भारत में राजनीतिक पार्टी कैसे रजिस्टर करें। नियम, प्रक्रिया सहित जानकारी।

Political Party Kaise Banaye: राजनीतिक पार्टी से तो शायद आप सभी वयस्क लोग अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। जी हाँ दोस्तो हम उन्हीं राजनैतिक पार्टियों की बात कर रहे हैं जो देश प्रदेश में सरकारों का गठन करती हैं। कहने का अभिप्राय यह है की एक पंजीकृत राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी को देश प्रदेश में चुनाव लड़ने का अधिकार होता है। और इन्हीं राजनैतिक पार्टियों में से जनता किसी एक पार्टी का चुनाव करती है।

यद्यपि हमारे देश भारतवर्ष में राजनीती को एक कैरियर विकल्प के तौर पर अभी भी नहीं देखा जाता है, क्योंकि लोगों में आम धारणा यह है की राजनीती में सिर्फ शक्तिशाली, बाहुबली, दबंगई किस्म के व्यक्ति ही आगे बढ़ते हैं। लेकिन जैसे जैसे देश में शिक्षा का प्रचार प्रसार बढ़ रहा है और निरक्षरता लगभग हर भौगौलिक क्षेत्र में दम तोड़ रही है। वैसे वैसे लोगों में राजनीती के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है और राजनीती के संदर्भ में लोगों की विचारधारा भी परिवर्तित हो रही है।

इसलिए वर्तमान में भारतीय युवा राजनीतिक पार्टी में भी अपने कैरियर विकल्प को तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि भले ही राजनीती को कमाई का साधन मानने से हर कोई इंकार करता है, लेकिन वास्तविक सच्चाई से हम सब अवगत हैं की जिन नेताओं के पास कुछ समय पहले किंचित मात्र भी सम्पति नहीं थी वे आज करोड़ों अरबों की सम्पति के मालिक बने बैठे हैं।

कहने का अभिप्राय सिर्फ इतना सा है की भले ही सैधांतिक तौर पर हम राजनीती को कमाई का जरिया न मानें लेकिन सच्चाई यह है की पॉलिटिकल पार्टी से जुड़े अधिकतर नेताओं ने इसके माध्यम से अकूत सम्पति कमाई है। यदि व्यक्ति का मकसद अकूत सम्पति कमाना न भी हो, तब भी यह क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसके माध्यम से व्यक्ति नाम, प्रसिद्धी, इज्जत कमाने के साथ साथ ईमानदारी से इतनी कमाई तो कर ही सकता है की वह अपनी पारिवारिक, सामाजिक जिम्मेदारियों एवं कर्तव्यों का निर्वहन आसानी से कर सके।

इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से भारत में खुद की राजनीतिक पार्टी कैसे शुरू कर सकते हैं? के बारे में विस्तृत जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं। लेकिन उससे पहले यह जान लेते हैं की यह होती क्या है? ।

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राजनीतिक पार्टी क्या है (What is Political Party in Hindi):

Political Party Kya hoti hai : राजनीतिक पार्टी की हम बात करें तो इसे हम लोगों का एक संगठित समूह कह सकते हैं। इस संगठित समूह से जुड़े हुए लोगों के एक जैसे आम विचार होने के कारण ये लोग चुनाव लड़कर सत्ता हासिल करने के लिए एक साथ आते हैं। इसके अलावा एक Political Party सामूहिक कल्याण को बढ़ावा देने या फिर अपने समर्थकों के हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कुछ प्रस्तावित नीतियों एवं कार्यक्रमों पर सहमत होकर जनता के बीच जाकर वोट माँगने का भी काम करती है।

हालांकि राजनैतिक पार्टी की स्थापना सामूहिक कल्याण को ध्यान में रखकर की जाती है लेकिन चूँकि हर देश में अनेकों वर्गों में विभाजित लोग रहते हैं इसलिए आम तौर पर हर पार्टी की कोशिश एक बड़े समुदाय को अपने वोट बैंक के तौर पर परिवर्तित करने की होती है। इसलिए कभी कभी सत्ताधीन राजनैतिक पार्टीयों द्वारा कुछ ऐसे निर्णय भी लिए जा सकते हैं जो किसी समुदाय विशेष के हितों को लक्ष्य करके लिए गए हों। भारत में एक ऐसा संगठन जो चुनाव आयोग में एक राजनैतिक पार्टी के तौर पर पंजीकृत हो, को Political Party कहा जा सकता है।

राजनीतिक पार्टी शुरू करने के नियम (Rules)

हालांकि भारत में एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने के लिए अनेकों नियम एवं प्रावधान हो सकते हैं लेकिन यहाँ पर हम कुछ सामान्य नियमों की लिस्ट पेश कर रहे हैं।

  • भारत में कोई भी नई Political Party शुरू करने के लिए उस पार्टी में कम से कम 100 सदस्यों का होना अनिवार्य है। हाँ इन सदस्यों की नियुक्ति कैसे और कब करनी है इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा कोई सख्त नियम नहीं बनाये गए हैं। इसलिए यह पार्टी पर निर्भर करता है की वह 100 सदस्यों की नियुक्ति कैसे करती है।
  • पार्टी में शामिल प्रत्येक सदस्य के पास भारतीय मतदाता पहचान पत्र होना नितांत आवश्यक है।
  • पार्टी में शामिल होने वाले व्यक्तियों या सदस्यों की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी अनिवार्य है।
  • पार्टी में शामिल प्रत्येक पदाधिकारी को अपने, पति/पत्नी, बच्चों की सम्पति के बारे में पूर्ण विवरण नकदी, आभूषण एवं अन्य चल, अचल सम्पति सभी का बाजार मूल्य सहित विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  • राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधियों को समाचार पत्रों में नई राजनैतिक पार्टी बनाने की मंशा की घोषणा करते हुए नोटिस जारी करने की आवश्यकता होती है। यह सब कुछ इसलिए करना पड़ता है की किसी व्यक्ति या नागरिक को उस पार्टी को शुरू करने से कोई आपत्ति तो नहीं है । चुनाव आयोग द्वारा किसी भी नई पार्टी के गठन पर आपत्तियों को उठाने के लिए जनता को 30 दिन का समय दिया जाता है। अर्थात यदि किसी व्यक्ति या संस्था को उस नई राजनैतिक पार्टी से कोई आपत्ति हो तो वह समाचार पत्रों में नोटिस जारी होने के तीस दिनों के भीतर भीतर अपनी आपत्ति चुनाव आयोग में दर्ज करा सकता है।
  • नई राजनैतिक पार्टी को भारतीय चुनाव आयोग नई दिल्ली के पक्ष में एक 10000 रूपये का डिमांड ड्राफ्ट तैयार करना पड़ सकता है। ध्यान रहे यह राशि प्रसंस्करण शुल्क के तौर पर ली जाती है इसलिए यह रिफंडेबल नहीं होती है।

राजनीतिक पार्टी पार्टी कैसे शुरू करें (How to register a Political Party in India):

Political Party Register Kaise Kare : भारत में इन्टरनेट पर ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो यह जानना चाहते हैं की कैसे वे खुद का एक राजनैतिक संगठन या राजनितिक पार्टी शुरू कर सकते हैं। लेकिन राजनीतिक पार्टी सिर्फ इसलिए शुरू नहीं करनी चाहिए क्योंकि आप वर्तमान में चल रही राजनैतिक पार्टियों से जुड़े नेताओं, लोगों द्वारा कमाई गई दौलत, शोहरत, इज्जत से प्रभावित हैं।

बल्कि इसके शुरू करने के पीछे कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होना चाहिए। और एक ऐसी विचारधारा होनी चाहिए जिसमें लोग अपना कल्याण एवं भलाई देखें और आपसे जुड़ सकें। खैर आइये जानते हैं की भारत में कैसे कोई व्यक्ति राजनीतिक संगठन (Political Organization) शुरू कर सकता है।

1. सबसे पहले पार्टी का उद्देश्य निर्धारित करें:

यदि आप एक ऐसी राजनीतिक संगठन शुरू करना चाहते हैं जो मानव जीवन के कल्याण में कुछ न कुछ योगदान करे तो आपको सर्वप्रथम यह जानना होगा की आप इस राजनैतिक पार्टी की स्थापना क्यों कर रहे हैं?। अर्थात सर्व कल्याण के लिए आपकी पार्टी ऐसा क्या कर सकती है जो वर्तमान में चल रही राजनैतिक पार्टीयाँ नहीं कर पा रहीं? । कहने का अभिप्राय यह है की एक नई पार्टी शुरू करने से पहले इस बात पर बहस कर लेना बहुत जरुरी होता है की पार्टी की स्थापना क्यों की जाय।

इसलिए सर्वप्रथम अपने आप से यह प्रश्न पूछें की आपकी राजनैतिक पार्टी की क्या विचारधारा होगी? और किन आधारभूत मुद्दों को आपकी पार्टी जोरों शोरों से उठाएगी? और राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर आप कैसे सफल हो पाएंगे? कहने का अभिप्राय यह है की बिना स्पष्ट लक्ष्य, विचारधारा या उद्देश्य के कोई भी राजनैतिक पार्टी निरर्थक है। इसलिए इसे सार्थक बनाने के लिए सबसे पहले पार्टी का उद्देश्य निर्धारित करें।

2. राजनीतिक पार्टी के नाम का चयन करें:

राजनितिक संगठन बनाने वाले व्यक्ति को यह जान लेना बेहद जरुरी है की पार्टी का नाम भी उसके लक्ष्यों एवं विचारधारा के अनुकूल ही होना चाहिए। कहने का अभिप्राय यह है की यदि पार्टी राष्ट्रीय मुद्दों को फोकस करना चाहती है तो वह हिंदी भाषा में अपनी पार्टी का नाम रख सकती है और यदि पार्टी स्थानीय मुद्दों को फोकस करना चाहती है तो वह स्थानीय भाषाओँ में भी पार्टी का नाम रख सकती है। लेकिन ध्यान रहे पार्टी का नाम ऐसा होना चाहिए जो उसके टारगेट जनता को रिझाने में सफल हो सके।

3. कम से कम सौ सदस्यों की आवश्यकता:

यदि आप भारत में खुद का राजनीतिक संगठन बनाने की सोच रहे हैं तो आपको यह बात जान लेना बेहद जरुरी है की भारत में राजनैतिक पार्टी शुरू करने के लिए कम से कम 100 सदस्यों की आवश्यकता होती है । इसलिए संगठन शुरू करने वाले व्यक्ति को सौ ऐसे व्यक्तियों को ढूँढने की आवश्यकता होती है जो उस पार्टी के सदस्य बनना चाहते हों। ध्यान रहे पार्टी में शामिल होने वाले हर व्यक्ति के पास भारतीय मतदाता पहचान पत्र होना चाहिए और सदस्य की उम्र 18 वर्ष से कम भी नहीं होनी चाहिए।

इन दो नियमों के अलावा एक पार्टी कैसे सदस्यों को नियुक्ति करेगी? इसके लिए किसी प्रकार के नियम एवं शर्तें नहीं हैं। इसलिए राजनैतिक पार्टी में कोई गलत व्यक्ति शामिल न हो इसके लिए Political Party को खुद के नियम एवं शर्तें बनाने होंगे। और उसी आधार पर सदस्यों की नियुक्ति करनी होगी। कहने का अभिप्राय यह है की यह पूर्णतया पार्टी पर निर्भर करता है की वह किस प्रकार के व्यक्तियों को सदस्य के रूप में स्वीकार करती है।

4. चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन

Political Party ko Election Commission me Register Kare: भारत में राजनीतिक पार्टी का रजिस्ट्रेशन चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है यहाँ पर पार्टी शुरू करने वाले व्यक्ति को विभिन्न डिटेल्स एक 21-22 पेज के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में भरनी होती है। इसमें आयोग द्वारा पार्टी नेताओं को पार्टी का नाम, प्रमुख उद्देश्य एवं पदाधिकारियों सहित 100 सदस्यों की लिस्ट मांगी जा सकती है। ध्यान रहे यह रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन 10000 रूपये के शुल्क के साथ भरी जानी अनिवार्य है, हालांकि यह फीस पार्टी का गठन होने के तीस दिनों के अन्दर अन्दर आयोग के पास जमा करना जरुरी होता है।

ध्यान रहे पार्टी के प्रत्येक पदाधिकारी को अपने, पति/पत्नी, बच्चों इत्यादि की सम्पति का ब्यौरा नकदी, जेवरात, निवेश सभी को मिलाकर चुनाव आयोग को मौजूदा बाजार मूल्य के आधार पर देना होता है। उसके बाद पार्टी प्रतिनिधियों द्वारा समाचार पत्रों में नई राजनैतिक पार्टी शुरू करने की मंशा की घोषणा करनी होती है ताकि यदि किसी को आपत्ति हो तो वह तीस दिनों के भीतर भीतर अपनी आपत्ति चुनाव आयोग के सामने पेश कर सके।

यदि जनता द्वारा किसी प्रकार की कोई आपत्ति तीस दिनों के अन्दर नहीं उठाई जाती है तो चुनाव आयोग द्वारा पार्टी द्वारा जमा किये गए हलफनामों की जाँच की जाती है। और सब कुछ ठीक होने पर चुनाव आयोग द्वारा चार पांच महीनों बाद रजिस्ट्रेशन की पुष्टी की जा सकती है।

पार्टी का चुनाव चिन्ह (Symbol Of Political Party):

जब चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक पार्टी की पुष्टी की जाती है तो उसके बाद उस पार्टी के नेताओं को आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह चुनने के लिए कहा जाता है। चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करके ही मतदाता वोटिंग के समय वोट देता है। एक जानकारी के मुताबिक भारतीय चुनाव आयोग के पास लगभग 70 से अधिक चुनाव चिन्ह हैं जिनमें घरेलू सामानों की एक भव्य गैलरी जैसे अलमारी, टेलीविज़न, फ्राइंग पैन, प्रेशर कुकर इत्यादि शामिल हैं । इनके अलावा लेडी पर्स, केक, आइसक्रीम स्कूप इत्यादि भी उपलब्ध हैं।

1951 में जब स्वतंत्र भारत के पहली बार चुनाव होने वाले थे तो उससे पहले भारतीय चुनाव आयोग ने इन चुनाव चिन्हों को निर्धारित किया था। ताकि एक अनपढ़ मतदाता भी आपके संगठन से आसानी से जुड़ सके। लेकिन वर्तमान में चुनाव आयोग ने इस लिस्ट में तकनीक से सम्बंधित प्रतीकों जैसे हवाई जहाज, डीजल पंप, कैमरा, कैलकुलेटर इत्यादि को भी शामिल कर दिया है।

लेकिन यदि नई राजनीतिक पार्टी शुरू करने वाले नेताओं को चुनाव आयोग द्वारा अनुमोदित चुनाव चिन्ह पसंद नहीं आते, और वे अपना कुछ नया ही चुनाव चिन्ह रखना चाहते हैं। तो वे उस चुनाव चिन्ह का स्केच बनाकर चुनाव आयोग को स्वीकृति के लिए भेज सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे चुनाव चिन्ह के तौर पर धार्मिक प्रतीकों जैसे चाँद, क्रॉस, त्रिशूल इत्यादि को रिजेक्ट कर दिया जाता है। और किसी जाति विशेष से सम्बंधित प्रतीक भी अस्वीकार कर दिए जाते हैं।

शुरूआती दौर में कोई भी पार्टी खुद को राज्य स्तरीय पॉलिटिकल पार्टी के तौर पर या स्थानीय क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर रजिस्टर कर सकती है। बाद में यदि राजनैतिक दल का आम चुनावों में उम्दा प्रदर्शन रहता है। कहने का आशय यह है की यदि किसी क्षेत्रीय या राज्य स्तरीय पार्टी का आम चुनावों में प्रदर्शन राष्ट्रीय दल के तौर पर मान्यता प्राप्त करने के लिए निर्धारित नियम एवं शर्तों के अनुरूप होता है। तो वह पॉलिटिकल पार्टी राष्ट्रीय दल के तौर पर मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकती है।     

आशा करते हैं की अब तक आप समझ गए होंगे की भारत में कैसे कोई राजनीतिक पार्टी रजिस्टर कर सकता है। लेकिन ध्यान रहे वास्तविक Political Party बनने के लिए पार्टी को चुनाव जीतने की नितांत आवश्यकता होती है। इसलिए यह जनता पर निर्भर करता है की वह आपकी पार्टी को राजनीतिक पार्टी के तौर पर देखना पसंद करती है या नहीं।

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