानी का भंडारण करने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला एक कंटेनर कह सकते हैं। पानी के टैंकों की आवश्यकता मनुष्य को तब से रही है जब से सभ्यता का जन्म हुआ है। टैंकों का इस्तेमाल पीने के पानी, सिंचाई के लिए पानी, आग को बुझाने, कृषि खेती, पौधों एवं पशुधन के लिए पानी, भोजन बनाने, रासायनिक निर्माण इत्यादि के लिए पानी का भण्डारण करने के लिए होते आया है । आज भी इन्हीं सब आवश्यकताओं के लिए प्लास्टिक से निर्मित पानी भण्डारण टैंकों का इस्तेमाल किया जाता है।

बिक्री संभाव्यता एवं औद्योगिक चलन:

रोटेशनल मोल्डिंग की यदि हम बात करें तो प्रसंस्करण विधि के तौर पर इसके महत्व के कारण यह प्लास्टिक उद्योग में एक नयी प्रक्रिया है। हालांकि यह कला बेहद पुरानी है लेकिन पिछले बीस वर्षों के दौरान तकनीकी में हुई प्रगति ने कई बड़े उद्योगों का विकास किया है इसलिए इस तरह की तकनीक व्यापक तौर पर फैल रही है। रूट-मोल्डेड Plastic Water Tank भार में हलके होने के कारण इन्हें संभालना बेहद आसान होता है और इन्हें किसी भी जगह आसानी से फिट किया जा सकता है।

यही कारण है की वर्तमान में पानी स्टोरेज करने के लिए प्लास्टिक पानी के टैंक लोगों के पसंदीदा हैं और ये वास्तविक तौर पर पारम्परिक टैंक जैसे स्टील, सीमेंट कंक्रीट या पत्थर से बने टैंक को रिप्लेस कर रहे हैं। इस प्रकार के ये टैंक विभिन्न आकारों एवं प्रकारों में बाजार में उपलब्ध हैं इन टैंकों की कीमतें इनकी क्षमता के आधार पर अलग अलग हो सकती हैं। आम तौर पर इनकी कीमत 4-5 रूपये प्रति लीटर हो सकती है अर्थात एक 1000 लीटर क्षमता वाला Plastic Water Tank चार से पांच हजार रूपये में मिल सकता है।

इस तरह के इन टैंकों का इस्तेमाल न केवल व्यक्तिगत घरों में होता है बल्कि इन्हें फैक्ट्री, फ्लैट, आवास योजना के तहत बनने वाले घरों, बहुमंजिला इमारतों इत्यादि सभी में स्थापित किया जाता है। यही कारण है की इनकी माँग दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। इस क्षेत्र में हुई जांच से पता चला है की घर निर्माण गतिविधियों में हो रही वृद्धि एवं बेघर लोगों को घर देने के लिए सरकार द्वारा दी गई प्राथमिकताओं के कारण आने वाले वर्षों में Plastic Water Storage Tank की माँग और बढ़ने के आसार लगाये जा सकते हैं।

आवश्यक मशीनरी एवं कच्चा माल:

इस तरह का बिजनेस करने के लिए उद्यमी को कच्चे माल के तौर पर निम्नलिखित की आवश्यकता हो सकती है।

  • LLDPE
  • Master Batch Black
  • LPG Industrial Gas

Water Tank Manufacturing Business में इस्तेमाल में लाये जाने वाले मशीनरी की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • Bi-Axial rotomoulding Machine
  • स्क्रैप ग्राइंडर
  • टेस्टिंग उपकरण
  • मोल्ड एवं डाई
  • फर्नीचर/कंप्यूटर इत्यादि  

निर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process):

सभी आकार एवं शेप के खोखले कंटेनर बनाने के लिए रोटेशनल मोल्डिंग नामक इस प्रक्रिया को अपनाया जाता है इसलिए इसे खोखले कंटेनर उत्पादन करने की एक प्रक्रिया कह सकते हैं। इस तरह की इस प्रक्रिया में अर्थात Plastic water tank Manufacturing process में इंजेक्शन प्रेशर या हाई शियर रेट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस प्रक्रिया में 35 मेष की काली पोलिथिलीन पाउडर को तौला जाता है और उसके बाद उसे मोल्ड में डाला जाता है।

और मोल्ड में इसे गर्म किया जाता है और उसके बाद इसे दो लंबवत अक्षों के तहत घुमाया जाता है। इसके साथ साथ सांचे की सतह पर एक छिद्रपूर्ण परत जो तापमान चक्र बढ़ने के साथ साथ धीरे धीरे पिघलती है। इस प्रक्रिया में हीटिंग चक्र के अंत में समरूप समान मोटी दीवार की एक परत बन जाती है।

उसके बाद मोल्ड को एक कुलिंग स्टेशन में प्रवेश कराया जाता है पानी का स्प्रे एवं हवा मोल्ड को ठंडा करने का काम करते हैं। उसके बाद इस मोल्ड को एक ऐसे कार्यक्षेत्र की ओर स्थान्तरित किया जाता है जहाँ मोल्ड को आसानी से खोला जा सके। मोल्ड को खोलकर टैंक कोप हटा दिया जाता है और मोल्ड को अगले चक्र के लिए रिचार्ज किया जाता है।   

यह भी पढ़ें:

Leave a Comment