प्रदूषण जाँच केंद्र कैसे खोलें? How to Open Vehicle Pollution Check Center.

Vehicle Pollution Check Center की महत्वता एवं आवश्यकता वर्तमान में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। क्योंकि  सड़कों पर आये दिन हो रही दुर्घटनाओं के चलते एवं लोगों के परिवहन नियमों के प्रति उदासीनता के कारण भारत सरकार ने मोटर व्हीकल अधिनियम में बदलाव करके देश में 1 सितम्बर से नया मोटर व्हीकल अधिनियम लागू कर दिया है । जिसमें यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माने एवं सजा का प्रावधान किया गया है।

यद्यपि यदि हम वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की बात करें तो अनेक राज्यों में यह मात्र सौ रूपये में बन जाता है तो कई राज्यों में इसके लिए 150 से दो सौ रुपये तक भी देने पड़ सकते हैं। क्योंकि प्रत्येक राज्य ने वाहन प्रदूषण जाँच के बाद लिया जाने वाले शुल्क की अधिकतम सीमा अलग अलग तय की हुई है।

आपको जानकर आश्चर्य होगा की महज 100-200 रूपये में बनने वाला यह प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने पर नए नियम के मुताबिक आप पर 10000 रूपये तक का जुर्माना लग सकता है। यही कारण है की वर्तमान में देश के सभी Vehicle Pollution Check Center में लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। और प्रदूषण जाँच केन्द्रों की कमाई में भी वृद्धि देखी जा सकती है। इसलिए आज हम इस लेख के माध्यम से इसी विषय पर विस्तृत जानकारी देने की कोशिश करेंगे। और जानेंगे की कैसे कोई व्यक्ति खुद का प्रदूषण जाँच केंद्र खोलकर कमाई कर सकता है।

Pollution Check Center

प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के नियम

यद्यपि जहाँ तक Vehicle Pollution Check Center खोलने का सवाल है इससे सम्बंधित नियम अलग अलग राज्यों में अलग हो सकते हैं। लेकिन कुछ सामान्य नियमों का जिक्र हम निम्नवत कर रहे हैं जो हो सकता है की सभी राज्यों में लागू हों।

  • अनेक राज्य ऐसे हैं जिन्होंने Vehicle Pollution Check Center के आकार अर्थात साइज़ को लेकर भी नियम बनाये हैं। जैसे प्रदूषण जाँच केंद्र के केबिन का रंग पीला एवं उस पर बड़े अक्षरों में प्रदूषण जाँच केंद्र लिखा होना चाहिए। जिसकी लम्बाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटर और ऊंचाई भी दो मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
  • यद्यपि अधिकतर राज्यों में प्रदूषण जाँच केंद्र खोलने के लिए कोई भी व्यक्तिगत व्यक्ति, फर्म, संस्था, सोसाइटी, ट्रस्ट, कंपनी इत्यादि खोल सकती हैं। लेकिन कुछ राज्यों में व्यक्तिगत व्यक्ति प्रदूषण जाँच केंद्र नहीं खोल सकता है।
  • कुछ राज्य केवल उन व्यक्तियों को ही Vehicle Pollution Check Center खोलने की इजाजत देते हैं जिनके पास ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मोटर मेकेनिक, डीजल मेकेनिक या फिर किसी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से प्राप्त किया हुआ प्रमाण पत्र हो। तो कई राज्य ऐसे भी हैं जहाँ यह जरुरी नहीं है।
  • Vehicle Pollution Check Center खोलने के लिए जारी किया गया लाइसेंस पाँच वर्षों के लिए मान्य होता है। लाइसेंस समाप्ति के 60 दिनों के अन्दर अन्दर नवीनीकरण के लिए आवेदन किया जा सकता है।
  • आवेदन करते समय आवेदनकर्ता को जाँच केंद्र में स्थापित सम्पूर्ण मशीनरी की लिस्ट बनाकर सम्बंधित आवेदन फॉर्म के साथ संग्लन करनी होती है।
  • कुछ राज्यों में यह भी प्रावधान किया गया है की प्रदूषण जाँच केंद्र किसी ऑटोमोबाइल वर्कशॉप या फिर किसी पेट्रोल पंप के नजदीक होना चाहिए। यद्यपि यह नियम जाँच केंद्र खोलने वाले व्यक्ति के पक्ष में है क्योंकि इससे उसे अधिक ग्राहक मिलने की संभावना होती है।
  • Vehicle pollution check center खोलने के इच्छुक उद्यमी को समबन्धित विभाग या राज्य सरकार के पास रूपये 25000 या कुछ राज्यों में कम अधिक भी हो सकता है । सिक्यूरिटी अमाउंट के तौर पर जमा करने होते हैं।

Vehicle pollution check center खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज:

Vehicle Pollution Check Center के लिए आवेदन करने के दौरान उद्यमी को अनेकों प्रकार के दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है जिनमें से कुछ की लिस्ट निम्नवत है।

  • जाँच केंद्र के नक़्शे का दस्तावेज जिसे किसी आर्किटेक्ट ने तैयार किया हो ।
  • भरे गए सिक्यूरिटी अमाउंट की जानकारी।
  • फॉर्म 48 जिसमें आवेदक की जानकारी भरी जायेगी ।
  • फॉर्म 49 जिसमें प्रदूषण जाँच केंद्र ऑपरेटर की जानकारी मांगी जाती है।
  • जिस भवन या बिल्डिंग में प्रदूषण जाँच केंद्र स्थापित किया गया हो उसके क्षेत्रफल सम्बन्धी विवरण।
  • जाँच केंद्र में बिजली उपलब्धता का प्रमाण जैसे बिजली बिल इत्यादि।
  • यदि स्थापित जाँच केंद्र की जगह अपनी है तो स्वामित्व प्रमाण पत्र एवं यदि किराये पर है तो तो नोटराइजड रेंट एग्रीमेंट की आवश्यकता हो सकती है।
  • उद्यमी को प्रदूषण जाँच मशीन के क्रय सम्बन्धी इनवॉइस बिल की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • प्रदूषण जाँच मशीन की कैलिब्रेशन रिपोर्ट।
  • ऐसे वाहन जो निर्धारित मानकों से अधिक प्रदूषण पैदा करते हों उन्हें सुधारने में इस्तेमाल में लाये जाने वाले उपकरणों की सूची।
  • प्रदूषण जाँच मशीन की एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (AMC) रिपोर्ट।

उपर्युक्त दस्तावेजों के अलावा उद्यमी से जाँच केंद्र में स्थापित कंप्यूटर, प्रिंटर, वेब कैमरा और इन्टरनेट कनेक्शन इत्यादि की भी डिटेल मांगी जा सकती है।       

प्रदूषण जाँच केंद्र खोलने के लिए आवेदन कैसे करें? (How to Apply for polution check center)

Vehicle Pollution Check Center खोलने के इच्छुक उद्यमी ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन करने के लिए उपर्युक्त बताये गए दस्तावेजों को लेकर उद्यमी अपने एरिया के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस में जाकर आवेदन कर सकता है। लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं जो केवल और केवल ऑनलाइन ही आवेदन पत्र स्वीकार करते हैं। इसलिए आगे हम जानने की कोशिश करते हैं की कैसे कोई उद्यमी प्रदूषण जाँच केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।

  • ऑनलाइन आवेदन करने के इच्छुक उद्यमी को सर्वप्रथम परिवहन विभाग के इस अधिकारिक लिंक पर जाना होगा।   
  • उसके बाद आवेदनकर्ता को Register New/Old PUC Center पर क्लिक करना होगा। क्लिक करते ही आवेदनकर्ता के सामने एक फॉर्म खुलेगा जिसमें उसे अपने Vehicle Pollution Check Center का विवरण एवं स्वयं का विवरण भरना होता है।
  • आवेदक द्वारा जब ऑनलाइन आवेदन किया जाता है तो उसी दौरान उस आरटीओ कार्यालय का चयन करना होता है जिसके अधिकार क्षेत्र में उसका जाँच केंद्र स्थापित हो।
  • इस प्रक्रिया के दौरान उद्यमी को उपर्युक्त बताये गए दस्तावेज अपलोड करने पड़ सकते हैं इसलिए ऑनलाइन आवेदन करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में सेव करके रख लें।
  • जब आवेदक द्वारा आवेदन से जुड़ी सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली जाती हैं तो उसके बाद सम्बंधित एआरटीओ/आरआई की संयुक्त टीम द्वारा प्रदूषण जाँच केंद्र स्थल का निरीक्षण किया जाता है। सब कुछ ठीक होने पर सम्बंधित आरटीओ द्वारा उस स्थल का सत्यापन करके जाँच केंद्र को लाइसेंस प्रदान किया जाता है। 

Vehicle Pollution Check Center खोलने के इच्छुक उद्यमी का एक बात जान लेना बहुत जरुरी है की ऑनलाइन आवेदन करने के लगभग पंद्रह दिनों के अंतर्गत साईट वेरिफिकेशन एवं आरटीओ वेरिफिकेशन किया जाता है और उसके बाद ही जाँच केंद्र को लाइसेंस प्रदान किया जाता है।

चूँकि प्रमुख तौर पर वाहन डीजल एवं पेट्रोल से चालित होते हैं इसलिए आवेदन शुल्क इस बात पर निर्भर कर सकता है की उद्यमी को किस प्रकार के ईधन से चालित वाहनों के लिए प्रदूषण जाँच केंद्र खोलना है। पेट्रोल डीजल दोनों तरह के वाहनों के लिए जाँच केंद्र खोलने हेतु आवेदन शुल्क एक ही प्रकार के ईधन की तुलना में अधिक हो सकता है।   

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