अपने प्रोडक्ट या सेवा की मार्केटिंग कैसे करें? How to do marketing of a product or Service.

जब बात बिजनेस की हो रही हो तो बिक्री पर बात होनी भी अति आवश्यक है क्योंकि यदि बिक्री को हम किसी भी प्रकार के व्यवसाय की जान कहें तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। भले ही बिक्री की बढती दर को लोग कुछ भी नाम जैसे बिजनेस डेवलपमेंट इत्यादि का नाम दे दें लेकिन सच्चाई यह है की किसी भी बिजनेस को जिन्दा रहने के लिए बिक्री यानिकी सेल्स की आवश्यकता होती है। और इसमें कोई दो राय नहीं की प्रोडक्ट या सर्विस की बिक्री तभी होती है जब उसकी अच्छे ढंग से मार्केटिंग होती है।

इसलिए बिजनेस चाहे किसी भी प्रकार का क्यों न हो उसे अपने उत्पाद या सेवा की बिक्री बढ़ाने के लिए मार्केटिंग की आवश्यकता होती ही होती है। यही कारण है की जिस उद्यमी के उत्पाद या सेवा की अधिक बिक्री हो रही होती है उसे सफल एवं जिसकी बिक्री नहीं होती है उसे असफल माना जाता है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से यही जानने की कोशिश करेंगे की कैसे कोई व्यक्ति खुद के उत्पाद या सेवा को सफलतापूर्वक बेचने के लिए उसकी मार्केटिंग कैसे कर सकता है।

उद्यमी को अपने उत्पाद या सेवा की सफलतापूर्वक बिक्री सुनिश्चित करने के लिए मार्केटिंग से जुड़े अनेकों कदम उठाने की आवश्यकता होती है जिनका जिक्र हम इस लेख में आगे कर रहे हैं। लेकिन वर्तमान में चूँकि इन्टरनेट का उपयोग बहुतायत तौर पर किया जाता है और लोग ऑनलाइन खरीदारी को पसंद भी करते हैं। इसलिए प्रोडक्ट या सेवा की मार्केटिंग के तरीकों को मुख्य तौर पर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तरीकों में विभाजित किया जा सकता है।

प्रोडक्ट या सेवा की मार्केटिंग के ऑनलाइन तरीके:

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की वर्तमान में ऑनलाइन खरीदारी का चलन काफी बढ़ गया है इसलिए उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी के लिए तो ऑनलाइन रिसर्च करते ही हैं । साथ ही ऐसे लोग जिन्हें दुकान में जाकर खरीदारी करनी होती है वे भी प्रोडक्ट या सेवा की कीमत, गुणवत्ता एवं अन्य विशेषताओं के बारे में ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक रहते हैं।

इसलिए वर्तमान में किसी भी व्यवसाय की सफलता की उम्मीद उसकी ऑनलाइन उपस्थिति एवं ऑनलाइन मार्केटिंग के तरीकों को अपनाये बिना नहीं लगाई जा सकती। तो आइये जानते हैं अपने उत्पाद या सेवा की ऑनलाइन मार्केटिंग किन किन तरीकों को अपनाकर की जा सकती है।   

1. ईमेल मार्केटिंग:

जैसा की हम सबको विदित है की वर्तमान में भारत में भी ईमेल रखने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।  और जिनके पास ईमेल अकाउंट हैं वे दिन में कम से कम एक बार अपनी ईमेल अवश्य चेक करते हैं। इसलिए अपने प्रोडक्ट या सेवा की ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए ईमेल मार्केटिंग भी एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर सामने आता है।

इसमें उद्यमी द्वारा या उद्यमी की ओर से किसी नियुक्त एजेंसी या प्रतिनिधि द्वारा आंशिक ग्राहकों को अपनी उत्पाद या सेवा के बारे में ईमेल के माध्यम से बताया जाता है। हालांकि वर्तमान में ईमेल लिखने एवं भेजने में लगने वाले समय से बचने के लिए उदयमी या कम्पनियों द्वारा आटोमेटिक ईमेल कैंपेन का इस्तेमाल किया जाता है।     

2. एफिलिएट प्रोग्राम

यदि आप अपने उत्पाद या सेवा को बेचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और आपके पास सेल्स कर्मचारी या मार्केटिंग के अन्य तरीकों को आजमाने के लिए पैसों की कमी है। तो आप अपने उत्पाद या सेवा को बेचने के लिए अपना एक एफिलिएट प्रोग्राम विकसित कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के तहत आपको आपके एफिलिएट पार्टनर को तब भुगतान करना होता है जब आपके उत्पाद या सेवा की बिक्री हो चुकी होती है।

और वह भी जो भुगतान आपको प्राप्त हुआ है उसी में से कुछ हिस्सा एफिलिएट पार्टनर को देना होता है। ऑनलाइन मार्केटिंग का यह भी एक बेहद असरकारक तरीका है। इस कार्यक्रम के तहत हर एफिलिएट पार्टनर के लिए अलग सा कस्टम यूआरएल बनाने की आवश्यकता होती है ताकि उस व्यक्ति द्वारा करायी गई बिक्री को आसानी से ट्रैक किया जा सके।      

3. फेसबुक कस्टम ऑडियंस

फेसबुक की यदि हम बात करें तो इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म से दुनिया भर में अरबों खरबों लोग जुड़े हुए हैं इसलिए फेसबुक भी ऑनलाइन मार्केटिंग की एक अहम् जगह बन गई है। यह उद्यमियों को उनके उत्पाद या सेवा की मार्केटिंग के लिए बहुत ही अधिक टार्गेटिंग विकल्प प्रदान करता है।

इसी श्रेणी में फेसबुक कस्टम ऑडियंस नामक यह मार्केटिंग टूल प्रोडक्ट या सेवा की मार्केटिंग के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। फेसबुक में इस मार्केटिंग टूल का इस्तेमाल करके उद्यमी अपने वेबसाइट विजिटर एवं सब्सक्राइबर को भी टारगेट कर सकता है। यही कारण है की इसे ऑनलाइन मार्केटिंग का एक प्रभावी तरीका माना जाता है।      

4. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन

भारत की यदि हम बात करें तो यहाँ पर लोग जो सबसे अधिक सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हैं वह गूगल। वर्तमान में भारत में सबसे अधिक एंड्राइड मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल किया जाता है यही कारण है की सर्च इंजन के तौर पर भी सबसे अधिक गूगल का ही इस्तेमाल किया जाता है। लोग किसी भी उत्पाद या सेवा की खरीदारी से पहले उसे सर्च इंजन में सर्च करके जानकारी एकत्रित करना पसंद करते हैं।

इसलिए अपने उत्पाद या सेवा की ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए उद्यमी सर्च इंजन के हिसाब से अपनी वेबसाइट एवं उसके कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ कर सकता है ताकि जब लोग उसके विषय के मुताबिक सर्च करें तो सर्च इंजन उसकी वेबसाइट के रिजल्ट को दिखाए। हालांकि सर्च इंजन में अपनी वेबसाइट को पहले पेज पर लाने के लिए उद्यमी गूगल ऐड में पेड कैंपेन भी चला सकता है।    

5. यूट्यूब चैनल

विडियो शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब भारत में ही नहीं अपितु दुनियाभर में प्रसिद्ध है इसलिए उद्यमियों द्वारा अपने उत्पाद या सेवा की मार्केटिंग के लिए इसका भी इस्तेमाल कियास जा सकता है। यूट्यूब के माध्यम से अपने उत्पाद या सेवा की मार्केटिंग करने के लिए उद्यमी को सर्वप्रथम अपना एक यूट्यूब चैनल बनाना पड़ता है जो की बिलकुल मुफ्त में आसानी से बनाया जा सकता है।

उसके बाद अपने उत्पाद या सेवा की विशेषताओं के साथ विडियो बनानी होती है और इसे अपने यूट्यूब चैनल में नियमित तौर पर अपलोड करके पोस्ट करना होता है। उत्पाद या सेवा की विडियो जिन्हें भी पसंद आएगी वे अपने जानने वालों के बीच उस विडियो को शेयर करेंगे। और अच्छा लगने पर उद्यमी को उस उत्पाद या सेवा को खरीदने के लिए भी संपर्क करेंगे।     

प्रोडक्ट या सेवा की मार्केटिंग के लिए ऑफलाइन तरीके

अपने प्रोडक्ट या सेवा की मार्केटिंग के लिए ऊपर हमने कुछ ऑनलाइन तरीकों के बारे में बताया लेकिन बिजनेस तो तब से लोग कर रहे हैं जब दुनिया में इन्टरनेट का नामोनिशान तक नहीं था। कहने का आशय यह है की प्रोडक्ट या सेवाओं की मार्केटिंग यहाँ सदियों से की जा रही है इसलिए आगे हम अपने प्रोडक्ट या सेवा की मार्केटिंग के ऑफलाइन या पारम्परिक तरीकों के बारे में बात करेंगे ।    

1. पम्पलेट एवं बिजनेस कार्ड छपाकर वितरित करना:

पम्पलेट एवं कार्ड छपाकर इन्हें अपने आंशिक ग्राहकों के बीच वितरित करना ऑफलाइन मार्केटिंग के तरीकों में सबसे अधिक प्रभावशाली तरीका है। बिजनेस कार्ड उद्यमी को किसी आंशिक ग्राहक या व्यक्ति को उसके साथ संपर्क में बने रहने का एक आसान तरीका मुहैया कराता है। कहने का आशय यह है की जब उद्यमी किसी व्यक्ति से बिजनेस को लेकर मिलता है तो तब वह अपना बिजनेस कार्ड उसे देकर उसे संपर्क में बने रहने के लिए कह सकता है। इसके अलावा आंशिक ग्राहकों के बीच पम्पलेट बांटकर भी अपने उत्पाद या सेवा की मार्केटिंग कर सकता है।  

2. प्रतियोगिता कराके:

अपनी उत्पाद या सेवा की मार्केटिंग या बिक्री के लिए उद्यमी अनेकों प्रकार की प्रतियोगिताएं चला सकता है इनमें जैसे एक समय विशेष के तहत सबसे अधिक उत्पाद खरीदने वाले व्यक्ति को ईनाम देने का प्रावधान, सेवा या उत्पाद के बारे में अगले दस लोगों को बताने पर ईनाम, या फिर एक समय विशेष के तहत प्रोडक्ट को खरदीने वाले ग्राहकों को एक लकी ड्रा में शामिल करके विजेता ग्राहक को ईनाम देने का प्रावधान किया जा सकता है ।

यद्यपि प्रतियोगिता शुरू करने से पहले उद्यमी का यह जान लेना भी अति आवश्यक होता है कीउसके आंशिक ग्राहक उससे किस प्रकार की प्रतियोगिता की उम्मीद रखते हैं और उन इच्छित ग्राहकों की दिलचस्पी किस तरह की प्रतियोगिता में अधिक है ।   

3. ट्रेड शो में हिस्सा लेकर  

वर्तमान में लगभग हर शहर में या फिर कुछ प्रमुख शहरों में ट्रेड शो होते रहते हैं जिनमें कुछ चुनिन्दा उत्पादों का प्रदर्शन होता है। इसलिए उद्यमी चाहे तो इस ट्रेड शो का हिस्सा बन सकता है और वहां पर अपने उत्पाद का भी प्रदर्शन कर सकता है।

हालांकि ट्रेड शो में उद्यमियों को यह डर बना रहता है की क्या उनका उत्पाद अन्य प्रतिस्पर्धी उत्पादों के सामने टिक पायेगा। लेकिन उद्यमी को यह न सोचकर सकारात्मक सोच के साथ ट्रेड शो में हिस्सा लेना चाहिए इससे उद्यमी को उसके उत्पाद के नए नए विक्रेता मिल सकते हैं जो एक बड़ा आर्डर भी उद्यमी को दे सकते हैं।   

4. कूपन ऑफर करके

भारत में आम तौर पर किसी उत्पाद के साथ एक और उत्पाद मुफ्त देने वाली मार्केटिंग रणनीति सफलतम मानी जाती है। चूँकि वर्तमान में लोग अनेकों तरह के बिल एवं खरीदारी ऑनलाइन करते हैं इसलिए उद्यमी चाहे तो अपने ग्राहकों को अपने उत्पाद या सेवा की खरीदारी पर कूपन ऑफर कर सकता है ये कूपन किसी प्रसिद्ध शौपिंग वेबसाइट, पेमेंट वेबसाइट इत्यादि के हो सकते हैं।जिन लोगों को उस विशेष उत्पाद की आवश्यकता होगी उन्हें अतिरिक्त कूपन मिलने पर न वे सिर्फ उस उत्पाद को खरीदेंगे बल्कि अपने सगे सम्बन्धी, जानने वालों के साथ उसे शेयर भी करेंगे।    

5. न्यूज़ पेपर में विज्ञापन देकर

यदि उद्यमी को अपने टारगेट कस्टमर के बारे में पता है की उसके टारगेट कस्टमर कौन हैं तो वह उस एरिया में जहाँ उसके टार्गेटेड कस्टमर रहते हैं में वितरित होने वाले समाचार पत्र में विज्ञापन दे सकता है। क्योंकि सुबह सुबह उठकर चाय की चुस्कियों के साथ अख़बार पढ़ना अधिकतर भारतीय लोगों का शौक रहा है इसलिए जब उद्यमी अपने उत्पाद या सेवा के बारे में स्थानीय अख़बार में विज्ञापन देता है तो उस उत्पाद या सेवा की प्रभावी ढंग से मार्केटिंग हो रही होती है।

स्थानीय अख़बारों में विज्ञापन देना अधिक महंगा भी नहीं होता है इसलिए एक नया उद्यमी भी अपने उत्पाद या सेवा की मार्केटिंग के लिए इस ऑफलाइन तरीके को अपना सकता है। 

6. प्रभावित कर सकने वाले व्यक्तियों के माध्यम से

लोगों को प्रभावित कर सकने वाले व्यक्तियों के माध्यम से मार्केटिंग करना थोड़ा महंगा हो सकता है क्योंकि अक्सर देखा गया है की लोगों को प्रभावित कर सकने वाले व्यक्तियों में अधिकतर अभिनेता, अभिनेत्री, टेलिविज़न एक्टर एक्ट्रेस, क्रिकेटर या अन्य किसी क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्ति ही होते हैं जो एक विज्ञापन करने के लाखों रूपये तक लेते हैं। इसलिए अपने प्रोडक्ट या सेवा की मार्केटिंग के लिए इस तरीके को सिर्फ वही उद्यमी या कम्पनियाँ अपना सकती हैं जिनका मार्केटिंग बजट अधिक है ।

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